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मंगलवार, 3 सितंबर 2019

मोबाइल लोकेशन से सुलझी हत्या की गुत्थी

तीन सगे भाई आरोप मुक्त, असली आरोपी पकड़ा गया
अपह्रत ने अपहर्ता को पत्थर से कुचल कर की थी हत्या


चाईबासा। चाईबासा पुलिस ने हत्या के एक पेचीदा मामले में तीन नामदर्ज बेकसूर आरोपी को न सिर्फ जेल जाने से बचा लिया, बल्कि तीनों आरोपी युवकों को हत्या के आरोप से पूरी तरह मुक्त कर दिया है और हत्या के सही आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस के इस अनुसंधान से पुलिस की न सिर्फ छवि बदली है, बल्कि जनता पर विश्वास भी कायम हुआ है.

दरअसल, इसी साल फरवरी के 20-21 तारीख को आनंदपुर थाना में चोडरप्पा गांव के सुदामा बडाइक की पत्थर से कुच कर हत्या कर दी गई थी, उसकी हत्या में परिवार वालों ने तीन सगे भाइयों को नामजद आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. लेकिन जब पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया तो तीनों सगे भाई की हत्या में संलिप्तता मिली नहीं, इसलिए पुलिस ने सबुत के आभाव में तीनों भाइयों को गिरफ्तार नहीं किया था.

इस दौरान पुलिस अभी अनुसंधान में लगी ही थी कि एक दिन मृतक के मोबाइल का लोकेशन पता चल गया और उस मोबाइल के सहारे पुलिस मुख्य आरोपी मॉरियस गुडिया तक पहुंच गई और पुलिस ने मॉरियस गुडिया गिरफ्तार कर लिया और जब सख्ती से उससे पूछ-ताछ की गयी तो मॉरियस ने पूरी घटना बता दी.

अपराधी और दबंग किस्म का मृतक सुदामा हत्या वाले दिन मॉरियस के दुकान पहुंचा और 30 हजार रुपये की रंगदारी की मांग की, रंगदारी नहीं देने पर उसका मोबाइल छीन लिया और अपनी बाइक पर बिठा लिया.  बाइक पर पीछे बैठे मॉरियस ने अचानक उस पर पीछे से वार कर दिया जिससे सुदामा बाइक से नीचे गिराया, सुदामा के बैक से गिरते ही मॉरियस ने सुदामा की पत्थर से कुच कर हत्या कर दी. सुदामा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. मृतक सुदामा के पॉकेट से अपना और मृतक दोनों का मोबाइल फोन निकाल कर चुपचाप घर लौट गया. इधर सुदामा के परिवार वालों से उसकी हत्या का आरोप सुदामा के पुराने दुश्मन मृत नंदकिशोर बडाइक के तीनों बेटे पर लगा दिया.

पुलिस की गंभीरता से की गई जांच से तीन निर्दोष भाइयों की जिंदगी बच गई और पुलिस ने अपनी छवि निर्दोष को बचाने और असली मुजरिम को सजा दिलाने में कामयाब हो गई, जिससे जनता का नि:संदेह विश्वास बढेगा. एसपी इंद्रजीत महथा ने इसके लिए आनंदपुर के थाना प्रभारी खुर्शीद आलम और मनोहरपुर डीएसपी विमलेश त्रिपाठी की जम कर प्रशंसा करते हुए पुरस्कृत करने का आश्वासन दिया.

शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2018

अस्पताल के रास्ते में लापता हो गया घायल सुरेंद्र साहु


कांग्रेसी नेता की पहल पर दर्ज हुई प्राथमिकी, बंधी न्याय की आस

रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव आदित्य विक्रम जयसवाल ने बुधवार को चुटिया वासियों के आग्रह पर चुटिया थाना पहुंचे  और पीड़िता रीता देवी से मुलाकात की तथा उनके परिवार में हुए घटना की जानकारी ली। इस दौरान पीड़िता रीता देवी ने कांग्रेस नेता  जयसवाल को बताया कि विगत कल मंगलवार को एक अज्ञात मालवाहक आॅटो ने मेरे पति सुरेन्द्र साहु (40 वर्षीय) रात्रि आठ बजे चुटिया थाना स्थित कैनरा बैंक के समीप धक्का मार दिया, इसके बाद आस-पास के पब्लिक ने घायल सुरेन्द्र साहु को उसी ऑटो में बैठाकर अस्पताल भिजवाया था, ऐसी जानकारी मुझे मिली। जिसकी शिकायत चुटिया थाना में की। हमलोगों ने भी काफी छानबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला। पुलिस को सूचना देने के बाद भी मेरे पति का पता नहीं चल पाया है। तमाम घटना क्रम सुनने के बाद श्री जयसवाल ने सर्वप्रथम अपनी टीम के साथ चुटिया थाना जाकर अज्ञात आॅटो चालक पर एफआईआर दर्ज कराया और पुलिस प्रशासन से अविलंब रीता देवी के पति सुरेन्द्र साहु को खोजबीन करने तथा मालवाह आॅटो नंबर जेएच 01 एडब्ल्यू 3743 के चालक पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

  जयसवाल ने कहा कि राजधानी रांची में अापराधिक घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है,  पुलिस अपनी ड्यूटी जनता के हित में करें। चौक चौराहे पर कई अपराधिक घटनाएं घट रही है जिस पर कड़ी ध्यान देने की जरूरत है उन्होंने सरकार से मांग की है कि राजधानी वासियों की सुरक्षा की गारेंटी दें नहीं तो कांग्रेस पार्टी सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएगी। इस मौके पर अनिल सिंह, आसिफ जियाउल, कृष्णा सहाय , मनोज साहू,  अजय साहू , आरती देवी , सुमित्रा देवी , सावित्री देवी , फुदवा देवी आदि मौजूद थे।

बुधवार, 5 सितंबर 2018

युवकों से ठगी मामले में पुलिस की उदासीनता हैरत भरीः इंदरजीत सिंह


रांची।  मुथूट ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा सैंकड़ो बेरोजगारों को नौकरी के नाम पे ठगी के मामले को लेकर आज समर्थन में आया कांग्रेस NSUI छात्र संगठन । NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में सैंकड़ो भुक्तभोगी ने एक बैठक आयोजित की। सुबह 10 बजे से सभी भुक्तभोगी कांग्रेस भवन एकत्रित हुए। 11 बजे SSP सर् से मिलने का समय लिया था लेकिन सर नही मिले। घंटो इंतज़ार के बाद ग्रामीण SP से मीटिंग फिक्स हुई। वही सभी ने अपनी बातों को रखा। ग्रामीण SP ने तुरंत करवाई कर के कांके थाना को चार्ज लेने को कहा। कंपनी के द्वारा जो YES बैंक के एकाउंट नंबर जिसमे सब लेन देन हुई उसे तुरंत सीज करने का आदेश दिया। साथ ही साथ कांके में जहा आफिस था उसे सील करने का आदेश दिया। उसके बाद साइबर क्राइम इंचार्ज को पूरे मामले की जानकारी दी।  वहां से पूरी टीम साइबर क्राइम आफिस गयी और पूरी जानकारी और दस्तावेज जमा किये। झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िसा के लगभग 400 लोगो से ठगी की गई है। मौके पर इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि गरीब बेरोजगारों के साथ इस तरह की छल कपट  गंभीर अपराध है। घर ,जमीन, जेवर  गिरवी , कर्ज ले कर सभी ने कंपनी को पैसा दिया। साथ ही साथ 100 लोगो का ओरिजिनल पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। सभी बेरोजगार परेशान है। कांके थाना की लापरवाही का भी मामला सामने आया है। बहुत बार थाना के लोगो को कंपनी के आफिस में देखा गया है। कल जब FIR करने भुक्तभोगी गए तो उन्हें बतमीजी से बात करते हुए जाने को कहा गया। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सभी भुक्तभोगी थाना में ही थे। अगर कल ही मोबाइल नंबर ट्रेस कर लिया जाता तो कुछ अपराधी पकड़े जाते। लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नही की। सभी भुक्तभोगियों ने स्टेशन और  मदरसे पे रुक कर रात बिताई।इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि जल्द से जल्द अगर मामले की जांच और सकारात्मक परिणाम नही आता है तो NSUI चरणबद्ध आंदोलन करेगी। मोदी जी रोजगार देने की बात करते है रोजगार तो दूर रोजगार दिलाने के नाम पे भी ठगी हो रही।  दिन भर भूखे प्यासे भुक्तभोगियों ने NSUI कांग्रेस का धन्यवाद किया एवं उनलोगों ने कहा कि अगर आप नही रहते तो कोई करवाई आगे भी नही बढ़ती। NSUI के इन्द्रजीत सिंह ने भी सभी से वादा किया कि जब तक सभी लोग जो लोग भी इस अपराध में शामिल है उन्हें सजा दिलवा कर और आप सब को न्याय दिलवा के रहंगे।  मौके पर इंदरजीत सिंह, आकाश रजवार, मोहमद आमिर, अब्दुल रबनावज, आसिफ, नौशाद, समीर, याक़ूब, दिलबर, राजा, अली आदि सैंकड़ों लोग शामिल थे।

