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गुरुवार, 17 अप्रैल 2025

भारत में ड्रग तस्करी का फैलता जाल

 

2014 के बाद से भारत में ड्रग तस्करी के संदर्भ में कई बदलाव और चुनौतियाँ सामने आई हैं। भारत की भूमिका इस मामले में दोहरी रही है - एक ओर यह ड्रग्स के उत्पादन और तस्करी के लिए ट्रांजिट पॉइंट के रूप में उभरा है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने इसे रोकने के लिए कड़े कदम भी उठाए हैं। यहाँ इसकी विस्तृत जानकारी दी जा रही है:

1. ड्रग तस्करी में भारत की स्थिति

भौगोलिक महत्व: भारत की स्थिति "गोल्डन ट्रायंगल" (म्यांमार, लाओस, थाईलैंड) और "गोल्डन क्रिसेंट" (अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान) के बीच में है, जो इसे ड्रग तस्करी के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट हब बनाती है। 2014 के बाद से अफगानिस्तान से हेरोइन और синтетिक ड्रग्स की तस्करी में भारत के रास्ते का इस्तेमाल बढ़ा है।

बंदरगाहों का दुरुपयोग: गुजरात के मुंद्रा और कांडला जैसे बंदरगाहों के जरिए बड़ी मात्रा में ड्रग्स भारत में प्रवेश कर रही हैं। उदाहरण के लिए, सितंबर 2021 में मुंद्रा पोर्ट पर 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी, जो अफगानिस्तान से आई थी। यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग जब्ती में से एक थी।

सिंथेटिक ड्रग्स का उदय: 2014 के बाद से मेथमफेटामाइन और एमडीएमए जैसे синтетिक ड्रग्स की मांग और तस्करी में वृद्धि हुई है। भारत में कुछ अवैध प्रयोगशालाएँ भी पकड़ी गई हैं, जो इनका उत्पादन कर रही थीं।

2. सरकारी प्रयास और नीतियाँ

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB): 2014 के बाद NCB की सक्रियता बढ़ी है। नरेंद्र मोदी सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" नीति अपनाई, जिसके तहत तस्करों पर सख्त कार्रवाई की गई। उदाहरण के लिए, 2019 में "ऑपरेशन कार्बन" के तहत कई ड्रग नेटवर्क तोड़े गए।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत ने संयुक्त राष्ट्र और दक्षिण एशियाई देशों के साथ मिलकर ड्रग तस्करी रोकने के लिए समझौते किए। 2014 के बाद से श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ समन्वय बढ़ा है।

कानूनी कदम: नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत सजा को सख्त किया गया। 2014 में इसके संशोधन के बाद ड्रग तस्करी के दोषियों को न्यूनतम 10 साल की सजा और संपत्ति जब्ती जैसे प्रावधान जोड़े गए।

3. चुनौतियाँ

सीमा सुरक्षा: भारत-पाकिस्तान और भारत-म्यांमार सीमा पर छिद्रों का फायदा तस्कर उठाते हैं। पंजाब में ड्रोन के जरिए हेरोइन की तस्करी 2014 के बाद से बढ़ी है।

आंतरिक मांग: भारत में युवाओं के बीच ड्रग्स की मांग बढ़ने से तस्करी को बढ़ावा मिला है। पंजाब, दिल्ली और मुंबई जैसे क्षेत्र इसके केंद्र बन गए हैं।

डार्क वेब और क्रिप्टोकरेंसी: 2014 के बाद डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल तस्करी में बढ़ा है। डार्क वेब पर ड्रग्स की खरीद-फरोख्त और क्रिप्टोकरेंसी से भुगतान ने इसे और जटिल बना दिया है।

4. प्रमुख घटनाएँ

2017: पंजाब में ड्रग माफिया के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू हुआ, जिसमें सैकड़ों तस्कर पकड़े गए।

2021: मुंद्रा पोर्ट पर 21,000 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्ती ने भारत की अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी में भूमिका को उजागर किया।

2023: NCB ने "ऑपरेशन गोल्डन फिश" के तहत समुद्री रास्तों से आने वाली ड्रग्स पर नकेल कसी।

निष्कर्ष

2014 के बाद भारत ड्रग तस्करी के लिए एक बड़ा ट्रांजिट और गंतव्य दोनों बन गया है, लेकिन सरकार ने इसे रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। फिर भी, लंबी सीमाएँ, तकनीकी चुनौतियाँ और बढ़ती मांग इसे जटिल बनाए हुए हैं। भविष्य में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल और पड़ोसी देशों के साथ सहयोग इस समस्या को नियंत्रित करने की कुंजी हो सकता है।

हाल के दिनों में भारत में कई बड़े ड्रग तस्करों को पकड़ा गया है। कुछ उल्लेखनीय उदाहरण:

गुजरात में बड़ी कार्रवाई: फरवरी 2024 में, गुजरात के पोरबंदर तट पर भारतीय नौसेना और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक संयुक्त ऑपरेशन में 3,300 किलोग्राम से अधिक ड्रग्स (चारास, हेरोइन, मेथमफेटामाइन) जब्त की। इसकी कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई। इस ऑपरेशन में कई तस्करों को हिरासत में लिया गया, जो एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा थे।

