रामगढ़। सीसीएल का नईसराय ( रामगढ़ ) स्थित अस्पताल मजदूरों का कत्लगाह बन गया है , यहां के डाक्टर मरीज कामगारो के साथ कसाइयोंं से भी बुरा व्यवहार करते हैं । यहां दलालोंं का गिरोह सक्रिय है , अगर मजदूर बिना दलालोंं से सौदेबाजी किये सीधे डॉक्टर के पास जाते हैँ तो ऊन्हें भ्रष्ट ड़ाक्टरो का कोपभाजन बनना पड़ता है । उपर्युक्त आरोप राकोमसं के संयुक्त महासचिव एवं बेरमो प्रभारी विकाश कुमार सिंह ने लगाया है .
विकाश सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि कथारा क्षेत्र की स्वांग परियोजना मे काम करने वाले सुदर्शन महतो 2014 से 2016 तक मैनिनजाईटिस से पीड़ित थै , एनसीडब्ल्यूए की धारा 9.4.0 के तहत सेवा मे अयोग्य घोषित करने हेतु आवेदन दिये थे परंतु एपेक्स मेडिकल बोर्ड़ द्वारा इन्हे योग्य ( फिट ) घोषित कर दिया गया । तब से ये ( 2016 से ) अपनी ड्यूटी पर जाने के लिये परेशान हैं। सीसीएल मुख्यालय द्वारा इनको नईसराय अस्पताल भेज दिया जाता है और यहां ये ड़ाक्टरो की लापरवाही , संवेदनहीनता , अज्ञानता और भ्रष्टाचार के शिकार बन जा रहे हैँ .
इधर इनका मामला पुन: सीसीएल मुख्यालय से नईसराय ड़्यूटी हेतु फिट घोषित करने के लीये मेडिकल एक्जामिनेशन हेतु भेजा गया , विगत 4 जुलाई को मेडिकल बोर्ड़ के समक्ष ये पेश हुये ..वहां उपस्थित ड़ाक्टर रंजीत कुमार सिंह इनपर चिल्लाने लगे , कहने लगे कि यहां तुम्हारी फाईल क्यो आई .. डा़क्टर का चिल्लाना सुनकर विकाश सिंह ने डा़क्टर के पास जाकर समझाने की कोशीश की तो वे बिना बात सुने चिल्लाते रहे , वे अच्छी तरह जानते थै कि रांची से ऊत्तरी क्षेत्रो ( कुजू , हजारीबाग , बरकासयाल , बेरमो के तीनो क्षेत्र ) काी चिकित्सीय जांच नईसराय मे ही होती है , लेकिन चूंकि दलाल के माध्यम से नहीं गया तो डा़क्टर का कोपभाजन बनना स्वाभाविक था , गुस्से मे वे अंटशंट बोलने लगे ..विकाश सिंह ने इनके आचरण का विरोध किया तो उनपर भी गर्मी दिखाते हुये चले गये ..बाद मे सुदर्शन महतो को कहा गया कि जाओ जहां से ईलाज चला है वहां से फिटनेश लाओ । विकाश सिंह ने निवेदन किया कि इसकी शारिरिक स्थिति को देखकर जो लिखना हो लिखें अनावश्यक परेशान न किया जाये लेकिन किसी ने बात नही सुनी।
विकाश सिंह ने आगे कहा कि हमारा संगठन इस मामले को सीएमड़ी एवं विजिलेंस के समक्ष ऊठायेगा और अगर वीमार मजदूरो के साथ इसी तरह संवेदनहीनता का व्यवहार होता रहा तो नईसराय अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हजारों मजदूरों के साथ प्रदर्शन किया जायेगा .
विकाश सिंह ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि कथारा क्षेत्र की स्वांग परियोजना मे काम करने वाले सुदर्शन महतो 2014 से 2016 तक मैनिनजाईटिस से पीड़ित थै , एनसीडब्ल्यूए की धारा 9.4.0 के तहत सेवा मे अयोग्य घोषित करने हेतु आवेदन दिये थे परंतु एपेक्स मेडिकल बोर्ड़ द्वारा इन्हे योग्य ( फिट ) घोषित कर दिया गया । तब से ये ( 2016 से ) अपनी ड्यूटी पर जाने के लिये परेशान हैं। सीसीएल मुख्यालय द्वारा इनको नईसराय अस्पताल भेज दिया जाता है और यहां ये ड़ाक्टरो की लापरवाही , संवेदनहीनता , अज्ञानता और भ्रष्टाचार के शिकार बन जा रहे हैँ .
इधर इनका मामला पुन: सीसीएल मुख्यालय से नईसराय ड़्यूटी हेतु फिट घोषित करने के लीये मेडिकल एक्जामिनेशन हेतु भेजा गया , विगत 4 जुलाई को मेडिकल बोर्ड़ के समक्ष ये पेश हुये ..वहां उपस्थित ड़ाक्टर रंजीत कुमार सिंह इनपर चिल्लाने लगे , कहने लगे कि यहां तुम्हारी फाईल क्यो आई .. डा़क्टर का चिल्लाना सुनकर विकाश सिंह ने डा़क्टर के पास जाकर समझाने की कोशीश की तो वे बिना बात सुने चिल्लाते रहे , वे अच्छी तरह जानते थै कि रांची से ऊत्तरी क्षेत्रो ( कुजू , हजारीबाग , बरकासयाल , बेरमो के तीनो क्षेत्र ) काी चिकित्सीय जांच नईसराय मे ही होती है , लेकिन चूंकि दलाल के माध्यम से नहीं गया तो डा़क्टर का कोपभाजन बनना स्वाभाविक था , गुस्से मे वे अंटशंट बोलने लगे ..विकाश सिंह ने इनके आचरण का विरोध किया तो उनपर भी गर्मी दिखाते हुये चले गये ..बाद मे सुदर्शन महतो को कहा गया कि जाओ जहां से ईलाज चला है वहां से फिटनेश लाओ । विकाश सिंह ने निवेदन किया कि इसकी शारिरिक स्थिति को देखकर जो लिखना हो लिखें अनावश्यक परेशान न किया जाये लेकिन किसी ने बात नही सुनी।
विकाश सिंह ने आगे कहा कि हमारा संगठन इस मामले को सीएमड़ी एवं विजिलेंस के समक्ष ऊठायेगा और अगर वीमार मजदूरो के साथ इसी तरह संवेदनहीनता का व्यवहार होता रहा तो नईसराय अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हजारों मजदूरों के साथ प्रदर्शन किया जायेगा .