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बुधवार, 18 सितंबर 2019

आदिवासियों के हितों की रक्षा कर रही झारखंड सरकारः अमित शाह

होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित हुआ "पूर्वोदय" कार्यक्रम, सम्मिलित हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
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★ जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख का सर्वांगीण विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकता

★ नक्सलवाद मुक्त देश बनेगा भारत
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रांची। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख का सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से हटाए जाने को भारत का अंदरूनी मामला मानते हुए भारत का समर्थन पूरे विश्व ने किया है. केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत ही अनुच्छेद 370 जैसी धारा को जम्मू कश्मीर से हटाया जा सका है. उक्त बातें केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने होटल रेडिसन ब्लू रांची में आयोजित "पूर्वोदय" कार्यक्रम में कहीं.

कश्मीर पर पूरा विश्व भारत के साथ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसे लेकर किसी से युद्ध जैसी कोई बात नहीं है. जब से अनुच्छेद 370 संविधान का हिस्सा बना, तभी से ये माना जा रहा था कि यह अनुच्छेद अस्थायी है और यह धारा हटना चाहिए तभी जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विकास का रास्ता खुलेगा. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और भारत के संविधान के अंतर्गत अपने देश के अंदर हम जो भी बदलाव करना चाहते हैं वो भारत की संसद का अधिकार है. कश्मीर के मुद्दे पर पूरा विश्व भारत के साथ एकजुट है और सबने ये स्वीकार किया है कि आतंकवाद का बढ़ना पूरे विश्व के लिए खतरनाक संकेत हैं. यही कारण है कि आज पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है.

अब जम्मू कश्मीर में सरकार की योजनाओं का संचालन सफलतापूर्वक हो सकेगा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब कश्मीर में स्वास्थ्य सुविधा भी पहुंचेंगी. एजुकेशनल इंस्टीट्यूट खुलेंगे. अच्छे होटल खुलेंगे. रोजगार बढ़ेंगे. नए उद्योग लगेंगे. एक प्रकार से धारा 370 कश्मीर और उसके विकास के बीच की बहुत बड़ी बाधा थी जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हटा दिया. अब केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी जन उपयोगी योजनाएं सफलतापूर्वक जम्मू एवं कश्मीर में लागू हो सकेंगे जिससे वहां के लोगों का विकास हो सकेगा.

एनआरसी पूरे देश में लागू होगा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी सिर्फ असम नहीं बल्कि पूरे देश में लागू होगा
उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां दूसरे देश का कोई भी जाकर ऐसे ही बस सकता है. देश के नागरिकों का रजिस्टर होना समय की जरूरत है, ना केवल सिर्फ असम बल्कि देश भर में NRC लागू होगा.


नक्सलवाद मुक्त देश बनाना सरकार की प्राथमिकता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के पहले टर्म की सरकार से ही देश के विभिन्न राज्यों में पनप रहे नक्सलवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. आने वाले समय में केंद्र एवं राज्य सरकार आपसी समन्वय स्थापित कर नक्सलवाद को जड़ से मिटाने का काम करेगी. नक्सलवाद मुक्त देश बनाना सरकार की प्राथमिकता है. झारखंड में भी नक्सलवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है. राज्य सरकार ने नक्सलवाद को दूर करने की दिशा में बहुत अच्छा काम किया है.

आदिवासियों के लिए काम करने वाली है वर्तमान सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों के लिए बात करने वाली बहुत सी सरकार आई लेकिन आदिवासियों के लिए काम करने वाली सरकार वर्तमान सरकार है. झारखंड की वर्तमान सरकार ने आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई हैं. इन योजनाओं का लाभ आदिवासी समाज के लोगों को निरंतर मिल रहा है. झारखंड में मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध प्रयास किए गए हैं.

