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मंगलवार, 3 सितंबर 2019
सोमवार, 1 जुलाई 2019
झारखंड में एक पखवारे तक चलेगा जल शक्ति अभियान
बहकर बर्बाद हो रहे जल को अभियान चलाकर रोकें : मुख्य सचिव
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पूरे राज्य में जिला से पंचायत स्तर तक चलेगा जल शक्ति अभियान
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राज्य में वर्षा जल का लगभग 92 फीसदी हिस्सा बहकर हो जाता है बर्बाद
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अभियान को लेकर सभी उपायुक्तों को दिया दिशा-निर्देश
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रांची। राज्य सरकार ने झारखंड में जल संरक्षण की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है। अभियान एक जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा। जिला से लेकर पंचायत स्तर तक चलनेवाले अभियान को लेकर मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों को विस्तृत दिशा निर्देश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया कि अभियान के तहत बहकर बर्बाद हो रहे जल को रोकें, भूगर्भ जल स्तर को ऊंचा उठाएं तथा वर्षा जल को जलाशयों तक पहुंचने का सुगम रास्ता सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्षा जल का लगभग 92 फीसदी हिस्सा बहकर बर्बाद हो जाता है। इसका संरक्षण कर राज्य देश में जल शक्ति का उदाहरण बन सकता है। इसके लिए जागरूकता और मिशन मोड में काम करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने जल शक्ति अभियान का खाका उपायुक्तों से साझा किया और हर बिंदु पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने अभियान में शामिल सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसका नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग होगा। मुख्य सचिव राज्य में शुरू हुए जल शक्ति अभियान की सफलता के लिए झारखंड मंत्रालय स्थित अपने सभा कक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों से मुखातिब थे।
अभियान से जुड़ेंगे जनता से लेकर जनप्रतिनिधि, कर्मी से लेकर अधिकारी
मुख्य सचिव ने जल शक्ति अभियान से जनता से लेकर जनप्रतिनिध और कर्मी से लेकर अधिकारी तक को जोड़ने पर बल देते हुए उपायुक्तों से कहा कि स्वंय मुख्यमंत्री ने भी सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों संग बैठक में इसे लेकर व्यापक निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य के दो जिलों बोकारो और धनबाद के पांच प्रखंडों को इसके लिए चयनित किया है, लेकिन जल संरक्षण की जरूरत को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे पूरे राज्य में पंचायत स्तर तक चलाने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव ने अभियान के तहत सात जुलाई को व्यापक जन जागरूकता के लिए हर स्तर के अधिकारियों-कर्मियों, जनता और जनप्रतिनिधियों से लेकर संगठनों व संस्थाओं तक को शामिल कर जल संरक्षण के लिए श्रमदान करने का निर्देश दिया। वहीं पूरे अभियान की सफलता के लिए जिला, प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक एक-एक अधिकारी को दायित्व देने को कहा। हर स्तर पर गोष्ठी कर लोगों में यह भाव भरने पर बल दिया कि सभी को लगे कि उनके यहां हुई बारिश का पानी उनका है। इसका उपयोग और संरक्षण पर उनका अधिकार है। वहीं विभिन्न प्रचार माध्यमों से भी जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया।
सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाएं
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को राज्य के तमाम सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि इसकी शुरुआत समाहरणालय भवन से करें। जल शक्ति अभियान को शहर से लेकर गांव तक पहुंचाने की महत्ता बताते हुए उन्होंने इसके लिए हर वर्ग और संस्थान को जोड़ने पर बल दिया। उनके साथ गोष्ठी करने तथा लाभदायक सुझावों पर अमल करने का भी निर्देश दिया। जलाशयों तक वर्षा जल आबाध रूप से पहुंचे, इसकी व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने जलाशयों की कंक्रीट से घेराबंदी पर पूर्णतः रोक लगाने तथा जहां ऐसा हो चुका है, वहां चहारदीवारी के नीचे सुरंग बनाकर पानी को जलाशयों तक पहुंचने का रास्ता देने को कहा।
शेयर करें सक्सेस स्टोरी, पाएं पुरस्कार
मुख्य सचिव ने जल शक्ति अभियान के तहत हर जिले में किये गए प्रभावी कार्य को इसके लिए बने पोर्टल पर बतौर सक्सेस स्टेरी शेयर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य स्तर पर बेहतर परिणाम देने वाले तीन जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करनेवाले वाले दो-दो प्रखंड भी पुरस्कृत किए जाएंगे।
योजना से जल शक्ति समिति को अवगत कराएं
