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शुक्रवार, 28 जून 2019

पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा

सीएम रघुवर दास ने कहा-

★ 30 सितंबर तक सभी आदिम जनजाति टोलों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने का कार्य पूरा करें

★ जल संचयन पर जोर रहे


रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 30 सितंबर तक सभी आदिम जनजाति टोलों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने का कार्य पूरा करें। 6,676 जनजाति बहुल टोलों में पाइप लाइन से पेय जल कार्य प्रगति पर है। 75% जनजातीय टोलों में 15 अक्टूबर तक कार्य पूरा करें। नदियों पर वीयर योजना के तहत 6 से 10 फीट के बांध बनाकर वर्षा के जल को रोकने की योजना बनाएं। मुख्यमंत्री ने झारखण्ड मंत्रालय में पेयजल स्वच्छता और जल संसाधन विभाग की समीक्षा करते हुए यह निदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में झारखंड में पेयजल एक चुनौती थी। अलग राज्य बनने के बाद 14 सालों में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई थी। 2015 के शुरू में महज 12% आबादी तक पेयजल की सुविधा थी जो साढ़े 4 साल में बढ़कर कर 34.77% हो गई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 से पहले किसी आदिम जनजाति टोलों के लिए पेयजल कार्यक्रम नहीं था. 2015 के बाद योजनाएं बनीं और काम शुरू हुआ। 2,251 आदिम जनजातीय दोनों में पेयजल पहुंचाने का कार्य शुरू हुआ है.162 टोलों में कार्य पूरा हो गया है तथा 30 सितंबर तक सभी आदिम जनजाति टोलों में पाइप लाइन से जल जाए यह सुनिश्चित करें।

इसी तरह राज्य गठन के 14 साल बाद पहली बार मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत आदिवासी बहुल 11,124 टोलों के लिए पेयजल का अभियान शुरू हुआ है. इनमें 6676 टोलों में कार्य शुरू हो गया है. 15 अक्टूबर तक 75 % लगभग 5000 से अधिक टोलों में पाइप लाइन से पेयजल पहुंच जाए यह सुनिश्चित करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर जनजातीय आबादी के 28469 गांव में पाइप लाइन से जल पहुंचाने का कार्य डीएमएफटी, 14वें वित्त आयोग के फंड, आकांक्षी जिलों के लिए प्राप्त आवंटन, विधायक निधि से कार्य हो रहा है. इसकी लगातार मोनिटरिंग होनी चाहिए।

 पिछले साढे 4 वर्षों में बढ़ कर शत-प्रतिशत घरों में शौचालय उपलब्ध
बैठक में स्पष्ट हुआ कि 2 अक्टूबर 2014 को 16.25% घरों में टॉयलेट था जो उस समय के राष्ट्रीय औसत 38.7% से पीछे था और आज झारखंड आज शत-प्रतिशत हो गया है, जो राष्ट्रीय औसत 99.26% से अधिक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी घर परिवार छूटे हुए पाए जाते हैं अथवा पुराने स्लिप शौचालय हैं उन सब को तत्काल पूरा करें.

6 से 10 फीट के बांध बनाकर वर्षा के जल को रोेकें
जल संसाधन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों पर वीयर योजना के तहत 6 से 10 फीट के बांध बनाकर वर्षा के जल को रोकने की योजना बनाएं इससे भूगर्भ जल स्तर भी बढ़ेगा तथा पेयजल और सिंचाई भी संभव हो सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015-16 में लघु सिंचाई प्रक्षेत्र में 6 चेक डैम की योजनाएं पूर्ण थी, जिससे केवल 290 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती थी लेकिन 2019 तक लघु सिंचाई प्रक्षेत्र में 1300 चेक डैम का निर्माण हुआ जिससे 70,067 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता में वृद्धि दर्ज की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु सिंचाई प्रक्षेत्र क्षेत्र में 2015- 16 में 239 मध्यम सिंचाई योजना लागू थी, जो 2016 से 2018-19 तक 571 मध्यम सिंचाई योजनाएं लागू हुई, जिससे सिंचाई क्षमता बढ़कर 30,700 हेक्टेयर भूमि हो गई.

