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गुरुवार, 24 जनवरी 2019

धालभूमगंज से उड़ेंगे बोइंग विमानः रघुवर दास



एयरपोर्ट के लिए हुआ भूमि पूजन और एमओयू
पहले  पुनर्वास होगा फिर विस्थापन




रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज प्रतिदिन 30 हवाईजहाज देश के अन्य राज्यों के लिये भगवान बिरसा मुंडा की धरती से प्रतिदिन उड़ान भर रहे हैं। पिछले वर्ष 2018 में लगभग 25,50,000 यात्रियों ने हवाई जहाज से यात्रा की। यह 4 साल की उपलब्धि है यानि झारखंड के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के विकास के लिए भूमि पूजन एवं एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे। धालभूमगढ़, पूर्वी सिंहभूम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

डेढ़ साल में धालभूमगढ़ हवाई अड्डे से हवाई यात्रा प्रारंभ होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर 2014 के पहले झारखंड में प्रतिदिन 1500 लोग हवाई यात्रा करते थे और सिर्फ 8 हवाई जहाज प्रतिदिन चलते थे और एक साल में लगभग 1,50,000 यात्री ही हवाई जहाज से यात्रा करते थे। उन्होंने कहा कि 4 सालों में प्रधानमंत्री के शासन काल में आज औसतन 60,000 यात्री प्रतिदिन हवाई यात्रा कर रहे हैं और इसी कारण से उड़ान योजना के तहत दुमका, पलामू, हजारीबाग, डाल्टनगंज, बोकारो इस क्षेत्र में काफी काम हो रहे हैं। बहुत जल्दी इन क्षेत्रों में उड़ान के माध्यम से कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के लिए आज भूमि पूजन हुआ है, डेढ़ साल के अंदर यह कार्य पूर्ण हो जाएगा और यहां से भी उड़ान भरेंगे।

बोइंग बस विमान धालभूमगढ़ से उड़ान भरेंगे
धालभूमगढ़ ओडीशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड 3 राज्यों के मिलन बिंदु पर अवस्थित है। निश्चित रूप से आने वाले समय में यह हवाई अड्डा देश का कमर्शियल हवाई अड्डा बनेगा। इस को ध्यान में रखकर प्रथम चरण में यह कार्य शुरू हो रहा है। द्वितीय चरण के लिए भी जिले के उपायुक्त को निर्देश दिया गया है। आने वाले वर्षों में यहां से बोइंग बस विमान भी उड़ान भरेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय चरण के लिए 55 एकड़ जमीन की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आसपास की जनता से अनुरोध करूंगा कि 55 एकड़ जमीन जो देंगे उसमें 2013 के भूमि अधिग्रहण के साथ जो भी जमीन देंगे उन्हें बाजार मूल्य का 4 गुना पैसा सरकार देगी। इसके साथ साथ जमीन भी देंगे ताकि अपना घर बना सकेंगे और अपना व्यापार और खेती भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा हमने देवघर में किया। प्रधानमंत्री के हाथों पिछले वर्ष धनबाद में देवघर में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ किया गया। वहां 600 परिवारों को विस्थापन करने का काम किया लेकिन साथ साथ पुनर्वास भी किया। उन्होंने कहा कि सारे लोगों को जमीन दी गई। गरीब जहां दो तल्ले घर बना रहे हैं तो वहीं बहनें फूलों की खेती कर रही हैं जिन की खपत स्थानीय बैद्यनाथ धाम मंदिर में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापन हमारी सरकार में नहीं होगा पहले पुनर्वास होगा फिर विस्थापन का काम होगा इसलिए इस दिशा में जिला प्रशासन, जिला परिषद की अध्यक्ष सांसद और यहां की स्थानीय जनता आम सभा करके निर्णय लें। क्षेत्र का कई गुना विकास होगा। एयरपोर्ट और उड्डयन क्षेत्र में रोजगार के नए आयाम खुलेंगे। आसपास के गांव के युवक युवतियों को प्रशिक्षण देकर इस क्षेत्र में रोजगार हेतु स्थानीय लोगों को ही प्राथमिकता मिलेगी ताकि धालभूमगढ़ के युवक-युवतियों को यहां से पलायन ना करना पड़े।

रविवार, 23 दिसंबर 2018

टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित होगा झारखंडः रघुवर दास


1.7 बिलियन डॉलर अरविंद लिमिटेड टैक्सटाइल टू रिटेल ग्रुप ऑफ कंपनी रांची में व्यापक पैमाने पर टैक्सटाइल के क्षेत्र में वस्त्र निर्माण का कार्य प्रारंभ किया

अरविन्द टेक्सटाइल अगले 4-5 साल झारखण्ड, गुजरात और आंध्र प्रदेश में 500 करोड़ का निवेश करेगी

फेज 2 के पूरा होने पर हर साल 16 मिलीयन वस्त्र का उत्पादन -7500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार, जिसमें 80% महिलाएं


