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गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

80 लाख स्कूली ड्रेस का निर्माण पंचायत की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगीः रघुवर दास



जामताड़ा। मैं जनता और शासन के बीच दूरी पाटने आया हूं। केवल विकास नहीं बल्कि तेजी से विकास का भरोसा दिलाने आया हूँ। किसानों, गरीबों, युवाओं और महिलाओं के विकास के लिए समर्पित है हमारी सरकार। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बेना गांव, शहरपुरा पंचायत, जामताड़ा में आयोजित जन चौपाल को सम्बोधित करते हुए यह कहा।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं से बात करते हुए यह जाना कि नारायणपुर सहित कुछ प्रखण्डों के कुछ गावों में शौचालय का निर्माण छूट गया है। मुख्यमंत्री ने तुरत डीसी को निर्देश दिया कि जिन गावों में शौचालय का निर्माण छूट गया है, वहाँ अभियान चला कर जल सहय्या, रानी मिस्त्री को लगा कर एक माह में शौचालय का निर्माण पूरा कराएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में मात्र 18% घरों में शौचालय था। 4 साल बाद यह बढ़कर 99% हो गया। इसमें जल साहिया, रानी मिस्त्री और सखी मंडल ने सराहनीय कार्य किया है।

देश तभी बढ़ेगा जब महिलाएं बढ़ेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि घर परिवार की धुरी है महिला, अब समाज और राज्य के विकास की धुरी भी महिलाएं ही होंगी। देश और राज्य तभी बढेगा जब महिलाएं आगे बढ़ेंगी। अबतक सबने केवल भाषण ही दिया है। हमारी सरकार ने महिलाओं के सशक्तीकरण पर ध्यान दिया है। 50 लाख की संपत्ति की रजिस्ट्री महिला के नाम पर होने पर केवल 1 ₹ रजिस्ट्री शुल्क लगेगा। राज्य की 1,20,000 महिलाओं ने इसका लाभ लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जवला योजना के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री ने महिलाओं को धोने से मुक्ति दिलाने की कवायद की है। इसके तहत झारखंड राज्य सरकार आगे बढ़ कर फ्री चूल्हा और पहला रिफिल भी फ्री दे रही है।

80 लाख स्कूली ड्रेस का निर्माण पंचायत की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 लाख बच्चों को साल में दो ड्रेस दिए जाने हैं। अब 80 लाख स्कूली ड्रेस का निर्माण पंचायत स्तर पर होगा। पंचायत की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ही ड्रेस तैयार करेंगी।

जैविक खेती को बढ़ावा-- प्रति बूंद फसल ज्यादा
श्री रघुवर दास ने कहा कि 2014 में राज्य की कृषि विकास की दर -4.5 थी। 2018 के अंत में अर्थात 4 साल बाद कृषि विकास दर +14% हो गई। 18%से अधिक का विकास दर कृषि में हुआ। इसका श्रेय राज्य के किसानों को है। हमारी सरकार ने 52 किसानों को इजरायल भेजा था। जामताड़ा के भी किसान गए थे। तकनीक के ज्ञान और किसानों की क्षमता को बढ़ाने के लिए इन्हें इजरायल भेजा गया था। आने वाले दिनों में राज्य की 50 महिला और 50 पुरुष किसानों को इजरायल व फिलीपींस भेजा जाएगा। वर्षा एक एक बूंद का लाभ लेना है, प्रति बूंद फसल ज्यादा हो। यूरोप और दुबई सहित दुनिया के सभी देश में जैविक कृषि उत्पाद की मांग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने उत्पाद के लिए बाजार की चिंता न करें। सरकार बाज़ार भी उपलब्ध करा रही है। खेती बाड़ी और पैदावार में भी सक्रिय बिचौलियों को दूर करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ध्येय है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करनी है।

