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रविवार, 30 जून 2019

ईमानदारी से परीक्षा दें, जो आता है वही लिखें, न कोई पास होगा न फेलः डीडीसी


विनय मिश्रा

चाईबासा। उप विकास आयुक्त  आदित्य रंजन ने कहा कि कुछ बच्चे कंप्यूटर की बेसिक जानकारी रखते हैं, कुछ बच्चे उसके विषय में कुछ भी नहीं जानते हैं बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो कि कंप्यूटर की काफी बेहतर जानकारी रखते हैं। पूरे पाठ्यक्रम को इसी के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इस परीक्षा में पास फेल कुछ नहीं है। आप स्वयं जो जानते हैं उतना ही उचित तरीके से लिखें ताकि आपको उसी कक्षा में भेजा जाए जहां वैसा टीचर हो जो आपकी जरूरत के मुताबिक कंप्यूटर का ज्ञान दे सके। उक्त बातें उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने आज टाटा कॉलेज बहुद्देशीय प्रशाल में कंप्यूटर ट्रेनिंग के उपरांत परीक्षा दे रहे छात्रों को संबोधित करते हुए कहीं।
ज्ञातव्य है कि उपायुक्त और उप विकास आयुक्त द्वारा जिले के बच्चों को कंप्यूटर का ज्ञान देने की एक सार्थक पहल की गई है। पहल के तहत जो भी बच्चे कंप्यूटर सीखना चाहते हैं उन्हें समाहरणालय के ग्राउंड फ्लोर पर डीजीएस सेंटर में ट्रेनिंग प्रदान की जाती है। इसके साथ-साथ ट्रेनिंग देने के बाद बच्चों की परीक्षा भी ली जाती है। आज इस तरह की परीक्षा का आयोजन टाटा कॉलेज बहुद्देशीय प्रशाल में किया गया जिसमें लगभग 340 बच्चों ने आज परीक्षा लिखी। 225 बच्चे अभी अध्ययनरत हैं और 100 छात्रों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है।
मुख्यतः समाहरणालय कर्मियों के बच्चों के साथ प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई यह पहल आज बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का द्योतक बन चुकी है। उप विकास आयुक्त ने जानकारी दी कि लगभग एक हजार कंप्यूटर प्रशिक्षित बच्चों की फौज हमारे पास तैयार है जिससे कि जिले के बच्चे कहीं भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।

मंगलवार, 25 जून 2019

चाईबासा में बनाया चलता-फिरता स्कूल

वंडर ऑन व्हील  वाहन बच्चों के लिए वरदान


चाईबासा। आए दिन बच्चों का विज्ञान के प्रति होते कम रुचि को देखकर उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन के पहल से वंडर ऑन व्हील नामक एक चलता फिरता स्कूल बनाया गया । वाहन में विज्ञान से संबंधित हरएक प्रकार के एक्सपेरिमेंट यंत्र लगाए गए हैं । वाहन का प्रमुख रूप से काम है की पश्चिम सिंहभूम जिले अंतर्गत मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालय के छात्रों को विज्ञान के प्रति जागरूक करना तथा आज के समय में विज्ञान कितना महत्वपूर्ण होता है । इस संबंध में बच्चों को जानकारी देना जिसके लिए वंडर ऑन व्हील्स आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है । वाहन में पढ़ाई से संबंधित सभी प्रकार के टूल्स तथा विज्ञान से संबंधित सभी प्रकार के यंत्र सुसज्जित कराए गए हैं । जिन्हें विद्यालयों में ले जाकर बच्चों को एक्सपेरिमेंट टूल की मदद से बच्चों को विज्ञान के महत्व के बारे में समझाना तथा जो बच्चे पढ़ते हैं, उन्हें एक्सपेरिमेंट के रूप में उनके सामने प्रतीत करना वाहन का मुख्य काम है


वंडर ऑन व्हील्स को संचालित करने के लिए 4 ट्रेनर प्रतिनियुक्त किए गए हैं । नवरत्न, राणा, निशा, और प्रियदर्शन जिनका काम जिला अंतर्गत मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालय में जाकर 6 से 12 क्लास तक के बच्चों को एक्सपेरिमेंट टूल्स कि मदद से जो वे विद्यालय में पढ़ रहे हैं । उन्हें वास्तविक रूप में परिवर्तित करके दिखाना है । प्रत्येक वाहन के लिए दो ट्रेनर प्रतिनियुक्त किए गए हैं । ज्ञात हो पश्चिम सिंहभूम जिले अंतर्गत अभी दो वाहन चलाए जा रहे हैं ।

वंडर्स ऑन व्हील्स के कारण बच्चों में आ रही बदलाव

>>वंडर्स ऑन व्हील के मदद से बच्चों में साइंस के प्रति रुचि जाग रही है । तथा देखा जा रहा है, कि बच्चे अब साइंस के प्रति ज्यादा जागरूक हैं ।

>>एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग कि तकनीक की मदद से बच्चे अब पहले से अधिक तथा अच्छी तरीके से विज्ञान के बारे में जान पा रहे हैं

>> वंडर ऑन व्हील्स के कारण जिले में विज्ञान का शिक्षकों का डिमांड बढ़ रहा है

>> स्कूल में बने साइंस लैब का प्रयोग अब वंडर ऑन व्हील्स के कारण सही तरीके से हो रहा है

नए मॉड्यूल वंडर ऑन व्हील्स में जोड़े जाएंगे

>> 9 से 12 क्लास के बच्चों के लिए नये तकनीक जोड़े जा रहे हैं

>> जीव विज्ञान ,रसायन तथा भौतिकी के बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी दी जाएगी

>> बच्चों को साइंस के प्रति रुचिवार तथ्य बताएं तथा दिखाए जाएंगे

>> बच्चों को विज्ञान के प्रति रोचक तथा इंटरेस्टिंग वीडियोस के माध्यम से पढ़ाया जाएगा

>> जैसा विद्यालय हो उस हिसाब से मॉड्यूल तैयार किया जाएगा

>> जिला अंतर्गत आए प्रशिक्षण हेतु 2 छात्र वैभव और उपमन्यु को वंडर ऑन व्हील्स के लिये कंटेन डेवलप्ड करने का कार्य दिया गया है

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...