शनिवार, 21 जुलाई 2018

आत्महत्या नहीं महेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की हत्या के संकेत

 महेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की मौत मामला, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में मिले हत्या के साक्ष्य

मौत की वादियों में गुम हो गया हंसता-खेलता परिवार
मनीष

हजारीबाग । महेश्वरी परिवार के छह सदस्यों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या  के साक्ष्य मिले हैं। हालांकि जांच एजेंसियां पोस्टमार्टम रिपोर्ट की अधिकारिक  पुष्टि नहीं कर रही हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नरेश महेश्वरी के रीढ़ की छह  हड्डियां टूटी हुई पायी गयी हैं। फेफड़ा भी  फटा पाया गया है।

परिवार की बहू प्रीति महेश्वरी की हत्या  गला दबा कर की गयी है। 10 वर्षीय अमन का गला धारदार हथियार से तीन जगह कटा पाया गया. सबसे छोटी बच्ची अन्वी उर्फ परी की मौत भी गला दबाने से हुई है। वहीं  महावीर महेश्वरी (65) और किरण महेश्वरी (60) के शरीर में बेहोश करनेवाले  पदार्थ मिले हैं। सभी शवों का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के तीन सदस्यीय टीम  ने किया है. सभी का बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की  प्रारंभिक जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी गयी है, ताकि अनुसंधान आगे बढ़ सके। एसपी मयूर पटेल कन्हैयालाल ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध होते ही अनुसंधान संबंधी जानकारी मीडिया को उपलब्ध करायी जायेगी।

फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार

 विधि  विज्ञान प्रयोगशाला, रांची से एफपीबी और फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार  हजारीबाग पुलिस को है। शुभम अपार्टमेंट में महावीर महेश्वरी, नरेश  महेश्वरी, किरण महेश्वरी, प्रीति महेश्वरी, अमन और अन्वी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के  मामले में फॉरेंसिक टीम ने कई साक्ष्य जुटाये है. साक्ष्यों को जांच व  रिपोर्ट के लिए विधि विज्ञान प्रयोशाला, रांची भेजा गया है। फॉरेंसिक जांच  रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले का खुलासा हो जायेगा। 

फिंगर प्रिंट रिपोर्ट

फॉरेंसिक जांच टीम ने जब्त  मोबाइल, किचन व टीवी के ऊपर मिले छुरा, दरवाजे की छिटकनी, चादर, सोफा व  फंदे, बीपी मापने की मशीन, पंखा, स्विच बोर्ड, दीवार पर हाथ के निशान और   फर्श पर पैर के निशान का प्रिंट लिया है. सभी साक्ष्यों को ऑटोमैटिक फिंगर  प्रिंट एनालिसिस के लिए भेजा गया है। जब्त सामान, रक्त, बाल के सेंपल को भी  फॉरेंसिंक जांच के लिए भेजा गया है।

