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शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

केरल में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पहुंचाई राहत


पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा हाल के भारी बाढ़ के बाद केरल में सहायता करने के लिए राहत के कई उपाय आरंभ किए गए हैं-
  1. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने केरल में राहत कार्यों के लिए 25 करोड़ रुपये का सीएसआर योगदान दिया है।
  2. ओएमसी को वैसे एलपीजी ग्राहकों के लिए प्राथमिकता के आधार पर दस्तावेजों की आपूर्ति के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया गया है जो विनाशकारी बाढ़ के दौरान अपने दस्तावेज खो चुके हैं। इसके अतिरिक्त ओएमसी बाढ़ के दौरान खो गए सिलिंडरों की जगह दूसरे सिलिंडर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेंगी। (1) गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए ओएमसी 200 रुपये प्रति सिलिंडर का मामूली शुल्क लेंगी जबकि एपीएल परिवारों के लिए ओएमसी 1200 रुपये प्रति सिलिंडर की विनिर्माण कीमत लेंगी।
  3. मंत्रालय ने 20.8.2018 को केरल राज्य को 12000 किलो लीटर गैर सब्सिडी प्राप्त किरोसीन (बाजार दर से कम) आवंटित किया है।
  4. मंत्रालय ने राज्य को वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2018) के लिए अग्रिम रुप से पीडीएस किरोसीन के एक महीने का कोटा आवंटित किया है।
  5. ओनजीसी ने केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्रियों (दवाओं, खाद्य सामग्रियों, बिस्तरों एवं अन्य राहत सामग्रियों) को एयर लिफ्ट करने के लिए तीन हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। ओएनजीसी के चार चिकित्सकों को भी केरल में चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए भेजा गया है। हेलिकॉप्टरों का उपयोग बचाव कार्यों के लिए अन्य आपदा समूहों के साथ भी तालमेल बनाने के लिए किया गया था।
  6. भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), कोच्चि रिफाइनरी ने जिला मजिस्ट्रेटों के जरिए केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच वितरण के लिए 30 हजार निःशुल्क एलपीजी हॉट प्लेट का वितरण किया है।
  7. एलपीजी सिलिंडरों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए अस्थायी रूप से गैर-प्रमाणीकृत वाहनों को मंजूरी दी गई है और एलपीजी सिलिंडरों के संग्रहण के लिए अतिरिक्त बिंदुएं उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं।
  8. ओएमसी ने अपने पास उपलब्ध सभी संसाधनों को वहां तैनात कर दिया है और बाढ़ द्वारा प्रभावित विक्रय केंद्रों, उड्डयन सुविधाओं, एलपीजी एवं किरोसीन वितरण नेटवर्क को बहाल करने तथा पेट्रोलियम उत्पादों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वे दिन रात कार्य कर रही हैं।

चौथे बिम्‍सटेक शिखर सम्‍मेलन का घोषणा पत्र

 काठमांडू, नेपाल (30-31 अगस्‍त, 2018)

शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थिर ‘बंगाल की खाड़ी क्षेत्र’ का लक्ष्‍य
     
हम सभी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, भूटान के मुख्‍य सलाहकार, भारत के प्रधानमंत्री, म्‍यांमार के राष्‍ट्रपति, नेपाल के प्रधानमंत्री, श्रीलंका के राष्‍ट्रपति और थाईलैंड के प्रधानमंत्री 30-31 अगस्‍त, 2018 को बिम्‍सटेक के चौथे शिखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए काठमांडू में मिले; और 1997 के बैंकांक घोषणा पत्र में शामिल किए गए बिम्‍सटेक  के उद्देश्‍यों और सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई; म्‍यांमा के ने पी तॉ में 4 मार्च, 2014 को आयोजित तीसरे बिम्‍सटेक  शिखर सम्‍मेलन तथा 16 अक्‍टूबर, 2016 को गोवा में बिम्‍सटेक  नेताओं द्वारा जारी दस्‍तावेज के अनुरूप अपने सामूहिक प्रयासों के जरिए एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थिर बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण के लिए भी अपनी वचनबद्धता फिर से व्‍यक्‍त की।

हम सभी इस बात से आश्‍वस्‍त हुए कि हमारे भौगोलिक संबंध,प्रचुर मात्रा में उपलब्‍ध प्राकृतिक और मानव संसाधन,समृद्ध ऐतिहासिक संबंध और सांस्‍कृतिक विरासत चिन्हित प्रमुख क्षेत्रों में परस्‍पर गहरे क्षेत्रीय  सहयोग के लिए बड़ी संभावनाएं उपलब्‍ध कराती हैं;
हमने विकास के रास्‍ते में गरीबी उन्‍मूलन को सबसे बड़ी क्षेत्रीय चुनौती स्‍वीकार करते हुए 2030 के सतत विकास एजेंडे की दिशा में मिलकर काम करने के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की। हमने यह भी माना कि बिम्‍सटेक  के सदस्‍य देशों की अर्थव्‍यवस्‍थाओं और समाजों में अंतर-संबंध और अंतर-निर्भरता क्षेत्रीय सहयोग के लिए अपार संभावनाएं उपलब्‍ध कराएंगी;
हमने अपने क्षेत्र में संपर्क फ्रेमवर्क में सामंजस्‍य को प्रोत्‍साहित करने में बहुआयामी संपर्क के महत्‍व को साझा, स्‍मृद्धि और आर्थिक एकीकरण के लिए एक प्रमुख उत्‍साही घटक के रूप में स्‍वीकार किया;  

क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए हमने व्‍यापार और निवेश को एक प्रमुख कारक के रूप में स्‍वीकार किया;  

क्षेत्र के कम विकसित  और बिना समुद्री सीमाओं वाले विकासशील देशों की विशेष आवश्‍यकताओं और परिस्थितियों को पहचानने तथा उनकी विकास प्रक्रिया को सार्थक समर्थन प्रदान करने की जरूरतों को रेखांकित किया;
हमने आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराधों को बिम्सटेक देशों सहित अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा मानते हुए इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराधों का मुकाबला करने के लिए सदस्य देशों की सक्रिय भागीदारी तथा निरंतर प्रयास और सहयोग के साथ ही एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्‍यकता है; हमने सार्थक सहयोग और गहरे सामूहिक प्रयासों से एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थिर बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के लिए बिम्‍सटेक  को एक प्रभावी और परिणामोन्‍मुखी क्षेत्रीय संगठन बनाने के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई;   एक निष्पक्ष, नियम-आधारित, न्यायसंगत और पारदर्शी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया और संयुक्त राष्ट्र के साथ बहुपक्षवाद तथा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली पर फिर से विश्‍वास व्‍यक्‍त किया; बिम्‍सटेक  के तहत क्षेत्रीय सहयोग प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए एक मजबूत संस्थागत व्यवस्था की आवश्‍यकता के महत्व को रेखांकित किया;


शिखर सम्मेलन के निर्णयों के बारे भूटान के अंतरिम सरकार के मुख्‍य सलाहार की भागीदारी और सहमति देश की अगली निवार्चित सरकार द्वारा अनुमोदित किए जाएंगे;  

हम संकल्‍प लेते हैं कि:-
  1. 1977 के घोषणा पत्र के सिद्धांतों के अनुरूप बिम्‍सटेक  देशों के बीच सहयोग एक दूसरे की संप्रभुता, समानता, क्षेत्रीय, अखंण्‍डता और राजनीतिक स्‍वतंत्रता का सम्‍मान करने तथा आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेत्र नहीं करने, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्‍व और परस्‍पर लाभ की नीति पर आधारित होगा।
  2. बिम्‍सटेक  के उद्देश्‍य और लक्ष्‍येां के प्रति हमारे प्रयास 1997 बैंकॉक घोषणा पत्र के अनुरूप होंगे और हम एक स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के लिए बिम्‍सटेक को एक शक्तिशाली, अधिक प्रभावी और परिणामोन्‍मुखी क्षेत्रीय संगठन बनाने के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
  3. क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया को जोड़ने वाले सेतु के रूप में बिम्‍सटेक की अनूठी स्थिति का लाभ उठाने तथा अपने संगठन को शांति, समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देने के एक प्रभावी मंच के रूप में बदलने की दिशा में सदस्‍यों देशों के बीच सहयोग को मजबूत और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
  4. बिम्‍सटेक  सहित दुनिया के सभी हिस्‍सों में हुए आतंकवादी हमलों की भर्त्‍सना की जाए और आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा हो। इस बात पर जोर दिया गया कि किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को न्‍यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। इस बात का संकल्‍प लिया गया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केवल आतंकवादियों, आतंकी संगठनों और उनके नेटवर्क को ही नहीं बल्कि आतंकवाद को आर्थिक मदद, समर्थन और शह  और संरक्षण देने वाले देशों और गैर सरकारी तत्‍वों को पहचानकर उन्‍हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। आतंकवाद का मुकाबला करने के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए हम सभी देशों का आह्वान करते है कि वे इस बारे में एक ऐसा व्‍यापक नीति अपनाए जिससे आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को वित्‍तीय मदद के साथ ही आतंकी संगठनों में भर्तियों पर भी रोक लगाई जा सके तथा सीमापार आतंकी गतिविधियों, कट्टरपंथी विचारधारा और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इंटरनेट के गलत इस्‍तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा सके और आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों  को नष्‍ट किया जा सके।
  5. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों के प्रति अपने विश्वास को दोहराते हुए समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने लिए अपने नियमों, संस्थानों और उपकरणों को प्रासंगिक बनाकर बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास करेंगे तथा एक निष्पक्ष, नियम-आधारित, न्यायसंगत और पारदर्शी विश्व व्यवस्था के वास्‍ते अपने सामूहिक हितों की रक्षा के लिए मिलकर आवाज उठाएंगे।
संस्‍थागत सुधार
  1. 1997 के बैंकॉक घोषणा पत्र के आधार पर बिम्सटेक सचिवालय को संगठन के लिए चार्टर का प्रारंभिक मसौदा तैयार करने तथा सहयोग के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को परिभाषित करने और संस्थागत संरचना और निर्णय के विभिन्न स्तरों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से चिन्हित करने का फैसला लिया जाना, ताकि बिम्सटेक स्थायी कार्यकारी समिति (बीपीडब्ल्यूसी) और अन्य उच्च निकायों द्वारा प्रक्रियाएं तय करने में इनका इस्‍तेमाल किया जा सके और इस प्रक्रिया को बिम्‍सटेक   के पांचवें शिखर सम्मेलन द्वारा निमय बनाने के लिए अपनाया जा सके।
  2. सचिवालय और बिम्सटेक केंद्रों और संस्थाओं के प्रशासनिक और वित्तीय मामलों से निपटने के साथ-साथ बैठकों के कार्यक्रम तैयार करने, संगठन की गतिविधियों को प्राथमिकता देने और तर्कसंगत बनाने के लिए बिम्सटेक स्थायी कार्यकारिणी स्थापित करने का फैसला लिया जाना।
  3. अपनी सरकारों के संबंधित मंत्रालय/राष्ट्रीय संस्थाओं को सही समय पर सदस्य देशों के स्वैच्छिक योगदान के जरिये एक बिम्सटेक विकास कोष (बीडीएफ) की स्थापना की संभावना का पता लगाने के लिये निर्देश देना जिससे कि बिम्सटेक के लिये शोध और योजना बनाने और बिम्सटेक केंद्रों और अन्य संस्थाओं की परियोजनाओं, कार्यक्रमों एवं ऐसी अन्य गतिविधियों के लिये वित्तीय मदद मुहैया करायी जा सकें जिस पर कि सदस्य देश सहमत हों।
  4. बिम्सटेक सचिवालय की संस्थागत क्षमता बढ़ाने पर सहमति जिसमें वित्तीय एवं मानव संसाधन का उपयोग भी शामिल है ताकि यह बिम्सटेक गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के बीच तालमेल, निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करने के योग्य बन सके और ऐसे प्रस्तावों को आरंभ करना जिस पर सदस्य देश सहमत हों और साथ ही ऐसी अन्य जिम्मेदारियों को प्रभावी और कार्यकुशल तरीके से पूरा करना जो कि इसे सौंपी जायें और साथ ही क्रमबद्ध तरीके से निदेशकों की संख्या बढ़ाकर 7 करना ताकि प्रत्येक सदस्य देश से एक निदेशक हो।
  5. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बिम्सटेक के स्तर और मान्यता को बढ़ाने के महत्व को स्वीकारना जिसमें साझा हित के मुद्दों पर समुचित और एक जैसी राय तैयार करना और विभिन्न बहुदेशीय संगठनों, संस्थाओं और प्रक्रियाओं में इस समूह को मान्यता दिलवाना।
  6. सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में प्रगति को तेज करने की आवश्यकता पर जोर देना और बिम्सटेक के मौजूदा सहयोग के क्षेत्रों की समीक्षा, पुनर्गठन और उन्हें सुधारना और बिम्सटेक के तहत आने वाले कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं में ठोस परिणाम लाने के लिये गतिविधियों एवं कार्यों को और सुचारु बनाना। बिम्सटेक के सहयोग के स्तंभों की प्राथमिकताओं को पुन: निर्धारित करने के लिये थाइलैंड के संकल्पना पत्र जिसमें पांच स्तंभों को सुचारु बनाने का प्रस्ताव शामिल है और जिस पर बिम्सटेक की स्थायी कार्यकारी समिति में आगे और विचार होगा, इस पर सहमत होना।
  7. उन वैधानिक दस्तावेजों और समझौतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने पर सहमत होना जो कि अंतिम स्वरूप दिये जाने और पुष्टि किये जाने के लिये आंतरिक मंजूरी प्रक्रियाओं के लंबित होने की वजह से रुके हुये हैं।
  8. जैसा कि इस घोषणा पत्र में दिया गया है, संबंधित क्षेत्रों में की गयी प्रगति के लिये नेतृत्वकर्ता देशों की सराहना करना तथा उन्हें और अधिक प्रगति करने के लिये अपने प्रयासों को तीव्र बनाने के लिये प्रोत्साहित करना।
  9. बिम्सटेक के पूर्व महासचिव श्री सुमित नकनडाला के कार्यकाल के दौरान संस्था के कार्य को आगे बढ़ाने के लिये उनके अतुलनीय योगदान के प्रति अपनी सराहना को व्यक्त करना और बांग्लादेश के महासचिव श्री एम. शहीदुल इस्लाम की बिम्सटेक के महासचिव के तौर पर नियुक्ति का स्वागत करना।
  10. मार्च 2014 से बिम्सटेक के कुशल नेतृत्व के लिये नेपाल के प्रति अपनी सराहना को व्यक्त करना और नये अध्यक्ष के रूप में श्री लंका का स्वागत करना।
  11. क्षेत्रीय सहयोग को और तीव्र करने के लिये बिम्सटेक के शिखर सम्मेलन एवं बिम्सटेक की अन्य बैठकों को तय समय पर आयोजित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना।
  12. क्षेत्रवार समीक्षा के दौरान हमारे निर्देशों, प्रतिबद्धताओं और वक्तव्यों पर इस संलग्नक में व्यक्त हमारी नीति को इस घोषणापत्र का एक अंग मानना।
  13. इस शिखर सम्मेलन की बेहतरीन व्यवस्था और गर्मजोशी से भरे स्वागत के लिये नेपाल सरकार के प्रति हमारी सराहना को व्यक्त करना।

