यह ब्लॉग खोजें

नगर निगम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
नगर निगम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 21 जून 2019

नगर निकायों को सक्षम और स्वतंत्र बनाएः मुख्य सचिव


10 करोड़ का दायरा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये तक की योजनाओं के क्रियान्वयन का जिम्मा नगर निगम को दें

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफल क्रियान्वयन को लेकर राज्यस्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक



रांची। मुख्य सचिव ने नगर निकायों को अपने मूल काम के लिए जवाबदेह बनाने के लिए उन्हें सक्षम और स्वतंत्र बनाने का निर्देश नगर विकास एवं आवास विभाग को दिया है। उन्होंने कहा कि निकाय सरकार की तरह अपनी नीति व विकास की योजनाएं बनाएं, राजस्व संग्रहण करें और बजट आदि निर्माण के लिए जवाबदेह बनें, इसके लिए उन्हें सक्षम और स्वतंत्र बनाने की जरूरत है। इसके मद्देनजर नगर निगम द्वारा 10 करोड़ तक की योजना का दायरा बढ़ाकर 50 करोड़ तक की योजना के चयन और क्रियान्वयन की स्वतंत्रता देने का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छोटी-छोटी चीजों के लिए निगम को सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और कार्य में तेजी भी आएगी। मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय स्थित अपने सभाकक्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफल क्रियान्वयन के लिए अपनी अध्यक्षता में राज्यस्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में बोल रहे थे। इस दौरान नगर विकास विभाग के कई प्रस्तावों को अनुमोदित भी किया गया।

निकाय कर्मियों के ताबादला से बचें
मुख्य सचिव ने नगर निकायों के अधिकारियों और कर्मियों के तबादला से लांग टर्म प्लानिंग के क्रियान्वयन में होनेवाले व्यवधान को देखते हुए उनका तबादला नहीं करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि निकाय के चप्पे-चप्पे से वाकिफ लोग रहेंगे और जरूरत के अनुसार योजना बनाने, उसका क्रियान्वयन करने के साथ त्वरित समस्या समाधान में भी सहूलियते होंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि नाकाबिल या कामचोर लोग एक जगह कुंडली मारे बैठे रहे। ऐसे लोगों को तबादला की जगह हटाने की कार्रवाई करें। वहीं कैडर बनने के बाद भी निकायों में नियुक्ति नहीं होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने नियमित नियुक्ति करने का निर्देश दिया। इसे सबसे पहले रांची और धनबाद नगर निगम में लागू करने के साथ निकायों के कर्मियों का क्षमता संवर्धन करने का भी निर्देश दिया।

जुपमी को समन्वित एकेडमिक सेंटर बनाएं
मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग के उपक्रम जुपमी को समन्वित एकेडमिक सेंटर के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है। इसमें विभिन्न विभागों मसलन, हर्टीकल्चर, जल संरक्षण, टाउन प्लानर, ट्रैफिक एक्सपर्ट जैसे कुशल लोगों का चयन कर उसमें प्रतिनियुक्त करने को कहा है। वहीं इसका निदेशक किसी विशेषज्ञ को बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जुपमी के लोग विभिन्न विभागों के कर्मियों को ट्रेनिंग देकर उनकी कुशलता में इजाफा करेंगे। इसके अलावा ये रिसर्च और कंस्लटेंसी देने का भी काम करेंगे। इसके लिए पथ निर्माण व नगर विकास सचिव को संयुक्त रूप से यह स्ट्रक्चर बनाने को कहा गया है कि किस विभाग से कितने लोगों को लेना है। उसका प्रस्ताव 15 दिन के भीतर देने का निर्देश दिया गया।

निकायवार विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन स्वीकृत
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफल क्रियान्वयन को लेकर राज्यस्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए राज्य के 38 शहरी निकायों के 19,333 आवासों के निर्माण का डीपीआर भारत सरकार को भेजने के लिए अनुमोदित किया। इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए क्षमता संवर्धन प्लान को भी भारत सरकार की स्वीकृति के लिए भेजने को अनुमोदित किया गया। वहीं बिरसा मुंडा पार्क स्थित भूमि पर जी-4 मॉडल में 175 आवासों के निर्माण के लिए स्वीकृत डीपीआर में संशोधन का अनुमोदन किया गया। साथ ही नवगठित चार नगर निकायों बरहरवा, छतरपुर, डोमचांच और कपाली से प्राप्त हाउसिंग फॉर ऑल प्लान ऑफ एक्शन को भारत सरकार से स्वीकृति के पूर्व समिति ने अनुमोदित किया।

बैठक में ये थे शामिल
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफल क्रियान्वयन को लेकर राज्यस्तरीय स्वीकृति एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में नगर विकास एवं आवास सचिव श्री अजय कुमार सिंह, पथ निर्माण सचिव श्री केके सोन, कल्याण सचिव श्रीमती हिमानी पांडेय समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

