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रविवार, 20 जनवरी 2019

आस्था औषधि तो अंधविश्वास व्याधिः अर्चित आनंद


आस्था बनाम अंधविश्वास विषयक कार्यशाला


देवरिया। शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन, रांची के तत्वावधान में ‘‘आस्था बनाम अंधविश्वास’’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन अनुश्री उत्सव स्थली, रूद्रपुर रोड,देवरिया, उत्तर प्रदेश में आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि श्री अर्चित आनन्दजी ने आलोच्य विषय पर बोलते हुए कहा आस्था सकारात्मक है और इसके विपरीत अंधविश्वास जीवन में कुण्ठा एवं निराशा उत्पन्न करता है। जीवन के हर पहलू पर व्यक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। अंधविश्वास और अफवाहें सचमुच में एक व्याधि है जिसके निदान के लिए सबों को सजग रहना होगा और समाज में जागरूकता फैलानी होगी। सही गुरू का सानिध्य व्यक्ति को अंधविश्वासों से मुक्त करता है। श्री आनन्द ने अपने वक्तव्य में बताया कि समाज में फैली कुरीतियों, कुसंस्कारों, अंधविश्वासों, अफवाहों के प्रति स्वच्छ जागरूकता पैदा करना एक-एक व्यक्ति का नैतिक कर्त्तव्य है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(क) में वर्णित मौलिक कर्त्तव्यों में ‘‘प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य होगा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करें।’’
न्यास के उपाध्यक्ष शिव कुमार विश्वकर्मा द्वारा बताया गया कि शिव शिष्य हरीन्द्रानन्द फाउंडेशन में किसी भी अंधविश्वास या आडम्बर का कोई भी स्थान बिलकुल नहीं है। न्यास देश की एकता और अखंडता को बनाए रखते हुए संवैधानिक दायरे में तमाम सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वासों का विरोध करता है।
संगोष्ठी में देवरिया एवं आस-पास से लगभग पाँच सौ लोग आए थे। महिलाओं की संख्या अधिक थी।

रविवार, 19 अगस्त 2018

उपभोक्ता हित संरक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित


* कंज्यूमर चार्टर ऑफ इंडिया के मसौदे पर सहमति
 * उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए राज्यस्तरीय लोकायुक्त के गठन पर बल
* राजनीतिक दल घोषणा पत्र में उपभोक्ताओं के हितों के मुद्दे शामिल करें : राकेश कुमार सिंह
 