चौथे बिम्सटेक शिखर घोषणापत्र का संलग्नक
क्षेत्रवार समीक्षा
निर्धनता उन्मूलन
  1. 2030 तक बंगाल की खाड़ी क्षेत्र से निर्धनता के उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं जो कि स्थायी विकास के 2030 के एजेंडे के भी अनुरूप है और बिम्सटेक निर्धनता कार्ययोजना के प्रभावी अनुपालन का आह्वाहन करते हैं और साथ ही सभी क्षेत्रों में अपने प्रयासों को तेज करने के लिये भी ताकि वे निर्धनता उन्मूलन के वृहद लक्ष्य में योगदान दे सकें।
  2. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों एवं सेवा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने जैसे ठोस कदम उठाकर अपने कामगारों को रोजगार के श्रेष्ठ अवसर उपलब्ध कराकर उनके संवर्धन करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हैं।

परिवहन एवं संचार (संपर्क)
  1. इस क्षेत्र में राजमार्गों, रेलमार्गों, जलमार्गों और वायु सेवाओं के विकास, विस्तार और आधुनिकीकरण के जरिये आसान, सुसंगत और सरल यातायात सुविधाओं का विकास कर सीमारहित बहुविध परिवहन के संपर्कों की स्थापना के लिये अपने संकल्प को दोहराते हैं और अपने संबंधित प्राधिकृत अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे सदस्य देशों की आवश्यकताओं एवं विशिष्ट परिस्थितियों को संज्ञान में लेते हुये बिम्सटेक तटीय जहाजरानी समझौते तथा बिम्सटेक मोटर गाड़ी समझौते को यथाशीघ्र अंतिम स्वरूप देने के अपने प्रयासों को तीव्र बनायें।
  2. परिवहन के साधनों के संबंध में बिम्सटेक मास्टर प्लान के प्रारूप को बनाने में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हैं और इसको शीघ्र ही लागू किये जाने का आह्वाह्न भी और मास्टर प्लान को तैयार करने में दिये सहयोग के लिये एशियाई विकास बैंक का धन्यवाद अदा करते हैं तथा बिम्सटेक परिवहन संपर्क कार्यबल (बीटीसीडब्ल्यूजी) को सदस्य देशों की विशिष्ट परिस्थितियों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये इसे लागू करने की प्रक्रिया तैयार करने का उत्तरदायित्व देते हैं। हम इस बात पर सहमत हैं कि मास्टर प्लान एक ऐसे रणनीतिक दस्तावेज की तरह काम करेगा जो कि कार्यों की दिशा तय करेगा और संपर्क बढ़ाने की विभिन्न प्रणालियों जैसे आसियान मास्टर प्लान ऑन कनेक्टिविटी 2025 (एमपीएसी 2025), दि अयेवाडी - चाओ फ्राया - मेकॉंग आर्थिक सहयोग रणनीति (एसीएमईसीएस) के साथ सुसंगत हो ताकि हमारे क्षेत्र में संपर्क के बेहतरीन साधन हों और स्थायी विकास को हासिल किया जा सके।
  3. सूचना तकनीक और संचार से संबंधित मामलों के लिये एक कार्यबल की स्थापना का निर्णय लेते हैं ताकि इस क्षेत्र के लोगों को ज्यादा सस्ता हाई-स्पीड इंटरनेट, मोबाइल संचार और व्यापक पहुंच मिल सके। इस संबंध में नयी दिल्ली में 25-27 अक्टूबर को 'न्यू डिजिटल होरॉइजन्स: कनेक्ट, क्रियेट, इन्नोवेट' विषय पर आयोजित हो रहे इंडिया मोबाइल कॉंग्रेस 2018 कार्यक्रम में बिम्सटेक की एक मंत्रि-स्तरीय बैठक आयोजित करने के भारत सरकार के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं और सभी सदस्य देशों को इसमें भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करते हैं।

व्यापार एवं निवेश
  1. बिम्सटेक मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीए) की बातचीत को शीघ्र पूरा किये जाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं और बिम्सटेक व्यापार एवं आर्थिक मंत्रि-स्तरीय बैठक (टीईएमएम) और इसके अनुषांगिक संगठनों जिसमें व्यापार बातचीत समिति (टीएनसी) भी शामिल हैं को निर्देश देते हैं कि वे बिम्सटेक मुक्त व्यापार समझौते से संबंधित सभी समझौतों को जितना शीघ्र संभव हो सके अंतिम रूप देने का प्रयास करें; और वस्तुओं के व्यापार से संबंधित समझौते और कस्टम्स के क्षेत्र में सहयोग के समझौते की बातचीत में हुई प्रगति पर अपना संतोष व्यक्त करते हैं और अपने-अपने संबंधित मंत्रालय/संस्थाओं को व्यापार बातचीत समिति (टीएनसी) की बैठकों में नियमित तौर पर शामिल होने का निर्देश देते हैं।
  2. व्यापार एवं निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को और बढ़ाने के लिये बिम्सटेक बिजनेस फोरम और बिम्सटेक इकॉनॉमिक फोरम की गतिविधियों को सशक्त बनाने पर सहमत होते हैं और बिम्सटेक आव्रजन मामलों से संबंधित विशेषज्ञों के समूह को निर्देश देते हैं कि बिम्सटेक आव्रजन सुविधाओं से संबंधित औपचारिकताओं को अंतिम रूप देने के लिये बातचीत को जारी रखे।
  3. दिसंबर 2018 में बिम्सटेक स्टार्ट-अप सभा को आयोजित करने के भारत के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं और सभी सदस्य देशों को इसमें भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करते हैं।

आतंकवाद का मुकाबला एवं पार-देशी अपराध
  1. आतंकवाद हमारे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिये गंभीर खतरा बना हुआ है इस विषय पर अपनी राय को दोहराते हैं और किसी भी प्रकार और स्वरूप के आतंकवाद का सामना करने के प्रति अपने दृढ़ निश्चय को दोहराते हैं और इस संबंध में समुचित कदम उठाने पर सहमत होते हैं।
  2. आपराधिक मामलों में परस्पर विधिक सहायता के विषय पर बिम्सटेक समझौते पर हस्ताक्षर होने की अपेक्षा करते हैं; सदस्य देशों से इसकी शीघ्र पुष्टि का आह्वाहन करते हैं और इस बात पर संतोष व्यक्त करते हैं कि कई सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, संगठित पार-देशी अपराध और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी का सामना करने में सहयोग के संबंध में बिम्सटेक समझौते की पुष्टि कर दी है और अन्य सदस्य देशों से आह्वाहन करते हैं कि वे भी इसकी पुष्टि करें।
  3. कानून का अनुपालन सुनिश्चित करने वाली संस्थाओं, गुप्तचर एवं सुरक्षा संस्थाओं के बीच सहयोग एवं समन्वय को सशक्त बनाने के अपने संकल्प को व्यक्त करते हैं और आतंकवाद और पार-देशीय अपराधों से मुकाबला करने के लिये सहयोग और तालमेल बढ़ाने के एक अंग के रूप में गृहमंत्री स्तर पर बिम्सटेक की बैठक आयोजित करने का निर्णय लेते हैं साथ ही बिम्सटेक देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की बैठकों को जारी रखने का निर्णय लेते हैं।
  4. मार्च 2019 में बिम्सटेक के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की तीसरी बैठक आयोजित करने के थाइलैंड के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं।

पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन

  1. सूचना के आदान-प्रदान के जरिये आपदा प्रबंधन में घनिष्ठ सहयोग को प्रोत्साहन देना जिसमें चेतावनी देने वाली प्रणालियां, बचाव के उपायों को अपनाना, पुनर्वास एवं क्षमता विकास भी शामिल हैं और क्षेत्र की मौजूदा क्षमताओं को और विकसित करने पर भी सहमत होते हैं साथ ही बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिये तैयारी और तालमेल बढ़ाने के लिये एक कार्ययोजना तैयार करने के लिये अंतर-सरकारी विशेषज्ञ समूह की स्थापना करने का निर्णय लेते हैं। 
     
जलवायु परिवर्तन
  1. संवेदनशील हिमालय और पर्वतीय पारिस्थिकी तंत्र पर जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान के प्रतिकूल प्रभाव और पर्यावरण के क्षरण और इसके बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं साथ ही हमारे लोगों के जीवन और आजीविका पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिये पर्यावरण की सुरक्षा और इसके संरक्षण के लिये सहयोग को सशक्त बनाने का संकल्प लेते हैं; साथ ही इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये एक सामूहिक प्रयास के लिये कार्ययोजना तैयार करने के लिये अंतर-सरकारी विशेषज्ञ समूह की स्थापना की संभावना तलाश करने पर सहमत होते हैं; और अलग-अलग राष्ट्रीय परिस्थितियों, समानता और साझा परंतु अलग-अलग उत्तरदायित्वों और अपनी-अपनी क्षमता (सीबीडीआर एवं आरसी) के सिद्धान्त के आधार पर पेरिस समझौते को लागू करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