रविवार, 20 जनवरी 2019

इसे कहते हैं दीयक तले अंधेराः आदित्य विक्रम जायसवाल

नगर विकास मंत्री के आवास के समझ  दो माह खोदा पहले गड्ढा , नहीं बनाई नाली

न नगर निगम को चिंता न मंत्री जी को,  जनता त्रस्त, व्यवस्था मस्त

रांची। कांग्रेस आपके द्वार कार्यक्रम के तहत आज झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव आदित्य विक्रम जायसवाल  के नेतृत्व में आज रांची के डिप्टीपाड़ा (नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के आवास के समक्ष) में जनसंपर्क अभियान चलाया गया। इस दौरान वहां के लोगों की ज्वलंत समस्याओं से रूबरू हुए। मोहल्लावासियों ने कहा कि राज्य के भाजपा सरकार व रांची नगर निगम विकास के कार्यों में पूरी तरह विफल है, नाल की साफ-सफाई, पेयजल, 24 घंटे बिजली आपूर्ति एवं कचड़ा का उठाव के मामले में बहुत दयनीय है। सरकार स्वच्छता के नाम पर झूठे आंकेड़े देती है , इस बदहाली से जनता अपना जीवन नारकीय स्थिति से गुजारना पड़ रहा है।

नगर निगम पूरे शहर में नाली निर्माण करवाने में पूरी तरह से अक्षम साबित हो रही है। रांची निगम शहर के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के आवास के समक्ष नाली कोड़ कर छोड़ दी, जिससे आमजनों काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में नगर निगम मंत्री जी के आवास के बाहर नाली निर्माण नहीं करा पा रही है तो पूरा शहर की स्थिति होगा, यह आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं

भाजपा सरकार की 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की घोषणा, स्वच्छ भारत- स्वच्छ शहर की घोषणा सिर्फ सपना बनकर रह गई है।

रांची में विकास का कार्य सिर्फ दिखावा है, लचर व्यवस्था से रांची राजधीन जैसी नहीं लगती है, भाजपा सरकार अभी तक शहर की कोई भी चीजें दुरूस्त नहीं कर सकी है। बिजली आपूर्ति बहाल करने में सरकार पूर्ण रूपेण विफल है, जबकि रघुवर सरकार बिजली दर में बढ़ोत्तरी कर 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का झांसा देती रही है। वहीं शहर की साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चोपट है, हर चैक-चैराहों, गली-मुहल्लों में कचरों का अंबार पड़ा रहता है, इस दिशा में नगर निगम सफाई करने में नाकाम साबित हो चुकी है लेकिन जब स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम जब जांच के लिए रांची आती है तो सरकार दिखावे के लिए एक दो दिन अच्छी से साफ-सफाई करती है। इसके लिए निगम की सरकार आम जनता से भारी टैक्स वसूलती है। सरकार को आम जनता से कोई डर नहीं है। सरकार जनता का सेवक नहीं शासक की तरह बर्ताव करती है।

मौजूदा सरकार के संरक्षण में रांची नगर निगम में डीपीआर का भारी खेल है, हर स्तर पर मंत्री, अधिकारी एवं बिचौलियों का लूट मची है, आमजनता का गाढ़ी टैक्स के पैसों का दुरूपयोग हो रहा है, इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। वहीं सरकार ने ग्लोबल स्किल सम्मिट आयोजन कर राज्य के नौजवानों को नौकरी के नाम ठग रही है, अगर  गौर से देखा जाए तो नवयुवकों के पास रोजगार नहीं, किसानों की कर्ज माफी नहीं, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है, इस बदहाली पर हाई कोट को मजबूरन संज्ञान लेना पड़ा है। फिर भी सरकार इस दिशा में कार्य नहीं करती दिख रही है। वहीं नगर निगम पार्किंग के नाम पर आम जनता से भारी पैसा वसूलती है। फुटपाथ दुकानदारों के लिए वेंडर मार्केट तैयार हो गया है, लेकिन सरकार सडक के किनारे अतिक्रमण नहीं हटा सकी है। मेन रोड की सड़क पूरी तरह से बिजनेश में तब्दिल हो चुकी है, गाड़िया दिन भर घिसक कर चलती दिखती है।

सिब्रेज का निर्माण नहीं हो सका है, नाली बनी है लेकिन सड़क के अनुरूप नहीं होने के कारण सडकों में गंदे पानी का जमाव हमेशा लगा रहता है। आज कई सड़के सिब्रेज ड्रेनेज का कार्य पूरा नहीं होने के कारण नहीं बन पा रहा है। मुख्य सडक से जोड़ने वाली छोटी-छोटी सड़के में भारी अतिक्रमण के कारण आमलोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सरकार एवं नगर निगम ने जयपाल सिंह स्टेडियम एवं मोरहबादी मैदान को पूरी तरह से अतिक्रमण कर बर्बाद कर दी है। शहर के युवक पहले इन जगहों पर खेला-कूदा करते थे, लेकिन आज युवा शहर के अंदर खेलने -कूदने के लिए तरस गई है।

स्थल पर मुख्य रूप से पंचम सिंह अनिल सिंह गोपाल पांडे सीपी सोलंकी सोनू सिंह चिंटू चौरसिया प्रेम कुमार इरफान भाई इरफान भाई ऋषभ गौरव चौधरी आदि मौजूद

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...