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मंगलवार, 3 सितंबर 2019

मोबाइल लोकेशन से सुलझी हत्या की गुत्थी

तीन सगे भाई आरोप मुक्त, असली आरोपी पकड़ा गया
अपह्रत ने अपहर्ता को पत्थर से कुचल कर की थी हत्या


चाईबासा। चाईबासा पुलिस ने हत्या के एक पेचीदा मामले में तीन नामदर्ज बेकसूर आरोपी को न सिर्फ जेल जाने से बचा लिया, बल्कि तीनों आरोपी युवकों को हत्या के आरोप से पूरी तरह मुक्त कर दिया है और हत्या के सही आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस के इस अनुसंधान से पुलिस की न सिर्फ छवि बदली है, बल्कि जनता पर विश्वास भी कायम हुआ है.

दरअसल, इसी साल फरवरी के 20-21 तारीख को आनंदपुर थाना में चोडरप्पा गांव के सुदामा बडाइक की पत्थर से कुच कर हत्या कर दी गई थी, उसकी हत्या में परिवार वालों ने तीन सगे भाइयों को नामजद आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. लेकिन जब पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया तो तीनों सगे भाई की हत्या में संलिप्तता मिली नहीं, इसलिए पुलिस ने सबुत के आभाव में तीनों भाइयों को गिरफ्तार नहीं किया था.

इस दौरान पुलिस अभी अनुसंधान में लगी ही थी कि एक दिन मृतक के मोबाइल का लोकेशन पता चल गया और उस मोबाइल के सहारे पुलिस मुख्य आरोपी मॉरियस गुडिया तक पहुंच गई और पुलिस ने मॉरियस गुडिया गिरफ्तार कर लिया और जब सख्ती से उससे पूछ-ताछ की गयी तो मॉरियस ने पूरी घटना बता दी.

अपराधी और दबंग किस्म का मृतक सुदामा हत्या वाले दिन मॉरियस के दुकान पहुंचा और 30 हजार रुपये की रंगदारी की मांग की, रंगदारी नहीं देने पर उसका मोबाइल छीन लिया और अपनी बाइक पर बिठा लिया.  बाइक पर पीछे बैठे मॉरियस ने अचानक उस पर पीछे से वार कर दिया जिससे सुदामा बाइक से नीचे गिराया, सुदामा के बैक से गिरते ही मॉरियस ने सुदामा की पत्थर से कुच कर हत्या कर दी. सुदामा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. मृतक सुदामा के पॉकेट से अपना और मृतक दोनों का मोबाइल फोन निकाल कर चुपचाप घर लौट गया. इधर सुदामा के परिवार वालों से उसकी हत्या का आरोप सुदामा के पुराने दुश्मन मृत नंदकिशोर बडाइक के तीनों बेटे पर लगा दिया.

पुलिस की गंभीरता से की गई जांच से तीन निर्दोष भाइयों की जिंदगी बच गई और पुलिस ने अपनी छवि निर्दोष को बचाने और असली मुजरिम को सजा दिलाने में कामयाब हो गई, जिससे जनता का नि:संदेह विश्वास बढेगा. एसपी इंद्रजीत महथा ने इसके लिए आनंदपुर के थाना प्रभारी खुर्शीद आलम और मनोहरपुर डीएसपी विमलेश त्रिपाठी की जम कर प्रशंसा करते हुए पुरस्कृत करने का आश्वासन दिया.