जल शक्ति अभियान में लगनेवाली राशि विभिन्न विभागों की सामान प्रकृति की योजनाओं से लेने का निर्देश देते हुए जल शक्ति समिति के अध्यक्ष सह विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह ने कहा कि इसके लिए अलग से बजट प्रावधान की जरूरत नहीं है। उन्होंने विभागवार समान प्रकृति की योजनाओं और फंड का ब्योरा देते हुए उसकी राशि के उपयोग का निर्देश दिया। कहा कि आनेवाले दस वर्षों में खनन और वन आधारित जीविका खेती-किसानी की ओर शिफ्ट करेगी, इसलिए भी अभी से जल संरक्षण पर फोकस जरूरी हो गया है। उन्होंने जल संरक्षण के छोटे-छोटे स्ट्रक्चर बनाने पर बल देते हुए उपायुक्तों को अपनी योजना से जल शक्ति समिति को अवगत कराने का निर्देश दिया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये थे शामिल
जल शक्ति अभियान को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य के तमाम उपायुक्तों संग संपन्न वीडियो कांफ्रेंसिंग में विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, नगर विकास सचिव श्री अजय कुमार सिंह, पंचायती राज सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, मनरेगा आयुक्त श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी व अन्य शामिल थे।
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पूरे राज्य में जिला से पंचायत स्तर तक चलेगा जल शक्ति अभियान
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राज्य में वर्षा जल का लगभग 92 फीसदी हिस्सा बहकर हो जाता है बर्बाद
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अभियान को लेकर सभी उपायुक्तों को दिया दिशा-निर्देश
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रांची। राज्य सरकार ने झारखंड में जल संरक्षण की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है। अभियान एक जुलाई से 15 सितंबर तक चलेगा। जिला से लेकर पंचायत स्तर तक चलनेवाले अभियान को लेकर मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों को विस्तृत दिशा निर्देश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया कि अभियान के तहत बहकर बर्बाद हो रहे जल को रोकें, भूगर्भ जल स्तर को ऊंचा उठाएं तथा वर्षा जल को जलाशयों तक पहुंचने का सुगम रास्ता सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि राज्य में वर्षा जल का लगभग 92 फीसदी हिस्सा बहकर बर्बाद हो जाता है। इसका संरक्षण कर राज्य देश में जल शक्ति का उदाहरण बन सकता है। इसके लिए जागरूकता और मिशन मोड में काम करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने जल शक्ति अभियान का खाका उपायुक्तों से साझा किया और हर बिंदु पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने अभियान में शामिल सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसका नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग होगा। मुख्य सचिव राज्य में शुरू हुए जल शक्ति अभियान की सफलता के लिए झारखंड मंत्रालय स्थित अपने सभा कक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों से मुखातिब थे।
अभियान से जुड़ेंगे जनता से लेकर जनप्रतिनिधि, कर्मी से लेकर अधिकारी
मुख्य सचिव ने जल शक्ति अभियान से जनता से लेकर जनप्रतिनिध और कर्मी से लेकर अधिकारी तक को जोड़ने पर बल देते हुए उपायुक्तों से कहा कि स्वंय मुख्यमंत्री ने भी सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों संग बैठक में इसे लेकर व्यापक निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य के दो जिलों बोकारो और धनबाद के पांच प्रखंडों को इसके लिए चयनित किया है, लेकिन जल संरक्षण की जरूरत को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे पूरे राज्य में पंचायत स्तर तक चलाने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव ने अभियान के तहत सात जुलाई को व्यापक जन जागरूकता के लिए हर स्तर के अधिकारियों-कर्मियों, जनता और जनप्रतिनिधियों से लेकर संगठनों व संस्थाओं तक को शामिल कर जल संरक्षण के लिए श्रमदान करने का निर्देश दिया। वहीं पूरे अभियान की सफलता के लिए जिला, प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक एक-एक अधिकारी को दायित्व देने को कहा। हर स्तर पर गोष्ठी कर लोगों में यह भाव भरने पर बल दिया कि सभी को लगे कि उनके यहां हुई बारिश का पानी उनका है। इसका उपयोग और संरक्षण पर उनका अधिकार है। वहीं विभिन्न प्रचार माध्यमों से भी जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया।
सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाएं
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को राज्य के तमाम सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि इसकी शुरुआत समाहरणालय भवन से करें। जल शक्ति अभियान को शहर से लेकर गांव तक पहुंचाने की महत्ता बताते हुए उन्होंने इसके लिए हर वर्ग और संस्थान को जोड़ने पर बल दिया। उनके साथ गोष्ठी करने तथा लाभदायक सुझावों पर अमल करने का भी निर्देश दिया। जलाशयों तक वर्षा जल आबाध रूप से पहुंचे, इसकी व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने जलाशयों की कंक्रीट से घेराबंदी पर पूर्णतः रोक लगाने तथा जहां ऐसा हो चुका है, वहां चहारदीवारी के नीचे सुरंग बनाकर पानी को जलाशयों तक पहुंचने का रास्ता देने को कहा।
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मुख्य सचिव ने जल शक्ति अभियान के तहत हर जिले में किये गए प्रभावी कार्य को इसके लिए बने पोर्टल पर बतौर सक्सेस स्टेरी शेयर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य स्तर पर बेहतर परिणाम देने वाले तीन जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करनेवाले वाले दो-दो प्रखंड भी पुरस्कृत किए जाएंगे।
योजना से जल शक्ति समिति को अवगत कराएं
जल शक्ति अभियान में लगनेवाली राशि विभिन्न विभागों की सामान प्रकृति की योजनाओं से लेने का निर्देश देते हुए जल शक्ति समिति के अध्यक्ष सह विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह ने कहा कि इसके लिए अलग से बजट प्रावधान की जरूरत नहीं है। उन्होंने विभागवार समान प्रकृति की योजनाओं और फंड का ब्योरा देते हुए उसकी राशि के उपयोग का निर्देश दिया। कहा कि आनेवाले दस वर्षों में खनन और वन आधारित जीविका खेती-किसानी की ओर शिफ्ट करेगी, इसलिए भी अभी से जल संरक्षण पर फोकस जरूरी हो गया है। उन्होंने जल संरक्षण के छोटे-छोटे स्ट्रक्चर बनाने पर बल देते हुए उपायुक्तों को अपनी योजना से जल शक्ति समिति को अवगत कराने का निर्देश दिया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये थे शामिल
जल शक्ति अभियान को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य के तमाम उपायुक्तों संग संपन्न वीडियो कांफ्रेंसिंग में विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, नगर विकास सचिव श्री अजय कुमार सिंह, पंचायती राज सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, मनरेगा आयुक्त श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी व अन्य शामिल थे।
मंगलवार, 20 नवंबर 2018
वित्त मंत्रालय ने की झारखंड में घर-घर बिजली मुहिम की सराहना
नई दिल्ली। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने झारखण्ड सरकार के द्वारा पूरे राज्य में 24×7 बिजली बहाल करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की है। भारत सरकार, झारखण्ड सरकार और वर्ल्ड बैंक के द्वारा 310 मिलियन डॉलर लोन अग्रीमेंट हस्ताक्षर किया गया। यह ऋण अनुबन्ध झारखण्ड के समस्त नागरिकों को में 24×7 भरोसेमंद, बेहतर गुणवत्ता वाली तथा सबके द्वारा आसानी से वहन करने लायक विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित करने के दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में झारखण्ड को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है। बिजली के लिए आधारभूत संरचना को मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में घर-घर बिजली पहुंचाने का कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को इसके लिए कोटि- कोटि धन्यवाद।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड में घर-घर बिजली पहुंचाने का कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री को इसके लिए कोटि- कोटि धन्यवाद।
शनिवार, 17 नवंबर 2018
जन संपर्क कार्यों की वीडियो कांफ्रेसिंग समीक्षा बैठक
सीएम के प्रधान सचिव डा. सुनील कुमार वर्णवाल ने सभी जिलों के
डीसी, पीआरओ को बताए प्रचार-प्रसार के गुर
रांची।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव डॉ
सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि
जनसम्पर्क के बढ़ते हुए महत्व को देखते
हुए उपायुक्त की समीक्षा में यह
सबसे पहली बिंदु होनी चाहिए। कला दल के
माध्यम से किए जाने वाले प्रचार-प्रसार की पहुंच और प्रभाव को देखते हुए अगले 2 महीनों में सभी जिला अपने सभी गांवों में कला दल के माध्यम से राज्य की योजनाओं के
प्रति जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। एलईडी वाहनों का
परिचालन जिला के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जाएं। पंचायत स्तर पर
जनता दरबार सह जागरूकता शिविर लगाएं। उक्त बातें डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने
सूचना भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित समीक्षा बैठक में
कहीं. जिलास्तर पर हो रहे जनसंपर्क कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
समीक्षा बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी
उपस्थित थे.