रांची। झारखंड के लिए आज महत्वपूर्ण दिन है। झारखंड के लिए रोजगार के नये रास्ते खुल रहे हैं। हम झारखंड को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज अरविंद स्मार्ट टेक्सटाइल की पहली यूनिट के उदघाटन और फेज 2 का भूमि पूजन किया गया है। आनेवाले समय में और टेक्सटाइल कंपनियां झारखंड में अपना उत्पादन शुरू करेंगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। वे रामपुर अरविंद स्मार्ट टेक्सटाइल की पहली यूनिट के उदघाटन और फेज 2 का भूमि पूजन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने विश्वस्तरीय गुणवत्ता के वस्त्र निर्माण के कार्य की सराहना की और कहा कि आने वाले समय में झारखंड देश का टैक्सटाइल हब बनेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद टैक्सटाइल के 300 करोड़ के फेज 2 के निर्माण पूरा होने पर प्रत्येक वर्ष 16 मिलीयन वस्त्र का उत्पादन होगा। इसके द्वारा 7500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जिसमें 80% महिलाएं होंगी। बड़ी भारी संख्या में अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने देशभर में सबसे बेहतरीन टेक्सटाइल नीति बनायी है। जिसका असर दिख रहा है। महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए इस नीति में विशेष प्रावधान किया गया है। नीति के तहत महिलाओं को रोजगार देने पर कंपनी को अतिरिक्त 1000 ₹ की सब्सिडी दी जा रही है। प्रति पुरुष रोजगार पर 5000₹ तथा प्रति महिला रोजगार पर 6000₹ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। जल्द ही टेक्सटाइल नीति में कुछ संशोधन कर टेक्सटाइल पार्क बनाने को प्रोत्साहित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। कौशल विकास पर सरकार के प्रयास का असर भी अब सामने है। लोगों को अपनी घर में रोजगार मिल रहा है। पहले हमारी बच्चियों को 7-8 हजार रुपये के रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाना पड़ता था। यहां उनका हर तरह का शोषण होता था। अब उन्हें न केवल नरक की जिंदगी से छुटकारा मिलेगा, उन्हें अपने घर में 12-13 हजार रुपये का रोजगार भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में 3700 मैट्रिक टन तसर का उत्पादन होता है, इसमें लगभग 2600 मैट्रिक टन का उत्पादन केवल झारखंड में ही होता है। यहां के तसर का निर्यात मुख्यत अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी व स्विटजरलैंड को निर्यात किया जाता है। सरकार का प्रयास है कि झारखंड में ही इसका वैल्यू एडेड प्लांट लगाया जाये। इससे न केवल लोगों को रोजगार मिलेगा, सरकार को भी राजस्व मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि मोमेंटम झारखंड के बाद राज्य में अब तक वस्त्र उद्योग से संबंधित 30 कंपनियों का शिलान्यास किया जा चुका है। इसमें से चार कंपनियां ओरिएंट क्राफ्ट, किशोर एक्सपोर्ट, सिद्दिटेक व अरविंद मिल्स ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है। आज से शुरू हुए अरविंद स्मार्ट टेक्सटाइल से ही 2000 लोगों को रोजगार मिला है। दूसरे फेज में 7500 और लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। इनके अलावा 26 कंपनियां द्वारा 1367 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इससे 26000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा विभिन्न राज्यों के आठ कंपनियों के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अच्छी नीति, नियत, पारदर्शी शासन और बेहतरीन कानून-व्यवस्था के कारण निवेशक की पसंद झारखंड बनता जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम शक्ति को मजबूत करने के लिए झारखंड सरकार काम कर रही है। स्किल डेवलपमेंट के जरिये इस शक्ति को हम हुनरमंद बना रहे हैं मानव संसाधन सबसे बड़ी पूंजी है। सिर्फ पूंजी हो और मानव संसाधन ना हो तो पूंजी बढ़ती नहीं है। हमारे यहां महिला शक्ति भी है। किसी भी क्षेत्र में देखें महिलाओं के बिना काम नहीं हो पाता। हमारी सरकार इसीलिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है।

अरविंद मिल्स के कार्यकारी निदेशक श्री कुनील लालभाई ने कहा कि वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में झारखण्ड में वह क्षमता है कि यह जल्द ही इस क्षेत्र के अग्रणी बांग्लादेश को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि अरविंद मिल्स ने अरविंद टैक्सटाइल ने वस्त्र और फैशन उद्योग में भारत और विश्व स्तर पर बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए अगले चार-पांच साल में प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। देश के 3 बृहद गारमेंट क्लस्टर के विकास के तहत झारखंड, गुजरात और आंध्रप्रदेश में ये निवेश होगा। इससे 10000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा जिसमें 80% महिलाएं होंगी। बड़ी भारी संख्या में अप्रत्यक्ष रोजगार का भी सृजन होगा।

कार्यक्रम में सविता कुमारी (चतरा), रुबीना ख़ातून (गुमला), सावित्री कुमारी (टाटीसिल्वे) व प्रियंका पटेल (हजारीबाग) ने अपने अनुभव साझा किये।

इस दौरान खिजरी विधायक श्री राम कुमार पाहन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, उद्योग सचिव श्री के रविकुमार, उद्योग निदेशक श्री जिशान क़मर, अरविंद मिल्स के कार्यकारी निदेशक श्री कुनील लालभाई, सीइओ श्री सुशील कौल समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

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