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शनिवार, 21 सितंबर 2019

दुमका के गोपीकंदर में मुख्यमंत्री ने लगाया जन चौपाल



सर, संथाल परगना और हमारे हालात बदल गए हैं--सरोजिनी हेम्ब्रम
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दुमका। गोपीकांदर प्रखंड के प्रोजेक्ट बालिक उच्च विद्यालय के प्रांगण में जन चौपाल में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गांव वालों का दुख दर्द जाना ... उनकी समस्याओं को सुना।

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि जनता और शासन के बीच सीधा संवाद रहे। आपकी हर समस्याओं का त्वरित समाधान हो, आप भी अपना जीवन खुशहाली के साथ व्यतीत करें यही इस जन चौपाल कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। आपके क्षेत्र की जो भी समस्याएं हैं, उसे हर हाल में दूर किया जाएगा। सरकार ने पिछले पांच वर्षों में विकास के कई कार्य किए हैं। गांव में बुनियादी सुविधाएं पहुंची हैं और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीब परिवारों को सशक्त किया जा रहा है। 5 वर्षों में सरकार का प्रयास रहा है कि संथाल परगना का समग्र विकास हो सके।

संथाल परगना और हमारे हालात बदल गए हैं
स्थानीय महिला सरोजनी हेम्ब्रम ने मुख्यमंत्री से कहा कि सर संथाल परगना और हमारे हालात बदल गए हैं.. बहुत कुछ बदलाव आया है.. गांव-गांव तक सुविधाएं पहुंची हैं।
कई योजना का लाभ भी हमें मिल रहा है...पर पानी की थोड़ी समस्या अब भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 वें वित्त आयोग की राशि से सौर ऊर्जा से गांव में जलमीनार बन रहे हैं। इससे पेयजल की समस्या दूर होगी । मुख्यमंत्री ने मौके पर बीडीओ को निदेश दिया कि 20 अक्टूबर तक पेयजल की समस्या को दूर करें। गाँव गाँव मे इस योजना से पेयजल की समस्या को दूर करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की राशि से गांव गांव में स्ट्रीट लाइट, पेभर ब्लॉक की सड़क तथा सौर ऊर्जा से पेयजल की योजना पर काम हो रहा है। अब विकास अब होकर रहेगा।

इस दौरान लीला सोरेन, ललित किस्कू, प्रकाश मुर्मू और भी कई लोगों ने अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री आवास योजना से लोगों के घर बन रहे हैं। पर, इससे अपेक्षाएं भी बड़ी है। मुख्यमंत्री ने आवास से संबंधित समस्या के लिए निदेश दिया कि इस बुधवार 25 सितम्बर को गांव में कैम्प लगाया जाय और हर योग्य लाभुक को आवास स्वीकृत की जाय। कोई भी बेघर नहीं रहे यह सरकार की सोच है। केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार गरीबों के दर्द को समझती है तथा योजनाओं को गरीबों के लिए ही बनाती है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 2022 तक झारखंड हर बेघरों के पास अपना घर होगा।

झारखंड के 40 लाख गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमारी माताओं बहनों को धुआँ में खाना नहीं बनाना पड़ता, उन्हें लकड़ी की तलाश में जंगल नहीं भटकना पड़ता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से हर गरीब के घर में एलपीजी कनेक्शन पहुंचाने का कार्य किया है। राज्य सरकार ने माननीय प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए एलपीजी कनेक्शन के साथ मुफ्त गैस चूल्हा तथा प्रथम और द्वितीय रिफिल मुफ्त देने का कार्य किया है। झारखंड के 40 लाख गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिया गया है। हमारी आदिवासी बहने भी अब गैस चूल्हे पर खाना बनाती हैं।

50 हज़ार महिलाओं को रानी मिस्त्री की ट्रेनिंग
अब हमारी माताओं बहनों को शौच के लिए अंधेरे का इंतजार नहीं करना पड़ता। प्रधानमंत्री ने हमारी माताओं बहनों की दर्द को समझा है तथा हर घर शौचालय बनाने का संकल्प लिया है। सरकार ने महिलाओं को सम्मान देने का कार्य किया है। राज्य सरकार ने 50 हज़ार महिलाओं को रानी मिस्त्री की ट्रेनिंग देकर हर घर शौचालय बनाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा किपिछले5 साल में 2 लाख 17 हजार से अधिक सखी मंडलों के माध्यम से 28 लाख से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया।

