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मंगलवार, 25 जून 2019

नीति आयोग ने जारी किया ‘स्‍वस्‍थ राज्‍य, प्रगतिशील भारत’ रिपोर्ट का दूसरा संस्‍करण



★केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्‍ट्र समग्र प्रदर्शन की दृष्टि से अव्‍वल

★हरियाणा, राजस्‍थान और झारखंड वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन (एनुअल इंक्रीमेंटल परफॉर्मेंस) की दृष्टि से शीर्ष तीन राज्‍य

★यह राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को मापने का एक वार्षिक सुव्‍यवस्थित प्रदर्शन साधन है
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नई दिल्ली। नीति आयोग ने आज ‘स्‍वस्‍थ राज्‍य, प्रगतिशील भारत’ रिपोर्ट का दूसरा संस्‍करण जारी किया। इस रिपोर्ट में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परिणामों या पैमानों के साथ-साथ समग्र प्रदर्शन में हुए वार्षिक वृद्धिशील बदलाव (एनुअल इंक्रीमेंटल परफॉर्मेंस) के आधार पर राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग की जाती है। इस रिपोर्ट के दूसरे संस्‍करण में राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में दो वर्षों की अवधि (2016-17 और 2017-18) के दौरान हुए वृद्धिशील सुधार एवं समग्र प्रदर्शन को मापने और उन पर प्रकाश डालने पर फोकस किया गया है।

यह रिपोर्ट नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉ. राजीव कुमार, नीति आयोग के सदस्‍य डॉ. वी. के. पॉल, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में सचिव प्रीति सूदन द्वारा संयुक्‍त रूप से जारी की गई। यह रिपोर्ट नीति आयोग द्वारा विश्‍व बैंक की तकनीकी सहायता और स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के परामर्श से विकसित की गई है।

यह रिपोर्ट राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को मापने का एक वार्षिक सुव्यवस्थित प्रदर्शन साधन है। इस रिपोर्ट में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परिणामों या पैमानों के साथ-साथ समग्र प्रदर्शन में हुए वार्षिक वृद्धिशील बदलाव के आधार पर राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग एक दूसरे की तुलना में की जाती है।रैंकिंग को बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, ताकि एक जैसे निकायों के बीच तुलना सुनिश्चित की जा सके। स्‍वास्‍थ्‍य सूचकांक (हेल्‍थ इंडेक्‍स) एक भारित समग्र सूचकांक है। यह ऐसे 23 संकेतकों पर आधारित है जिन्‍हें स्वास्थ्य परिणामों, गवर्नेंस एवं सूचना और महत्‍वपूर्ण जानकारियों/ प्रक्रियाओं के क्षेत्रों (डोमेन) में बांटा गया है। प्रत्‍येक क्षेत्र को विशेष भारांक (वेटेज) दिया गया है जो उसकी अहमियत पर आधारित है और जिसे विभिन्‍न संकेतकों के बीच समान रूप से बांटा गया है।

बड़े राज्‍यों में केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्‍ट्र को समग्र प्रदर्शन की दृष्टि से शीर्ष रैंकिंग दी गई है, जबकि हरियाणा, राजस्‍थान और झारखंड वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन की दृष्टि से शीर्ष तीन राज्‍य हैं।

हरियाणा, राजस्‍थान और झारखंड ने विभिन्‍न संकेतकों के मामले में आधार से संदर्भ वर्ष तक स्वास्थ्य परिणामों में अधिकतम बेहतरी दर्शाई है--
नवजात मृत्यु दर (एनएमआर), पांच वर्ष से कम आयु के बच्‍चों की मृत्‍यु दर (यू5एमआर), नवजात शिशुओं में जन्‍म के समय कम वजन वाले शिशुओं का अनुपात, कार्यरत कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू) वाले जिलों का अनुपात, प्रथम तिमाही के भीतर पंजीकृत एएनसी का अनुपात, गुणवत्ता प्रत्यायन प्रमाण पत्र वाले सीएचसी/पीएचसी का अनुपात, पूर्ण टीकाकरण कवरेज, संस्थागत प्रसव, जिला अस्पतालों में खाली पड़े विशेषज्ञ पदों का अनुपात और आईटी आधारित मानव संसाधन प्रबंधन सूचना प्रणाली में सृजित ई-पे स्लिप वाले कुल कर्मचारियों (नियमित और ठेके पर काम करने वाले) का अनुपात इन संकेतकों में शामिल हैं।