मंगलवार, 10 जुलाई 2018

ज़मीन कारोबारी की गोली मारकर हत्या


मनीष कुमार

हजारीबाग। जमीन कारोबारी सज्जू खान की सरेआम *गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना हजारीबाग के लोहसंघना थाना क्षेत्र के पगमल पेट्रोल पंप के समीप घटी। वहां बाइक सबार तीन अपराधियों ने  सज्जू खान नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक पेट्रोल पम्प के पास खड़ा था, उसी वक्त घटना को अंजाम दिया गया।

बाइक सवार अपराधियों ने सज्जू खान के पास पहुंचकर सामने से सिर में गोली मार दी. इससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. इस हत्या के पीछे एक जमीन के धंधे के क पुराने विवाद को कारण माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक 6 साल पहले भी सज्जू पर फायरिंग की गई थी। लेकिन उस वक्त वह बाल-बाल बच गया था। उस हमले में उसके एक सहयोगी सम्मी की मौत हो गई थी।

घटना की जानकारी मिलने के बाद हजारीबाग सदर अस्पताल में लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है। पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस हर बिन्दु पर भी पड़ताल कर रही है।

रविवार, 8 जुलाई 2018

मारा गया पूर्वांचल का डॉन मुन्ना बजरंगी



बागपत। पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोलियों से भुनकर हत्या कर दी गई। वह पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में झांसी जेल में बंद था। इसी रविवार को उसे झांसी से बागपत लाया गया था। बागपत कोर्ट में उसकी पेशी होनी थी। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। जेल में बंद विरोधी गिरोह के शुटर ने उसे 10 गोलियां मारी हैं।
इस मामले में एडीजी जेल ने बागपत के जेलर, डिप्टी जेलर, जेल वॉर्डन और दो सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है। घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं। मुन्ना के साले विकास श्रीवास्तव ने गैंगस्टर सुनील राठी पर इस हत्या की साजिश का आरोप लगाया है।
पूर्वांचल की खबरों के मुताबिक मुताबिक जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी के शूटर्स ने मुन्ना बजरंगी को गोली मारी है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव ने इस हत्याकांड की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मुन्ना पर बड़ौत के पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित और उनके भाई नारायण दीक्षित से 22 सितंबर 2017 को फोन पर रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप था।
मुन्ना बजरंगी का का जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों में शामिल हो गया था।
कहते हैं कि शुरुआती दौर में उसे जौनपुर के बाहुबली गजराज सिंह का संरक्षण हासिल था। 1984 में उसने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने गजराज सिंह के इशारे पर ही जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करके पूर्वांचल में अपना आतंक कायम कर लिया। 90 के दशक में वह पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था।
मुख्तार अंसारी का गैंग मऊ से संचालित हो रहा था लेकिन इसका प्रभाव पूरे पूर्वांचल पर था। मुख्तार ने अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1996 में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुआ। सत्ता की राजनीति में आने के बाद इस गैंग की ताकत बहुत बढ़ गई। मुन्ना बजरंगी सीधे तौर पर सरकारी ठेकों को प्रभावित करने लगा था। वह विधायक मुख्तार अंसारी का दाहिना हाथ बन गया था।
पूर्वांचल में सरकारी ठेकों और वसूली के कारोबार पर मुख्तार अंसारी का कब्जा था। लेकिन इसी दौरान तेजी से उभरते बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय उनके लिए चुनौती बनने लगे। उन पर मुख्तार के दुश्मन कुख्यात शुटर ब्रजेश सिंह का हाथ था। उसी के बल पर कृष्णानंद राय का गिरोह फल फूल रहा था। आपसी दुश्मनी में दोनों गिरोह अपनी ताकत बढ़ा रहे थे।
इनके संबंध अंडरवर्ल्ड के साथ भी जुड़े गए थे। कृष्णानंद राय का बढ़ता प्रभाव मुख्तार को खटक रहा था। उसने कृष्णानंद को खत्म करने की जिम्मेदारी मुन्ना को सौंप दी। मुख्तार से फरमान मिल जाने के बाद मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर 2005 को हत्या कर दी।
उत्तर प्रदेश समते कई राज्यों में मुन्ना बजरंगी के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे। वह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन चुका था। उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले यूपी में दर्ज हैं। 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था। ऐसा माना जाता है कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद गिरफ्तारी करवाई थी। उसकी हत्या के बाद सवाल उठ रहा है कि जेल के अंदर शुटर के पास हथियार और गोलियां कैसे पहुंचीं। जांच के बाद ही इस हत्याकांड से जुड़े रहस्य सामने आएंगे।

