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शनिवार, 16 जून 2018

ईद के मौके पर जगाया राष्ट्रभक्ति का अलख



समाज सेवी सुधांशु सुमन के नेतृत्व में तिरंगा सम्मान यात्रा  

चतरा। ईद के पावन मौके पर सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्र प्रेम की अद्भुत मिसाल पेश की। शनिवार को चतरा जिला के सिमरिया प्रखंड अंतर्गत चौथा, एडला और कुट्टी सहित अन्य इलाकों के ग्रामीणों ने प्रख्यात समाज सेवी और राष्ट्र प्रेमी सुधांशु सुमन की अगुवाई में तिरंगा सम्मान यात्रा में शामिल हो कर राष्ट्र भक्ति का अलख जगाया। इस सम्मान यात्रा की खासियत यह थी कि इसमें शामिल अधिकतर लोग मुस्लिम समुदाय के थे। ग्रामीण अपने हाथों में तिरंगा लहराते हुए " सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, जय जवान-जय किसान " सहित देश भक्ति के अन्य नारे लगा रहे थे। तिरंगा सम्मान यात्रा के दौरान राष्ट्र भक्ति का अद्भुत नजारा दिख रहा था।
 गौरतलब है कि राष्ट्र प्रेम के प्रति जन-जन को प्रेरित करने और राष्ट्रीय ध्वज  के सम्मान मे तिरंगा सम्मान यात्रा के प्रणेता और झारखंड के लोकप्रिय समाजसेवी सुधांशु सुमन विगत तकरीबन दो साल से झारखंड के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्र प्रेम और सांप्रदायिक सौहार्द का अलख जगा रहे हैं।
  यही नहीं श्री सुमन विशेष रूप से चतरा क्षेत्र की जनता की समस्याओं के समाधान के प्रति भी गंभीरता से सक्रिय रहते हैं। इस संदर्भ में श्री सुमन ने चतरा के सभी गांवों में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए गत दिनों विद्युत अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार श्रीवास्तव और महाप्रबंधक सुधीर सिंह से मुलाकात किया।ली अर्थ का अनर्थ करने पर तुली है। आज सेक्युलरिज्म गाली बन चुका है और सांप्रदायिकता राष्ट्रवाद का प्रतीक। धर्म नफरत की पाठशाला बन चुका है।

ईद भाईचारे का प्रतीकः सुबोधकांत




रांची। पाक रमजान के मौके पे आज रांची ईदगाह में जाकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने ईद का मुबारकबाद दिया। उन्होने कहा कि ईद भाईचारे का प्रतीक है। हिन्दुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब की यही खूबसूरती है कि हम एक दूसरे को ईद और होली का मुबारकबाद देते हैं। इस मौके पर विनय सिन्हा ’दीपु’ सुरेन्द्र सिंह, दीपक लाल, राजन वर्मा, राकेश सिन्हा, संजय पाण्डेय, राजेश सिन्हा ’सन्नी’, हीरा लाल साहु, राजीव नारायण, सलाउद्दीन, शंभु गुप्ता, विनय पहलवान, विजय शंकर नायक, बब्लु, उपस्थित थे।

उत्सवधर्मिता पर मंडराते काले साए





पाकिस्तान के मशहूर शायर जफर इकबाल का एक शेर है-

तुझको मेरी न तुझे मेरी खबर जाएगी.
ईद अबके भी दबे पांव गुजर जाएगी.

गूगल से साभार
जफर इकबाल ने यह शेर महंगाई के कारण उत्सवधर्मिता पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव पर इशारा करते हुए कहा था जो ईद ही नहीं सभी समुदायों के पर्व त्योहारों पर लागू होता है। लेकिन भारत में सामाजिक तत्वों की एक जमात ऐसी है जो किसी भी पर्व-त्योहार को दबे पांव नहीं गुजरने देती। हर मौके पर वैमनस्य बढ़ाने और तनाव का माहौल बनाने की कोशिश करती है। यह जमात तकरीबन सभी समुदायों में मौजूद है। इसका एकमात्र लक्ष्य सौहार्द को बिगाड़ना रहता है। इनके कारण कोई पर्व शांति से दबे पांव नहीं गुजर पाता। ऐसे ही तत्वों के कारण आज रांची में ईद का त्योहार निषेधाज्ञा के अंतर्गत मनाना पड़ रहा है।
    
गूगल से साभार
असामाजिक तत्वों ने ईद के कई दिन पहले से शहर के कई इलाकों में सांप्रदायिक टकराव की कोशिश की। कुछ जगहों पर पत्थरबाजी की घटना भी हुई। लेकिन प्रशासन की सतर्कता के कारण तुरंत स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया। असामाजिक तत्व अपने कुत्सित इरादों में सफल नहीं हो सके। लेकिन खुशियों के इस त्योहार में भय और आशंकाओं का माहौल तो बना ही दिया। त्योहार के उमंगों में खलल तो डाल ही दिया। त्योहार के दिन चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती करनी पड़ी। सतर्कता बढ़ानी पड़ी। अब सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी पड़ी। ईद के दिन लोग एक दूसरे को बधाइयां देने, सेवियां खाने आराम से जा सकते हैं।
     माहौल को नियंत्रण में रखने के लिए झारखंड पुलिस-प्रशासन की सतर्कता की सराहना की जानी चाहिए। लेकिन अफवाहें फैलाने वाले और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वाले लोगों की पहचान जरूरी है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इंसान के लिए पहला और सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है। इसके बाद ही दूसरी धार्मक आस्थाएं हैं। इस बात को जबतक लोगो नहीं समझेंगे तबतक किसी सभ्य समाज के आदर्श नागरिक नहीं बन सकते।

-देवेंद्र गौतम

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...