रांची / पुरी : कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया(सीसीआई ) और उपभोक्ता सुरक्षा अभियान, ओडिशा के संयुक्त ततवावधान में रविवार को पुरी स्थित गोपालबंधु आयुर्वेदिक महाविद्यालय में कंज्यूमर एक्शन पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ सेवानिवृत्त जज भिखारी राउत, सीसीआई के चेयरमेन डॉ.अनंत शर्मा, ओडिशा राज्य समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष लतिका प्रधान ने संयुक्त रूप से किया। इस कार्यशाला में झारखंड राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य राकेश कुमार सिंह को भी व्यख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था। श्री सिंह ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा उपलब्ध उपभोक्ता कल्याण निधि का देश के किसी भी राज्य द्वारा उपयोग नहीं किया जा रहा है । कल्याण निधि की व्यवस्था उपभोक्ताओं के लिए की गई है। इस दिशा में राज्य सरकार का उदासीन रवैया है। कल्याण निधि का उपयोग नहीं होना उपभोक्ताओं  के लिए अहितकर है। आयोजित कार्यक्रम के दौरान झारखंड राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य राकेश कुमार सिंह ने कहा उपभोक्ताओं के हित में और उपभोक्ताओं के हित के लिए अच्छे कार्य समय पर करना  चैलेंजिंग है। कंजूमर कन्फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदम, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2018 के बिल को पास कराना एक महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का कानून ही आज तक लागू है। समय के साथ-साथ उपभोक्ताओं के हित, बाजार की प्रकृति में काफी बदलाव आया है। आज ऑनलाइन मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग का क्रेज बढ़ा है।
ऑनलाइन मार्केटिंग में सामान लेने से पूर्व पैसा का भुगतान कर दिया जाता है और सामान में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर पैसा वापसी या बदलने में काफी मेहनत करनी पड़ती है,  जो ग्राहक के लिए कष्टप्रद है। उन्होंने कहा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1918 को संसद द्वारा पास कर लागू कराने की आवश्यकता है , जिससे उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण संवर्धन किया जा सके। आज हमारे देश में खासकर झारखंड में उपभोक्ता न्यायालय कार्य कर रही है । परंतु केस की सुनवाई में काफी समय,  लगभग 1 केस के निष्पादन में 3 से 4 वर्ष का समय लग जाता है।  जो उपभोक्ताओं के हित में नहीं है। उन्होंने इस बात को रखा कि उपभोक्ता न्यायालय में फैसला समय पर आएं और सुनवाई और फैसला का एक अधिकतम समय सीमा तय की जाए, जिससे उपभोक्ता न्यायालय की उपयोगिता का पूर्ण लाभ उठा सकें। उन्होंने कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद शर्मा का धन्यवाद करते हुए कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में चलाए जा रहे इस तरह का कार्यक्रम सेमिनार जो उपभोक्ताओं के हित के लिए आवश्यक है, के लिए धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने भारत सरकार से यह भी आग्रह किया की हर राज्य में हर राज्य में जिलों में उपभोक्ता मित्र बनाया जाए जो उपभोक्ताओं के हित के लिए उनको हर तरह से मदद कर सके साथ ही साथ उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि कुछ राज्यों में उपभोक्ता संरक्षण परिषद व जिला  संरक्षण परिषद का गठन हो गया है । यह गठन मात्र ही है, इसकी कार्य कुशलता पर आज भी प्रश्नचिंह लगे हुए हैं । सदस्यों को उनके अधिकार ,उत्तर दायित्व और जिम्मेदारी का कोई एहसास नहीं है । हर 3 महीने या 6 महीने पर एक मीटिंग कर महज खानापूर्ति की जाती है। इससे उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण नहीं हो पाता। उन्होंने झारखंड राज्य उपभोक्ता फोरम के बारे में कहा कि वहां के न्यायालयों में 2014 - 15 से कई मामले लंबित है, जिसे त्वरित गति से सुनवाई करने पर बल दिया।उन्होंने उपस्थित उड़ीसा के माननीय मंत्री से आग्रह किया कि कम से कम राज्य के अस्पतालों में डॉक्टर समय पर आएं, यह सुनिश्चित की जाए, ताकि जो मरीज अस्पताल में आए उन्हें सही लाभ मिल सके। पीडीएस की दुकान पर सही समय पर अनाज पहुंचे जिससे लाभुकों को योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि
सभी राजनीतिक पार्टी से यह आग्रह किया जायेगा कि वे अपने घोषणा पत्र में उपभोक्ता हित को शामिल करें। झारखण्ड में राजनीतक पार्टी को सिटीजन चार्टर लागू करना होगा। इसका प्रयास किया जायेगा। उन्होंने उपभोक्ता हित की रक्षा के लिए राज्यस्तरीय लोकायुक्त के गठन की मांग की। कार्यशाला में ओडिशा सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सूर्यनारायण पात्रा, टीसी मोहंती, ए अमिताभ दास, मनोज जेना, डॉ.अरुण कुमार, डॉ. सीएच हरि बाबू, सुरेन्द्र नाथ पांडा,डॉ.मिनाती बेहरा, ज्योति कुमार लकड़ा,मनोरंजन मोहंती सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा.रीना राउत्रे ने किया। उपभोक्ता सुरक्षा अभियान के अध्यक्ष बंशीधर आचार्य व कार्यशाला कमेटी के विश्वजीत सूर्यवंशी ने आगंतुकों का स्वागत व धन्यवाद झापन किया।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...