पेड़ से लटका मिला अधेड़ का शव



सुबह 6 बजे घर से निकला था, 1.30 बजे पाया गया मृत


मऩीष कुमार

कटकमसांडी । कटकमसांडी प्रखंड विगत एक सप्ताह में घटी  वारदातों के कारण सुर्खियों में बना हुआ है । कटकमसांडी चट्टी स्थित भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम की चोरी, हेसाकुदर में पत्नी द्वारा पति राज कुमार ठाकुर की  हत्या एवं अज्ञात वृद्ध कि ट्रेन से कटकर मौत जैसी  घटनाओं की गुत्थी अभी तक सुल्झी भी नहीं थी कि रविवार कि दोपहर पबरा जंगल में अधेड़ का शव पेड़ की टहनी से लटका हुआ चरवाहों ने देखा। चरवाहों ने इसकी सूचना मुखिया प्रतिनिधि सरयू राम को दी। सरयू राम ने इसकी सुचना पेलावल ओपी प्रभारी समीर तिर्की को दी। मृतक की पहचान मंडई निवासी अशरफ अंसारी के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार अशरफ सुबह 6:00 बजे अपने घर से निकला था और लगभग 1:30 बजे उसका शव पेड़ से लटका हुआ मिला। ओपी प्रभारी समीर तिर्की ने आनन फानन में घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा कर शव बरामद किया एवं पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल हजारीबाग भेजा। पूछे जाने पर प्रभारी ने बताया कि संदिग्ध हत्या की आशंका जताई जा रही है। तफ्तीश जारी है। बहुत जल्द मामले का उद्भेदन किया जाएगा।

गुरुवार, 5 जुलाई 2018

कुवांरी माताओं के शिशुओं की परवरिश का सवाल




अनिमा इंदवार              फोटोः साभार
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में नवजात शिशु को बेचे जाने के मामले का खुलासा होने के बाद एक नई बहस की ज़मीन तैयार हो गई है। कुवांरी माताओं के बच्चों की परवरिश आखिर कैसे होगी। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। सरकार लेगी या सामाजिक संस्थाएं। शिशु को बेचने का आरोप मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर लगा है। संस्था की कर्मचारी अनिमा सहित दो सिस्टर को शहर की कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि चैरिटी होम की महिला संचालक के साथ मिलकर अनिमा आधा दर्जन नवजात को बेच चुकी है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि एक बच्चा के एवज में 1.20 लाख रुपये तक लिये गए।

बाल कल्याण समिति ने नवजात बच्चे को इस समिति से बरामद कर लिया है. फिलहाल इन बच्चों को और प्रसव के लिए भर्ती माताओं को दूसरी संस्था में रखा गया है। कुछ और बच्चों के भी अवैध तरीके से बेचे जाने की बात सामने आयी है। उन बच्चों की मां के नाम पुलिस को मिले हैं। इसकी जांच की जा रही है। जांच के क्रम  में बच्चो की बिक्री में चैरिटी होम की संचालिका सिस्टर कोनसीलिया की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।