एलईडी वाहनों में चलने वाले वीडियो फिल्म्स ग्रामीण क्षेत्र जहां
संथाली, मुंडारी, हो, नागपुरी, बंगाली एवं उड़िया आदि भाषा समझने वाले लोग रहते हैं वहां इन्हीं भाषाओं का वीडियो फिल्म तैयार कर प्रसारण कराना
सुनिश्चित करें जिससे सरकार की योजनाओं की जानकारी लोग अपने भाषा में समझ
सकेंगे.
डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि कुछ जिलों के उपायुक्त एवं जिला
जनसंपर्क पदाधिकारियों ने जनसंपर्क कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए कुछ
नए बेहतर प्रैक्टिस किए हैं जैसे देवघर में समाचार पत्रों के सहयोग से
टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न विभागों के अधिकारियों के
साथ आम जनता को रूबरू कराना एवं
उसे अखबारों में प्रसारित करना. जिला के
सक्सेस स्टोरी पर फीचर लेखन करना,
हजारीबाग जिले के बेस्ट प्रैक्टिस में
सरकार के विभिन्न योजनाओं का लाभ पाने वाले लाभुकों को सरकारी स्तर पर
पत्र निर्गत करना, पंचायत स्तर पर जनता दरबार का आयोजन करना, प्रखंड विकास
पदाधिकारी एवं सर्कल ऑफिसर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करना तथा लातेहार
जिले में मोटर बाइक एंबुलेंस सेवा प्रभावी ढंग से लागू करना इत्यादि कार्य
हुए हैं. इन कार्यों को सभी जिलों के उपायुक्त एवं जिला जनसंपर्क अधिकारी
अपने जिले में भी लागू करना सुनिश्चित कराएंगे. उन्होंने कहा कि 181 जन शिकायत केंद्र एवं 108 एंबुलेंस का प्रचार प्रसार तथा 104
हेल्थ काउंसलिंग का भी प्रचार-प्रसार व्यापक रूप में कराना सुनिश्चित करेंगे.
डॉ
वर्णवाल ने यह भी निर्देश दिया कि गीत नाट्य योजना एवं मेला
प्रदर्शनी योजना का प्रभावपूर्ण कार्यान्वयन कराया जाना सुनिश्चित कराएं.
गीत नाट्य कला दलों को अगले 2
महीनों में राज्य के सभी गांवों तथा
सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों तक ले जाकर गीत, नुक्कड़ नाटक इत्यादि कार्यक्रम सुनिश्चित कराएंगे. नुक्कड़
नाटक के माध्यम से सरकार की
नीति एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का
प्रचार प्रसार कर ग्रामीण जनता को
जागरूक करें.
डॉ वर्णवाल ने कहा कि जिलों के उपायुक्त एवं आरक्षी अधीक्षक जिलास्तरीय
अधिकारियों के साथ हर महीने एक प्रेस सम्मेलन आयोजित करें. प्रेस सम्मेलन के
माध्यम से जिलों की मासिक प्रगति की जानकारी दें.
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने जिला स्तर पर आयुष्मान भारत योजना का प्रचार
प्रसार प्राथमिकता के तौर पर कराने को कहा. आगामी माह आयोजित होने वाले लुगूबुरु मेला का भी प्रचार-प्रसार करें. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन
यात्रा के तहत लुगूबुरु मेला जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बस सेवा भी
उपलब्ध कराएं.
डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि जिले में स्थापित सभी सरकारी
कार्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों,
पंचायत भवनों, सरकारी स्कूलों तथा
आंगनबाड़ी केंद्रों इत्यादि में होर्डिंग,
बैनर पोस्टर इत्यादि प्रचार प्रसार की
उपकरणों को लगाना सुनिश्चित करें और इनके इस्तेमाल का जियो टैगिंग भी
करें.
डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने सभी उपायुक्त को निर्देश दिया कि प्रचार
एलईडी वाहनों का शत प्रतिशत संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में ही
सुनिश्चित करें. शहरों में सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए स्थाई
एलईडी लगाए जा रहे हैं. अतएव प्रचार एलईडी वाहनों का सुदूरवर्ती ग्रामीण
क्षेत्रों में अधिक से अधिक उपयोग करें. उन्होंने सभी उपायुक्तों से कहा कि
माननीय मुख्यमंत्री के सभी कार्यक्रमों का Jhargovtv द्वारा
लाइव प्रसारण किया जाता है. अतः क्षेत्रीय केबल ऑपरेटरों के साथ बैठक कर यह
सुनिश्चित कराएं की सभी लाइव कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण उनके केवल के माध्यम
से भी प्रसारित हो ताकि लोग घर में बैठ कर भी कार्यक्रम देख सकें.
डॉ सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि योजनाओं का सफल संचालन तभी किया
जा सकता है जब आम जनता योजनाओं से संबंधित पूरी जानकारी रखेंगे एवं अपने अधिकार
के प्रति जागरूक होंगे. आम जनता को जनसंपर्क के माध्यम से ही जगाया जा
सकता है. इस कार्य में उपायुक्त एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की भूमिका
महत्वपूर्ण होगी.
डॉ वर्णवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्त एवं जिला
जनसंपर्क अधिकारियों से जनसंपर्क कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु
नए आइडियाज एवं सुझाव भी मांगे.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सूचना एवं जनसंपर्क
विभाग के निदेशक श्री राम लखन प्रसाद
गुप्ता ने भी सभी उपायुक्त एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारियों को जनसंपर्क कार्यों को प्रभावी बनाने हेतु
आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस अवसर पर
उपसचिव सूचना एवं जनसंपर्क विभाग श्री मनोज कुमार, सभी
उप निदेशक, प्रमंडलीय उपनिदेशक, सहायक निदेशक एवं जिला जनसंपर्क
पदाधिकारी उपस्थित थे.
रविवार, 28 अक्टूबर 2018
कोडरमा की धरती से सीएम रघुवर दास का एलान
12 जनवरी तक 1 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
नारी शक्ति का सम्मान करें, समृद्धि स्वतः आएगी गरीबी उन्मुलन से ही होगा बाल श्रम उन्मूलनबाल मित्र संयोजकों को सरकार देगी 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि 10 हजार शिक्षकों को राज्य स्थापना दिवस पर
सौंपेंगे नियुक्ति पत्र राज्य के
मुख्यमंत्री बाल श्रम उन्मूलन के प्रति गंभीरः कैलाश सत्यार्थी
कोडरमा। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कोडरमा की
धरती से कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं और युवतियों को
सरकार हुनरमंद बनाना चाहती है। कौशल विकास के माध्यम से यह कार्य सुनिश्चित किया
जा रहा है। 12 जनवरी तक सरकार 1 लाख लोगों को
रोजगार प्रदान करेगी। 34 हजार को पूर्व में रोजगार से आच्छादित किया जा
चुका है। 10 हजार शिक्षकों का चयन किया गया है, जिन्हें