बैठक में पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस, मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर सुनील कुमार वर्णवाल, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सचिव आराधना पटनायक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

रविवार, 23 दिसंबर 2018

जलापूर्ति में सुधार की मांग को ले अधिकारी से मिला छात्रों का प्रतिनिधिमंडल

शहर में पर्याप्त और नियमित जलापूर्ति करें : आदर्श मल्लिक
 रांची विश्वविद्यालय के छात्र नेता व युवा समाजसेवी आदर्श मल्लिक ने राजधानी के विभिन्न मुहल्लों में पर्याप्त और नियमित जलापूर्ति की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने संबंधित अधिकारी को मांग पत्र सौंपा है। आदर्श ने कहा कि  रांची के विभिन्न इलाकों में जनता पानी की समस्याओं से जूझ रही है।  श्री मल्लिक ने कहा कि जल मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है। इसके बिना कोई मनुष्य नहीं रह सकता है। लेकिन कुछ दिनों से रांची के विभिन्न इलाके  मोरहाबादी, हिंदपीढ़ी,अपर बाजार, लोअर बाजार सहित आसपास के कई इलाकों में पानी की सप्लाई सही तरीके से नहीं हो रही है, जिसके कारण शहर वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पानी के वितरण को सुचारू रूप से चालू करने तथा शहरवासियों को स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था कराने की मांग उन्होंने की। कहा कि यदि जलापूर्ति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो शहर वासियों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि  पदाधिकारी सुनील कुमार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही पानी को लेकर जो भी समस्याएं उत्पन्न हो रही है उसका समाधान कर दिया जाएगा और सभी शहरवासियों को सुचारू रूप से जल्द से जल्द पानी मुहैया कराई जाएगी। प्रतिनधिमंडल में दीपेश कुमार सिंह, भरत शर्मा, मोनू कुमार,  सूरज मुंडा,सुनीता लकड़ा शामिल थे।

शनिवार, 1 दिसंबर 2018

उपायुक्त ने किया जलापूर्ति योजनाओं का निरीक्षण


देवघर। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा आज मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत विभिन्न प्रखण्डों में चल रहे जलापूर्ति योजनाओं के साथ-साथ जलमीनार, पम्प हाउस, जल शुद्धिकरण यंत्र, मधुपुर उपकारा आदि का औचक निरीक्षण किया गया। अवलोकन के क्रम में सर्वप्रथम उपायुक्त मारगोमुण्डा जलापूर्ति योजना का निरीक्षण कर वास्तुस्थिति से अवगत हुए एवं उन्हांेने जल शुद्धिकरण यंत्र, जलमीनार, पम्पसेट हाउस, कर्मचारियों के आवासन की व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया। साथ हीं उपायुक्त द्वारा इन प्रखण्डों में पूर्ण हो चुके विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं एवं कार्यों का भी जायजा लिया गया। तत्पश्चात उपायुक्त द्वारा चेतनारी पेयजलापूर्ति जल शुद्धिकरण यंत्र की वास्तुस्थिति से अवगत होते हुए कहा गया कि तीन लाख लीटर क्षमता वाले इस संयंत्र से आस-पास के कई गाँवों को लाभ मिल रहा है। वहीं इस संयंत्र को पूरी तरह से ग्राम समिति के सदस्यों द्वारा संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मारगोमुण्डा जलापूर्ति योजना यहाँ के ग्रामीणों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है एवं आने वाले समय में सभी लोगों की सहभागिता और देख-रेख से मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत पालोजोरी पेयजलापूर्ति योजना, सारठ जलापूर्ति योजना, करौं जलापूर्ति योजना आदि की मदद से मधुपुर अन्तर्गत आने वाले सभी प्रखण्डों में पेयजलापूर्ति की जायेगी।
                        इस दौरान उपायुक्त द्वारा मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत शौचालय निर्माण के कार्यों का जायजा लेते हुए एन.,आर.एस.एस. के सर्वे पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ हीं उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी, मारगोमुण्डा जोहन टुडू को निदेशित किया गया कि करोड़ों की लागत से बन रहे ग्रामीण जलापूर्ति योजना के कार्य को शीघ्रातिशीघ्र गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कराया जाए। साथ हीं उपायुक्त द्वारा निदेशित किया गया कि मारगोमुण्डा एवं पालोजोरी में निर्माणाधीन प्रखण्ड स्तरीय स्टेडियम एवं सांस्कृतिक अखाड़ा के निर्माण कार्य को भी जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करायी जाय। इसके अलावा उन्होंने कई और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को दिया।
उपायुक्त द्वारा आगे प्रखण्ड कार्यालय, मारगोमुण्डा के अन्तर्गत संचालित विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण कर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को निदेशित किया गया कि स्थापना से संबंधित सभी कार्य एवं फाॅर्म-1 के भरने से संबंधित सभी कार्यों  को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करायें। साथ हीं उपायुक्त द्वारा मधुपुर उपकारा का औचक निरीक्षण किया गया एवं सुरक्षा व्यवस्था विधि-व्यवस्था से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी लेते हुए कहा गया कि कारा के अंदर स्वच्छता एवं सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाय।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...