सभी ज़िलों में पॉल्ट्री फेडरेशन सोसायटी के निर्माण होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम के लिए जामताड़ा की बदनामी होती है। हम ऐसा करने वालों से कड़ाई से निबटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समय आ गया है कि युवा शॉर्ट कट से आय बढ़ाने का रास्ता छोड़ें। डेयरी फर्म के क्षेत्र में आगे आएं। सरकार लोन भी दिलाएगी और सब्सिडी भी। युवा रोजगार मांगने वाले न बनें बल्कि रोजगार देने वाले बनें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डेयरी उद्योग के विकास की बड़ी संभावना है। जितना भी दुग्ध होगा, मिल्क फेडरेशन सोसायटी खरीदेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुमला की महिलाओं द्वारा बनाया गया पॉल्ट्री फेडरेशन का टर्नओवर 185 करोड़ है। पूरे राज्य के सभी जिलों में पोल्ट्री फेडरेशन सोसायटी बनायी जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर फेडरेशन को ₹4 लाख की राशि दी जाएगी।

आप आगे आएं काम लें -अपना रोजगार शुरू करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की खुशहाली तभी जब सब के पास काम हो और अपना रोजगार हो। तभी उनके जीवन में बदलाव आएगा। राज्य की गरीबी जनसहयोग से ही दूर होगी।

गरीबों और आदिवासियों को गुमराह करने वालों से सावधान रहें
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि गरीबों और आदिवासियों को गुमराह करने वालों से सावधान रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों और आदिवासियो के विकास के लिए समर्पित है।

बिना डरे अपनी बात कहें
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्थिर सरकार लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हुई। लेकिन, 2014 में एक मजबूत सरकार आयी जिससे पिछले 4 साल में झारखण्ड सभी क्षेत्र में विकास की ओर मजबूती से बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन चौपाल में उपस्थित सभी लोग बिना किसी डर के अपनी बात रखें। मैं खुद आया हूँ आपका मन जानने।

10 जनवरी 2019 को झारखण्ड के 1 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा...
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि हमने अपने बजट में 700 करोड़₹ राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए दिया है। बड़ी संख्या में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल में 15 दिसम्बर को यूनाइटेड अरब अमीरात गए थे। दुबई में इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर आदि छोटे से बड़े स्किल्ड युवाओं की मांग है। हमारे युवा वहाँ भी रोजगार पा सकें, हमने यह प्रयास किया है।

दिव्यांग ,वृद्धा और विधवा पेंशन 1000 ₹ प्रतिमाह होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वृद्ध, विधवा और दिव्यांग को 2019-20 के बजट से पेंशन की राशि 600/- से बढ़ाकर 1000/- पेंशन दी जाएगी।

कोई बेइलाज़ न रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान न करे कि किसी पर बीमारी की आपदा आये। अगर किसी पर यह आपदा आती है तो अब कोई परिवार बे इलाज न रहेगा। आजादी के 67 साल बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हर परिवार को 5 लाख₹ की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 400 करोड की राशि से झारखण्ड की 85% आबादी को अर्थात झारखण्ड के 68 लाख परिवार में 57 लाख परिवार को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है।

1 जनवरी से शुरू होगी मुख्यमंत्री सुकन्या योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ और पहले पढ़ाई, फिर विदाई को हमेशा याद रखें। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2019 से मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुरू की जाएगी । बेटी के जन्म पर, पहली, पांचवीं, नौंवी, ग्यारहवीं कक्षा में नामांकन पर सरकार खाते में प्रोत्साहन राशि मिलेगी। 18 वर्ष तक अविवाहित रहने पर सरकार फिर से प्रोत्साहन राशि देगी ।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने उज्ज्वला योजना के 06 लाभुकों को गैस कनेक्शन और चूल्हा, बैंकों द्वारा 5 लाभुकों को कृषि ऋण, JSLPS के चक्रीय निधि के तहत 110 लाभुकों के बीच 16.50 लाख, सीसीएल के तहत 101 लाभुकों को 101.00 लाख, ग्रामीण विकास के तहत भीम राव अम्बेडकर आवास, उद्योग केंद्र के द्वारा 8 लघु उद्योग के लिए 26 लाख ₹ का ऋण तथा भूमि संरक्षण विभाग90%अनुदान पर पम्प सेट, कृषि विभाग द्वारा साइल हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया।

उपायुक्त जामताड़ा श्री आदित्य कुमार आनंद ने स्वागत संबोधन किया । इस मौके पर डीआईजी संताल परगना श्री राजकुमार लकड़ा, पुलिस अधीक्षक श्री शैलेन्द्र कुमार सिन्हा उपस्थित थे ।

