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शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

कृषि में नवाचार समय की जरूरतः सुरेश प्रभु

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि दुनियाभर के देश जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना कर रहे है, ऐसे में कृषि क्षेत्र में नवाचार की सख्त जरूरत है। श्री प्रभु आज नई दिल्ली में कृषि स्टार्ट-अप्स द्वारा नवाचार पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।
श्री प्रभु ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में खाद्यान्न की और अधिक मांग होगी क्योंकि विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है जिसके लिए सीमित उपजाऊ जमीन पर कम से कम पानी का इस्तेमाल करते हुए अधिक से अधिक फसल उपजाने के लिए कृषि स्टार्ट-अप्स की जरूरत है। श्री प्रभु ने खाद्यान्न, फलों और सब्जियों की बर्बादी को कम से कम करने के लिए नवाचार लाने का आह्वान किया।
वाणिज्य मंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स के लिए काफी संभावनाएं हैं जो अभी मुख्य तौर पर विचार मंचों और विनिर्माण तक सीमित है। उन्होंने कहा कि नवाचारों की मदद से अधिक उपज देने वाले बीमारी रहित फसलों का उत्पादन, भूमि पोषण नक्शे, उन्नत डेयरी, मुर्गीपालन और मत्स्य प्रौद्योगिकी को विकसित करना चाहिए।
श्री सुरेश प्रभु ने कृषि स्टार्ट-अप्स को अधिक नवाचारयुक्त बनाने का आह्वान करते हुए बताया कि सरकार स्टार्ट-अप्स के विकास हेतु सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक समग्र रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय स्टार्ट-अप्स समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
श्री सुरेश प्रभु ने विभिन्न वर्गों में कृषि स्टार्ट-अप्स को नवाचार पुरस्कारों से सम्मानित किया और फिक्की की पीडब्ल्यूसी जानकारी रिपोर्ट भी जारी की।

सोमवार, 6 अगस्त 2018

कृषि प्रधान देश में उपेक्षित हैं किसान : सुधांशु सुमन


चतरा जिले के 12 प्रखंडों का दौरा कर धनरोपनी का लिया जायजा

रांची। झारखंड के लोकप्रिय समाजसेवी सुधांशु सुमन ने कहा कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, इसके बावजूद यहां के किसान बदहाल हैं। किसानों की आर्थिक दशा में सुधार नहीं हो रहा है। कृषि आधारित उद्योग और परंपरागत कुटीर उद्योग दम तोड़ते जा रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है। किसानों की माली हालत बिगड़ती जा रही है।
 श्री सुमन ने झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिले चतरा के विभिन्न प्रखंडों का दौरा कर किसानों की स्थिति का जायजा लिया। जिले में धनरोपनी की अद्यतन स्थिति से अवगत हुए। उन्होंने कहा कि सावन माह में अभी तक मात्र 25 फीसदी ही धनरोपनी हो पाई है। पर्याप्त वर्षा के अभाव में किसान रोपाई नहीं कर पाए हैं। सरकारी स्तर पर किसानों को सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की बदहाल स्थिति देखते हुए उन्हें नि:शुल्क खाद व बीज मुहैया करने की व्यवस्था सरकारी स्तर पर किया जाना चाहिए। सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण धनरोपनी प्रभावित हो रही है। किसानों को ब्याज रहित कर्ज देने, फसल बीमा की राशि बढ़ाने, पुराने कर्ज माफ करने की दिशा में सरकार ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे। इस दिशा में प्रयासरत हैं। गौरतलब है कि श्री सुमन चतरा जिले की जनसमस्याओं के निदान के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से एक मिशन के तहत अभियान चला रहे हैं। लोगों के बीच राष्ट्र प्रेम की भावना जगाते हुए जय जवान- जय किसान का नारा सार्थक करने में जुटे हैं। उनके इस अभियान में कई संस्थान सहयोग कर रहे हैं। उनका मानना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार कृषि है, किसानों की हालत में सुधार और कृषि आधारित उद्योगों के विकास से ही देश व राष्ट्र सशक्त हो सकता है।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...