ऊर्जा
15. इस क्षेत्र में ऊर्जा के संसाधनों, विशेषकर के नवीकरणीय एवं स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों,  की उच्च संभावनाओं की पहचान करते हैं और इस क्षेत्र में एक दूसरे के साथ घनिष्ठता से काम कर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये एक व्यापक योजना तैयार करने के लिये अपने प्रयासों को तीव्र बनाने पर सहमत होते हैं और पन-बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य स्रोतों सहित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये विशेषज्ञों के एक अंतर-सरकारी दल के गठन का निर्णय लेते हैं।


  1. अपने लोगों के आर्थिक विकास के लिये अबाधित और सस्ती ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये, जिसमें ऊर्जा के व्यापार के जरिये भी ऐसा करना शामिल है, प्रतिबद्ध बने हुये हैं; और बिम्सटेक ग्रिड इंटरकनेक्शन के लिये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये जाने का स्वागत करते हैं और संबंधित संस्थाओं को तकनीकी, योजनागत और संचालन से संबंधी मानकों को सुसंगत बनाने की शुरुआत करने के लिये ठोस कदम उठाने का निर्देश देते हैं और साथ ही एक बिम्सटेक ग्रिड की शीघ्र स्थापना का भी। और इस क्षेत्र में ऊर्जा सहयोग को मजबूत बनाने के लिये बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र को शीघ्र आरंभ किये जाने का आह्वान करते हैं।

प्रौद्योगिकी
  1. हमने विभिन्न क्षेत्रों (सेक्टर) में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों सहित विभिन्न उपक्रमों के लिए किफायती प्रौद्योगिकियों के विकास, पहुंच एवं साझा करने हेतु आपस में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है और इसके साथ ही हम श्रीलंका में बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण इकाई की स्थापना से संबंधित संस्थापन प्रलेख पर हस्ताक्षर करने के लिए सदस्यों देशों द्वारा किए जा रहे प्रयासों का स्वागत करते हैं।
  2. हमने प्रौद्योगिकी के विघटनकारी असर को समाप्त करने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र में मानव संसाधन के विकास और प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए शिक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर फोकस करने पर भी सहमति जताई है।
कृषि
  1. हमने फसलों, पशुधन एवं बागवानी, कृषि मशीनरी और फसल कटाई प्रबंधन सहित कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि कृषि उपज की उत्पादकता एवं लाभप्रदता निरंतर बढ़ सके, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित प्राधिकरणों को सहयोग बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जा सके और पारंपरिक एवं आधुनिक खेती दोनों को आपस में समुचित ढंग से जोड़कर एवं लागत घटाकर, कृषि समुदायों की आय बढ़ाकर और उनके लिए जोखिमों में कमी करके पारंपरिक खेती से जुड़े ज्ञान का संरक्षण करने के साथ-साथ उसे बढ़ावा भी दिया जा सके। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच कृषि व्यापार को सुविधाजनक बनाना और सदस्य देशों में गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन तथा आम आदमी के जीवन स्तर को बेहतर करने में उल्लेखनीय योगदान करना है।
  2. हम वर्ष 2019 तक कृषि पर प्रथम बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी करने संबंधी म्यांमार की पेशकश और वर्ष 2019 में जलवायु स्मार्ट कृषि प्रणालियों पर बिम्सटेक संगोष्ठी आयोजित करने संबंधी भारत की पेशकश का भी स्वागत करते हैं।

मत्स्य पालन
  1. हम इस क्षेत्र में समुद्री संसाधनों के संरक्षण, प्रबंधन और सतत उपयोग में निरंतर सहयोग करने पर विशेष जोर दे रहे हैं, हमने इस क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं लोगों की आजीविका में बेहतरी लाने और सतत समुद्री मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सार्थक सहयोग की संभावनाएं ढूंढने का जिम्मा प्रासंगिक राष्ट्रीय एजेंसियों को सौंपने तथा बिना समुद्री सीमाओं वाले सदस्यों देशों के अंतर्देशीय मत्स्य पालन से लाभान्वित होने के तरीके तलाशने हेतु संबंधित प्राधिकरणों को निर्देश देने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य
  1. हमने गैर-संचारी रोगों को फैलने से रोकने के साथ-साथ उन अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य के मसलों को सुलझाने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है जो बिम्सटेक क्षेत्र के लोगों की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति में बाधक हैं। इनमें एचआईवी एवं एड्स, मलेरिया, तपेदिक, एवियन एवं स्वाइन इंफ्लूएंजा सहित वायरल इंफ्लूएंजा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उभरते अन्य खतरे भी शामिल हैं। हमने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में आपसी सहयोग की दिशा में हुई प्रगति को ध्यान में रखा है, हम इस क्षेत्र में सहयोगात्मक गतिविधियों को जारी रखने, सूचनाओं के आदान-प्रदान, अनुभवों को साझा करने, संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षित करने एवं इन बीमारियों की रोकथाम तथा इन पर अंकुश रखने से जुड़े अन्य ठोस कार्यक्रमों के जरिए संबंधित एजेंसियों के बीच सक्रिय सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग करना भी शामिल है। हम पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग हेतु किए गए अथक प्रयासों के लिए थाईलैंड की सराहना करते हैं।
सदस्यों देशों के लोगों के बीच संपर्क
  1. हम सदस्यों देशों के बीच आपसी समझ एवं विश्वास को और ज्यादा बढ़ाने तथा सदस्य देशों के लोगों के बीच विभिन्न स्तरों पर संपर्क को बढ़ावा देने का संकल्प लेते हैं। हमने बिम्सटेक के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए नीतिगत प्रबुद्ध मंडलों के बिम्सटेक नेटवर्क (बीएनपीटीटी) की गतिविधियों को पूरी संतुष्टि के साथ ध्यान में रखा है और हम संबंधित एजेंसियों को बीएनपीटीटी के विचारार्थ विषयों को अंतिम रूप देने का निर्देश देते हैं।
  2. हमने सदस्य देशों के लोगों के बीच संपर्कों का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से सांसदों, विश्वविद्यालयों, शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों और मीडिया समुदाय के लिए उपयुक्त बिम्सटेक फोरम की स्थापना करने की संभावनाएं तलाशने पर सहमति जताई है।
सांस्कृतिक सहयोग
  1. हम सदस्य देशों के लोगों के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने तथा सांस्कृतिक विविधता हेतु पारस्परिक सम्मान एवं सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए सदस्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की जरूरत पर विशेष बल देते हैं, हम इस क्षेत्र में एक संपर्क सूत्र के रूप में बौद्ध धर्म के महत्व को रेखांकित करते हैं और एक बौद्ध सर्किट की स्थापना कर इसे स्पष्ट अभिव्यक्ति देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
  2. हमने नियमित अंतराल पर बिम्सटेक के संस्कृति मंत्रियों की बैठकें और बिम्सटेक सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करने पर सहमति जताई है। हम संस्कृति पर द्वितीय बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक और प्रथम बिम्सटेक सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित करने संबंधी बांग्लादेश की पेशकश का स्वागत करते हैं। हम सदस्य देशों के संस्कृति मंत्रियों को इन दो महत्वपूर्ण आयोजनों में भाग लेने के लिए पूरी दृढ़ता के साथ प्रोत्साहित करते हैं।
पर्यटन
  1. हमने बिम्सटेक क्षेत्र के अंदर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने, उभरते अवसरों को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त रणनीतियां विकसित करने का जिम्मा संबंधित प्राधिकरणों को सौंपने तथा विगत में की गई पहलों से लाभ उठाने पर सहमति जताई है, जिनमें वर्ष 2005 में कोलकाता में अनुमोदित और वर्ष 2006 में बिम्सटेक के पर्यटन मंत्रियों की द्वितीय गोलमेज बैठक और काठमांडू में आयोजित कार्यशाला में पुष्टि की गई ‘बिम्सटेक क्षेत्र हेतु पर्यटन विकास एवं संवर्धन के लिए कार्य योजना’ भी शामिल है। हमने पर्यटकों की सुरक्षा एवं हिफाजत के साथ-साथ सुगम परिवहन कनेक्टविटी सुनिश्चित कर पर्यटन को सुविधाजनक बनाने के लिए ठोस उपाय करने पर सहमति जताई है। हम बौद्ध पर्यटन सर्किट, मंदिर पर्यटन सर्किट, प्राचीन शहरों के चिन्हों, पारिस्थितिकी पर्यटन और चिकित्सा पर्यटन को विकसित एवं प्रोत्साहित करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करते हैं। हम वर्ष 2020 में नेपाल में बिम्सटेक पर्यटन सम्मेलन की मेजबानी करने संबंधी नेपाल की पेशकश का स्वागत करते हैं जिसका आयोजन ‘विजिट नेपाल ईयर 2020’ के दौरान ही होगा।
पर्वतीय अर्थव्यवस्था
  1. हम सतत विकास में सहयोग देने के लिए पर्वतों की जैव-विविधता सहित पर्वतीय पारस्थितिकी का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय करने की जरूरत को रेखांकित करते हैं। हम बिम्सटेक देशों में पर्वतीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने पर प्रस्तुत किए गए अवधारणा पत्र का स्वागत करते हैं जिसे नेपाल ने तैयार किया है और जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना है। हमने एक कार्ययोजना तैयार करने के लिए एक अंतर-सरकारी विशेषज्ञ समूह का गठन करने का निर्णय लिया है।
नीली अर्थव्यवस्था
  1. हम नीली अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी) की अहमियत पर विशेष जोर देते हैं और हमने इस क्षेत्र में सतत विकास के लिए इस क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति जताई है। हमने बिना समुद्री सीमाओं वाले सदस्य देशों की विशिष्ट जरूरतों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीली अर्थव्यवस्था पर एक कार्य योजना तैयार करने के लिए एक अंतर-सरकारी विशेषज्ञ समूह का गठन करने का निर्णय लिया है।
  2. हमने बिम्सटेक के सदस्य देशों के सरकारी प्रतिनिधियों की साझेदारी के साथ वर्ष 2017 में बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय नीली अर्थव्यवस्था सम्मेलन की मेज़बानी किए जाने को पूरी संतुष्टि के साथ ध्यान में रखा है।


पीएम मोदी ने काठमांडू में किया पशुपतिनाथ धर्मशाला का उदघाटन


उदघाटन के बाद लोगों को संबोधित करते मोदी
काठमांडू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली के साथ काठमांडू में संयुक्त रूप से पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जब भी यहां आते हैं, काठमांडू के लोगों के प्रेम एवं स्नेह को महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के प्रति अपनापन की यह भावना नेपाल में स्पष्ट है। उन्होंने पशुपतिनाथ एवं नेपाल में अन्य मंदिरों की अपनी पूर्व की यात्राओं का स्मरण किया।
उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच आध्यात्मिक संबंध समय और दूरी से आगे निकल चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वह इस धर्मशाला का उद्घाटन कर के प्रसन्न हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पशुपतिनाथ, मुक्तिनाथ एवं जानकी धाम के मंदिर भारत के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने के अतिरिक्त विविधता में एकता को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म की समृद्ध परंपराओं की चर्चा की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि किस प्रकार बौद्ध धर्म भारत और नेपाल के बीच एक महत्वपूर्ण संपर्क है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपनी गौरवशाली विरासत के प्रति गर्व है।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से समाज के निर्बल एवं सीमांत वर्गों के लोगों के लिए विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक विकास में नई ऊँचाईयां छू रहा है और ‘सबका साथ सबका विकास’ के विजन में नेपाल के लोग भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल में राजनीतिक स्थिरता को देख कर प्रसन्न है उन्होंने कहा कि नेपाल को हमेशा भारत की सद्भावन और सहयोग का लाभ मिलेगा।    

