परिचालन मुनाफे में चार गुना बढ़ोतरी |
| नई दिल्ली। खान मंत्रालय के अधीनस्थ एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) नेशनल अल्युमिनियम कंपनी (नाल्को) ने एक बार फिर वित्तीय मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम छमाही में कंपनी ने 5,952 करोड़ रुपये का कारोबार किया है जो वित्त वर्ष 2017-18 की प्रथम छमाही में किए गए कारोबार (टर्नओवर) की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम छमाही में 229 प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी दर्शाते हुए 1197 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष (2017-18) की प्रथम छमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 364 करोड़ रुपये आंका गया था। चालू वित्त वर्ष की प्रथम छमाही में जहां एक ओर नाल्को का शुद्ध मुनाफा लगभग तीन गुना बढ़ गया है, वहीं दूसरी ओर कंपनी का परिचालन मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की प्रथम छमाही में अर्जित 334 करोड़ रुपये की तुलना में इस दौरान चार गुना से भी अधिक बढ़कर 1624 करोड़ रुपये के स्तर को छू गया है। कंपनी का ईबीआईटीडीए (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और कर्ज अदायगी पूर्व कमाई) मार्जिन 17 प्रतिशत से दोगुना होकर 34 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है। आज भुवनेश्वर में आयोजित कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही और प्रथम छमाही के वित्तीय परिणामों की समीक्षा की गई। नाल्को ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 510 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्जित किए गए 235 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी का परिचालन मुनाफा 229 प्रतिशत बढ़कर 735 करोड़ रुपये के स्तर को छू गया है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्जित 223 करोड़ रुपये के परिचालन मुनाफे की तुलना में 229 प्रतिशत ज्यादा है। अमेरिका के व्यापार प्रतिबंधों, इत्यादि के कारण अल्युमिना और अल्युमिनियम के बाजारों में तेज उतार-चढ़ाव रहने के बावजूद नाल्को नए कारोबारी मॉडल की बदौलत अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार करने में सक्षम साबित हुई है। नाल्को ने नया कारोबारी मॉडल डेढ़ साल पहले पेश किया था। कंपनी के इस नवीन मॉडल से पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 में उसका शुद्ध मुनाफा दोगुना करने में मदद मिली है। इसी तरह वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही के दौरान इसमें और ज्यादा उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। नाल्को ने वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में 687 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की प्रथम तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 129 करोड़ रुपये आंका गया था। नाल्को के शानदार प्रदर्शन का क्रम चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रहा। नए कारोबारी मॉडल के तहत विशिष्ट उपभोग में कमी करने, लागत में कटौती करने, उत्पादन बढ़ाने, हाजिर बाजार (स्पॉट मार्केट) में रणनीतिक विपणन करने, इत्यादि पर फोकस रहा है। नाल्को के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) डॉ. टी.के.चंद के नेतृत्व में कंपनी की समर्पित एवं दृढ़प्रतिज्ञ टीम को 2018-19 के पूरे वित्त वर्ष के दौरान रिकॉर्ड कारोबार करने एवं मुनाफा कमाने का भरोसा है। |
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मंगलवार, 13 नवंबर 2018
प्रथम छमाही में नाल्को का शुद्ध लाभ तीन गुना बढ़ा
सोमवार, 30 जुलाई 2018
500 अरब डालर पहुंचेगा लाजिस्टिक्स उद्योग में निवेश
केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि वर्ष 2025 तक लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में सालाना निवेश 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। श्री प्रभु ने कहा कि इससे देश में लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और भारत की व्यापारिक गतिविधियों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आने वाली बाधाएं दूर होंगी।
कई विदेशी कंपनियां आज के दौर में भारत को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में देख रही हैं।
इसके अलावा, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसी पहलों ने भारतीय उपमहाद्वीप में उपलब्ध
प्रचुर संसाधनों, कम लागत वाले माहौल और कुशल श्रमिकों वाली व्यवस्था को और बढावा दिया है।
हाल के वर्षों में भारत सरकार ने प्रभावी लॉजिस्टिक्स सेवाओं के जरिए व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सीमा तथा सीमा पार क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों के प्रमाणिक दस्तावेज तैयार करना, समर्पित माल वाहन गलियारे बनाना, बंदरगाहों तथा अन्य आधारभूत संरचनाओं में निवेश और व्यापार की समस्त गतिविधियों को परस्पर जोड़ने के काम शामिल हैं। इन गतिविधियों से देश के लॉजिस्टिक्स सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरेगा। लॉजिस्टिक्स सेवाओं के सक्षम और प्रभावी प्रबंधन से विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र पर सकारात्मक असर दिखेगा।
श्री प्रभु ने कहा कि लॉजिस्टिक्स सेवाओं के समग्र विकास के लिए वाणिज्य विभाग में अलग से लॉजिस्टिक्स इकाई गठित की गई है। वेयर हाउसिंग, प्रशीतन गृहों तथा मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों को आधारभूत संरचना की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय एक राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति तैयार करने काम काम कर रहा है। इसके साथ ही मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के लिए भी जल्द ही एक नीति की घोषणा की जाएगी। श्री प्रभु ने कहा कि वर्तमान में लॉजिस्टिक्स की रफ्तार और लागत भारतीय उत्पादों की उस बाजार हिस्सेदारी में सेंध लगा रही है, जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए वाणिज्य विभाग ने व्यापार और लॉजिस्टिक्स सुगमता केन्द्र (सीटीएफएल) को निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक योजना तैयार करने का अधिकार सौंपा है।
· मौजूदा वैश्विक माहौल में आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन के क्षेत्र में कंपनियों के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योगों, शिक्षाविदों, सरकारों तथा संगठनों के प्रयासों को एकसाथ जोड़ना है।
· व्यापार सुगमता और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन क क्षेत्र में विशेषज्ञों और पेशेवरों का कैडर तैयार करने के लिए सही प्रशिक्षण के जरिए मानव संसाधन का कौशल विकास करना।
· लॉजिस्टिक्स और व्यापार सुगमता क्षेत्र में कार्यरत सरकारी अधिकारियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
मंत्रालय ने उपरोक्त कार्यों के लिए सीटीएफएल को शुरूआती स्तर पर आधारभूत संरचना विकास के लिए एक बार में 80 लाख रुपये की मदद देने का फैसला किया है। अगले चार वर्षों के दौरान इस केन्द्र को विभिन्न चरणों में कुल 339.90 लाख रुपये दिए जाएंगे। सीआईएफएल व्यापार और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों की निगरानी करेगा और इस बारे में तैयार रिपोर्ट के आधार पर लॉजिस्टिक्स सेवाओंमें सुधार के सुझाव देगा।
श्री प्रभु ने इस अवसर पर लॉजिस्टिक्स विभाग के लिए अलग से एक प्रतीक चिन्ह भी जारी किया, जो हंसों के एक जोड़े का ग्राफिक चित्र है। हंस हवा, पानी और जमीन सभी जगह बड़ी सहजता के साथ लम्बी दूरी तक यात्रा कर लेते हैं। उन्हें टीम वर्क, ऊर्जा और विभिन्न साझेदारों के बीच समन्वय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जोकि लॉजिस्टिक्स सेवाओं के लिए जरूरी है।
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