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रविवार, 11 अगस्त 2019

पुलिस-पब्लिक समन्वय की जीवंत मिसाल हैं डीएसपी विमलेश त्रिपाठी


मनोहरपुर। पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर समन्वय कायम करना समय की मांग है। लेकिन कम ही अधिकारी यह समायोजन कर पाते हैं। लेकिन सजग और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी इसका सफलतापूर्वक निर्वहन करते हैं। वे अपनी प्रतिभा का परचम लहराते रहते हैं। अपनी बेहतरीन कार्यशैली प्रदर्शित कर काफी कम समय में ही लोकप्रियता हासिल करने में सफल हो जाते हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर विभागीय कार्यों का त्वरित निष्पादन भी करते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं चाईबासा जिले के मनोहरपुर में पदस्थापित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) विमलेश कुमार त्रिपाठी। श्री त्रिपाठी ने काफी कम समय में ही अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से पुलिस महकमे में तो अपनी एक विशेष पहचान बना ही ली है, नागरिकों के बीच भी उन्होंने खासी लोकप्रियता अर्जित करने में सफलता प्राप्त की है। श्री त्रिपाठी की कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा की चर्चा चहुंओर हो रही है। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला अंतर्गत नोनापार गांव के निवासी और प्रख्यात समाजसेवी स्वर्गीय विश्वंभर तिवारी के पुत्र विमलेश त्रिपाठी की प्रारंभिक शिक्षा तो गांव में हुई, लेकिन इसके बाद वह झारखंड राज्य के हजारीबाग आ गए और वहां से उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की। इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने वाराणसी से स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। गोरखपुर से उन्होंने बीएड भी किया। इसके बाद श्री त्रिपाठी ने हजारीबाग स्थित एक उच्च विद्यालय में शिक्षण का कार्य प्रारंभ किया। बतौर शिक्षक श्री त्रिपाठी ने बखूबी अपनी भूमिका निभाई और छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हुए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री त्रिपाठी छात्रों और स्कूल के अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए। आज भी उनसे शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र उन्हें याद कर उनका सम्मान करते हैं। उनकी प्रतिभा के कायल हैं। कुछ दिनों तक शिक्षण कार्य करने के बाद श्री त्रिपाठी झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सम्मिलित हुए और सफल रहे। उनकी नियुक्ति पुलिस उपाधीक्षक के पद पर हुई। पलामू में वह प्रोबेशन पर रहे। वहां प्रशिक्षण प्राप्त किया। तत्पश्चात उनका पहला पदस्थापन मनोहरपुर में हुआ। श्री त्रिपाठी अपने कार्यों के प्रति काफी लगन शील रहते हैं। जनता के बीच पुलिस की छवि बेहतर बनाने और पुलिस को पब्लिक फ्रेंडली बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अमन पसंद लोगों के बीच श्री त्रिपाठी खासे लोकप्रिय हैं। शहर में विधि व्यवस्था बनाए रखने और शहर को अपराध मुक्त करने में वह सदैव तत्पर रहते हैं। अपने शीर्ष अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त कर अपने मातहत कर्मियों को यथोचित दिशा निर्देश देते हुए अपने कार्यों के प्रति वफादारी निभाने में वह सदैव सक्रिय रहते हैं। अपराध और नक्सल गतिविधियों पर काबू पाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उनका मानना है कि शहर को अपराध मुक्त करने से ही अमन चैन बरकरार रहेगा। असामाजिक तत्वों के लिए वह कहर बनकर बरसते हैं, वही अमन पसंद लोगों के बीच वह एक बेहतरीन इंसान और उनके हमसफर की भूमिका में रहते हैं। श्री त्रिपाठी मृदुभाषी जांबाज और नेक दिल इंसान हैं। आम जनता के बीच उनकी छवि एक कर्मठ पुलिस अधिकारी के रूप में तो है ही, लोग एक अच्छे समाजसेवी के रूप में भी उन्हें सम्मान देते हैं। जन समस्याओं के समाधान के प्रति तत्पर रहना उनकी दिनचर्या में शुमार है। सर्व धर्म समभाव की भावना रखते हुए वह सभी धर्मों का समान आदर करते हैं। वह कहते हैं कि पुलिस अधिकारी जनता और पुलिस विभाग के बीच एक सेतु के रूप में होते हैं। उन्हें आम जनता के साथ समन्वय बनाकर शहर को अमन जैन बरकरार रखने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। इससे हमारा देश व समाज सशक्त होगा।
 * प्रस्तुति : विनय मिश्रा

1 टिप्पणी:

  1. बड़े भाई को बहुत बहुत बधाई, नोनापार और देवरिया जिले का नाम ऐसे ही रोशन करते रहिए।

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