पहले सप्ताह में खुले रहेंगे बैंक, जारी रहेगी सेवा


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सितंबर के पहले सप्ताह में 6 दिनों तक बैंकों की बंदी महज सोशल मीडिया में फैलाई गई अफवाह है। इससे आम लोग बेवजह परेशान हो रहे हैं।
सरकार ने स्‍पष्‍ट किया है कि सितंबर के पहले सप्‍ताह में बैंक खुले रहेंगे और बैंकिंग गतिविधियां बिना किसी व्‍यवधान के जारी रहेंगी। बैंक केवल 2 सितंबर को रविवार के दिन और 8 सितंबर को दूसरे शनिवार के दिन बंद रहेंगे, तीन सितंबर को देश में सभी जगह छुट्टी नहीं है। इस दिन नेगोशिएबल इन्स्ट्रमेन्ट्स एक्‍ट, 1881 के तहत केवल कुछ ही राज्‍यों में बैंक बंद रहेंगे।

बैंक जिन दिनों बंद रहेंगे उन दिनों सभी राज्‍यों में एटीएम पूरी तरह काम करते रहेंगे। ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। बैंकों से कहा गया है कि वे एटीएम मशीनों में निकासी के लिए पर्याप्‍त मात्रा में नकदी की उपलब्‍धता सुनिश्चित करें।   

रिफ्रेक्टरी स्टेटस एपिलैपटिक्स के मरीज को मिला जीवन दान

राँची के आर्किड अस्पताल में डाॅक्टरों को मिली बड़ी सफलता


रांची। आॅर्किड अस्पताल के चिकित्सकों एवम् मेडिकल टीम ने कोमा में गई मरीज बिमला देवी बजोरिया को गहन चिकित्सा एवम् सेवा के तत्पश्चात जीवन दान दिया।
ज्ञात हो की रिफ्रेक्टरी स्टेटस एपिलेपटिक्स एक घातक बीमारी है जिसमें मरीज को लगातार मिरगी के दौरे पड़ते है। आमतौर पर मिरगी का दौरा पड़ने के बाद व्यक्ति सामान्य अवस्था में लौट जाता है परन्तु इस बीमारी में सामान्य अवस्था में आने से पूर्व ही दोबारा और कई बार दौरे पड़ जाते है। और विलम्ब करने पर प्राण घातक सिद्ध होते है।
उक्त मरीज तेज बुखार, गर्दन दर्द, आरटेरियल सेन्सोरियम, अफासिया की शिकायत पर अपोलो हाॅस्पिटल, कोलकाता में भर्ती हुई। इस बीमारी की पुष्टि होने के बाद एवम् वेंटिलेटर सपोर्ट में चले जाने के पश्चात् वहाँ के चिकित्सकों ने लगभग इनके परिजनों केा जवाब ही दे दिया था, तत्पश्चात् राँची के निवासी होने के कारण इन्हें आॅर्किड अस्पताल में न्यूरोलोजिस्ट डाॅ उज्जवल राॅय के परामर्श में भर्ती किया गया।
उक्त मरीज को फिजिसियन एवम् कार्डियोलोजिस्ट डाॅ एस.सी.जैन, न्यूरोलाॅजिस्ट डाँ उज्जवल राॅय, डायबिटोलाॅजिस्ट डाॅ बिनय ढनढनीया, इंटेसीव केयर के हेड डाॅ राश कुजुर, डाॅ सुयश सिन्हा, इंटेसिमिष्ट डाॅ अमित गुप्ता एवम् डाॅ कृष्णा प्रसाद की टीम के देख-रेख में इलाज शुरू हुआ।
मरीज की लगातार म्म्ळ माॅनिटिरिंग की गई और धीरे-धीरे वेन्टीलेटर से हटाया गया, मरीज की स्थिति में धीरे-धीर सुधार हुआ एवम् काफी संयम और धैर्य रखते हुए वो सामान्य स्थिति में लौट आई, और वर्तमान में अस्पताल से डिस्चार्ज की जा रही है।
लगभग 1) महीने के इस चिकित्सीय प्रक्रिया एवम् जटिल बीमारी से ईजाद दिलाने में आॅर्किड अस्पताल की नर्सींग टीम का योगदान अतयंत सराहनीय रहा क्योकिं इस बीमारी में नर्सींग केयर की अहम भूमिका होती है, चिकित्सा के इस आधुनिक युग में क्रिटिकल केयर यूनिट एवं अस्पताल की क्रिटकल केयर टीम किसी भी गंभीर एवं असाध्य बीमारी के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इस तरह एक सशक्त क्रिटिकल केयर टीम के द्वारा गंभीर मरीजों के इलाज में योगदान से जटिल बिमारियों से ग्रषित एवं मल्टीप्ल आॅर्गन फेलियर से जूझते मरीजों के स्वस्थ होने की आशा एवं मात्रा में वृद्धि हुई है एवं गंभीर बिमारियों से ग्रसित मरीज लाभान्वित भी हुए है। आॅर्किड अस्पताल अपनी स्थापना के समय से ही उच्च  गुणवत्ता युक्त क्रिटिकल केयर चिकित्सा झारखंडवासियों को मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रेस वार्ता की सम्बोधित अस्पताल के ब्व्व् डाॅ ए॰के॰ पाण्डे, न्यूरोलोजिस्ट, डाॅ उज्जवल राॅय, क्रिटिकल केयर टीम के हेड डाॅ राश कुजुर, इन्टेसिभिष्ट डाॅ अमित गुप्ता एवम्, सिनियर रेजिस्ट्रार डाॅ कृष्णा प्रसाद ने किया, इस मौके पर आर्किड अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ रमन भी मौजुद थें।

सीएम की चीन यात्रा भाजपा की दोहरी नीति का परिचायकः सुबोधकांत



रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की चीन यात्रा पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की दोहरी नीति का ज्वलंत उदाहरण है। जो चीन डोकलाम पर नज़र गड़ाए बैठा है, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा संरक्षक है वह भारत का कभी सगा नहीं हो सकता। भाजपा के नेता और सहयोगी संगठन चीन के बने उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करते हैं। फिर आर्थिक विकास के नाम पर चीन के साथ गलबहियां करने का क्या अर्थ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तो विदेशी निवेश के नाम पर दुनिया की सैर करते हुए चार साल गुजार दिए और कोई छौटा-मोटा निवेश भी नहीं ला सके। अब अपने मुख्यमंत्रियों को विदेश यात्रा का अवसर देकर उनकी हसरत पूरी कर रहे हैं। सत्ता में वापस तो आना नहीं है। जितना समय शेष बचा है उसमें अपने अरमान पूरे कर लो। राजकोष पर बोझ पड़ता है तो पड़े। अर्थ व्यवस्था को कोई लाभ नहीं होता है तो न हो। कम से कम भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री यह शिकायत तो नहीं करेंगे कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी खुद ही दुनिया की सैर करते रहे औरों को मौका नहीं दिया। श्री सहाय ने कहा कि मोदी सरकार को अर्थ व्यवस्था की कितनी समझ है यह नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के तरीके से जाहिर हो चुका है। नोटबंदी एक बेतुकी कवायद थी, अब यह बात विपक्ष नहीं कह रहा है स्वयं रिजर्व बैंक की वार्थिक रिपोर्ट बता रही है। जब अनुमानित काला धन नष्ट नहीं हुआ और रद्द नोटों का 99 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बैंकों के पास वापस आ गया तो अब इसका सुखद नतीजा भविष्य में आने का दावा किया जा रहा है। अपनी पराजय स्वीकार करना अच्छी और स्वस्थ परंपरा है लेकिन इसके लिए बड़े कलेजे की जरूरत होती है। सिर्फ दावा कर देने से किसी का कलेजा 56 इंच का नहीं हो जाता। अपनी गलतियों को सही करार देने के लिए कुतर्क गढ़ना इनसान को अविश्वसनीय बनाता है। सरकार अच्छी तरह जानती है कि चीन भारत का दुश्मन रहा है और रहेगा लेकिन घूमने-फिरने के लिए अच्छी जगह है इसलिए अर्थ-व्यवस्था की बेहतरी के नाम पर घुमक्कड़ी का आयोजन किया जा रहा है। सरकारी खजाने को किस तरह लूटा और अपने पूंजीपति दोस्तों के बीच लुटाया जा रहा है, जनता देख और समझ रही है। उसे जवाब देने के लिए अगले चुनाव का इंतजार है।

मौलाना आजाद कालेज पर संचालक अंजुमन इस्लामिया का दावा अवैधानिकः अकीलुर्रहमान

रांची।हाइयर मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी आॅफ अंजुमन इस्लामिया के संयुक्त सचिव अकीलुररहमान ने कहा के मौलाना आजाद काॅलेज का संचालन हाइयर मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी करता है ना कि अंजुमन इस्लामिया राँची, हाइयर मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी आॅफ अंजुमन इस्लामिया एक निबंधित सोसायटी जिसका निबंधन संख्या 58 है जो बिहार सरकार निबंधन कार्यालय से 1970 में हुईं है।
और तब से ही काँलेज का संचालन करती आ रही है, बायलाॅज के अनुसार कांलेज  प्रबंधन समिति के Ex officeo president अंजुमन इस्लामिया राँची के अध्यक्ष हो सकते है इनका अधिकार क्षेत्र मात्र काॅलेज  प्रबंधन समिति की बैठक में केवल अध्यक्षता करने का है।
मौलाना आजाद काॅलेज संचालन एवं अन्य निर्णय हाईर मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी आॅफ अंजुमन इस्लामिया के सचिव सभी सदस्यों के सहमति पर ले सकते है। वर्ष 2014 में  अंजुमन इस्लामिया राँची द्वारा मौलाना आजाद काॅलेज प्रबंधन समिति के कुछ सदस्यों को अपने साथ मिलाकर काॅलेज में अवैध कब्जा कर कई नियम विरूध कार्यो को अंजाम दे रहे है।
जिसके खिलाफ हाईर मुस्लिम एजुकेशन सोसायटी ने झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण में केस किया है जिस पर नियमित सुनवाई चल रही है।
ऐसे में अंजुमन इस्लामिया राँची किस नियम और अधिकार से मौलाना आजाद काॅलेज के संचालना हेतु बायलाॅज बना रही है। अंजुमन इस्लामिया के इस असंवैधानिक कार्य के खिलाफ जल्द ही सोसायटी की बैठक कर हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई जाएंगी।

एचइसी ने शुरू किया स्वच्छता पखवाड़ा




रांची। भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार एच.ई.सी. में ‘स्वच्छता पखवाड़ा‘ दिनांक 16.08.2018 से 31.08.2018 तक आयोजित किया गया है।
इसी क्रम में आज दिनांक 29.08.2018 एफएफपी, एचएमबीपी एवं एचएमटीपी के विभिन्न कर्मशालाओं में स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसके साथ ही संत थाॅमस स्कूल के प्राचार्य  सीबू अब्राहम मैथ्यु के सहयोग से एचईसी द्वारा स्कूल प्रांगण एवं नगर परिसर में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें एचईसी के कार्मिक प्रमुख श्री दीपक दुबे द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के महत्व एवं स्वच्छता से संबंधित है। पद्धति के विषय में जानकारी प्रदान कर बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरुक किया गया। इसके साथ ही संत थाॅमस स्कूल के छात्र-छात्राओं ने नगर परिसर को पालिथीन मुक्त करने हेतु साफ-सफाई एवं लोगों को जागरुक करने हेतु धुर्वा क्षेत्र में स्वच्छता जुलस निकाला गया।
इसके अतिरिक्त नगड़ी रोड़ एवं सपारोम गाँव में निगम द्वारा नुक्कड़-नाटक एवं संगीत के माध्यम से जन-समूह एवं विद्यार्थियों को ‘स्वच्छ भारत अभियान‘ के अन्तर्गत स्वच्छता के महत्व संबंधी बाते


एक सितंबर को पीएम मोदी करेंगे ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक’ का शुभारंभ


