हजारीबाग सदर असपताल का कारनामा
मनीष कुमार
हजारीबाग। शहर के सदर ्अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम यह है कि मरीजों को आक्सीजन का खाली सिलिंजर लगा दिया जा रहा है जिससे उसकी मौत हो जा रही है। अभी मड़ई खुर्द की गर्भवती महिला मैमून निशा प्रसव के लिए अस्पताल में आई थी। उसका आपरेशन किया गया। इसके बाद उसे आक्सीजन का सिलिंडर लगा दिया गया। डाक्टरों ने यह जांच कर लेने की जरूरत नहीं समझी कि उसमें आक्सीजन है भी या नहीं। सिलिंडर खाली था। नतीजतन आक्सीजन की कमी से मैमून निशा की मौत हो गई। सिलिंडर लगाए जाने के बाद उसके परिजनों को सिलिंडर खाली होने का संदेह हुआ था। उन्होंने चिकित्सकों से इसकी शिकायत की थी। लेकिन कोई भी चिकित्सक देखने नहीं आया। जब हालत बिगड़ने लगी तो उसे रेफर कर दिया गया। लेकिन उछ ही देर में वह तड़प-तड़प कर मर गई। सुनिए उसके परिजनों की चीत्कार....
मनीष कुमार
हजारीबाग। शहर के सदर ्अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम यह है कि मरीजों को आक्सीजन का खाली सिलिंजर लगा दिया जा रहा है जिससे उसकी मौत हो जा रही है। अभी मड़ई खुर्द की गर्भवती महिला मैमून निशा प्रसव के लिए अस्पताल में आई थी। उसका आपरेशन किया गया। इसके बाद उसे आक्सीजन का सिलिंडर लगा दिया गया। डाक्टरों ने यह जांच कर लेने की जरूरत नहीं समझी कि उसमें आक्सीजन है भी या नहीं। सिलिंडर खाली था। नतीजतन आक्सीजन की कमी से मैमून निशा की मौत हो गई। सिलिंडर लगाए जाने के बाद उसके परिजनों को सिलिंडर खाली होने का संदेह हुआ था। उन्होंने चिकित्सकों से इसकी शिकायत की थी। लेकिन कोई भी चिकित्सक देखने नहीं आया। जब हालत बिगड़ने लगी तो उसे रेफर कर दिया गया। लेकिन उछ ही देर में वह तड़प-तड़प कर मर गई। सुनिए उसके परिजनों की चीत्कार....