समाज के सजग
प्रहरी के रूप में सेवाएं जारी रखने का संकल्प
रे ग्राम सेवा
फाउंडेशन का विशेष अभियान 17 जुलाई से
रांची। तिरंगा सम्मान यात्रा अभियान दूर दराज
के गावों में भी राष्ट्रवाद का अलख जगा रहा है।झारखंड के चतरा, लातेहार और पलामू के
ग्रामीण इलाकों में इसका लगातार आयोजन किया जा रहा है। झारखंड के प्रख्यात समाजसेवी
और राष्ट्रीय तिरंगा सम्मान यात्रा के प्रणेता सुधांशु सुमन ने कहा कि देश की एकता,अखंडता
और राष्ट्रवाद का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शुरु की गई तिरंगा
सम्मान यात्रा अभियान सफलता की सीढियां चढ़ रहा है। लोगों के बीच राष्ट्रीयता और
देशप्रेम का भाव जगाते हुए ,उनकी भावनाओं का कद्र करते हुए
राष्ट्रवाद का अलख जगाया जा रहा है। श्री सुमन रविवार को सामाजिक संस्था रे ग्राम
सेवा फाउंडेशन के तत्वावधान में चतरा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत सिमरिया प्रखंड के
कसारी पंचायत (बगरा मोड़ के समीप) में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल
रहे थे। संस्था की ओर से चतरा, लातेहार व पलामू के सुदूरवर्ती
पंचायतों व गांवों में चलाए जा रहे तिरंगा सम्मान यात्रा की जानकारी साझा करने के
लिए बगरा मोड़ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी कर्म भूमि
चतरा के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर हैं। समाज के सजग प्रहरी के रूप में
सेवाएं जारी रखेंगे। बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांवों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध
कराने की दिशा में सतत प्रयत्नशील रहेंगे। गांवों में बिजली, पानी,
सड़क,
स्वास्थ्य,
शिक्षा
आदि की समुचित व्यवस्था करने की पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मूल
उद्देश्य तिरंगा सम्मान यात्रा के माध्यम से लोगों में राष्ट्रीयता का भाव जगाते
हुए, जन समस्याओं से रू-ब-रू होना व ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया
कराना है। श्री सुमन ने कहा कि इस अभियान को जारी रखते हुए 17
जुलाई से चतरा संसदीय क्षेत्र के सभी प्रखंडों व पंचायतों में नुक्कड़ सभा आयोजित
की जाएगी। लोगों को तिरंगा सम्मान यात्रा के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए
जागरूक किया जाएगा। मौके पर लावालौंग प्रखंड के लमटा पंचायत के अध्यक्ष तुलसी यादव,
प्रखंड
उपाध्यक्ष भोला साव, चतरा लोकसभा क्षेत्र की महिला प्रभारी प्रतिमा
देवी, कसियातु पंचायत के मुखिया बालकिशुन तूरी ने भी उपस्थित जन समूह को
संबोधित किया।
इस
अवसर पर रामनरेश कुमार, अमन अग्रवाल, प्रमोद सिंह ,
गिरधारी
उरांव, सूर्यदेव टानाभगत, इंद्रजीत कुमार सिंह, उदय
कुमार सिंह, सुरजीत कुमार सिंह, चिंता तिर्की
सहित काफी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।