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी कल यानी 01 सितंबर2018 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का शुभारंभ करेंगे।
आईपीपीबी को आम आदमी के लिए एक सुगमकिफायती और भरोसेमंद बैंक के रूप में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है, ताकि केन्द्र सरकार के वित्तीय समावेश उद्देश्यों को तेजी से पूरा करने में मदद मिल सके। देश के हर कोने में फैले डाक विभाग के 3,00,000 से अधिक डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क से इसे काफी लाभ मिलेगा। इसलिए आईपीपीबी भारत में लोगों तक बैंकों की पहुंच बढ़ाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाएगा।
आईपीपीबी का शुभारंभ तेजी से विकास की ओर बढ़ते भारत का लाभ देश के दूरस्थ कोनों में सुलभ कराने संबंधी केन्द्र सरकार के प्रयासों को मजबूती देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
शुभारंभ के दिन,  आईपीपीबी की देश भर में 650 शाखाएं और 3250 एक्सेस प्‍वाइंट (पहुंच केन्द्र/कार्यकलाप केन्द्र) होंगे, जहां समानांतर रूप से शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
देश भर में सभी 1.55 लाख डाकघर 31 दिसंबर, 2018 तक आईपीपीबी प्रणाली से जुड़ जाएंगे। .
आईपीपीबी बचत और चालू खातोंधन हस्तांतरणप्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरणबिल और उपयोगिता भुगतान  और उद्यम एवं वाणिज्यिक भुगतान जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इन सुविधाओं एवं इससे जुड़ी अन्य संबंधित सेवाओं को बैंक के अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्‍लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए बहु-विकल्प माध्यमों (काउंटर सेवाएंमाइक्रो-एटीएम मोबाइल बैंकिंग एप एसएमएस और आईवीआर) के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।

दर्जन भर लोगों ने ली राजद की सदस्यता

रांची। प्रदेश राजद कार्यालय में प्रदेश राजद महासचिव सह प्रवक्ता कैलाश यादव के नेतृत्व में भाजपा,आजसू एवं सी.पी.एम.के दर्जनों लोगों ने सामाजिक न्याय मसीहा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की विचारधारा एवं राजद की नीति सिद्धान्त को मानते हुए सभीलोगों ने आस्था व्यक्त कर सदस्यता ग्रहण की।
इस अवसर पर सभी लोगो को राजद से पूर्व विधायक सह प्रधान महासचिव संजय कुमार सिंह यादव,पूर्व संसद मनोज कुमार, चन्द्रशेखर भगत,घुरा राम रामकुमार यादव,सुरेश राय सतरूपा पांडेय,राजेश रौशन साहिल साहिन सहित कई लोगो ने माला पहनाकर स्वागत किया।
नोट :- पार्टी में शामिल लोंगो में प्रमुख तौर नरेश राम चन्द्रवंसी, असर्फी राय, शिवकुमार सिंह,जगदीश सिंह,राजेंद्र प्रसाद, बीएन सिंह,निशांत कुमार,रंजन कुमार, अयोध्या कुमार,रोहित कुमार, आनन्द कुमार,ओमप्रकाश यादव, रामव्यास सिंह यादव,तारकेश्वर सिंह,डीके सिंह,सुधाकर महतो, धर्मनाथ यादव,विकी सिंह, रघुनंदन सिंह,प्रेम यादव सहित अन्य लोगों ने राजद की सदस्यता ग्रहण किया।

हिरासत में मृत जलील अंसारी के परिजनों से मिले बाबूलाल

रांची। पिछले सप्ताह दिनाँक 20 अगस्त को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार इस्लाम नगर निवासी जलील अंसारी की जेल में 23 अगस्त को सन्देहास्पद मौत हो गई थी,मृतक के परिजनों से मिलने आज दिनाँक 31 अगस्त 4 बजे उनके इस्लाम नगर स्थित घर पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पहुंचे उनके साथ महिला मोर्चा की अध्यक्ष शोभा यादव,नदीम इक़बाल,रांची महानगर केअल्पसंख्यक अध्यक्ष अकबर कुरैशी,महासचिव सरवर खान,साजिद उमर,मंडल अध्यक्ष मो०तन्नू थे,बाबूलाल जी ने उनके परिजन को ढाँढस बंधाते हुए पूरी घटना से अवगत होते हुए कहा कि यह पुलिस ज्यादती का मामला है सरकार के सह पर प्रशासन अनैतिक कार्य में लिप्त होते जा रहा है, उन्होंने कहा की झारखण्ड राज्य में पुलिस निरंकुश होकर जनता पर जुल्म ढा रही है,पिछले एक वर्ष में सर्वाधिक मौत पुलिस के मार से हो चुकी है, जलील अंसारी की पत्नी ने बाबूलाल जी से कहा की पुलिस 20 अगस्त को गिरफ्तार किया और शाम में हाजत में मेरा बेटा जलील अंसारी से मिलकर आया तब तक मेरे पति सही सलामत थे,दूसरे दिन उनको न्यायालय में प्रस्तुत करने के समय जब हम लोगो ने देखा तो मेरे पति को 3/4 पुलिसकर्मी सहारा देकर न्यायालय में लेकर आये उनकी हालात देखकर लगा मेरे पति को पुलिस हाजत में पिछले रात को बुरी तरह से मारा पीटा गया है,इसी कारण से वो खुद से चल पाने में असमर्थ थे,उसके बाद 22 अगस्त को जेल में उनसे मिलने पर मेरे पति ने कहा की पुलिस के शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना से बहुत तकलीफ में हूँ मुझे बचा लो,दूसरे दिन शाम में कुछ पुलिस कर्मी मेरे घर आकर ये कहते है कि जलील अंसारी की हालात अच्छी नही है,और एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के बाद कहते जलील अंसारी की मृत्यु हो गई है पार्थिव शरीर रिम्स में है 24 घण्टे में लेकर आ जाओ नही तो लावारिस समझा जायेगा,जलील अंसारी के पत्नी के बातों को सुनकर बाबूलाल जी भावुक हो गए और कहा की गरीब पर तरस भी नही आती प्रशासन को और सरकार को फ़ौरन पुलिस जुल्म के शिकार जलील अंसारी के परिजन में से एक व्यक्ति को सरकारी नोकरी दे एवं 10 लाख मुआवजा तथा इस घटना में संलिप्त पुलिस कर्मी को बर्खास्त कर उनपर मुकदमा दर्ज करे, इस मौके पर शोभा यादव,नदीम इक़बाल,अकबर कुरैशी,सरवर खान,साजिद उमर,तन्नू आलम,मेराज अंसारी,सुफियान कुरैशी,जहाँगीर कुरैशी,उज़ैर खान,एहतेसाम मल्लिक,नेसार भाई, सुहैल भाई, तथा सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे

ज़िंदगी मिलेगी दोबारा ने एक साल में 1500 शवों को घर पहुंचाया

 रांची। झारखंड की राजधानी रांची में जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन की शुरुआत 5 नवंबर 2017 को हुए थी अपने 1 साल से भी कम समय में संस्था ने 1500  से भी अधिक शवों और मरीज़ों को घर तक पहुँचाने का काम कर चुका है। जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को फ्री में एंबुलेंस सेवा मुहैया करना है ताकि गरीब और जरूरतमंद शवो को सम्मान के साथ उसके घर तक पहुंचाने में सहायता दी जाए अपने 10 महीने के कार्यकाल में लगभग 1,500 सौ लोगो को फ्री एंबुलेंस सेवा दी। साथ ही साथ एम्बुलेंस में मुफ्त में बोतलबंद पानी,फोन तक की भी सुविधा दी जा रही है ताकि दुख के घड़ी में किसी तरह की परेसानी ना हो ...संस्था ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए फ्री एम्बुलेंस के साथ साथ मरीज के परिजनों को उसके साथ घर ले जाने के लिए एक पौधा भी दे रही है ताकि पर्यावरण हरा भरा रखा जा सके....

जिंदगी मिलेगी दोबारा फाउंडेशन का उद्देश्य गरीबों की सेवा करना है इस वजह से सुरुआत में 100 किलोमीटर की दूरी रखी गई थी लेकिन बहूत से ग़रीब मरीज़ जो झारखंड के बाहर से जो 100 किलोमीटर दूरी से भी आते थे और वे इतने ग़रीब थे की उतनी दूर की वजह से अपने मरीज़ों को नहीं ले जा सकते थे.. लेकिन संस्था ने अपने नियम को तोड़ कर 100 किलोमीटर दूरी से भी अधिक का सफ़र तय करके की सुरुआत की थी.. जिसमे मरीज़ों और शवों को कलकत्ता ,बिहार ,पटना ,पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहा,दुमका,गोड्डा,बंगाल , देवघर जैसे शहरों के अलावे 500 किलोमीटर से भी ऊपर की दूरी तय करके उनहे उनके घर तक पहुचाँया ....जिंदगी मिलेगी फाउंडेशन ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपनी सेवा मानवता के नाते इमानदारी से संस्था के द्वारा करते आई है और इसमे संस्था के सभी मेंबरों की बड़ी अहम भूमिका रही है सभी ने इस संस्था को चलाने में अपना पूरा सहयोग दिया है फिलहाल 4 एम्बुलेंस की सहायता सें रिम्स में रह कर फ्री एम्बुलेंस से ग़रीब मरीज़ों को सहायता के रूप में दी जा रही है|

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें *9709500007

दुर्घटनाओं को आमंत्रण देते विकास नगर की सड़क के गड्ढे

हाल रांची नगर निगम के वार्ड 51 का
विकास नगर रोड नंबर 2 में सड़क बदहाल
रांची / हटिया।  नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 51 अंतर्गत विकास नगर रोड नंबर 2 (लटमा रोड- हेसाग-कचनार टोली संपर्क पथ ) की कच्ची सड़क बदहाल है। सड़क पर बड़े- बड़े गढ्ढे दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हैं। बरसात के मौसम में इस मार्ग पर जलजमाव से वाहनों का आवागमन भी बाधित हो रहा है। पैदल चलने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है। इस क्षेत्र के नागरिकों ने बताया कि सड़क के पक्कीकरण के लिए स्थानीय विधायक से अनुरोध किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वार्ड पार्षद ने इस संबंध मे मिली शिकायत पर गभीरता दिखाई और अपने स्तर से मार्ग पर बने गढ्ढों को मोरम-छाई(डस्ट ) से भरवाया। इस क्षेत्र के निवासियों के मुताबिक यह मार्ग हेसाग, कचनार टोली, लटमा रोड, सिंह मोड़ सहित कईअन्य गांवों को भी जोड़ता है। इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों लोग गुजरते हैं। पक्की सड़क के अभाव में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में स्थानीय नागरिकों ने पार्षद को अवगत कराते हुए जल्द सड़क निर्माण का अनुरोध किया है। स्थानीय निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता व समाजसेवी आर.सी. सरकार ने बताया कि पक्की सड़क निर्माण के लिए कई बार सांसद और विधायक से अनुरोध किया गया, लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई।
 * क्या कहते हैं पार्षद :
इस संबंध में वार्ड पार्षद सविता लिंडा ने कहा कि पक्की सड़क निर्माण जल्द होगा। नगर निगम से इसका टेंडर हो गया है। फंड भी आवंटित हो गया है। बरसात के बाद सड़क बनाने का काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि यह सही है कि उक्त मार्ग पर पक्की सड़क नहीं होने से लोगों को दिक्कत हो रही है। फिलहाल जलजमाव रोकने के लिए उक्त मार्ग पर डस्ट बिछाकर समतलीकरण किया गया है।

गुरुवार, 30 अगस्त 2018

एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी के खिलाफ जन प्रतिवाद मार्च


झारखंड के मशहूर शख़्शियतो द्वारा
देश-झारखंड के मशहूर मानवधिकार-सामाजिक-बौद्धिक एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी-सत्ता संरक्षित ज़ुल्म के ख़िलाफ़ झारखंड के राजनैतिक दलों-सामाजिक संगठनों-आंदोलनकारी-बुद्दिजीवियों-पत्रकारों द्वारा
रांची विश्वविद्यालय गेट से परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक तक नागरिक मार्च कर मानव श्रंखला में तब्दील हो गया.
नागरिक प्रतिवाद में नारों-कविता भरी तख्तियों थी,जिसमें "भेड़िया गुर्राता है
तुम मशाल जलाओ
उसमें और तुममें
यही बुनियादी फ़र्क़ है"
-सर्वेश्वर दयाल सक्सेना,

"जब एक डरा हुआ बादल
न्याय की आवाज का गला घोंटता है
तब खून नहीं बहता
आंसू नहीं बहते
बल्कि रोशनी बिजली में बदल जाती है
और बारिश की बूंदें तूफान बन जाती हैं।
जब एक मां अपने आंसू पोछती है
तब जेल की सलाखों से दूर
एक कवि का उठता स्वर
सुनाई देता है"- वरवर राव

"तेरा निजाम है सिल दे जुबान शायर की,
ये एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए"
-दुष्यंत कुमार

 "लोग कहते हैं कि ये बात नहीं कहने की.
तुमने कह दी है तो कहने की सजा लो यारों"
-दुष्यंत कुमार

"असहमति लोकतंत्र का सेफ़्टी वॉल्व है,यदि आप इन सेफ़्टी वॉल्व की इज़ाज़त नही देंगे,तो यह फट जाएगा"--सुप्रीमकोर्ट

"ज़ुल्मी जब-जब ज़ुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से,चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंक़लाब के नारों से"

देश-झारखंड के मशहूर सामाजिक-मानवाधिकार-बौद्धिक एक्टिविस्टों पर दमन लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा, असहमति लोकतंत्र का सुरक्षा कवच है, सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दमन कर अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला किया जा रहा है,केंद्र सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आई है जो सत्ता का दुरुपयोग कर रही है,भीमा केरेगांव की घटना कोई षडयंत्रकारी घटना नही थी बल्कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गये गलत फैसले के खिलाफ जनविरोध था,इसे प्रधानमंत्री के खिलाफ षडयंत्र के रुप मे देखना या जोड़ना गलत है.