पिछले 5 वर्षों में 30 लाख घरों में बिजली पहुंची
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में 68 लाख परिवार हैं। लेकिन, सिर्फ 38 लाख घरों में ही बिजली थी। राज्य सरकार ने पिछले 5 वर्षों में 30 लाख घरों में बिजली पहुंचाने का कार्य किया है। जहां बिजली की तारें नहीं पहुंच सकती वैसी जगह पर सरकार ने सोलर के माध्यम से बिजली पहुंचाई है। सरकार की नीयत विकास के प्रति बिल्कुल साफ है सरकार राज्य के विकास के लिए कृत संकल्पित है।

आदिवासी भाइयों बहनों की जमीन को कोई नहीं छीन सकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग द्वारा यह अफवाह फैलाई जाती है की सरकार आप की जमीन को छीन लेगी, लेकिन मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारे आदिवासी भाइयों बहनों की जमीन को कोई नहीं छीन सकता। मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि जागरूक बने सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लें।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि हम सभी को मिलकर झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाना है । आपने जो गरीबी देखी है आपका बच्चा उस गरीबी को नहीं देख सके। इस दिशा में सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने हर पढ़े-लिखे नौजवान से अपील की कि अपने अपने गांव में जागरूकता अभियान चलाकर सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दें ताकि सभी का विकास हो सके। सभी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने लोगों से कहा कि अगर योजना का लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी हो रही हो मुख्यमंत्री जनसंवाद के टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल कर इसकी सूचना दें। आपकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा।

उपायुक्त राजेश्वरी बी ने जन चौपाल के उद्देश्यों की जानकारी दी।
इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं के तहत परिसंपत्तियों का भी वितरण लाभुकों के बीच हुआ।
जन चौपाल में समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी, दुमका के सांसद सुनील सोरेन, उपायुक्त राजेश्वरी बी, पुलिस अधीक्षक वाईएस रमेश, उप विकास आयुक्त वरुण रंजन, स्थानीय मुखिया और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

गुरुवार, 19 सितंबर 2019

दुमका में संपन्न हुआ बांस कारीगर मेला,


सीएम रघुवर दास ने कहा-
संथाल परगना के साथ साथ झारखंड के बांस कारीगरों को नई तकनीक से अवगत कराया

झारखंड के हस्तशिल्पकारों की कला अब विदेशों में आएगा नजर

10 बांस कारीगरों को वियतनाम और चीन भेजा जाएगा

सरकार उद्योग स्थापित करने में हर तरह से करेगी मदद
आइए झारखण्ड सरकार आपका स्वागत करती है
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दुमका। झारखंड के बांस से बनी सामग्री पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाए यही सरकार का प्रयास है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में देश ही नहीं विदेशों के बाजार में भी झारखंड के हस्तशिल्पकारों के उत्पाद नजर आएंगे। हुनरमंद युवाओं और महिलाओं के अंदर छिपी कला को निखारना, अत्याधुनिक तकनीक से अवगत करा उनसे बेहतरीन उत्पाद का निर्माण करा उनकी कला को सम्मान व उनका मान बढ़ाना सरकार की मंशा है। इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आउटडोर स्टेडियम दुमका में आयोजित दो दिवसीय बांस कारीगर मेला के समापन समारोह में कही।

दुनिया तकनीक, ज्ञान और विज्ञान के साथ बढ़ रहा है, झारखंड पीछे क्यों रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड संभावनाओं से भरा प्रदेश है। कुटीर उद्योग, लघु, ग्राम उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने का कार्य कर रही है। पूरी दुनिया तेजी से तकनीक, ज्ञान और विज्ञान के साथ बढ़ रहा है। झारखंड किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं रहे। यहां के भी बांस कारीगर नई-नई तकनीक को जाने तथा उसका उपयोग करें। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में झारखंड दुनिया के सामने आर्थिक रुप से सुपर पावर के रूप में जाना जाएगा। राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में कई कार्य किए हैं। विकास की नई लकीर खींचने का कार्य सरकार ने किया है। हम तेजी से विकास करने में विश्वास रखते हैं। पिछले 14 वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता के कारण झारखण्ड विकास के मामले में पीछे रह गया। हमें मिलकर उसकी भरपाई जल्द से जल्द करनी है।