सोमवार, 26 अगस्त 2019

दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक

सीएम रघुवर दास ने कहा-

क्लियर, होल्ड और डेवलप नीति की तहत झारखण्ड में हो रहा है काम, हमें अर्द्ध सैनिक बलों की अभी जरूरत है

2014 के बाद नक्सली घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई

14 वर्ष में 22248 किमी सड़क तो 2014 से केवल 5 वर्ष में 22865 किमी ग्रामीण सड़क बनी


नई दिल्ली/रांची। झारखंड में अपनाई गई क्लियर, होल्ड और डेवलप नीति के तहत वर्तमान परिपेक्ष में राज्य को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की नितांत आवश्यकता है। दिसंबर 2014 से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रयास का परिणाम है कि 2015 से 2019 की कुल नक्सली घटनाओं की तुलना 2010 से 2014 के नक्सली घटनाओं से की जाए तो 60 प्रतिशत की कमी परिलक्षित हुई है। नक्सलियों द्वारा आम लोगों को मारे जाने की घटना में एक तिहाई की कमी, जबकि सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए नक्सली की संख्या में दोगुनी से भी अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2015 से 2019 के बीच आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या दुगनी हो गई और पुलिस द्वारा नक्सलियों से हथियार की बरामदगी में भी तीन 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्ष ता में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में कही।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों के जीवन में बदलाव लाने का हो रहा प्रयास


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी बहुआयामी रणनीति के तहत जहां एक तरफ राज्य पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बल लगातार कंधे से कंधा मिलाकर नक्सलवाद के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा रहा है। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सरकार द्वारा फोकस एरिया डेवलपमेंट प्लान के तहत राज्य की गरीब एवं आदिवासी जनता को आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए अनेक विकास कार्य कर लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है।

चुनाव में 275 कंपनी बल की जरूरत होगी

श्री दास ने कहा कि निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगभग 275 कंपनी अर्धसैनिक बलों की शांतिपूर्ण चुराए चुनाव कराने के लिए आवश्यकता होगी। इसे मुहैया कराने हेतु मैं गृह मंत्रालय से अनुरोध करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के आभारी है कि झारखंड में जो केंद्रीय अर्ध सैनिक बल उपलब्ध कराए गए हैं वे लगातार झारखंड पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों से जूझ रहे हैं। झारखंड में नक्सलवाद अंतिम पड़ाव पर है। इस समय नक्सलियों पर सुरक्षाबलों द्वारा दबाव बन रहा है। उसके लिए आवश्यक है कि झारखंड में अर्द्ध सैनिक बलों को आने वाले दो-तीन वर्षों तक कमी ना की जाए।

14 वर्ष में 22248 किमी सड़क, 5 वर्ष में 22865 किमी ग्रामीण सड़क

मुख्यमंत्री ने बताया कि शुरुआती सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्र क्षेत्र के गांव आज सड़क मार्ग से जुड़ चुके हैं। वहां विकास योजनाएं पहुंच रही हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इन क्षेत्रों में स्थापित पुलिस पिकेट और कैंपो का रहा है, जहां कहीं भी नक्सलियों द्वारा विकास कार्यों में किसी तरह की बाधा पहुंचाई गई। वहां विकास कार्य सुरक्षा बलों की सहायता से संपन्न कराया गया। 2001 से 2014 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 222418 किलोमीटर सड़क मात्र बनाई गई थी, वहीं विगत 5 वर्षों में 22865 किलोमीटर सड़क बनाई गई। विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत दी जानेवाली राशि से उग्रवाद प्रभावित जिलों में काफी तेजी से आधारभूत संरचनाओं एवं विकास कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

2500 से अधिक अवर निरीक्षकों की हुई बहाली

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अवर निरीक्षक की भारी कमी नक्सल अभियान के सुचारू संचालन में एक मुख्य बाधा थी। क्योंकि पिछले ढाई दशक में मात्र 250 पुलिस अवर निरीक्षकों की बहाली हो पाई थी। वर्तमान सरकार द्वारा 2014 के बाद 2500 से ज्यादा पुलिस अवर निरीक्षकों की बहाली की गई जो अभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उम्मीद है कि इनके प्रशिक्षण के बाद फील्ड में आने से झारखंड पुलिस की कार्यशैली एवं कार्य क्षमता में अतुलनीय वृद्धि होगी।