गुरुवार, 19 जुलाई 2018

भाजपा नेता धीरज राम की हत्या से शोक की लहर

 सुबोधकांत सहाय ने जताया शोक,अंत्येष्टि मे हुए शामिल।

रांची। डोरंडा महावीर मंडल के उपाध्यक्ष, भाजपा एससी मोर्चा, डोरंडा मंडल के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता धीरज राम की हत्या 18 जुलाई को तड़के सुबह गोली मारकर कर दी गई थी। हत्यारों ने उन्हें चार गोलियां मारी थीं। गोली लगते ही वे अपनी स्कूटी से नीचे गिर पड़े थे। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अभी तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिला है।
 उनकी मौत पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने शोक जताया है। गुरुवार को श्री सहाय स्व.राम के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। हत्याकांड पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राजधानी में अपराधी बेखौफ और बेलगाम हैं। खुलेआम आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर अपराधी रफूचक्कर हो जा रहे हैं और  पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बनी रहती है। उन्होंने कहा कि धीरज के हत्यारे को पुलिस जल्द गिरफ्तार करे,अन्यथा जनता सड़को पर उतरकर आंदोलन के लिए विवश होगी।मौके पर रांची महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष संजय पांडेय, कांग्रेस नेता आलोक दुबे, शंभू गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।

सोमवार, 9 जुलाई 2018

समझौते के लिए बुलाया और टांगी से काट डाला

रांची। डायन बिसाही के एक विवाद पर दो परिवारों के बीच सुलह की प्रक्रिया के क्रम में वादी पक्ष ने परिवादी पक्ष के तीन लोगों को घर बुलाकर टांगी से काट डाला। इसमें एक युवक की मौत हो गई जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना पलामू जिले के भवनाथपुर थाना क्षेत्र की है। वहां अरसली दक्षिणी पंचायत का एक टोला है सिकियाटोला। सिकिआलेवा टोला के सुरेश भुइयां ने जंगाली भुइयां और उसके पुत्र सूर्यलाल एवं सर्वेश को रविवार की रात मांस खाने और दारू पीने के लिए बुलाया। इसी बीच समझौते पर बात होनी थी। दोनों पक्षों के बीच 2015 से गढ़वा कोर्ट में डायन विसाही का मुकदमा चल रहा था। जंगाली और उसके दो बेटे परिवादी थे। सोमवार को सुनवाई थी। इससे पूर्व सुलह समझौता पर बात चल रही थी। खाने-पीने के दौरान चर्चा चल ही रही थी कि परिवादी पक्ष के सुरेश भुइयां, उनके पुत्र दहदुल भुइयां ,विनय भुइयां व अन्य ने समझौते के लिए एक लाख रुपये देने की शर्त रखी। जंगाली ने मांगी गयी रकम देने मे असर्मथता जतायी। इसपर गरमा-गरमी हुई। इसी बीच सुरेश, दहदुल व उनके समर्थकों ने टांगी निकाल ली। जब तक जंगाली और उसके बेटे कुछ समझ पाते, दूसरे पक्ष ने उन पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। इससे सूर्यलाल की मौके पर ही मौत हो गयी। जंगाली और सर्वेश बेतरह घायल हो गए।
सुरेश भुइयां ने ओझा-गुणी का आरोप लगाकर पांच वर्ष पूर्व भवनाथपुर थाना में जंगाली व उसके बेटों पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी। वे पस में रिश्तेदार थे। वर्ष 2015 में केस शुरू हुआ, तो जंगाली और उसके बेटों समेत पांच लोगों को जेल जाना पड़ा। बाद में दोनों पक्षों ने रिश्ते का हवाला देकर कानूनी लड़ाई के बदले सुलह करने का मन बनाया। रविवार देर शाम सुलह की बात चल ही रही थी कि विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ी कि निमंत्रण देने वाले ने रिश्तेदार के एक बेटे के मौत के घाट उतार दिया और शेष दो को मरणासन्न अवस्था में पहुंचा दिया। पुलिस ने घयलों को अस्पताल और मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल वे अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
 झारखंड में डायन बिसाही के मामले में हत्या की घटनाएं आम हैं। यहां जागरुकता अभियान के तमाम सरकारी गैर सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। यहां अंधविश्वास की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उसे कोई डिगा नहीं पा रहा है। उनके बीच सरकारी संस्थाएं हैं, नक्सली हैं, एनजीओं हैं, सामाजिक संस्थाएं हैं लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ रहा।



स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...