केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि वर्ष 2025 तक लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में सालाना निवेश 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। श्री प्रभु ने कहा कि इससे देश में लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और भारत की व्यापारिक गतिविधियों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आने वाली बाधाएं दूर होंगी।
कई विदेशी कंपनियां आज के दौर में भारत को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में देख रही हैं।
इसके अलावा, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसी पहलों ने भारतीय उपमहाद्वीप में उपलब्ध
प्रचुर संसाधनों, कम लागत वाले माहौल और कुशल श्रमिकों वाली व्यवस्था को और बढावा दिया है।
हाल के वर्षों में भारत सरकार ने प्रभावी लॉजिस्टिक्स सेवाओं के जरिए व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सीमा तथा सीमा पार क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों के प्रमाणिक दस्तावेज तैयार करना, समर्पित माल वाहन गलियारे बनाना, बंदरगाहों तथा अन्य आधारभूत संरचनाओं में निवेश और व्यापार की समस्त गतिविधियों को परस्पर जोड़ने के काम शामिल हैं। इन गतिविधियों से देश के लॉजिस्टिक्स सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरेगा। लॉजिस्टिक्स सेवाओं के सक्षम और प्रभावी प्रबंधन से विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र पर सकारात्मक असर दिखेगा।
श्री प्रभु ने कहा कि लॉजिस्टिक्स सेवाओं के समग्र विकास के लिए वाणिज्य विभाग में अलग से लॉजिस्टिक्स इकाई गठित की गई है। वेयर हाउसिंग, प्रशीतन गृहों तथा मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों को आधारभूत संरचना की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय एक राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति तैयार करने काम काम कर रहा है। इसके साथ ही मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के लिए भी जल्द ही एक नीति की घोषणा की जाएगी। श्री प्रभु ने कहा कि वर्तमान में लॉजिस्टिक्स की रफ्तार और लागत भारतीय उत्पादों की उस बाजार हिस्सेदारी में सेंध लगा रही है, जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए वाणिज्य विभाग ने व्यापार और लॉजिस्टिक्स सुगमता केन्द्र (सीटीएफएल) को निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक योजना तैयार करने का अधिकार सौंपा है।
· मौजूदा वैश्विक माहौल में आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन के क्षेत्र में कंपनियों के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योगों, शिक्षाविदों, सरकारों तथा संगठनों के प्रयासों को एकसाथ जोड़ना है।
· व्यापार सुगमता और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन क क्षेत्र में विशेषज्ञों और पेशेवरों का कैडर तैयार करने के लिए सही प्रशिक्षण के जरिए मानव संसाधन का कौशल विकास करना।
· लॉजिस्टिक्स और व्यापार सुगमता क्षेत्र में कार्यरत सरकारी अधिकारियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
मंत्रालय ने उपरोक्त कार्यों के लिए सीटीएफएल को शुरूआती स्तर पर आधारभूत संरचना विकास के लिए एक बार में 80 लाख रुपये की मदद देने का फैसला किया है। अगले चार वर्षों के दौरान इस केन्द्र को विभिन्न चरणों में कुल 339.90 लाख रुपये दिए जाएंगे। सीआईएफएल व्यापार और लॉजिस्टिक्स गतिविधियों की निगरानी करेगा और इस बारे में तैयार रिपोर्ट के आधार पर लॉजिस्टिक्स सेवाओंमें सुधार के सुझाव देगा।
श्री प्रभु ने इस अवसर पर लॉजिस्टिक्स विभाग के लिए अलग से एक प्रतीक चिन्ह भी जारी किया, जो हंसों के एक जोड़े का ग्राफिक चित्र है। हंस हवा, पानी और जमीन सभी जगह बड़ी सहजता के साथ लम्बी दूरी तक यात्रा कर लेते हैं। उन्हें टीम वर्क, ऊर्जा और विभिन्न साझेदारों के बीच समन्वय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, जोकि लॉजिस्टिक्स सेवाओं के लिए जरूरी है।
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