राज्‍यों को संदर्भ वर्ष की इंडेक्‍स स्‍कोर रेंज के आधार पर इस तरह वर्गीकृत किया जाता है:

फ्रंट-रनर: शीर्ष एक तिहाई
अचीवर्स: मध्‍यम एक तिहाई
आकांक्षी : निम्‍नतम एक-तिहाई

राज्‍यों को वृद्धिशील प्रदर्शन के आधार पर इन चार समूहों में वर्गीकृत किया जाता है:

कोई सुधार नहीं (<=0 वृद्धिशील बदलाव)
न्‍यूनतम सुधार (0.01 से 2 अंकों तक)
मामूली सुधार (2.01 से 4 अंक तक), और
सर्वाधिक सुधार (>4 अंकों से अधिक)

एनुअल इंक्रीमेंटल परफॉर्मेंस में झारखण्ड देश में टॉप पर



टॉप पर तीन राज्य हरियाणा, झारखण्ड और राजस्थान

रांची। नीति आयोग द्वारा मंगलवार को जारी किये गए स्वास्थ्य सूचकांक के दूसरे संस्करण हेल्थी स्टेट्स -प्रोग्रेसिव इंडिया में झारखण्ड स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों में वार्षिक इंक्रीमेंटल परफॉर्मेंस (वृद्धिशील प्रदर्शन) के आधार पर शीर्ष पर रहा। हरियाणा और राजस्थान भी झारखण्ड के समतुल्य हैं।

वहीं केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र स्वास्थ्य संकेतकों में सम्पूर्ण प्रदर्शन के आधार पर शीर्ष रैंकिंग वाले राज्यों के रूप में उभरे हैं। 2018 में भी प्रकाशित रिपोर्ट में झारखण्ड स्वास्थ्य के क्षेत्र में वृद्धिशील प्रदर्शन के मामले में शीर्ष तीन रैंकिंग वाले राज्य में शामिल था।

शनिवार, 15 जून 2019

नीति आयोग की 5 वीं कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए सीएम रघुवर दास



नई दिल्ली। झारखंड के कुल 24 जिलों में 19 जिलों का चयन आकांक्षी जिलों के तौर पर किया गया है। झारखंड में इन आकांक्षी जिलों में 16 नक्सल प्रभावित जिले हैं। इन जिलों के विकास के लिए केंद्र विशेष सहायता मुहैया कराता है। केंद्र के सहयोग से ऐसे जिलों में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। राज्य सरकार ने भी आदिवासी बहुल जिलों खूंटी, साहेबगंज, सिमडेगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम और पाकुड़ में विकास के लिए विशेष योजना संचालित करने का काम किया है। राज्य इन जिलों के विकास के लिए लगभग 150 करोड़ रुपए खर्च कर लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने का काम किया है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने नीति नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की 5वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कही।

*मौजूदा स्थिति में जल संकट बड़ी चुनौती*
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में औसतन सालाना एक 1300 मिलीमीटर वर्षा होती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से कई जिलों में सूखे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस साल भी सामान्य से कम 50 फ़ीसदी कम बारिश हुई है। सूखे की समस्या को देखते हुए सरकार किसानों को कम पानी वाले फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। शहरी क्षेत्रों में पानी के संचयन के लिए वर्ष 2017 में रेनवाटर हार्वेस्टिंग अधिनियम लागू किया गया।