प्रतिवाद कार्यक्रम में राष्ट्रीय अवर्डेड फिल्ममेकर मेघनाथ एव बीजू टोप्पो,देशव्यापी एक्टिविस्ट ज्यां द्रेज,अवर्डेड फिल्ममेकर श्रीप्रकाश,साहित्यकार महादेव टोप्पो,वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास,वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार विनोद कुमार,प्रोफेसर यूनियन के अध्यक्ष डॉ बब्बन चौबे,आदिवासी बुद्दिजीवी के अध्यक्ष प्रेमचंद मुर्मू,विस्थापन विरोधी आंदोलनकारी दयामनी बारला, झारखंड आंदोलनकारी बशीर अहमद,पूर्व डिप्टी मेयर रांची कांग्रेस नेता अजयनाथ शाहदेव,आदिवासी मूलवासी के आज़म अहमद,AIPF के नदीम खान,मजदूर नेता शुवेन्दु सेन,जगरनाथ उरांव,यूएमएफ़ के अफ़ज़ल अनीश,साईंस फोरम के समीर दास,लोकतंत्र बचाओ मंच के वरुण कुमार,भारत भूषण,मानवधिकार कार्यकर्ता अलोका कुजूर,जेरोम जोराल्ड कुजूर,फादर महेंद्र,सुनील मिंज,अजय कुंडुला,सेराज दत्ता,अंकित अग्रवाल,आकाश रंजन,सुशीला टोप्पो,दीपा मिंज,नरेश मुर्मू,राकेश रौशन, स्टीफन लकड़ा,रूपेश साहू,भाकपा माले के भुनेश्वर केवट,अमरजीतसिंह, सुनील जायसवाल, एतवारी साव,इबरार अहमद,मो तस्लीम,सुनीता,एलिसा, सिलेस्टिना, पूरन दास,राजेन्द्र पासवान,अमित पांडेय,सीपीआई के अधिवक्ता सचिदानंद मिश्रा,एसयूसीआई के मंटू पासवानअमर महतो,श्यामल मांझी,तुलसी,बिनोद लोहरा,मासस के सुशांतो मुखर्जी,आम आदमी पार्टी के राजेश कुमार,यास्मीन लाल,दानिश शेख़,अनिर्बान सरकार,मनोज बेदिया,सहजाद आलम,जाबिर हुसैन जेवीएम के अकबर कुरैशी,साजिद उमर,मो इरफ़ान,अल्तमस,रेहान समेत अन्य में मो सहजाद,मो अफ़ज़ल,छोटू,राजन,बिटटू, तासिफ,सैफ,मो साद,मो इमाम,शाहिद,हीरा,जमील,कैलाश,मनोज,गुड्डू,आदि उपस्थित थे..

निपु सिंह ने अपने जन्मदिन पर लगाया पौधा


रांची। जिले की प्रसिद्ध समाजसेवी एवं नशा मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त के आंदोलन कर्ता निपु सिंह ने तीस अगस्त को अपने जन्मदिन के अवसर पर पौधा रोपण किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पौधा लगाना बड़ी बात नहीं है बल्कि पौधा का देखभाल करके उस पौधा को बड़ा करना बड़ी बात है श्री सिंह ने कहा कि पौधा हर कोई लगाता है लेकिन देख रेख नहीं करने के कारण पौधा नष्ट हो जाता है उन्होंने कहा कि पौधा और जल अनमोल रत्न है आज उसके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है यही स्थिति रही तो आने वाले समय में लोग पानी के लिए लड़ेंगे और शुद्ध हवा के लिए तरसेंगे अभी से ही सभी लोगों को पौधा और जल बचाने के लिए आगे आना चाहिए श्री सिंह ने कहा कि जीवन और प्रकृति के बीच घनिष्ठ संबंध है गंगा भारतीय सभ्यता और संस्कृति की पहचान है अब वह गंदगी धोने वाली नाली के समान हो गई है ऐसे ही रहा तो एक दिन गंगा का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा उन्होंने कहा कि आने वाले पीढ़ी के लिए पौधा और पानी बचाना बहुत ही जरूरी है और इस दोनों को प्रतिदिन देख रेख करना भी जरूरी है नहीं तो आने वाले दिन में ऑक्सीजन और पानी के लिए तरसेंगे लोग श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि विनाश का कारण दिखावटी सामान आज हमारे देश में हो गया है और प्रकृति के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना ही बेमानी होगा महिला हो या पुरुष हर व्यक्ति को यह ठान लेना चाहिए कि अपने जीवन में मात्र दो पौधे लगाएंगे और उसका निर्वाहक पूर्वक देख रेख करेंगे तभी अपना और अपने आने वाले पीढ़ी के जिंदगी का खुशहाल करेंगे

गरीबों को उनका हक देना होगाः इंदरजीत सिंह

रांची। हटिया रेलवे डीआरएम आफिस का सामने रेलवे ठेका सफाई कर्मचारी संध एवम NSUI के उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में एक दिवसीय धरना दिया गया। ज्ञात हो कि  रेलवे के 400 कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा। विदित हो कि रेलवे सफाई का टेंडर कुछ दिन पहले हुवा जो कि एक बाहर की कंपनी MS सपोर्ट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और पैंथर लिमिटेड को रेलवे ने काम दिया उनलोगों ने यहां की कोई निजी कंपनी को पेटी म् कॉन्ट्रैक्ट दे दिया।इंदरजीत सिंह ने कहा कि उनलोगों ने पुराने जो 10 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को काम से बिना कोई नोटिस के निकाल दिया। 3 महीने का बकाया पैसा भी नही दिया।  सरकार के तरफ से जो 13000 रुपया आवंटित है उसे भी काट कर किसी को 5000 तो 9000 दिया जा रहा।  अपनी मांगों को लेकर सभी लोग एक दिन पहले डीआरएम पास गए, लेकिन वहां drm ने कहा कि हमने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया है अब ठेकेदार समझे जो करना है। और रात में जीआरपी के द्वारा बल पूर्वक लाठी भी चलाया और कुछ लोगो को जीआरपी थाना के बंद कर दिया।  निजी ठेकेदारों के द्वारा गरीब कर्मचारियों को जानवरों की तरह व्यवहार किया जाता। न पेमेंट देते न छुट्टी। सब पैसे का खेल हो रहा। गरीब को कुचला जा रहा। न किसी को मेडिकल, न पफ का भत्ता दिया जाता। सरकार और ठेकेदारों की मिली भगत से गरीब बेबस कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा।इन्द्रजित सिंह ने बताया कि अभी नए टेंडर म् ठेकेदारों ने बाहरी लोग एवं नाबालिक लड़को को काम पे रखा जो कि सारा सर अन्याय और गलत है।  रेल प्रशाशन  हाय हाय, गरीबो क् हक़ देना होगा, हमारी मांगे पूरी करो  के नारों के साथ आज एक दिवसीय धरने पे बैठे है। और ये धरना और कार्यक्रम प्रतिदिन चलता रहेगा जब तक मांगे पूरी नही होती। जब तक गरीबो को उनका हक नही मिलता आंदोलन जारी रहेगा। धरने में मुख्य रूप से सलीम खान, जगदीश साहू, NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह, अनिका देवी, रोशन टोप्पो,स्टीफन लुइस, कलावती देवी, पप्पू डोंगरे, पुष्पा, निशा, रूबी, ललिता, बेरोनिका, रानी आदि सैंकड़ो की संख्या में मजदूर लोग मौजूद थे।

अटल जी की स्मृति में महिला मैत्री फुटबाल मैच

रांची। सामाजिक संस्था शारदा फॉउन्डेशन की ओर से खेल दिवस के शुभ अवसर पर एकदिवसीय  स्व अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल महिला मैत्री फुटबॉल मैच का आयोजन टुंगरी टोली जतरा मैदान हरमू में आयोजित किया गया। मैच बिरसा विकास क्लब टुंगरी टोली एवं सोनू फुटबॉल क्लब के बीच हुआ। इस  एक दिवसीय मैत्री मैच में पहले  50 मिनट तक किसी टीम की ओर से कोई गोल नहीं हुआ । इस के बाद ताइ ब्रेकर में बिरसा विकास क्लब ने सोनू फुटबॉल क्लब को 05-03गोल से हराया।आज के मैच में बेस्ट प्लयेर का खिताब अलिसा टोप्पो को दिया गया।इस अवसर पर बिरसा विकास क्लब विजेता रही।सभी खिलाड़ियों को मुख्य अतिथि समाजसेवी राजीव रंजन ,आशुतोष द्विवेदी,वार्ड पार्षद अरुण झा ने ट्रॉफी ओर मेडल देकर संम्मानित किया। इस अवसर पर खेल प्रशिक्षक गोविंद झा ,संतोषी,गुड़िया,अनिशा, सोनी समेत अन्य खिलाड़ी गन ओर खेलप्रेमी उपस्थित थे।ये जानकारी गोविन्द झा ने दी।