सोमवार, 13 अगस्त 2018

नाइजेरिया से आगे निकल गया जामताड़ा



दिल्ली पुलिस की हिरासत में गिरोह का सरगना राजकुमार मंडल और ठेकेदार सुरेंद्र
देवेंद्र गौतम

रांची। साइबर अपराधियों ने कौन बनेगा करोड़पति के माध्यम से 25 लाख ईनाम जीतने का झांसा देकर जामताड़ा की पूजा चौरसिया नामक एक महिला से 25 हजार रुपयों की ठगी कर ली। साइबर पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है। झारखंड में यह कोई नई घटना नहीं है। यहां तरह-तरह के तरीके ईजाद कर बैंक खातों में सेंध लगाई जाती रही है। संताल परगना के जामताड़ा से साइबर अपराधियों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात गिरोह संचालित हो रहा है। आए दिन दिल्ली सहित अन्य राज्यों की पुलिस अपराधियों की तलाश में जामताड़ा पहुंचती है। झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस वर्ष झारखंड को साइबर अपराध से मुक्त करने का संकल्प लिया है। साइबर अपराधियों पर सीसीए और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करने का निर्णय लिया जा चुका है। लेकिन फिर भी झारखंड का यह छोटा सा इलाका साइबर अपराध का पूरी दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। इस मामले में नाइजेरिया के साइबर अपराधियों को इसने बहुत पीछे छोड़ दिया है।
साइबर अपराध के मानचित्र में जामताड़ा और गिरिडीह का नाम पिछले 7-8 वर्षों के अंदर जुड़ा है। जिस तरह एक सड़ा आम पूरी टोकरी को सड़ा देता है उसी तरह एक युवक ने साइबर अपराधियों का इतना बड़ा जाल बिछाया है । दुमका जिले के जामताड़ा अनुमंडल के एक छोटे से गांव करमाटांड़ का रहनेवाले राजकुमार उर्फ सीताराम मंडल ने अपराधियों की यह फौज खड़ी कर दी जिसके सदस्य देश के विभिन्न राज्यों में फैले हुए है। उसके गिरोह में 12 वर्ष से 25 वर्ष आयुवर्ग के 1000 से भी अधिक नवयुवक शामिल हैं। वह बाजाप्ता साइबर अपराध का ट्रेनिंग स्कूल चलाता रहा है। उसका पाठ्यक्रम मात्र चार दिनों का है। चार दिनों के प्रशिक्षण में वह प्रशिक्षु को मोबाइल फोन हैक करने से लेकर बैंक एकाउंट में सेंध लगाने तक का प्रशिक्षण देता था। इसके एवज में 7 से 10 हजार तक की फीस लेता था। देश के 26 राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश थी। उसने अपने गांव में शानदार कोठी बनवा रखी थी। गांव के लोगों के लिए वह राबिनहुड की भूमिका में था। हर जरूरतमंद को आर्थिक मदद करता था। इसलिए गांव के लोगों का उसे जबर्दस्त समर्थन प्राप्त था। माओवादियों से भी उसके अच्छे संबंध थे। उनके सूचना तंत्र के जरिए उसे पुलिस की गतिविधियों की पूरी जानकारी रहती थी। पुलिस के इलाके में प्रवेश करते ही उसे खबर मिल जाती थी और वह बंगाल या बिहार भाग जाता था। पुलिस ने बहुत कोशिश की लेकिन वह हाथ नहीं आया। 2016 में एकबार वह किसी तरह पुलिस के हत्थे चढ़ा। जामताड़ा कोर्ट में उसके खिलाफ मुकदमा चला। इस वर्ष जनवरी में उसे डेढ़ साल की सजा सुनाई गई। लेकिन साइबर अपराध में दंड का प्रावधान कम होने के कारण उसे जमानत मिल गई। रिहा होकर वह दिल्ली गया और आनंद विहार की एक वृद्धा के एकाउंट में सेंध लगाकर उससे दो लाख रुपये निकाल लिए। फिलहाल वह इस ठगी के आरोप में दिल्ली पुलिस की हिरासत में है। उसके नेटवर्क की जानकारी धीरे-धीरे मिल रही है।