पता चला है कि अविवाहित लड़की मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम में प्रेग्नेंसी के दौरान रह रही थी। उसने एक मई को सदर अस्पताल रांची में एक लड़के को जन्म दिया। नवजात को अनिमा इंदवार ने संचालिका सिस्टर कोनसीलिया की मिलीभगत से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा में रहनेवाले दंपती सौरभ अग्रवाल व प्रीति अग्रवाल को अस्पताल खर्च के नाम पर महज 1.20 लाख रुपये में बेच दिया. तब वह मासूम चार दिन का ही था। तीन जुलाई को दंपती को बुलाकर अनिमा ने बच्चा यह कहकर वापस ले लिया कि इसे कोर्ट में पेश करना है। पता चला है कि अविवाहित मां स्वयं शिशु से छुटकारा पाने के लिए उसे बेचना चाहती थी। बिक्री की रकम में से 80 हजार रुपये दिए गए थे।
शिशु को बेचना कानूनन गलत है। नियमतः गर्भस्थ कुवांरी युवतियों को संस्था में रखने की जानकारी बाल कल्याण विभाग को दी जानी चाहिए लेकिन मदर टेरेसा जैसी हस्ती से जुड़ी संस्था ने इस नियम का पालन नहीं किया और मानव तस्करी का धंधा शुरू कर दिया यह खेदजनक है। कानूनी पक्ष के अलावा सामाजिक प्रश्न यह है कि किसी युवती के किसी कारण गर्भवती हो जाने पर उसकी देखभाल कैसे हो। उसकी पहचान गुप्त रखते हुए बच्चे की परवरिश का क्या इंतजाम हो। झारखंड और बिहार जैसे राज्यों के लिए यह सवाल ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां का समाज अभी इतना आधुनिक नहीं हुआ है कि किसी कुवांरी मां को उसके बच्चे के साथ चैन से जीने दे। चैरिटी संस्था यदि मां की पहचान गुप्त रखने की शर्त पर ऐसे शिशुओं की जानकारी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को देती और कमेटी निःसंतान दंपत्तियों को शिशु को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी कराने का जिम्मा उठाती तो समस्या का निदान हो सकता था। सरकार को भविष्य में ऐसे मामलों के निराकरण के सटीक उपाय पर विचार कर से लागू करना चाहिए।
  


रविवार, 24 जून 2018

रांची में बाइकर्स गैंग हुआ बेलगाम


सिटीजन एक्शन ग्रुप की संयोजक किरण सिंह से चेन छीनने की कोशिश।

रांची। शहर में बाइकर्स गैंग का आतंक थम नहीं रहा है। प्रायः हर दिन राजधानी के किसी न किसी इलाके में अपराधी महिलाओं से आभूषण छीन कर रफूचक्कर हो जा रहे हैं। रविवार को शाम 6.45 बजे शहर के व्यस्ततम इलाके निवारणपुर में सामाजिक संस्था सिटीजन एक्शन ग्रुप की संयोजक और राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य राकेश कुमार सिंह की पत्नी किरण सिंह से बाइकर्स गैंग के अपराधियों ने झपट्टा मारकर चेन छीनने का प्रयास किया, लेकिन श्रीमती सिंह ने साहस कर अपराधियों की मंशा को नाकाम कर दिया। घटना के बारे में उन्होंने बताया कि शाम लगभग पौने सात बजे मुहल्ले मे टहल रही थीं। उसी समय अचानक काले रंग की एक बाइक पर सवार दो युवकों ने  बगल मे बाइक सटाकर गति धीमी कर दी। उनमें से बाइक पर पीछे बैठे युवक ने उनके गले से चेन छीनने की कोशिश की। उन्होंने अपराधियों की मंशा समझ तुरंत कसकर चेन को अपने हाथों से पकड़े रखा। इस क्रम में उनके गले पर हल्का खरोंच भी पड़ गया। इसी बीच अपराधी बाइक की स्पीड तेज कर भाग गए। इस घटना से किरण सिंह सहित मुहल्लेवासी दहशत में हैं।
उनके पति राकेश सिंह ने इस घटना की जानकारी संबंधित थाने में देते हुए यथोचित कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही इलाके में नियमित रूप से पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...