यह ब्लॉग खोजें

सोलर एनर्जी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सोलर एनर्जी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 10 जुलाई 2018

सोलर ऊर्जा से होगी पर्यावरण की रक्षाः शिवराज सिंह चौहान



राज्य के पहले संयंत्र का उद्घाटन
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सौर ऊर्जा भविष्य की नहीं, अब वर्तमान की ऊर्जा बन गई है। मध्यप्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में पूरे देश में पहचान बनाई है। श्री चौहान आज यहां मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के भवन पर स्थापित प्रदेश के पहले 200 किलोवाट क्षमता के शासकीय रूफटॉप सोलर ऊर्जा संयत्र का शुभारंभ कर रहे थे। एक करोड़ बीस लाख रुपये लागत से स्थापित इस संयंत्र में बिजली बनना शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिये सोलर एनर्जी एकमात्र प्रभावी विकल्प है। शासकीय भवनों में सोलर पैनल से सौर ऊर्जा उत्पादन करने का काम शुरु हो गया है। सोलर ऊर्जा संयत्र की लागत तीन चार साल में ही वसूल हो जाती है। उन्होंने कहा कि रीवा में दुनिया का पहला ऐसा सोलर एनर्जी प्लांट लगाया गया है, जिसमें ऊर्जा उत्पादन की लागत दो रूपये 97 पैसे प्रति यूनिट है।
श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये हर नागरिक एक पौधा जरूर लगाये और उसकी रक्षा करे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचाने और जीवन बचाने की यह शुरूआत है। प्रदेश में 15 जुलाई से पौधा रोपण अभियान शुरु हो रहा है। उन्होंने स्कूलों में फर्नीचर देने और अधोसंरचना बढ़ाने के काम करने के लिये माध्यमिक शिक्षा मंडल की सराहना की। उन्होने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल तीन स्कूल और संचालित करेगा। उन्होंने पांच सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले स्कूलों को पुरस्कृत करने की पहल करने के लिये मंडल की प्रशंसा की। श्री चौहान ने इस अवसर पर माध्यममिक शिक्षा मंडल के उत्कृष्ट काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित किया।
माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री आर.एस. मोहंती ने बताया कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से आज मध्यप्रदेश सोलर ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन में देश में पहले स्थान पर आ गया है। उन्होने कहा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बच्चों को विभिन्न ऑनलाइन सुविधाएं उपलबध करवाई हैं और अब शासन की नीति का लाभ उठाते हुए सौर ऊर्जा उत्पादन में भी पहल की है ।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, नवकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी, माध्यमिक शिक्षा मंडल के उपाध्यक्ष श्री भागीरथ कुमरावत, सदस्य श्री भावसार, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री विजेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रमुख सचिव नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड मुखर्जी और आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत उपस्थित थे।

शनिवार, 7 जुलाई 2018

ज़नरूफ के सह-संस्थापक प्राणेश चौधरी की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात



नॉर्थ इंडिया में ऊर्जा संरक्षण करने और लोगों को सौर उर्जा प्रदान करके भारी बिजली के बिल से मुक्ति दिलाने वाली कंपनी ज़नरूफ नॉर्थ इंडिया के साथ ही साथ भारत के अन्य प्रदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। 2016 में स्थापित यह कंपनी लोगों के घरों की छतों पर सौर उर्जा प्राप्त करने के लिए रूफटॉप इंस्टॉलेशन करती है, जिससे घर के अंदर बिजली की जगह हर उपकरण सौर उर्जा से चलता है। इस तरह कंपनी ने मंहगी होती जा रही बिजली को सौर उर्जा से प्रतिस्थापित कर दिया है। 2016 से 2018 के बीच दो वर्षों के अंदर ही ज़नरूफ ने नॉर्थ इंडिया के सबसे बड़े 10 शहरों में सबसे अधिक रेसिडेंशियल रूफटॉप इंस्टॉलेशन किए हैं।  
सोलार रूफटॉप के बारे में जानने के लिये आप कॉल करें नं 9205695693 पर। ज़नरूफ ने कई्र शहर जैसे आगरा, गुरूग्राम, दिल्ली, चंडीगढ इत्यादि में सोलार रूफटॉप इंस्टॉल किये हैं।
हाल ही में भुवनेश्वर में हुए कॉन्फ्रेंस समारोह में कंपनी के सह-संस्थापक प्राणेश चौधरी ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कौशल विकास और उद्यम, केंद्रीय मंत्री माननीय  धर्मेंद्र प्रधान को ज़नरूफ ऐप के बारे में जानकारी दी। साथ ही बताया गया कि ज़नरूफ ऐप कैसे काम करता है और किस तरह यह सौर उर्जा का उपयोग करके ऊर्जा संरक्षण करने में योगदान दे रहा है।
क्या आपको पता हैं?
कि हमारी पृथ्वी में प्रति वर्ग मीटर में लगभग 1366 वॉट का सीधा सौर प्रकाश आता है। सौर उर्जा के उपयोगकर्ताओं द्वारा लगभग 75 मिलियन बैरल तेल और 35 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड की वार्षिक बचत होती है।
यदि दुनिया के केवल 1 प्रमिशत भूमि के हिस्से पर भी सोलर पैनल लगाए जाते हैं तो वह पूर्ण वैश्विक बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इन उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखकर ज़नरूफ ने स्मॉल होम, मिडियम होम, लार्ज होम के रूप में घर की बिजली की आवश्यकता के आधार पर इंस्टॉलेशन की क्षमता के लिए उनका वर्गीकरण किया है।
स्मॉल होम- जिसमें 1-2 लोग रहते हैं, 3 किलो वॉट का सिस्टम पर्याप्त होता है तथा इसमें फ्रिज, लाइट्स (10 से कम) वॉशिंग मशीन(1 लोडध्सप्ताह), एलसीडी टीवी, डिशवॉशर(2 लोडध्सप्ताह) आदि कवर होते हैं।
मिडियम होम- जिसमें 2-3 लोग रहते हैं, 5 किलो वॉट का सिस्टम पर्याप्त होता है तथा इससे फ्रिज, लाइट्स (10-20), एलसीडी टीवी, वॉशिंग मशीन(3-5 लोडध्सप्ताह), डिशवॉशर (अधिकतम 5 लोडध्सप्ताह), कंप्यूटर, छोटा एसी इत्यादि कवर होते हैं।
लार्ज- होम दृ जिसमें 4़ लोग रहते हैं, 10 किलो वॉट का सिस्टम पर्याप्त होता है तथा इसमें फ्रिज, हेलोजन लाइट्स (20़), प्लाज्मा मल्टीपल टीवी, वॉशिंग मशीन(5़ लोडध्सप्ताह), डिशवॉशर(5़ लोडध्सप्ताह), क्लॉथ ड्रायर(5़ लोडध्सप्ताह), कंप्यूटर, बड़े या मल्टीपल एसी, पूल पंप इत्यादि कवर होते हैं।
पर्यावरण की रक्षा करते हुए बढ़ती जनसंख्या व बढ़ते ऊर्जा उपयोग का किफायती व पर्यावरण हितैषी समाधान ज़नरूफ ने निकाला है, जो आज के समय की आवश्यकता है।    

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...