रांची। डोरंडा स्थित मुख्य डाक महाध्यक्ष कार्यालय के सामने पेंशनर्स की मांगों के समर्थन में पोस्टल पेंशनर्स एवं केंद्रीय पेंशनर्स एसोसिएशन और पी-4कर्मचारी यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय धरना का आयोजन किया गया. धरना की शुरुआत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। धरना में रांची के अलावा गुमला,सिमडेगा,दुमका,धनबाद,गोमो,
जमशेदपुर,हज़ारीबाग,पलामू ,गिरिडीह के पोस्टल एवं आरएमएस पेंशनर्स एवं कर्मचारी शामिल हुए.केंद्रीय पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से एजी,कॉमर्शियल ऑडिट,सीजीएचएस,
आईबीएम एवं श्रम विभाग के पेंशनर्स ने भाग लिया.
धरना सभा को संबोधित करते हुए स्टेट सचिव ने कहा कि आज देशभर के पेंशनर्स संगठित होकर पेंशन के निजीकरण के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं.एनपीएस की वापसी की लड़ाई लड़ी जा रही है. वृद्धावस्था में संविधान द्वारा प्रदत्त सामाजिक सुरक्षा की गारंटी को किसी भी स्थिति में समाप्त नहीं करने दिया जायगा.
झारखंड के डाक विभाग सहित अन्य विभागों के पेंशनर्स समय पर पेंशन भुगतान न होने ,जीवन प्रमाणपत्र निर्गत न किये जाने सहित सीजीएचएस के वेलनेस केंद्रों पर जीवन रक्षक दवाओं आदि की अनुलब्धता से जूझ रहे है.
पेंशन लाभार्थियों के हित मे पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी आदेशों का अनुपालन नहीं हो पा रहा है.
( A) डाक विभाग से संबंधित मांगें;
1.23मई 2018 को डाक निदेशालय द्वारा जारी आदेश का अनुपालन नहीं होने के कारण पोस्टमेन/मेलगार्ड को 1जनवरी 1996 से बढ़े हुए वेतन/पेंशन का बकाया भुगतान अब तक नहीं किया गया.
2.जनवरी 1986 से पहले जिन डायरेक्ट कर्मचारियों ने प्रशिक्षण लिया है,इस अवधि की गणना कर उन्हें प्रोन्नति विशेषकर TBOP/BCR में लाभ देना.मई 2016 में निदेशालय द्वारा प्राप्त आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है जिसके कारण पोस्टल पेंशनर्स इस लाभ से अब तक वंचित हैं .