शिकार करने में खुद शिकार बन गई महाराष्ट्र पुलिस



-देवेंद्र गौतम

महाराष्ट्र पुलिस ने पांच राज्यों में छापेमारी कर पांच जाने माने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में तो लिया लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के समक्ष उनपर लगे आरोपों के साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सकी। कोर्ट ने उन्हें जेल या पुलिस रिमांड पर देने की जगह अपने घरों में नज़रबंद करने का आदेश दिया। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पांच सितंबर तक पूरे तथ्यों के साथ रिपोर्ट तलब की है। मानवाधिकार आयोग ने भी मानक प्रक्रिया के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र के डीजीपी से एक माह के अंदर रिपोर्ट तलब की है। इस तरह महाराष्ट्र सरकार राजनीतिक विरोधियों को कटघरे में खड़ा करने के प्रयास में स्वयं कटघरे में खड़ी हो गई है। आखिर आधे-अधूरे अनुसंधान के आधार पर इतनी बड़ी कार्रवाई किस सोच के तहत किसके इशारे पर की गई ? इस जल्दबाजी की तुलना 2016 में की गई नोटबंदी की घोषणा से की जा सकती है। ठीक उसी तर्ज पर बिना किसी होमवर्क के, बिना किसी तैयारी के। माओवादियों की नकेल कसने के चक्कर में प्रशासनिक कार्रवाई को स्वयं सरकारी तंत्र ने ही राजनीतिक कार्रवाई में तब्दील कर दिया।
भीमा कोरेगांव मामले का अनुसंधान आखिर किस तरीके से चल रहा है कि 31 दिसंबर की घटना के आठ महीने बाद भी जांच एजेंसियों के हाथ खाली हैं। संभव है हिरासत में लिए गए लोग माओवाद के समर्थक हों लेकिन सिर्फ समर्थक होने के आधार पर उन्हें कटघरे में नहीं खड़ा किया जा सकता। कानून इसकी इजाजत नहीं देता। लोकतंत्र में सरकार की नीतियों की आलोचना करने का अधिकार मिलता है। इसे राजद्रोह या देशद्रोह के रूप परिभाषित करना लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार करने करने से इनकार करने के समान है। यह मध्ययुगीन प्रवृति है। न्यायपालिका संदेह और अनुमान को नहीं मानती। वह साक्ष्यों के आधार पर फैसले सुनाती है। भारतीय दंड संहिता के प्रावधान के मुताबिक आरोपी को अपने निर्दोष होने का सबूत पेश करने के पहले आरोप लगाने वाले को दोषी होने का सबूत पेश करना होता है। कोरेगांव मामले में इन पांच लोगों की संलिप्तता थी अथवा नहीं गिरफ्तारी के अभियान में निकलने से पूर्व इसका पुख्ता साक्ष्य पुलिस के पास होना चाहिए था। जाहिर है कि इस अफरातफरी के पीछे कहीं न कहीं ऊपर का आदेश काम कर रहा था। 2019 का चुनाव करीब है और सत्तापक्ष के पास उपलब्धियों के नाम पर हवाई दावों के अलावा कुछ भी नहीं है। कमान में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का ही एकमात्र तीर बचा है जिसका ब्रह्मास्त्र के रूप में उपयोग किया जाना है। यह तभी कारगर हो सकता है जब राजनीतिक विरोध को बेरहमी से कुचल दिया जाए। सत्तापक्ष चाहे जितनी भी खुशफहमी अथवा गलतफहमी में रहे उसके शासनकाल की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और बौखलाहट में की गई कार्रवाइयों के जरिए वह इसकी गति को और तेज़ कर रहा है। उसने अपने राजनीतिक विरोधियों को उंगली उठाने का एक और मौका दे दिया है।
भारत की जनता ने जिन उम्मीदों के साथ मोदी सरकार को सत्ता की चाबी सौंपी थी उसमें वह खरी नहीं उतरी। जनता जो चाहती थी वह काम नहीं किए। अर्थशास्त्र के आधे-अधूरे ज्ञान के जरिए ऐसे-ऐसे प्रयोग किए कि अर्थ व्यवस्था चरमरा उठी। लोग त्राहिमाम कर उठे। बैंकिंग व्यवस्था झटके पर झटका खाने लगी। अब वायदे पूरे करने का समय निकल चुका है तो उटपटांग हरकतों के जरिए हवा बनाने की कोशिश की जा रही है। ग़नीमत है कि अभी न्यायपालिका उसके चाबुक की परिधि से दूर है और उसके मौजूद रहते लोकतंत्र पर तानाशाही लादने की कोशिशें सफल होनी मुश्किल है।

बुधवार, 29 अगस्त 2018

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई लोकतंत्र के लिए घातक : सुबोधकांत सहाय


रांची। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि देश के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई पूर्वाग्रह से ग्रसित है। भाजपा सरकार की नीतियों से असहमति जताने वालों को चिन्हित कर उन्हें बिना कोई ठोस सबूत के गिरफ्तार किया जाना मोदी सरकार की मंशा उजागर करता है। पेशे से वकील, लेखक, पत्रकार, कवि और मानवाधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से समाज के वंचितों और शोषितों पर होने वाले अत्याचार के विरुद्ध मुखर होकर आवाज उठाते रहे हैं। मानवाधिकारों के हनन और जनविरोधी शासनतंत्र के खिलाफ आंदोलनरत रहे हैं। इनलोगों का देश के जागरूक व लोकतंत्र को पसंद करने वाले नागरिकों के बीच सम्मानजनक स्थान रहा है। ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई किया जाना लोकतंत्र का गला घोंटने के समान है।
 श्री सहाय ने कहा कि भाजपा को इन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के पूर्व अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक सोची समझी साजिश और राजनीतिक षड़यंत्र के तहत फादर स्टेन स्वामी का नाम भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में घसीटा गया है। बिना जांच किए ही आरोप लगाया जा रहा है।फादर स्टेन स्वामी को प्रताड़ित किया जा रहा है। लोकतंत्र के हिमायती रहे लोगों को भाजपा झूठे आरोप लगाकर फंसाने की प्रवृत्ति छोड़े, अन्यथा व्यापक जनांदोलन का सामना करना पड़ेगा।

बहुत याद आएंगे समाजसेवी जकीउर रहमान उर्फ जाको भाई

समाज सेवी जकीउर रहमान उर्फ जाको भाई एक ऐसी शख्सियत थे जो कभी किसी को मदद करते थे तो दूसरों को पता नहीं चलने देते थे। 1940 का ईद आज भी मुझे याद है जब चांद रात को जकीउर रहमान उर्फ जाको भाई मेरे लिए नया कपड़ा और जूता खरीदे। उक्त बातें अमेरिका से आए हुए मोहिउद्दीन गणि उर्फ बब्बन भाई जो जकीउर रहमान के बचपन के दोस्त हैं उन्होंने कहीं। मोहिउद्दीन गनी ने कहा कि मैं अमेरिका के मैरीलैंड मैं रहता हूं 5 साल की उम्र से हमारी दोस्ती थी। उन्होंने पुराने समय का जिक्र करते हुए कहा कि 1940 में आर अली का केक बड़ा मशहूर था और हमारा दोस्त जकीउर रहमान को वहां का केक बहुत पसंद था। उस जमाने में रांची बहुत साफ सुथरा हुआ करता था, रांची में कोई मच्छर नहीं मिलता था। बहुत छोटा सा शहर था। डेली मार्केट बिल्कुल साफ सुथरा और जगमगाता रहता था। रांची मे ठंड इतनी रहती थी कि गर्मी में भी हम लोग चादर ओढ़कर सोते थे। मुझे याद है जाको भाई उर्दू लाइब्रेरी गुदड़ी रोड में किराए के मकान में खुले थे जिस का किराया था 10 रुपया, कल्लन बाबू के साथ मिलकर इस लाइब्रेरी की शुरुआत हुई। पहले उर्दू लाइब्रेरी का नाम मुस्लिम लाइब्रेरी था। जकीउर रहमान उर्फ जाको भाई किताब और अखबार पढ़ने के बहुत शौकीन थे। हमने भी कुछ किताबें मुस्लिम  लाइब्रेरी में डोनेट किए थे। बबन भाई ने पुरानी बातें को याद करते हुए कहा कि उर्दू लाइब्रेरी के बगल में होटल फिरदौस हुआ करता था जिसमें अक्सर हम लोग चिकन तंदूरी खाने जाते थे। जाको भाई की एक खूबी और थी कि वह किसी को भी मदद करते थे तो उनकी कोशिश यही रहती थी कि किसी और को पता ना चले। जब भी किसी को देते तो छुपा कर के देते थे। कई गरीब बच्चों को उन्होंने पढ़ाई में मदद किया है ।1980 में हम अमेरिका चले गए ।वाशिंगटन में जेलर बन गए। मगर रांची हमें याद बहुत आती रही हम जब कभी रांची आते तो जाको भाई से जरूर मिलते।पता नहीं अब अगले साल आ पाऊंगा कि नहीं अगर जिंदा रहा तो अपने दोस्त के परिवार वालों से जरूर मिलूंगा

सीएम रघुवर दास ने लातेहार में बांटीं विकास की सौगातें


लातेहार। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 25 सितंबर से पूरे देश में आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री आरोग्य योजना का आरंभ किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत देश के सभी बड़े हॉस्पिटलों को जोड़ा जाएगा, जहां गरीबों का निःशुल्क इलाज होगा। इस योजना के तहत देश के गरीबों का सरकार 5 लाख रूपये का बीमा करायेगी। हर परिवार के मुखिया के नाम पर एक हेल्थ कार्ड होगा। हेल्थ कार्ड को दिखाकर सरकार द्वारा चिन्हित अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवाए जा सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा इस हेतु 57 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा इस योजना के तहत 17 सितंबर से 25 सितंबर तक हेल्थ कार्ड बनाने का कार्य एक अभियान के रूप में चलाया जायेगा। जिसमें हर गरीब का एक हेल्थ कार्ड बनेगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज जिला मुख्यालय लातेहार के राजहार स्थित गुरूकुल में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन वितरण कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहीं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार की सोच है सबका साथ सबका विकास, इसी सोच को लेकर केन्द्र एवं राज्य सरकार योजनाएं बना रही है ताकि देश एवं राज्य के अंतिम व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी का सपना है कि किसी भी गरीब की मृत्यु इलाज एवं दवा के अभाव में ना हो।

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि लातेहार जिले में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत आज 500 परिवारों को LPG गैस कनेक्शन दिया जा रहा है। शेष परिवारों को जल्द ही गैस कनेक्शन जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों द्वारा इस योजना में केवल गैस सिलेंडर दिए जा रहे हैं लेकिन हमारी सरकार द्वारा महिलाओं के हित के लिए चूल्हा और पहली बार का गैस सिलेंडर का रिफिल की राशि भी राज्य सरकार द्वारा  दी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में 35 लाख परिवारों को इस योजना के तहत कनेक्शन वितरित करने का लक्ष्य है जिसमें 17 लाख परिवारों को गैस कनेक्शन दिया जा चुका है। शेष परिवारों को जल्द ही इस योजना के तहत गैस कनेक्शन दे दिया जाएगा।

 श्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2022 तक हर गरीब को छत प्राप्त कराना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि 2 अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत का निर्माण हो जाए। हमारा लक्ष्य है कि 2 अक्टूबर 2018 तक हम एक स्वच्छ झारखंड का निर्माण कर ले। स्वच्छता से 80% बिमारियां दूर रहती है हमें शौचालय का प्रयोग करना चाहिए गांव स्वच्छ रहेगा तभी यहां के लोग स्वस्थ रहेंगें। सभी काम सरकार नहीं कर सकती सबों को स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लातेहार उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र था यहां के डीआईजी, एसपी, जवान और यहां के लोगों के सहयोग से आज यह उग्रवाद मुक्त जिला बन गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीब के जीवन में बदलाव लाने के ध्येय से कार्य कर रही है।  प्रधानमंत्री ने किसानों द्वारा उपजाये खाद्यानों के क्रय मूल्य को डेढ़ गुना बढ़ाने का काम किया है। हमारा सपना है कि राज्य के किसानों की आय दोगुनी हो सके। झारखंड सरकार द्वारा 26 किसानों को इजराइल भेजा गया वहां पानी की कमी के बाद भी अच्छी खेती की जा रही है, कम पानी में कैसे खेती करें इसके गुण वहां से सीखे जा सकते हैं। राज्य सरकार अक्टूबर तक राज्य से और किसानों को भी इजराइल भेजेगी जहां से वे खेती के नवीन तकनीक सीख सकें और अपने आसपास के लोगों को भी शिक्षित कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब आधी आबादी का सशक्तिकरण होगा वह स्वावलंबी बनेंगी तभी देश सच्चे अर्थ में विकसित होगा। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है। राज्य सरकार महिलाओं को स्वालंबन की दिशा में ले जाने के लिए 50 लाख की जमीन निबंधन  के लिए महज एक रूपये का शुल्क निर्धारित किया है। जिसके तहत अब तक राज्य के 91 हजार महिलाओं के नाम 50 लाख तक की संपति की रजिस्ट्री की गई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वावलंबन की दिशा में केन्द्र एवं राज्य सरकार कार्य कर रही है। गांव में सखी मंडलों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधी आबादी का विकास करके ही देश एवं राज्य को विकास के पथ पर ले जाया जा सकता है।

इस अवसर पर विधायक  हरे कृष्ण सिंह, जिला परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र साहू पलामू आयुक्त  मनोज कुमार झा, लातेहार  उपायुक्त  राजीव कुमार एवं भारी संख्या में आम जनता उपस्थित थ