15 नवंबर को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। राज्य गठन के उपरांत 14
साल में 38 हजार स्कूलों में से मात्र 7 हजार में बेंच डेस्क की व्यवस्था थी।
वर्तमान सरकार ने पूरे 38 हजार स्कूलों में बेंच डेस्क की
व्यवस्था कर दी है। सभी स्कूलों को बिजली से आच्छादित किया गया है।
बाल श्रम उन्मूलन हमारा लक्ष्य
सीएम रघुवर दास ने कहा कि बाल श्रम का उन्मूलन
हो, यह हमेशा से मेरा लक्ष्य रहा है। जब श्रम मंत्री के रूप में मुझे
कार्य करने का अवसर मिला तो मैंने खुद कई जगह छापेमारी कर बाल श्रमिकों को मुक्त
कराया था। बाल श्रम उन्मूलन हेतु राज्य सरकार ने कानून बनाया है, इस
दिशा में कार्य भी होते हैं। लेकिन बाल श्रम का सबसे बड़ा कारण गरीबी है। गरीबी के
उन्मूलन साथ ही बाल श्रम का भी उन्मूलन हो जाएगा। यही वजह है कि राज्य सरकार गरीबी
दूर करने हेतु प्रयासरत है और काफी हद तक इसमें हमें सफलता भी प्राप्त हो रही है।
हम गरीबी उन्मूलन के संकल्प के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहें हैं। हम ऐसा राज्य
चाहते हैं जहां कोई बच्चा अशिक्षित ना रहे। हर बच्चे को पोषाहार मिले। उपरोक्त
बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही। श्री दास कोडरमा में कैलाश सत्यार्थी
चिल्ड्रन फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभ्रक क्षेत्रों को बाल श्रम मुक्त बनाने की पहल
बनाने के प्रयास कार्यक्रम में बोल रहे थे। श्री दास ने कहा कि बाल श्रम और मानव
तस्करी तभी रुकेगी जब समाज भी संवेदनशील होकर प्रयास करे। जनजातीय क्षेत्र में यह
समस्या अधिक है इसलिए सरकार का ध्यान इन क्षेत्रों में अधिक है।
पूरे राज्य में हो बाल पंचायत समिति का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी जी आप
पूरे राज्य में बाल पंचायत समिति का गठन करें। राज्य सरकार आपके साथ है। बाल श्रम
में रोक लगे यह हमारी भी मंशा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बाल मित्र संयोजकों
को 500 रुपये प्रोत्साहन के तौर पर देगी।
मिटाकर रहेंगे पलायन का कलंक
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बच्चियों को
रोजगार दिलाने के नाम पर प्लेसमेंट एजेंसी के लोग उनका मानसिक और शारीरिक शोषण
करते हैं। यह सब उन्हें राज्य से बाहर ले जाकर किया जा रहा है। इन कार्यों पर रोक
लगे उस हेतु पार्लियामेंट में बिल पेश हो चुका है। मुख्यमंत्री ने राज्य के श्रम
विभाग को निदेश दिया कि ऐसे सेल का गठन करें जो राज्य से बाहर हेतु श्रमिकों को ले
जा रही एजेंसी का पूरा विवरण दर्ज कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल मजदूरी और
बच्चे बच्चियों के काम हेतु पलायन के कलंक को झारखण्ड मिटा कर रहेगा।
बेटा हो या बेटी ये हमारे लिए अनमोल, नारी
शक्ति का करें सम्मान
श्री रघुवर दास ने कहा कि हर बच्चे की उनका
संवैधानिक अधिकार प्राप्त हो, इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है।
अभिभावक भी इस बात का ख्याल रखें कि बेटा या बेटी दोनों को समान दृष्टि से देखें।
बेटी को जरूर पढ़ाये। प्रधानमंत्री जी ने नारा दिया है बेटी पढ़ाओ, बेटी
बचाओं...राज्य सरकार ने इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए नारा दिया...पहले पढ़ाई फिर विदाई।
क्योंकि जितना अधिक बेटी पढ़ेगी देश उतना ही विकास करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि
पर्व त्योहार व अन्य दिनों हम नारी शक्ति की पूजा करते हैं, उनके सम्मान में
शीश नवाते हैं। इसलिए नारी सशक्तिकरण बेहद जरूरी है। सृष्टि की जननी का सम्मान सभी
को करना चाहिए। बेटी ही या बेटा दोनों ही हमारा धन हैं। अगर एक बेटी पढ़ती है तो
उसमें दो परिवारों में संस्कार का संचार करने की काबलियत होती ह
मुख्यमंत्री जी की भावना को नमनः कैलाश
स्त्यार्थी
नॉबेल पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश
सत्यार्थी ने इस अवसर पर कहा कि झारखण्ड को एक ऐसा मुख्यमंत्री प्राप्त हुआ है जो
बाल श्रम उन्मूलन को लेकर काफी गंभीर हैं। इनकी कार्यप्रणाली से 1
दिन ऐसा आएगा जब झारखंड बाल श्रम से मुक्त होगा। मुख्यमंत्री जी की इस संवेदना
उनकी भावना को मेरा नमन। भगवान बिरसा की भूमि पर आकर गौरवान्वित हूं। अपने नोबेल
शांति पुरस्कार के बाद पहली बार कोडरमा आया हूं कोडरमा की मिट्टी कीचड़ में मैंने
समय बिताया है उसकी ताकत थी जो नोबेल पुरस्कार के मेडल के रूप में लौटी। यह सोने
का मेडल आपका है, पूरे झारखंड का है। श्री सत्यार्थी ने कहा कि
जब तक गांव के बच्चे को शिक्षा आजादी से आगे पढ़ने वह पेट भर जीवन जीने का अधिकार
नहीं मिल जाता तब तक हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा। कोडरमा में माईका का उत्पादन हो
यह हम भी चाहते हैं लेकिन इसमें शामिल बाल मजदूरी को समाप्त करना होगा। उत्पादन
प्रभावित करना हमारी मंशा नहीं है लेकिन अपराध और गैरकानूनी काम ना हो यह
सुनिश्चित होना चाहिए। कोडरमा के 126 गांव में बालमित्र गांव का निर्माण
हुआ है। जहां बाल मजदूरी नहीं होता है। बाल विवाह नहीं होता है। क्योंकि इस को
मिटाने का संकल्प खुद बच्चे और युवाओं ने ले रखा है। सब बच्चे स्कूल जाएंगे,
सब
पढ़ेंगे, सब बढ़ेंगे यही हमारा उद्देश्य है। श्री सत्यार्थी ने बताया कि बाल
पंचायत का परिणाम है कि जिन इलाकों में लड़कियां स्कूल नहीं जाती थी उन इलाकों में
500 से अधिक लड़कियों ने पंचायत चुनाव में भाग लिया 600 से
अधिक बच्चियों ने बाल विवाह से इनकार किया। यह संभव हुआ बेटियों के अन्याय के को
अस्वीकार करने से। बिरसा मुंडा की इस पावन भूमि ने उन्हें ताकत प्रदान की। हम सबको
मिलकर संकल्प लेना है अगर विकास करना है तो हमें सहभागिता बनानी है हमें समन्वय
में करना है और यह तय करना है कि कोई बाल मजदूरी ना हो। यह सहयोग से ही संभव है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी, सुमेधा
सत्यार्थी, राज्य की शिक्षा मंत्री नीरा यादव, एनसीपीसीआर
के प्रियांक कानूनगो, बरकट्ठा के विधायक जानकी प्रसाद यादव, बरही
के विधायक मनोज यादव, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव राजीव
अरुण एक्का, श्रमायुक्त विप्रा भाल, अध्यक्ष बाल संरक्षण
आयोग, आरती कुजूर, आयुक्त उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल सुरेंद्र
कुमार सिंह, जिला परिषद की अध्यक्षा शालिनी गुप्ता नगर
पंचायत की अध्यक्षा कांति देवी, पी नागरो मालाथी, गुरुतारोण हक, कोडरमा के
उपायुक्त, एसपी तथा बहुत बड़ी संख्या में बाल पंचायत के बच्चे उपस्थित थे।
मंगलवार, 10 जुलाई 2018
झारखंड सरकार के मंत्रिपरिषद ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
·
कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रा पर जाने
वाले झारखण्डवासियों को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने की स्वीकृति
दी गयी
·
मानगो नगर निगम एवं जुगसलाई नगर परिषद
के पुराने पी.एल. खाता की राशि को नए पी.एल.
