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बुधवार, 11 सितंबर 2019

थानों में पड़े लावारिश वाहनों की नीलामी की व्यवस्था होः पूर्व सांसद अजय मारू


रांची। भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारु ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को थानों में वर्षों से पड़े वाहनों  के सम्बन्ध में  पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि शहर के विभिन्न थानों में जब्त किए गए दो पहिया वाहन एवं अन्य प्रकार के वाहनों के पड़े हैं जिनकी नीलामी के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए। वास्तुतः कानूनी अड़चनों के कारण शहर के विभिन्न थानों में पड़े वाहन कंडम हो रहे हैं। अफसोस की बात है कि वाहनों की नीलामी की प्रक्रिया में तेजी नहीं लाई जा रही है। इसके कारण सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। वाहनों के रखरखाव में परेशानी हो रही है।
पुलिस थानों में पड़े वाहन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इंपाउंड किए गए हैं। एक्ट के अनुसार जिन वाहनों के चालान किए जाते हैं उनका कोई वारिस नहीं आने के कारण वह लावारिस मिलते हैं। दुर्घटना मामलों में भी वाहन जप्त किए जाते हैं। कोर्ट में जब यह मामले ले जाए जाते हैं जहां सुनवाई पूरी हो जाती है और वह नीलाम करने का आदेश दिया जाता है इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
उन्होंने कहा कि रांची पुलिस बार-बार कहती है कि नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी परंतु इसे धरातल में नहीं लाया जाता। परिणाम यह है कि सभी थानों में जब्त किए गए एवं चोरी के वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसके फलस्वरूप थानों में वाहन रखने की जगह ही नहीं बची है। परिणाम यह है कि थानों में रखे वाहनों को जंग खा रहा है। करोड़ों के वाहनों में सबसे अधिक संख्या दो पहिया वाहनों की है।
कोतवाली, बरियातू, लालपुर, हिंदपीरी, डोरंडा, जगन्नाथपुर, धुर्वा, सुखदेव नगर थाने में हाजारों की संख्या में वाहन जब्त कर रखे हुए हैं। सरकार को इसके कारण राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। वाहन ऑनर बीमा दावा ले लेते हैं और वाहन थााने में पड़े पड़े सड़ जाते हैं। यदि ये वाहन सड़कों पर चलते तो उससे भी सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस कोर्ट की वजह से ज्यादातर वाहन की नीलामी नहीं हो पाती। पुलिस स्वयं स्वीकार करती है कि जब्त वाहनों की नीलामी करना संभव नहीं हो पाता है क्योंकि इसमें मुकदमे अलग कोर्ट में चल रहे हैं। रांची पुलिस ने चोरी के वाहन एवं मोबाइल बरामद होने के बाद उनके मालिक को खोज कर उन्हें थानों को सुपुर्द करने का आदेश दिया था लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने कहा की सबसे अधिक कोतवाली पुलिस ने चोरी के वाहनों को बरामद किया। इन वाहनों को कोतवाली के गेट तक रख दिया है जिसके कारण कोतवाली परिसर में जगह नहीं रह गयी है। पुलिस के साथ समस्या यह है कि वह इन वाहनों को कबाड़ में भी नहीं रख सकती क्योंकि ऊपर से आदेश हुआ है कि वाहन मालिक को ही सौंपा जाए।
समस्या यह है कि चोरों ने वाहनों के चेचिस भी बदल दिए। इसमें दो राय नहीं कि रांची शहर में पहली बार यातायात व्यवस्था को ठीक करने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। मेन रोड की तस्वीर ही बदल गयी है।
पुलिस प्रशासन को जब्त किए गए वाहनों की नीलामी के लिए शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ साथ वाहनों की चोरी के गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस को प्रयास करना चाहिए।

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार के निधन पर पर अजय मारु ने शोक जताया



रांची। राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारु ने झारखण्ड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

श्री मारु ने अपने शोक सन्देश में कहा कि उनकी विद्ध्वता एवं विलशन प्रतिभा का परिणाम रहा कि वह उच्च न्यायालय में अधिवक्ता से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायधीश तक पहुंचे और फिर झारखण्ड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश के पद नियुक्ति के बाद कुछ वर्षों में उनका स्तान्तरण इलाहाबाद किया गया।
श्री मारु ने कहा की झारखण्ड सरकार में विधि सचिव रहते हुए न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने कई बड़े कदम उठायें एवं न्यायिक व्यवस्था को एक नै दिशा दी।

श्री मारु ने कहा की न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार एक सरल एवं मृदु भाषी न्यायविद थे। उन्होंने कहा की न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार  के निधन से न्यायिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है।

शनिवार, 24 अगस्त 2019

प्रखर वक्ता थे अरुण जेटली : अजय मारू



रांची। पूर्व राज्यसभा सदस्य अजय मारू ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
श्री मारू ने अपने शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय जेटली ना केवल एक सुप्रसिद्ध अधिवक्ता थे, वरन एक प्रखर नेता थे। उनके निधन से भाजपा को भारी क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति नहीं की जा सकती।
श्री मारु ने कहा कि झारखंड में एम्स बनाने की स्वीकृति अरुण जेटली ने ही दी थी, जो देवघर में बन रहा है।  उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली ने झारखंड को विकास के लिए कभी भी पैसे की कमी नहीं होने दी थी। उन्होंने कहा कि  अरुण जेटली दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे और क्रिकेट में गहरी रूचि थी। एक बार अपने रांची प्रवास में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भूरी भूरी प्रशंशा की थी। श्री मारु ने कहा कि अरुण जेटली भाजपा के संकटमोचन थे। वह जिस जिस राज्यों की भाजपा के प्रभारी रहे, वहां भाजपा की जीत हुई। उन्होंने कहा की अरुण जेटली ने मूल्यों की राजनीती की। श्री मारु ने कहा कि राजयसभा में उनके साथ रहने का मौका मिला और इस दौरान उन्होंने उनसे काफी कुछ सीखा। श्री मारु  ने कहा कि अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार का कभी कोई आरोप नहीं लगा। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को राजनीति से दूर रखा।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...