पंजाब में अंतरराष्ट्रीय तस्कर: मार्च 2025 में, पंजाब पुलिस ने तरनतारन में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया, जिसकी तलाश अमेरिकी एजेंसी FBI को भी थी। यह तस्कर कोलंबिया से अमेरिका और कनाडा में कोकीन की सप्लाई करता था। इसके अलावा, एक गुरुद्वारा ग्रंथी को भी 12 किलो कोकीन के साथ पकड़ा गया, जो पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रग्स मंगवाता था।

दिल्ली में कार्रवाई: मार्च 2025 में, दिल्ली पुलिस ने पालम गाँव थाना क्षेत्र में एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया, जिसके पास से 5 ग्राम हेरोइन, एक देसी कट्टा और एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ।

ये घटनाएँ दिखाती हैं कि भारत में ड्रग तस्करी के खिलाफ लगातार बड़े स्तर पर कार्रवाई हो रही है।

भारत में हाल के वर्षों में पकड़े गए कुछ विशिष्ट ड्रग तस्करों के बारे में जानकारी यहाँ दी जा रही है। ये मामले गुजरात और पंजाब जैसे प्रमुख क्षेत्रों से जुड़े हैं, जहाँ ड्रग तस्करी की घटनाएँ सबसे ज्यादा सामने आई हैं।

1. हरप्रीत सिंह भुल्लर (पंजाब, 2025)

गिरफ्तारी: मार्च 2025 में, पंजाब पुलिस ने तरनतारन में हरप्रीत सिंह भुल्लर नामक एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया।

विवरण: यह तस्कर अमेरिकी एजेंसी FBI के लिए भी वांटेड था। वह कोलंबिया से अमेरिका और कनाडा में कोकीन की सप्लाई करता था। इसके नेटवर्क में पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रग्स मंगवाने का भी खुलासा हुआ। इस ऑपरेशन में एक गुरुद्वारा ग्रंथी भी शामिल था, जिसके पास 12 किलो कोकीन पकड़ी गई।

महत्व: यह गिरफ्तारी भारत, पाकिस्तान और उत्तरी अमेरिका के बीच ड्रग तस्करी के गहरे नेटवर्क को उजागर करती है।

2. अहमद (गुजरात, 2021)

गिरफ्तारी: सितंबर 2021 में, गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर 3,000 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती के मामले में एक प्रमुख तस्कर अहमद को हिरासत में लिया गया था।

विवरण: यह खेप अफगानिस्तान से आई थी और इसकी कीमत 21,000 करोड़ रुपये आंकी गई। अहमद एक बड़े अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा था, जो ईरान और पाकिस्तान के रास्ते भारत में ड्रग्स ला रहा था। इस मामले में विजयवाड़ा की एक कंपनी पर भी शक हुआ, जिसने कवर के तौर पर तालक पाउडर का आयात दिखाया था।

महत्व: यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी थी, जिसने समुद्री तस्करी के खतरे को उजागर किया।

3. हरजीत सिंह और कुलविंदर सिंह (पंजाब, 2023)

गिरफ्तारी: 2023 में, पंजाब पुलिस ने अमृतसर में दो तस्करों, हरजीत सिंह और कुलविंदर सिंह, को पकड़ा।

विवरण: इनके पास से 10 किलो हेरोइन और ड्रोन उपकरण बरामद हुए। ये दोनों पाकिस्तान से ड्रग्स लाने वाले एक संगठित गिरोह का हिस्सा थे। जांच में पता चला कि वे सीमा पार से ड्रोन की मदद से ड्रग्स ड्रॉप करवाते थे।

महत्व: इस मामले ने ड्रोन तकनीक के दुरुपयोग को सामने लाया, जो पंजाब में तस्करी का एक नया तरीका बन गया है।

4. तंजानियाई दंपति (बेंगलुरु, 2021)

गिरफ्तारी: जून 2021 में, बेंगलुरु में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक तंजानियाई दंपति को गिरफ्तार किया।

विवरण: यह जोड़ा दक्षिण अफ्रीका से भारत में हेरोइन ला रहा था। महिला (30 वर्ष) और पुरुष दोनों हवाई मार्ग से ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे। उनके पास से कई किलो हेरोइन बरामद हुई, जो सूटकेस में छिपाई गई थी।

महत्व: यह मामला अफ्रीका से भारत के दक्षिणी राज्यों में ड्रग्स की नई तस्करी मार्ग को उजागर करता है।

5. ईज़िल सेझियान कमालदास (अमेरिका-भारत कनेक्शन, 2019)

गिरफ्तारी: सितंबर 2019 में, अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (DEA) और भारतीय अधिकारियों ने न्यूयॉर्क में ईज़िल सेझियान कमालदास सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया।

विवरण: यह गिरोह भारत से ट्रामाडोल (एक синтетिक ओपियोड) की लाखों गोलियाँ अमेरिका भेज रहा था। क्वींस में एक गोदाम से ड्रग्स को पैक कर कूरियर के जरिए भेजा जाता था। कमालदास पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप था।

महत्व: यह भारत से अमेरिका तक दवा तस्करी के बड़े नेटवर्क का उदाहरण है।

सामान्य रुझान

नेटवर्क: ये तस्कर अक्सर अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट्स का हिस्सा होते हैं, जिनमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

तरीके: समुद्री मार्ग (गुजरात), ड्रोन (पंजाब), और हवाई मार्ग (दक्षिण भारत) तस्करी के प्रमुख तरीके हैं।

प्रोफाइल: कुछ तस्कर बड़े माफिया सरगना हैं, तो कुछ छोटे स्तर पर काम करते हैं, जैसे ड्रग म्यूल्स या स्थानीय सप्लायर।

 

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