खाता में अंतरित करने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई।
·
झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि नियमावली] 2018 के गठन की स्वीकृति दी गई।
·
सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत गम्हरिया
अंचल के मौजा मोहनपुर] खाता नंबर 42 के विभिन्न प्लाट में सन्निहित कुल रकबा 14-53 एकड़ गैरमजरूआ खास भूमि को कुलदेव राशि
रु. 12]17]21]889@- (बारह करोड़ सत्रह लाख इक्कीस हजार आठ सौ नवासी) रुपैया
मात्र की अदायगी पर नवीकरण विकल्प के साथ शिक्षण प्रचार-प्रसार हेतु मे.आरका एजुकेशनल
एंड कल्चरल ट्रस्ट के साथ 30 वर्षों के लिए व्यवसायिक प्रयोजनार्थ लीज बंदोबस्ती की स्वीकृति दी गई
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कैपिटल विश्वविद्यालय विधेयक] 2018 के अनुमोदन को स्वीकृति दी गई।
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झारखंड राय विश्वविद्यालय] (संशोधन) विधेयक] 2018 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई।
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वित्तीय वर्ष 2018&19 में डीवीसी एवं अन्य बकाया भुगतान हेतु
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को अनुदान मद में बजट उपबंधित राशि रुपए 750 करोड़ के विरुद्ध डीवीसी को भुगतान करने
हेतु रुपए 750 करोड़ झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को अनुदान के रूप में एकमुश्त विमुक्त
करने की स्वीकृति दी गई।
·
सप्तम वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप नई वेतन
संरचना में वेतन निर्धारण हेतु विकल्प चयन की स्वीकृति दी गई।
·
झारखंड पेंशन नियमावली 2000 में संशोधन के प्रारूप पर स्वीकृति दी
गई।
·
झारखण्ड राज्य पुलिस अवर निरीक्षक सीमित
विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा नियुक्ति नियमावली (भर्ती पद्धति) 2016 में संशोधन की स्वीकृति दी गई।
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राज्य में झारखण्ड मिल्क फेडरेशन के माध्यम
से पलामू जिला में नई डेयरी की स्थापना निमित झारखण्ड मिल्क फेडरेशन के पी0एल0 खाता में संचित कुल राशि 700 लाख रू0 (सात करोड़ रूपये) को झारखण्ड कोषागार संहिता] 2016 में नियम
261 ¼इ
) एवं नियम 332 को शिथिल करते हुए झारखण्ड मिल्क फेडरेशन के बचत बैंक खाता में हस्तांतरित करने
की स्वीकृति तथा उक्त परियोजना का क्रियान्वयन हेतु स्वीकृति राशि भविष्य में झारखण्ड
मिल्क फेडरेशन के बचत बैंक खाता में उलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई।
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इस्लाम नगर] रांची में 444 आवास के निर्माण हेतु रू0 33]04]11]800@¼तैंतीस करोड़ चार
लाख ग्यारह हजार आठ सौ रूपये मात्र) की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के संबंध में
निर्गत संकल्प संख्या-1833 दिनांक 18-03-2017 में संशोधन की स्वीकृति।
·
पूर्व से संचालित केन्द्र प्रायोजित अम्ब्रेला समेकित बाल विकास सेवाएं’’ योजनान्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों को केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक
में परिवर्तित नाम एवं दर पर संचालन की स्वीकृति दी गई।
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31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वर्ष का झारखण्ड सरकार के राजस्व क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक
एवं महालेखा परीक्षक का लेखा परीक्षा प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर उपस्थापन
की स्वीकृति दी गई।
·
वित्तीय वर्ष 2016-17 के (प) वित्त लेखे एवं (पप) विनियोग लेखे
झारखण्ड विधान सभा के पटल पर उपस्थापन की स्वीकृति।
·
31 मार्च 2017 को समाप्त हुए वर्ष का झारखण्ड सरकार के राज्य वित्त पर भारत के नियंत्रिक एवं
महालेखा परीक्षक का लेखापरीक्षा प्रतिवेदन को झारखण्ड विधान सभा के पटल पर उपस्थापन
की स्वीकृति दी गई।
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झारखण्ड मोटरवाहन करारोपण (संशोधन) विधेयक
2018 के प्रारूप पर
स्वीकृति।
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झारखण्ड नगरपालिका अधिनियम] 2011 यथा संशोधित अधिनियम] 2017 की विभिन्न धाराओं में संशोधन] अन्तःस्थापन एवं प्रतिस्थापन संबंधी झारखण्ड
नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश] 2018 ¼झारखण्ड अध्यादेश संख्या-01] 2018½ को अधिनियमित करने हेतु झारखण्ड नगरपालिका (संशोधन) विधेयक] 2018 की स्वीकृति दी गई।
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