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शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

जनता के चहेते हैं सीआरपीएफ अधिकारी एसएन यादव



विनय मिश्र
पुलिस और सुरक्षा बलों के अधिकारियों को आमजन के साथ मित्रवत व्यवहार रखने को प्रेरित किया जाता है। लेकिन कुछ अधिकारियों में यह स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। जनता के साथ दोस्ताना संबंध व पब्लिक फ्रेंडली मानसिकता उन्हें आमलोगों के बीच एक विशेष पहचान देने में सहायक होती है। आमतौर पर पुलिस की छवि जनता के बीच नकारात्मक होती है, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों की बेहतरीन कार्यशैली, उनकी ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा से पुलिस के प्रति जनता का नजरिया सकारात्मक होता है। जनता को बेहतर व स्वच्छ प्रशासन मुहैया कराने में ऐसे पुलिसकर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। ऐसी ही एक शख्सियत हैं चक्रधरपुर स्थित सीआरपीएफ 60 बटालियन में पदस्थापित द्वितीय कमांड अधिकारी एसएन यादव। उनकी बेहतरीन कार्यशैली की सराहना उनके सहकर्मी तो करते ही हैं,जनता के बीच भी उनकी छवि एक ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में है। आम जनता से मैत्रीपूर्ण संबंध के लिए वह विशेष रूप से जाने जाते हैं। श्री यादव विगत लगभग तीन वर्षों से चक्रधरपुर में सीआरपीएफ में पदस्थापित हैं। क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों व दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में नक्सल गतिविधियों पर काबू पाने की दिशा में उन्होंने उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल की है।  ग्रामीण क्षेत्रों में जनता व पुलिस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने में भी उन्हें सफलता मिली है। अपनी बेहतरीन कार्यकुशलता का परिचय देते हुए श्री यादव जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं। समाज के भटके ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को वह समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का आह्वान करते हैं। वह कहते हैं कि सही मार्गदर्शन के अभाव में युवा दिग्भ्रमित हो रहे हैं। युवाओं को अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति सजग होने की आवश्यकता है। उन्हें सही राह दिखाने में समाज की अहम भूमिका होती है। इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ सामुहिक प्रयास जरूरी है। श्री यादव अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित हैं। अपने विभागीय कार्यों का बखूबी निर्वहन करते हुए जनसेवा के कार्य को भी तरजीह देते हैं। समाज के बीच सामाजिक समरसता बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण सहभागिता रहती है। श्री यादव अपने मातहत कर्मियों को भी अपने कर्तव्यों का ईमानदारीपूर्वक पालन करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में काम करना उनकी विशेषता है। वह कहते हैं कि सामाजिक विकास के लिए युवाओं को सशक्त करना जरूरी है। हर क्षेत्र में ईमानदार पहल किया जाना चाहिए। विधायिका व कार्यपालिका के बीच भी बेहतर समन्वय होने से जनहित के कार्यों को गति मिलती है। यह देश की समृद्धि व मजबूती के लिए आवश्यक है।

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