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गुरुवार, 19 जुलाई 2018

ऑनलाइन प्रशिक्षण सामग्री की जाएगी तैयार

 

मानव संसाधन मंत्रालय ने किया राष्ट्रीय संसाधन केंद्रों के गठन का प्रस्ताव

ऩई दिल्ली।सरकार ने संशोधित पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए विषयों में होने वाले विकास, नए एवं उभरते हुए रुझान, शिक्षण पद्धति में सुधार के मद्देनजर ऑनलाइन प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्रों के गठन का प्रस्ताव किया है। पहले चरण में केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थित मंत्रालय के राष्ट्रीय पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन, आईआईएस, आईयूसीएए, आईआईटी, आईआईएसईआर, राज्य विश्वविद्यालयों, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानव संसाधन विकास केंद्रों, राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों, आईआईआईटी, खुले विश्वविद्यालयों में 75 विशेष विषयों के संबंध में राष्ट्रीय संसाधन केंद्रों को चिन्हित किया है। इन केंद्रों में सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी, डिजाइन एवं निर्माण, मानविकी, भाषा शिक्षण, वाणिज्य, प्रबंधन, शिक्षा योजना एवं प्रशासन, लोक नीति, नेतृत्व एवं शासन, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान, खगोल शास्त्र एवं खगोल भौतिकी, विश्लेषण एवं मूल्यांकन, शिक्षण एवं अनुसंधान पद्धति, नेनो विज्ञान, इंटरनेट इत्यादि विषय शामिल किए गए हैं।
इस पहल के तहत सभी सेवारत शिक्षकों को अपने-अपने विषयों में होने वाले आधुनिक विकास के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। यह जानकारी 'स्वयम्' प्लेटफार्म के जरिये उपलब्ध होगी।
यह सूचना आज राज्य सभा में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में प्रदान की।

सोमवार, 9 जुलाई 2018

देश के छह शैक्षणिक संस्थान उत्‍कृष्‍ट घोषित

 सार्वजनिक क्षेत्र से 3 और निजी क्षेत्र से 3 संस्‍थानों का हुआ चयन

चयनित प्रत्‍येक ‘सार्वजनिक संस्‍थान’ को पांच वर्षों की अवधि में मिसेगी 1000 करोड़ रुपये तक की वित्‍तीय सहायता
चयनित संस्‍थानों को बनाएंगे  विश्‍वस्‍तरीय : प्रकाश जावड़ेकर
नई दिल्ली। सरकार ने 6 उत्‍कृष्‍ट संस्‍थानों का चयन किया है, जिनमें से 3 संस्‍थान सार्वजनिक क्षेत्र के और 3 संस्‍थान निजी क्षेत्र के हैं। एक उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति (ईईसी) ने अपनी रिपोर्ट में 6 संस्‍थानों (3 संस्‍थान सार्वजनिक क्षेत्र से और 3 संस्‍थान निजी क्षेत्र से) का चयन ‘उत्‍कृष्‍ट संस्‍थानों’ के रूप में करने की सिफारिश की थी। इन संस्‍थानों का विवरण नीचे दिया गया है –
सार्वजनिक क्षेत्र : (i) भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू, कर्नाटक (ii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र और (iii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली।
निजी क्षेत्र : (i) जियो इंस्टीट्यूट (रिलायंस फाउंडेशन) पुणे, ग्रीन फील्ड श्रेणी के तहत (ii) बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज, पिलानी, राजस्थान; और (iii) मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल, कर्नाटक।
मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है और यह श्रेणीबद्ध स्वायत्तता से भी काफी आगे है। उन्‍होंने कहा कि इससे चयनित संस्‍थानों को पूर्ण स्‍वायत्‍तता सुनिश्चित होगी और उन्‍हें काफी तेजी से विकसित होने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि इन संस्‍थानों को और अधिक कौशल एवं गुणवत्‍ता में सुधार के साथ अपने परिचालन स्‍तर को बढ़ाने के लिए और अधिक अवसर प्राप्‍त होंगे, जिससे कि वे शिक्षा के क्षेत्र में ‘विश्‍वस्‍तरीय संस्‍थान’ बन सकें।
   इस योजना के तहत उत्‍कृष्‍ट संस्‍थान’ के रूप में चयनित प्रत्‍येक सार्वजनिक संस्‍थान’ को पांच वर्षों की अवधि में 1000 करोड़ रुपये तक की वित्‍तीय सहायता दी जाएगी।  

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...