रांची । मेकॉन ने इस्पात मंत्रालय के तत्वावधान में भारत कि ओर से मुख्य आयोजनकर्ता के रूप मे अंतर्राष्ट्रीय धातु व्यापार मेला 25 जून से 29 जून को आयोजित डुसेलडोर्फ, जर्मनी में मेटेक- 2019 मे भाग लिया । इस प्रदर्शनी में 'इंडिया स्टील पवेलियन' लगाया गया, जिसमें मेकॉन के साथ-साथ सेल, एनएमडीसी आरआईएनएल केआईओसीएल और मोइल भी शामिल थे, जिन्होंने धातु के क्षेत्र मे वैश्विक तकनीक का अन्वेषण व विकास मे भारत के योगदान को प्रदर्शित किया ।
इंडिया स्टील पवेलियन का उद्घाटन फ्रैंकफर्ट मे भारत के महावाणिज्य दूत प्रतिभा पारकर द्वारा स्टील उद्योग के वैश्विक दिग्गजों की उपस्थिति में 25 जून, 2019 को किया गया ।
मेकॉन ने भारतीय इस्पात उद्योग में आफ़र संभावनाओं पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमे संभावित निवेशकों को भारत में विनिर्माण आधारों की स्थापना / विस्तार करने के लिए विचार विमर्श किया गया । इसी संदर्भ में मेकॉन के सीएमडी श्री अतुल भट्ट द्वारा भारतीय इस्पात उद्योग में अपार अवसरों पर एक प्रस्तुति दी गयी और “मेक इन इंडिया” ड्राइव मे भारत ने इस्पात क्षेत्र के लिए पूंजीगत वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा के महत्व पर जोर दिया । उन्होंने राष्ट्रीय इस्पात नीति -2017 से उत्पन्न अवसरों पर प्रकाश डाला ओर श्रीमन भट्ट ने बताया कि 2030-31 तक 300 मिलियन टन कच्चे इस्पात की क्षमता का लक्ष्य रखा गया है, जो वर्तमान में 138 मिलियन टन के स्तर पर है । अतिरिक्त इस्पात क्षमता लगभग 160 मिलियन टन जोड़ने के लिए, लगभग 115 बिलियन डॉलर के विशाल निवेश की आवश्यकता होगी जिसमे लगभग 20-22 बिलियन डॉलर के पूंजीगत सामानों के आयात कि जरूरत पड़ेगी । और साथ ही 2030-31 तक वार्षिक आयात मे कुल-पुर्जो के लिए 500 मिलियन डॉलर आयात करना पड़ेगा । भारतीय बिजनेस के तीन डी को डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड को प्रभाषित किया और भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय की ओर से सभी निवेशकों को पूर्ण समर्थन और सहयोग के आश्वासन के साथ भागीदार बनाने का निमंत्रण दिया और कहा कि 2030-31 तक कच्चे इस्पात की 300 मिलियन टन कि क्षमता के लक्ष्य को मद्देनजर रखते हुये भविष्य की संभावनाओं और भारतीय इस्पात उद्योग के हितधारको व पैनलिस्ट के विचार मांगे गए ।
वही, टाटा स्टील लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक व सीआईआई उपाध्यक्ष श्री टीवी नरेंद्रन ने उद्योग के दृष्टिकोण को देखते हुए कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसके पास कच्चा माल और अपना विशाल घरेलू बाजार है । जो कि भारत के लिए फायदेमंद है ।
इस मंच पर अन्य पैनलिस्ट के रूप मे सेल के अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के अध्यक्ष श्री नवीन जिंदल, टी क्यू एम एंड स्टील बीजनेस व टाटा स्टील लिमिटेड के अध्यक्ष श्री आनंद सेन, पॉल वर्थ (एस ए) के सीईओ श्री जॉर्ज रसेल , डेनियली कोरस के सीईओ डॉ थॉमस जर्मरशुसेन , और प्राइमेटल टेक्नोलॉजीज (ग्रेट ब्रिटेन) के सीईओ श्री स्टीफन ब्राउन मौजूद रहे । इस संगोष्ठी व पैनल चर्चा मे उद्योग के शेयरधारकों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने भाग लिया और राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 के उद्देश्यों को प्राप्त करने और भारतीय इस्पात उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उनकी राय और चिंताओं पर विचार व्यक्त करने के लिए एक मंच सांझा किया गया ।
मेटेक के दौरान, मेकॉन ने 27.06.2019 को मेसर्स टेनोवा मेटल्स डॉइच्लेन्ड जीएमबीएच के साथ सेकेंडरी धातुकर्म के सिस्टम वीडी, वीएडी, वीओडी व आरएच के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये । मेकॉन ने पावर प्लांट्स के लिए फ्ल्यू गैस डिसल्फराइजेशन सिस्टम के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए 28.06.2019 को मेसर्स झेजियांग टेंगी पर्यावरण प्रौद्योगिकी के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये । वही लौह और इस्पात उद्योग के वैश्विक प्रमुख उद्योगपतियों के साथ कई व्यापारिक बैठकें आयोजित की गई ताकि लौह और इस्पात उद्योग के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर चर्चा की जा सके । मेकॉन ने भारतीय इस्पात उद्योग के विकास को गति प्रदान करने के लिए वैश्विक पूंजीगत वस्तु निर्माताओं और इस्पात हितधारको के साथ साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन भी किया ।इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में मेकॉन की सक्रिय भागीदारी ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान को मजबूत किया है और मेकॉन आने वाले समय मे विभिन्न अवसरों को भुनाने के लिए अग्रसर है वही भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में से एक है जो व्यापार को बढ़ावा देने की पेशकश कर रहा है । उम्मीद है कि इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में उल्लेखनीय उपस्थिति से निकट भविष्य में नए व्यापार के मार्ग प्रशस्त होंगे । और मेक ईन इंडिया को मजबूती प्रदान करेगा ।
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