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सोमवार, 6 अगस्त 2018

कृषि प्रधान देश में उपेक्षित हैं किसान : सुधांशु सुमन


चतरा जिले के 12 प्रखंडों का दौरा कर धनरोपनी का लिया जायजा

रांची। झारखंड के लोकप्रिय समाजसेवी सुधांशु सुमन ने कहा कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, इसके बावजूद यहां के किसान बदहाल हैं। किसानों की आर्थिक दशा में सुधार नहीं हो रहा है। कृषि आधारित उद्योग और परंपरागत कुटीर उद्योग दम तोड़ते जा रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है। किसानों की माली हालत बिगड़ती जा रही है।
 श्री सुमन ने झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिले चतरा के विभिन्न प्रखंडों का दौरा कर किसानों की स्थिति का जायजा लिया। जिले में धनरोपनी की अद्यतन स्थिति से अवगत हुए। उन्होंने कहा कि सावन माह में अभी तक मात्र 25 फीसदी ही धनरोपनी हो पाई है। पर्याप्त वर्षा के अभाव में किसान रोपाई नहीं कर पाए हैं। सरकारी स्तर पर किसानों को सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की बदहाल स्थिति देखते हुए उन्हें नि:शुल्क खाद व बीज मुहैया करने की व्यवस्था सरकारी स्तर पर किया जाना चाहिए। सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण धनरोपनी प्रभावित हो रही है। किसानों को ब्याज रहित कर्ज देने, फसल बीमा की राशि बढ़ाने, पुराने कर्ज माफ करने की दिशा में सरकार ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे। इस दिशा में प्रयासरत हैं। गौरतलब है कि श्री सुमन चतरा जिले की जनसमस्याओं के निदान के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से एक मिशन के तहत अभियान चला रहे हैं। लोगों के बीच राष्ट्र प्रेम की भावना जगाते हुए जय जवान- जय किसान का नारा सार्थक करने में जुटे हैं। उनके इस अभियान में कई संस्थान सहयोग कर रहे हैं। उनका मानना है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार कृषि है, किसानों की हालत में सुधार और कृषि आधारित उद्योगों के विकास से ही देश व राष्ट्र सशक्त हो सकता है।

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