शनिवार, 23 जून 2018

...तो क्या सचमुच सबसे बड़ा घोटाला थी नोटबंदी



धीरे-धीरे इस आरोप की पुष्टि हो रही है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं को नोटबंदी की पहले से जानकारी थी और उन्होंने इसका भरपूर लाभ उठाया था। भाजपा की विभिन्न इकाइयों पर बिहार समेत देश के कई राज्यों में नोटबंदी से ठीक पहले बड़े-बड़े भूखंड खरीदने का आरोप तो 2016 में ही लगा था। इसकी कोई जांच-पड़ताल नहीं हुई। इधर एक नई बात सामने आई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से जुड़े सहकारी बैंक के जरिए 745.58 करोड़ के पुराने नोट बदले गए। यह रकम देश के 370 जिला स्तरीय सहकारी बैंकों में सबसे ज्यादा है। यही नहीं भाजपा नेताओं से जुड़े सहकारी बैंकों में सबसे ज्यादा नोट जमा किए और बदले गए हैं। राहुल गांधी ने पहले ही नोटबंदी को आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया था। अब उनकी बात सत्यता के करीब पहुंच रही है। इस मामले की पुष्टि नबार्ड ने सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए प्रश्न के जवाब में की है। महाराष्ट्र के सूचना अधिकार कार्यकर्ता मनोरंजन एस राय ने नबार्ड से सूचना अधिकार के तहत स संबंध में जानकारी मांगी थी। इसपर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य वरिष्ट नेताओं ने आरोपों की बौचार की है लेकिन अभी तक भाजपा की ओर से कोई सफाई नहीं आई है। ट्वीटर पर यह मामला गर्म है। टेलीग्राफ ने इसकी विस्तृत रपट प्रकाशित की है। उल्लेख्य है कि नोटों की अदला-बदली नोटबंदी की घोषणा के दो दिन बाद 10 नवंबर से शुरू हुई थी। 14 नवंबर को सहकारी बैंकों में पुराने नोटों को जमा करने पर पाबंदी लगा दी गई थी। तर्क यह था कि उनके जरिए काले धन को सफेद किया जा सकता है। सहकारी बैंकों में यह रकम मात्र पांच दिनों में जमा की गई है।
अहमदाबाद जिला को-आपरेटीव बैंक जिसमें सबसे बड़ी राशि जमा की गई, अमित शाह उसके चेयरमैन हुआ करते थे। अब उनके करीबी भाजपा नेता अजय पटेल चेयरमैन हैं। शाह सिर्फ निदेशक मंडल के सदस्य हैं। कांग्रेस के संचार प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया है कि यह रकम किसकी थी। उनका कहना है कि उन्होंने सरकार से नोटबंदी से पूर्व और उसके पश्चात 25 लाख से अधिक राशि जमा करने वालों की सूची मांगी थी लेकिन उसे मुहैय्या नहीं कराया गया। उनका कहना है कि बड़े भूखंडों की खरीद संबंधी जानकारी उनके पास है। नोटबंदी से पूर्व कुछ भाजपा नेताओं के पास नए नोट पकड़े गए थे। यह कैसे हुआ। इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि यह प्रधानमंत्री पद की विश्वसनीयता और गरिमा से जुड़ा प्रश्न है। श्री सुरजेवाला ने ,चना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए कहा है कि गुजरात में भाजपा नेताओं के से जुड़े 11 जिलों के सहकारी बैंकों में 10 नवंबर 2016 से 14 नवंबर 2016 के बीच 3118.51 करोड़ के पुराने नोट जमा किए गए। भाजपा शासित राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं से जुड़े सहकारी बैंकों में 14293.71 करोड़ जमा किए गए जबकि सभी सहकारी बैंकों को मिलाकर पांच दिनों में कुल जमा रकम 22270.80 करोड़ की थी। सितंबर 2016 में बैंकों में अन्य वर्षों की तुलना में 5.88 लाख करोड़ की राशि अधिक जमा की गई थी। यही नहीं 1 से 15 सितंबर के बीच 3 लाख करोड़ की राशि फिक्स्ड डिपोजिट कराई गई थी। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि नोटबंदी की योजना की जानकारी कुछ लोगों को पहले से थी और उन्होंने अपना काला धन समय रहते व्यवस्थित कर लिया था। हालाकि नबार्ड अहमदाबाद बैंक में जमा की गई राशि को अप्रत्याशित नहीं मानता।

-देवेंद्र गौतम


स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...