झारखंड में निर्मित बांस के सामग्री की गुणवत्ता पूरे देश में सबसे अच्छी

श्री दास ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी है कि झारखंड में निर्मित बांस के सामग्री की क्वालिटी पूरे देश में सबसे अच्छी है। झारखंड वनों से भरा प्रदेश है। झारखंड के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 33% वन है। यहां के युवाओं , महिलाओं को हुनरमंद बनाकर हम वन से उत्पादित उत्पाद को वैल्यू एडेड कर उनके आय को बढ़ा सकते हैं। सरकार ने बांस कारीगर मेला का आयोजन कर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। मेला आयोजन का मुख्य उद्देश्य संथाल परगना के साथ साथ झारखंड के बांस कारीगरों को नई नई तकनीक के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है ताकि वे बेहतर उत्पाद का निर्माण कर सके, जिसकी मांग पूरे विश्व में हो। सरकार लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के माध्यम से छोटे छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।

20 करोड़ बांस के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे, इंटीग्रेटेड बंबू पार्क की होगी स्थापना

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग तथा उद्योग विभाग द्वारा 20 करोड़ बांस के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। 5 साल का डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है। संथाल परगना में अंतरराष्ट्रीय स्तरीय इंटीग्रेटेड बंबू पार्क की स्थापना की जाएगी ताकि अंतरराष्ट्रीय मानकों के सामग्री का उत्पादन हो सके। आने वाले दिनों में बांस से निर्मित सामग्रियों के क्षेत्र में हम चीन व वियतनाम की बराबरी कर सकेंगे।

1 महीने के अंदर सरकार द्वारा 10 बांस कारीगरों को वियतनाम और चीन भेजा जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 महीने के अंदर सरकार द्वारा 10 बांस कारीगरों को वियतनाम और चीन भेजा जाएगा ताकि, वे उन्नत तकनीक सीखकर यहां के बांस कारीगरों को भी नए-नए तकनीक से अवगत कराएं। राज्य सरकार कई ऐसे कार्य करने जा रही है, जिससे संथाल परगना के बांस कारीगरों के साथ-साथ पूरे झारखंड के बांस कारीगरों को एक नई पहचान मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने निवेशकों से कहा कि सरकार उद्योग स्थापित करने में हर तरह से सहयोग करेगी। निवेशकों द्वारा लगाए उद्योग में रोजगार पाने वाले झारखंड की महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण देने का खर्च भी सरकार वहन करेगी। समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाना है। एक नई सोच के साथ कार्य करने की जरूरत है। निश्चित रूप से हम झारखंड को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में सफल होंगे।

कारीगरों के स्किल को ध्यान में रखकर नवीन तकनीक का निर्माण किया जा रहा है

उद्योग सचिव श्री के रविकुमार ने कहा कि 6 लाख परिवार बांस उद्योग से जुड़े हुए हैं, जिससे बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हुए हैं। इस क्षेत्र में रोजगार को और बढ़ावा मिल सके इसके लिए तीन CFC का उद्घाटन हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के द्वारा किया जाएगा। कारीगरों के स्किल को ध्यान में रखकर न्यू टेक्नोलॉजी का निर्माण किया जा रहा है। आज बांस उद्योग के क्षेत्र में इतना बढ़ावा मिला है कि टाटा स्पंच के द्वारा मेट खरीदा जा रहा है। अगले पांच सालों में बांस की खेती के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है, ताकि बांस कारीगरों को उनके गांव व घरों में रहकर रोजगार उपलब्ध हो सके।

इस मौके पर मंत्री डॉ लुईस मरांडी, सांसद श्री सुनील सोरेन, उद्योग सचिव श्री के रविकुमार, उद्योग निदेशक कृपानंद झा, उपायुक्त दुमका श्रीमती बी राजेश्वरी, डीआईजी श्री राजकुमार लकड़ा, आरक्षी अधीक्षक वाई एस रमेश समेत कई अधिकारी मौजूद थे I

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