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शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में दो फीसद की बढ़ोत्तरी




नई दिल्ली। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक जून, 2019 में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 130.2 अंक रहा जो जून, 2018 के मुकाबले 2.0 फीसदी ज्‍यादा है। इसका मतलब यही है कि जून, 2019 में औद्योगिक विकास दर 2.0 फीसदी रही। उधरअप्रैल-जून, 2019 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.6 फीसदी आंकी गई है।जून, 2019 में खननविनिर्माण (मैन्‍युफैक्‍चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर जून, 2018 के मुकाबले क्रमश: 1.6 फीसदी, 1.2 फीसदी तथा 8.2 फीसदी रही। उधरअप्रैल-जून 2019 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्‍टरों की उत्‍पादन वृद्धि दर पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 3.0, 3.1 तथा 7.2 फीसदी आंकी गई है। उद्योगों की दृष्टि से विनिर्माण क्षेत्र के 23 उद्योग समूहों (दो अंकों वाली एनआईसी-2008 के अनुसार) में से समूहों ने जून, 2018 की तुलना में जून, 2019 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इस दौरान बुनियादी धातुओं के विनिर्माण’ ने 17.7 प्रतिशत की सर्वाधिक धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद ‘खाद्य उत्पादों के विनिर्माण’ का नम्बर आता है जिसने 16.5 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह ‘तंबाकू उत्‍पादों के विनिर्माण’ ने 10.3 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। वहींदूसरी ओर उद्योग समूहकागज एवं कागज उत्‍पादों के विनिर्माण’ ने (-) 19.9 प्रतिशत की सर्वाधिक ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद 'फर्नीचर के विनिर्माणका नंबर आता है जिसने (-) 14.3 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह मोटर वाहनों, ट्रेलरों एवं सेमी-ट्रेलरों के विनिर्माण ने (-) 13.9 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है।
उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार जून, 2019 में प्राथमिक वस्‍तुओं (प्राइमरी गुड्स)पूंजीगत सामानमध्‍यवर्ती वस्तुओं एवं बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्‍तुओं की उत्‍पादन वृद्धि दर जून, 2018 की तुलना में क्रमश: 0.5 फीसदी, (-) 6.5, 12.4 फीसदी और (-)1.8 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान का सवाल हैइनकी उत्‍पादन वृद्धि दर जून, 2019 में (-) 5.5 फीसदी रही है। इसी तरह गैर-टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान की उत्‍पादन वृद्धि दर जून, 2019 में 7.8 फीसदी रही।




मंगलवार, 10 जुलाई 2018

नए पूर्वोत्तर विजन से पूरा होगा नए भारत का सपना : राजनाथ सिंह



नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि नए भारत तक जाने का मार्ग विकसित और शांतिपूर्ण नए पूर्वोत्तर से होकर जाता है। शिलांग में आज पूर्वोत्तर परिषद के 67वें पूर्ण अधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है – 2022 तक नया भारत। नए पूर्वोत्तर के माध्यम से नए भारत का सपना पूरा होगा। 
गृह मंत्री ने कहा कि बेहतर सड़क कनेक्टिविटी और सूचना प्रौद्योगिकी के सहयोग से नया पूर्वोत्तर उभरेगा। बेहतर कनेक्टिविटी से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि हम गुणवत्तापूर्ण ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराते हैं तो क्षेत्र के युवा अपने निवास स्थानों के आसपास ही रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। इससे स्थानीय युवाओं का देश के सुदूर क्षेत्रों में प्रवास रूक जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि आईटीआई और पोलिटेक्निक संस्थानों को कौशल विकास में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए। एनईसी को कौशल विकास के लिए क्षेत्रीय संस्थान स्थापित करने पर विचार करना चाहिए।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोजगार और आय वृद्धि से पूर्वोत्तर क्षेत्र में विद्रोह जैसी समस्याओं से निपटने में सहायता मिलेगी। पूर्वोत्तर राज्यों को निजी निवेश के लिए यह बेहतर माहौल प्रस्तुत करना चाहिए ताकि निवेशक सुरक्षित महसूस कर सकें तथा उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
गृह मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विकास किया जाना चाहिए ताकि 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने से संबंधित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूरा किया जा सके। हमें निर्यात के लिए ‘कम मात्रा – उच्च मूल्य’ वाली फसलों की खेती करने पर ध्यान देना चाहिए। कीवी और फूल जैसी जल्दी खराब होने वाली बागवानी फसलों के निर्यात में रेल मंत्रालय सुपरफास्ट एसी डिब्बों के माध्यम से सहायता प्रदान कर सकता है।
उन्होंने कृषि उत्पादों के विपणन के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (एनईआरएएमएसी) के पुरूद्धार का सुझाव दिया। पूर्वोत्तर क्षेत्र समुदाय संसाधन प्रबंधन परियोजना (एनईआरसीओआरएमपी) और स्वयं सहायता समूह, आय बढ़ाने तथा क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को सृजित करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में पुलिस अवसंरचना के विकास के लिए केंद्र सहायता प्रदान करेगा। पूर्वोत्तर राज्यों को कानून व व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाने के लिए वर्तमान के शांतिपूर्ण माहौल का उपयोग करना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रत्येक पूर्वोत्तर राज्य अनूठी विकास क्षमता से युक्त है। हमें उन विशिष्ट विकास क्षेत्रों की पहचान करने तथा इससे संबंधित कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता है। इसका कार्यान्वन समयबद्ध तरीके से होना चाहिए। प्रणाली पारदर्शी और उत्तरदायी होनी चाहिए। उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से इस लक्ष्य के प्रति कार्य करने का आग्रह किया।
एनईसी के 67वें पूर्ण अधिवेशन में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह तथा पूर्वोत्तर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और मुख्य मंत्री व अन्य वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे। डॉ. जितेन्द्र सिंह एनईसी के उपाध्यक्ष भी हैं।  

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...