दिल्ली पुलिस के उस तक पहुंचने और गिरफ्तार करने की दिलचस्प कहानी है। वृद्धा की शिकायत ट्रांसफर होने के बाद जब साइबर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि पैसे अलग-अलग वालेट में ट्रांसफर किए गए हैं। उनके सर्विस प्रोवाइडर से बात करने पर 40 हजार रुपयों की तो तुरंत बरामदगी हो गई लेकिन शेष रकम से अलग-अलग लोगों के बिजली बिलों का भुगतान किया जा चुका था। जिनके बिल भरे गए थे उनकी जांच करने पर उनके पते राजस्थान के जोधपुर के निकले। पता चला कि सारे बिलों का भुगतान सुरेंद्र नामक एक ठेकेदार ने किया है। सुरेंद्र को दबोचा गया तो पता चला कि उसने शाबिर के कहने पर यह काम किया है। इस तरह कड़ियां जुड़ती गईं और पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि गिरोह का मास्टर माइंड राजकुमार मंडल है जो जामताड़ा से पूरा नेटवर्क चलाता है। दिल्ली पुलिस को यह भी पता चल गया कि किसी वाहन से जाने पर उसे खबर मिल जाएगी और वह फरार हो जाएगा। सावधानी के तौर पर स्थानीय पुलिस को भी भरोसे में नहीं लिया। दिल्ली पुलिस की टीम पूरी गोपनीयता बरतते हुए अलग-अलग रास्ते से जामताड़ा पहुंची और सार्वजनिक सवारी के जरिए गांव के बाहर तक गई। फिर छोटी-छोटी टुकड़ियों में बंटकर पैदल उसकी कोठी तक पहुंचकर अचानक धावा बोला। तब कहीं जाकर वह पकड़ में आया।
साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा को नाइडेरिया से भी आगे निकाल ले जाने वाला यह शातिर अपराधी एक साधारण किसान का बेटा है। उसने अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं की और पिता के साथ खेतीबाड़ी में लग गया। 2011 में वह मुंबई चला गया। वहां एक मोबाइल दुकान में काम करने लगा। वहीं उसने मोबाइल हैक करने की तकनीक सीखी। फिर बैंक खातों में सेंध लगाने की कला सीखी। साइबर अपराध की शुरुआत वहीं से कर दी। फिर उसने अपने गांव से ही ठगी का संचालन करने की ठानी और वापस लौट आया। उसके रहन-सहन और शाहखर्ची से गांव के नवयुवक आकर्षित हुए। उसने वहीं अपना गिरोह खड़ा करना शुरू किया। वह युवकों को प्रशिक्षण देता था और अपने साथ मिला लेता था। गिरोह के लोग उसे हैलो मास्टर कहकर संबोधित करते थे। धीरे-धीरे उसके गिरोह का नेटवर्क अंतर्राज्यीय हो गया। ठगी के पैसों के जरिए उसने आलीशान कोठी बनवाई और व्यापक जन-समर्थन प्राप्त कर लिया। कई बार पुलिस के आने पर गांव के हजारों लोग सके समर्थन में खड़े हो गए और पुलिस को बैरंग वापस लौटना पड़ा।
अभी तक पुलिस सिर्फ करमाटांड़ और नारायणपुर गांव में सौ से अधिक साइबर अपराधियों को हिरासत में ले चुकी है। लेकिन उसका जाल इतना फैल चुका है कि उसे पूरी तरह काटना और झारखंड को साइबर अपराध से मुक्त करना एक बड़ी चुनौती है। झारखंड पुलिस को इसके लिए अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क कर एक अंतर्राज्यीय साइबर पुलिस टीम बनानी होगी और बहुत सतर्कता बरतनी होगी। डीजीपी डीके पांडेय झारखंड को नक्सल और साइबर अपराध मुक्त राज्य बनाने की घोषणा कर चुके हैं अगर वे इन संकल्पों को सफलतापूर्वक पूरी कर पाए तो वे झारखंड में एक इतिहास रच जाएंगे। लेकिन यह आसान नहीं है।


स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...