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रविवार, 14 जुलाई 2019

न्यू इंडिया के निर्माण में भारतीय रेल की भूमिका महत्वपूर्णः रघुवर दास

●मुख्यमंत्री रघुवर दास आज बतौर मुख्य अतिथि 64वां राष्ट्रीय रेल पुरस्कार समारोह-2019 में हुए शामिल
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●भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने पर अगले 12 सालों में खर्च होंगे 50 लाख करोड़ रुपए –सुरेश अंगड़ी, रेल राज्य मंत्री
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रांची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल के कुशल नेतृत्व में भारतीय रेल विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पिछले पांच सालों में रेलवे में काफी बदलाव आए हैं. न्यू इंडिया के निर्माण की दिशा में भारतीय रेलवे ने कदम बढ़ा दिए हैं. मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने आज बतौर मुख्य अतिथि सेल ऑडिटोरियम, मेकॉन में आयोजित 64 वें राष्ट्रीय रेल पुरस्कार समारोह- 2019 को संबोधित करते हुए ये बातें कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारतीय रेल आधुनिक और विश्वस्तरीय बनने की राह पर चल पड़ा है. इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटीज के मामले में भारतीय रेलवे लगातार आगे बढ़ रहा है.

विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है भारतीय रेलवे
श्री रघुवर दास ने कहा कि गर्व की बात है कि भारतीय रेलवे विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है. रेलवे में आज 13 लाख से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे हैं. इन्हीं के कार्यों की बदौलत भारतीय रेलवे ने तरक्की हासिल की है. सराहनीय और उत्कृष्ट योगदान करने वालों को सम्मान मिलने से अहसास होता है कि उसने जो कार्य किया है उसे स्वीकार किया जा रहा है और आगे भी वह उसी लगन व मेहनत से कार्य करता है. भारतीय रेल द्वारा अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित करने की इस परंपरा काबिल-ए-तारीफ है.

देश के विभिन्न प्रदेशों को जोड़ने वाला सबसे बड़ा साधन है भारतीय रेलवे
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय रेल एक परिवार की तरह काम कर रहा है. यह देश के विभिन्न प्रांतों को जोड़ने वाला सबसे बड़ा साधन है. यही वजह है कि देश की तरक्की में रेलवे का शुरू से ही अहम योगदान रहा है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारतीय रेलवे का स्वर्णिम इतिहास लिखा जा रहा है. पिछले पांच सालों की बात करें तो भारतीय रेलवे में काफी तेजी से गुणात्मक सुधार और विकास हुआ है और इसमें रेलवे के अधिकारियों और कर्मियों का अहम योगदान रहा है.

स्वच्छता और सुरक्षा पर दिया जा रहा विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों के दौरान भारतीय रेलवे ने इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के मामले में काफी उपलब्धियां हासिल की हैं. रेलों के संचालन, रेललाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन, डबलिन और ट्रिपलिंग के क्षेत्र में काफी इजाफा व सुधार हुआ है. यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है. रेलवे की इस बात के लिए सबसे ज्यादा तारीफ करनी होगी कि स्वच्छता और सुरक्षा में काफी अभूतपूर्व सुधार हुए हैं. रेल दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है और रेलवे परिसर, रेल और प्लेटफॉर्मों पर स्वच्छता वर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

रेलवे को सबसे ज्यादा रेवेन्यू दे रहा झारखंड, प्रदेश में रेलवे के विकास को मिले तरजीह
मुख्यमंत्री ने रेल राज्य मंत्री की मौजूदगी में कही कि झारखंड संसाधनों के मामले में देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है. भारतीय रेलवे को इस राज्य से सबसे ज्यादा रेवेन्यू मिल रहा है. ऐसे में यह जरूरी है कि झारखंड में रेलवे का विकास हो. मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि झारखंड के विकास के लिए और रेल परियोजनाओं मिलनी चाहिए, ताकि यहां के रेल यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत हो सके.