 लातेहार दौरे से जुड़ी महत्वपूर्ण गतिविधियां
2 अक्टूबर से शुरू होगा "स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम"

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य को सुंदर एवं स्वच्छ बनाने की जिम्मेवारी केन्द्र एवं राज्य सरकार की ही नहीं है इसके लिए सभी नागरिको की भूमिका होनी चाहिए। श्री रघुवर दास ने  कहा कि 2 अक्टूबर से राज्य में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।जिसके तहत शहर एवं गांव को स्वच्छ बनाने का कार्य होगा।

स्थानीय महिलाओं ने रखी अपनी बात
 माको निवासी विद्या देवी,सिंधु गुप्ता एवं अन्य महिलाओं ने सरकार के द्वारा निःशुल्क गैस सिलिंडर एवं चूल्हा दिए जाने पर मुख्यमंत्री श्री दास को साधूवाद दिया। महिलाओं ने बताया कि पहले वे लोग गोइठा,कोयला एवं लकड़ी से खाना बनाते थे जिससे उनकी स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता ही था एवं बच्चों को भी ससमय भोजन नहीं दे पाती थी लेकिन केन्द्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से गैस एवं चुल्हा मिलने से उनकी जिदंगी ही बदल गई है।

11 करोड 35 लाख 52 हजार 3 सौ 76 रूपये के योजनाओं का हुआ उदघाटन 
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के द्वारा 11 करोड 35 लाख 52 हजार 3 सौ 76 रूपये के योजनाओं का उदघाटन किया गया। जिसमें अनुमंडल कार्यालय भवन,महुआडांड़ के डी टाइप आवास निर्माण,जिले के मनिका,चंदवा,हेरहंज बालूमाथ,बरवाडीह में कुल 6 तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी भवन का उदघाटन,चार उप स्व्वास्थ्य केन्द्र भवन जिसमें हेरहंज के चिरू, बालूमाथ के जोगियाडीह, बरवाडीह के कंचनपुर एवं गारू प्रखंड के चिपरू उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन का उदघाटन किया गया। 5 सौ गैस कनेक्सन का निःशुल्क वितरण कार्यक्रम में शिरकत करने आए राज्य के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के द्वारा कुल 05 सौ लाभुको के बीच गैस चूल्हा एवं सिलिंडर का वितरण किया गया। वहीं विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत सक्षम झारखंड कौशल मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षित लोगों के बीच 210 सिलाई मशीन भी वितरित किए गए।

17 लाभुकों को मिला वनपट्टा
सदर प्रखंड के गुरूकुल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के द्वारा जिले के 17 लाभूको के बीच वनपट्टे का वितरण किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री दास ने सभी वनपट्टा लेने वाले लाभुको को जिले के विकास के पथ पर ले जाने को लेकर प्रेरित किया।

दस सखी मंडलों के बीच 05 लाख की राशि का वितरण 
निःशुल्क गैस कनेक्सन वितरण कार्यक्रम में जिला प्रशासन की ओर से 10 सखी मंडल समूहों के बीच पचास-पचास हजार की दर से 05 लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया। सभी सखी मंडलों को चेक माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दस के द्वारा वितरित की गई।

मुख्यमंत्री ने की उपायुक्त एवं एसपी के कार्य की सराहना
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि उपायुक्त श्री राजीव कुमार ने मत्स्य विभाग में अपने कार्य के बदौलत राज्य को मछली उत्पादन में स्वावलंबी बनाने का कार्य किया। इनके कार्य को देखते हुए अत्यंत पिछड़ा जिला लातेहार को विकास के पथ पर ले जाने के उदेश्य से इन्हें लातेहार जिले का उपायुक्त बनाया गया ताकि जिले को विकास में नया आयाम दिया जा सके। श्री दास ने नक्सल क्षेत्र में कार्य करने को लेकर एसपी श्री प्रशांत आनंद के कार्य की भी सराहना की।

राजद प्रखंड अध्यक्षों को चुनावी तैयारी का निर्देश


रांची। झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेशाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी की अध्यक्षता में प्रदेश राजद कार्यालय में राज्य के सभी जिला के प्रखंड अध्यक्षों की बैठक संम्पन्न हुई।
    बैठक को संबोधित करते हुए सभी प्रखंड अध्यक्ष  को लोक सभा व विधासभा चुनाव की तैयारी में लगने का दिया निर्देश।इन्होंने कहा कि राज्य के सभी प्रखंड अध्यक्ष अपने अपने प्रखंडों में संगठन को धारदार और मजबूत करें,साथ ही साथ हर बूथ पर 20 यूथ की कमेटी तैयार करे।सभी नेता कार्यकर्ता मिलकर सदस्यता अभियान जोर सोर से चलाने का काम करें ।  पंचायत स्तर पर सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय। प्रखंड वाइज  कार्यकर्ता समेलन करने का निर्णय ,कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद सक्रिय साथियों का बैठक होगी।प्रखंड स्तर पर सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध करे और इनके काले कारनामो को जनता को बताने का काम करें।
श्रीमती अन्नपुर्णा जी ने कहा कि अभी से ही लोकसभा व विधंससभा की तैयारी में लग जाये तथा राज्य सरकार व केंद्र सरकार के जविरोधी नीतियों के खिलाफ औऱ सरकार के गरीब विरोधी कारनामें को गांव गांव में एक एक व्यक्ति को बताने का काम करें साथ ही साथ सामाजिक न्याय के विचारधार,आदरणीय नेता लालू प्रसाद जी के नीति सिद्धान्त को बताने का काम करें।
 इन्होंने कहा कि भाजपा सामाजिक समरसता बिगाड़ने का काम करती रहती तथा राज्य हो या प्रदेश हो  अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री ने झूठे वादे,झूठे सपने दिखाकर सिहासन पर बैठने का काम किया है इसे भी आम आवाम को बताने  का काम राजद के नेता कार्यकरता करे,औऱ भाजपा के गलत मंसूबे को हर हाल में असफल करे।भाजपा बदले की भावना से कम कर रही जो इस पार्टी की खिलाफ बोलते है उन्ही पर भाजपा करवाई करती है जो अन्यायपूर्ण है।
  प्रधान महासचिव संजय सिंह  यादव ने कहा की संगठन को हर हाल में मजबूत करना है अधिक से अधिक सदस्य बनाना है जब आप मजबूत होंगे पार्टी मजबूत होगी दल मजबूत होगा।
   बैठक में  पूर्व मंत्री गोवर्धन नायक,  सुरेश पासवान,पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह,पूर्व सांसद घुरण राम, आभो देवी,प्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार,उपाध्यक्ष राजेश यादव, हाजी जुबेर भाई,महासचिव आबिद अली,मनोज पांडेय,चंद्रशेखर भगत,बलवंत कुमार, पूणेंदु यादव,संजय कुमार, आदि ने बैठक को संबोधित किया।बैठक में  बुधनारायन यादव,अमरेश गणक,जमीरुधिन अंसारी, गुलाम जिलानी ,अवधेश पाल नसीम अंसारी,इप्टखर अंसारी,हरिसंकर यादव,देवकुमार देवता,सुरेंद्र यादव,सुनीता चौधरी,शंकर यादव, राजकिशोर यादव सहित 200 से अधिक प्रखंड अध्यक्ष उपस्थित थे।

खेल विभूतियों के नाम लगाए वृक्ष

रांची।  खेल दिवस के शुभ अवसर पर सामाजिक संस्था शारदा फॉउन्डेशन एवं स्पोर्ट्स लवर एसोसिएसन के संयुक्त तत्वाधान में कांके रोड स्थित डीएवी गांधीनगर स्कूल में खिलाड़ियों ने वृक्षारोपण किया। खिलाड़ियों ने     11 वृक्ष लगाए ।इस अवसर पर झारखंड  के महान खेल विभूतियों के नाम पर वृक्ष लगाकर के उनको याद कर श्रदांजलि अर्पित की।  हॉकी मेजर ध्यानचंद ,जयपाल सिंह मुंडा,स्विमर समशेर सिंह, हॉकी लाल सिंह बोखारि, हॉकी किशन लाल, क्रिकेट रमन लम्बा, अजित वाडेकर,एथलीट मिल्खा सिंह,फुटबॉल वि पी सत्यन, कृशानु डे, शेलेन मन्नाआदि खिलाड़ियों के नाम पर वृक्ष लगाए।मोके पर प्राचार्य एस के सिन्हा ,आशुतोष द्विवेदी,राजीव रंजन,अवनिकांत शेखर गोविन्द झा ,कृष्णा प्रसाद समेत कई खिलाड़ी गन उपस्थित थे।ये जानकारी गोविन्द झा ने दी।

अनिरुद्ध सिंह को बाल्सब्रिज विवि से मिली पीएचडी की मानद उपाधि

रांची। भूतपूर्व सैनिक कल्याण संघ के सचिव, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद् के प्रांतीय महासचिव, रांची सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड एवं बरखा कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक तथा सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ़ प्राइवेट सिक्यूरिटी इंडस्ट्री के झारखण्ड चैप्टर के अध्यक्ष अनिरुद्ध सिंह को दिनांक 24 अगस्त 18 को दिल्ली में आयोजित एक दीक्षांत समारोह में बॉल्सब्रिज विश्वविद्यालय दोम्निका (यूनाइटेड
स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका) के द्वारा मानद (Honorary) पी. एच. डी.   (Ph.D)
(डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी) की उपाधि प्रदान की गयी. यह उपाधि श्री सिंह को उनके कौशल विकास पर जनजातीय युवाओं के व्यावहारिक गुणों पर किया गया शोध कार्य के लिए दी गयी. उनका विषय था—कंस्ट्रेंट्स एंड रेस्त्रैंट्स ऑफ़
ट्राइबल यूथ इन स्किल डेवलपमेंट   (CONTRAINTS AND RESTRAINTS OF TRIBAL
YOUTH IN SKILL DEVELOPMENT).  अनिरुद्ध सिंह अपनी संस्था और कंपनी के अंतर्गत विगत 6 वर्षों से कौशल विकास के कार्य से जुड़े हुए हैं और अबतक उनके केंद्र से 5000 से भी अधिक युवक-युवतियां प्रशिक्षित हो चुके हैं.
इनमे लगभग 60% को नौकरी लग चुकी है. इनके माध्यम से प्रशिक्षित युवतियां देश की बड़ी बड़ी संस्थाओं, बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी कार्यरत हैं.
 रांची एवं गुमला जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में अवस्थित उनके तीन
पांच सितारा आवासीय   मेगा स्किल प्रशिक्षण केन्द्रों में 90% प्रशिक्षु
जनजाति समुदाय से होते हैं. मरदा गाँव स्थित श्रीधर ज्ञान संस्थान केंद्र में विशेष रूप से केवल युवतियों का प्रशिक्षण होता हैं .  सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से उन्हें प्रेरित कर प्रशिक्षण केन्द्रों तक लाने, उन्हें प्रशिक्षण कर नौकरी में नियुक्त करने तक  उनके व्यवहार का उन्होंने गहन अध्ययन किया है जिनसे कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं.
दीक्षांत समारोह में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय से डॉ. जी. सी.
डेका, एम्बेसडर ऑफ़ पीस अवार्ड (यु.पी.ऍफ़. साउथ कोरिया), के डॉ. भाकरी, कामनवेल्थ रिसर्च एक्सपर्ट फाउंडेशन कमिटी से डॉ. रमाशंकर अग्रवाल, एवं राज्य सभा टी.वी. के प्रमुख संपादक श्री शेम किशोर उपस्थित थे.
शायद यह पहला मौका है जब कौशल विकास से सम्बंधित विषय पर जनजातीय युवाओं पर किसी शोध पत्र में लिए पी.एच. डी. की उपाधि प्रदान की गयी है. उससे भी बड़ी बात यह रही है कि यह पहला अवसर है जब किसी पूर्व सैनिक को ग्रामीण स्तर पर शोध कार्य करने के लिए ऐसी उपधि प्रदान की गयी है.

बांग्लादेशी मॉडल की ओर बढ़ता देश

  हाल में बांग्लादेश का चुनाव एकदम नए तरीके से हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार...