नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि दुनियाभर के देश जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना कर रहे है, ऐसे में कृषि क्षेत्र में नवाचार की सख्त जरूरत है। श्री प्रभु आज नई दिल्ली में कृषि स्टार्ट-अप्स द्वारा नवाचार पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।
श्री प्रभु ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में खाद्यान्न की और अधिक मांग होगी क्योंकि विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है जिसके लिए सीमित उपजाऊ जमीन पर कम से कम पानी का इस्तेमाल करते हुए अधिक से अधिक फसल उपजाने के लिए कृषि स्टार्ट-अप्स की जरूरत है। श्री प्रभु ने खाद्यान्न, फलों और सब्जियों की बर्बादी को कम से कम करने के लिए नवाचार लाने का आह्वान किया।
वाणिज्य मंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स के लिए काफी संभावनाएं हैं जो अभी मुख्य तौर पर विचार मंचों और विनिर्माण तक सीमित है। उन्होंने कहा कि नवाचारों की मदद से अधिक उपज देने वाले बीमारी रहित फसलों का उत्पादन, भूमि पोषण नक्शे, उन्नत डेयरी, मुर्गीपालन और मत्स्य प्रौद्योगिकी को विकसित करना चाहिए।
श्री सुरेश प्रभु ने कृषि स्टार्ट-अप्स को अधिक नवाचारयुक्त बनाने का आह्वान करते हुए बताया कि सरकार स्टार्ट-अप्स के विकास हेतु सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक समग्र रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय स्टार्ट-अप्स समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।
श्री सुरेश प्रभु ने विभिन्न वर्गों में कृषि स्टार्ट-अप्स को नवाचार पुरस्कारों से सम्मानित किया और फिक्की की पीडब्ल्यूसी जानकारी रिपोर्ट भी जारी की।
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