झारखंड की जरूरतों पर है ध्यान, मिलेंगे ज्यादा से ज्यादा रेल संसाधन
रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश अंगड़ी ने कहा कि झारखंड की जरूरतों पर सरकार का ध्यान है. झारखंड में रेलवे के विकास के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. जरूरत के हिसाब से रेल परियोजनाएं दी जाएंगी, ताकि देश के अन्य इलाकों से इसे जोड़ा जा सके. रेल राज्य मंत्री ने कहा कि अगले 12 सालों में रेलवे को अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय बनाने पर 50 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इस दिशा में बुलेट ट्रेन शुरू करने की पहल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भारतीय़ रेल के स्वर्णिम दिन की शुरूआत हो चुकी है.

सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धाओं के विजेता किए गए सम्मानित लगाई गई प्रदर्शनी
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास और रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश अंगड़ी ने भारतीय रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आय़ोजित सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धाओं के विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. ये पुरस्कार क्विज, लाइट एंड वोकल, सोलो डांस, ग्रुप डांस और डॉक्यूमेंट्री श्री में आयोजित प्रतियोगिताओं के लिए दिए गए. इसके साथ यहां लगी प्रदर्शनी में भारतीय रेलवे के विकास की झलक दिखाई गई थी.

64वां राष्ट्रीय रेल पुरस्कार समारोह-2019 में मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास और रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश अंगड़ी के अलावा सांसद श्री संजय सेठ, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार यादव, राज्य सरकार के परिवहन सचिव श्री प्रवीण टोप्पो, रेलवे बोर्ड के सचिव श्री सुशांत कुमार मिश्रा, रेलवे के फाइनांस कमिश्नर विजय कुमार, मेंबर (सिग्नल एंड टेलीकॉम) श्री एन काशीनाथ, मेंबर (स्टाफ) श्री एस एन अग्रवाल, मेंबर (रोलिंग स्टाफ) श्री राजेश अग्रवाल, मेंबर (मैटेरियल्स मैनेजमेंट) श्री वीपी पाठक और दक्षिण-पूर्व रेलवे के जेनरल मैनेजर श्री पीएस मिश्रा समेत देशभर से आए रेलवे के अधिकारी मौजूद थे.

बुधवार, 3 जुलाई 2019

जर्मनी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में शामिल हुआ रांची का मेकॉन


रांची । मेकॉन  ने इस्पात मंत्रालय के तत्वावधान में भारत कि ओर से मुख्य आयोजनकर्ता के रूप मे  अंतर्राष्ट्रीय धातु व्यापार मेला 25 जून से  29 जून को आयोजित डुसेलडोर्फ, जर्मनी में मेटेक- 2019 मे भाग लिया । इस प्रदर्शनी में 'इंडिया स्टील पवेलियन'  लगाया गया, जिसमें मेकॉन के साथ-साथ सेल, एनएमडीसी  आरआईएनएल     केआईओसीएल  और मोइल भी शामिल थे, जिन्होंने धातु के क्षेत्र मे वैश्विक तकनीक का अन्वेषण व विकास मे भारत के योगदान  को प्रदर्शित किया ।
इंडिया स्टील पवेलियन का उद्घाटन फ्रैंकफर्ट मे  भारत के महावाणिज्य दूत प्रतिभा पारकर द्वारा स्टील उद्योग के वैश्विक दिग्गजों की उपस्थिति में 25 जून, 2019 को किया गया ।
मेकॉन ने भारतीय इस्पात उद्योग में आफ़र संभावनाओं पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमे संभावित निवेशकों को  भारत में विनिर्माण आधारों की स्थापना / विस्तार करने के लिए विचार विमर्श किया गया । इसी संदर्भ में मेकॉन के सीएमडी श्री अतुल भट्ट द्वारा भारतीय इस्पात उद्योग में अपार अवसरों पर एक प्रस्तुति दी गयी और “मेक इन इंडिया” ड्राइव मे भारत ने  इस्पात क्षेत्र के लिए पूंजीगत वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा के महत्व पर जोर दिया । उन्होंने राष्ट्रीय इस्पात नीति -2017 से उत्पन्न अवसरों पर प्रकाश डाला ओर श्रीमन भट्ट ने  बताया कि  2030-31 तक 300 मिलियन टन कच्चे इस्पात की क्षमता का लक्ष्य रखा गया  है, जो वर्तमान में 138 मिलियन टन के स्तर पर है । अतिरिक्त इस्पात क्षमता लगभग  160 मिलियन टन जोड़ने के लिए, लगभग 115 बिलियन डॉलर  के विशाल निवेश की आवश्यकता होगी जिसमे लगभग 20-22 बिलियन डॉलर के पूंजीगत सामानों के आयात कि जरूरत पड़ेगी । और साथ ही 2030-31 तक वार्षिक आयात मे कुल-पुर्जो के लिए 500 मिलियन डॉलर आयात करना पड़ेगा । भारतीय बिजनेस के तीन डी को डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड को प्रभाषित किया  और भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय की ओर से सभी निवेशकों को पूर्ण समर्थन और सहयोग के आश्वासन के साथ भागीदार बनाने का निमंत्रण दिया और कहा कि 2030-31 तक कच्चे इस्पात की 300 मिलियन टन कि क्षमता के लक्ष्य को मद्देनजर रखते हुये भविष्य की संभावनाओं और भारतीय इस्पात उद्योग के हितधारको व  पैनलिस्ट के विचार मांगे गए ।
वही, टाटा स्टील लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक व सीआईआई उपाध्यक्ष श्री टीवी नरेंद्रन ने उद्योग के दृष्टिकोण को देखते हुए कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसके पास कच्चा माल और अपना विशाल घरेलू बाजार है । जो कि भारत के लिए फायदेमंद है ।

इस मंच पर अन्य पैनलिस्ट के रूप मे  सेल  के अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के अध्यक्ष श्री नवीन जिंदल, टी क्यू एम एंड स्टील बीजनेस व टाटा स्टील लिमिटेड के अध्यक्ष  श्री आनंद सेन, पॉल वर्थ (एस ए) के सीईओ  श्री जॉर्ज रसेल , डेनियली कोरस के सीईओ डॉ थॉमस जर्मरशुसेन , और प्राइमेटल टेक्नोलॉजीज (ग्रेट ब्रिटेन) के सीईओ श्री स्टीफन ब्राउन मौजूद रहे । इस संगोष्ठी व पैनल चर्चा  मे उद्योग के शेयरधारकों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने भाग लिया और  राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के उद्देश्यों को प्राप्त करने और भारतीय इस्पात उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उनकी राय और चिंताओं पर विचार व्यक्त करने के लिए  एक मंच सांझा  किया गया ।
मेटेक  के दौरान, मेकॉन  ने 27.06.2019 को मेसर्स टेनोवा मेटल्स डॉइच्लेन्ड जीएमबीएच  के साथ सेकेंडरी धातुकर्म के सिस्टम वीडी, वीएडी, वीओडी व आरएच के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये । मेकॉन ने पावर प्लांट्स के लिए फ्ल्यू गैस डिसल्फराइजेशन सिस्टम के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए 28.06.2019 को मेसर्स झेजियांग टेंगी पर्यावरण प्रौद्योगिकी के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये ।  वही लौह और इस्पात उद्योग के वैश्विक प्रमुख उद्योगपतियों के साथ कई व्यापारिक बैठकें आयोजित की गई ताकि लौह और इस्पात उद्योग के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की जा सके । मेकॉन ने भारतीय इस्पात उद्योग के विकास को गति प्रदान करने के लिए वैश्विक पूंजीगत वस्तु निर्माताओं और इस्पात हितधारको के साथ साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन  भी किया ।इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में मेकॉन की सक्रिय भागीदारी ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान  को मजबूत किया है और मेकॉन आने वाले समय मे विभिन्न अवसरों को भुनाने के लिए अग्रसर है वही  भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक है जो व्यापार को बढ़ावा देने  की पेशकश कर रहा है ।  उम्मीद है कि इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में उल्लेखनीय उपस्थिति से निकट भविष्य में नए व्यापार के मार्ग प्रशस्त होंगे । और मेक ईन इंडिया को मजबूती प्रदान करेगा ।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...