*नक्सलवाद ले रहा है अंतिम सांसे*
नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के 21 जिले नक्सल प्रभावित थे। इसमें 13 जिले अति नक्सल वाद से ग्रस्त थे। आज यह संख्या घटकर बहुत कम रह गई है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने पुलिस बलों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ थानों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। पहले थानों की संख्या 408 थी, जो अब बढ़ कर 547 हो गई है। साथ ही नक्सलियों से लड़ने के लिए एक विशेष बल जगुआर का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त 40 बटालियन आज नक्सल विरोधी अभियान में जुटे हैं। इस बटालियन के पास आधुनिक हथियार के साथ उच्च प्रशिक्षित पुलिस बल कार्यरत है। आने वाले दिनों में नक्सलवाद झारखंड से पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।

*बिंदुवार रखा अपना पक्ष*
*बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में हुए कृषि सुधार, वर्षा जल संरक्षण, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, आंतरिक सुरक्षा सुखाड़ एवं राहत समेत अन्य विषयों पर अपना पक्ष रखा।*

 *मुख्यमंत्री ने फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत अन्य विषयों पर राज्य में हो रही गतिविधि से नीति आयोग को अवगत कराया। झारखण्ड की ओर से राज्य के मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी भी उपस्थित थे।

बुधवार, 5 जून 2019

नीति आयोग के साथ झारखंड सरकार की बैठक


तीन करोड़ लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है हमारी सरकारः रघुवर दास



रांची।मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा और आधारभूत संरचना मिले, इसके लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। समयबद्ध तरीके से योजनाओं को लागू किया जा रहा है। उनके नतीजे भी दिख रहे हैं। सामाजिक क्षेत्र में जैसे शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड में काफी सुधार हुआ है। आने वाले समय में इसमें और सुधार होगा। इसी प्रकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी राज्य सरकार लगातार बेहतर करने का काम कर रही है। हमारा लक्ष्य है इन क्षेत्रों में राज्य को प्रथम पंक्ति में पहुंचाने का है। उक्त बातें उन्होंने झारखण्ड मंत्रालय में आयोजित झारखंड सरकार और नीति आयोग की बैठक में कहीं।

झारखंड की रैंकिंग में ना केवल सुधार हो रहा है, बल्कि कई क्षेत्रों में झारखण्ड अग्रणी राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और नीति आयोग मिलकर अच्छा काम कर रहे हैं। आने वाले समय में यह साझेदारी इसी प्रकार से बनी रहे। आयोग हमारी अपेक्षाओं को समझ रहा है और हमारी कमियों में सुधार के लिए सहयोग कर रहा है। इसी का नतीजा है कि सभी क्षेत्रों में झारखंड की रैंकिंग में ना केवल सुधार हो रहा है, बल्कि कई क्षेत्रों में झारखण्ड अग्रणी राज्य है। मुख्यमंत्री ने राज्य में पोषण कार्यक्रम में और मुस्तैदी से काम करने का निर्देश देते हुए कहा कि पोषण सखी की नियुक्ति इसी के लिए की गयी है। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

झरिया पुनर्वास से संबंधित कार्यो में तेजी लाने पर विचार-विमर्श
बैठक के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने बताया कि आज के बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समीक्षा की गई. राज्य और केंद्र से जुड़े मुद्दों का समाधान कैसे हो और नीति आयोग उसमें अपनी भूमिका बेहतर तरीके से निभाए इसपर जोर दिया गया. नीति आयोग ने झारखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की सराहना की. साथ ही कम उम्र में विवाह, कुपोषण इत्यादि समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम की तारीफ की. बैठक में राज्य सरकार की ओर से भारतमाला परियोजना में साहेबगंज से लेकर झारखण्ड के अन्य बड़े बड़े शहरों को जोड़ते हुए जमशेदपुर-धनबाद- धामरा पोर्ट तक 790 किलोमीटर 4 लेन सड़क को जोड़ने में सहयोग की मांग नीति आयोग के समक्ष की गई. कैम्पा फंड में झारखण्ड के दामोदर नदी और स्वर्ण रेखा नदी को भी जोड़ने की मांग राज्य सरकार की ओर से किया गया. झरिया पुनर्वास से संबंधित कार्यो में तेजी लाने पर विचार-विमर्श किया गया. दिल्ली में झारखण्ड के मुख्यमंत्री और कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के साथ नीति आयोग बैठक आयोजित कर झरिया पुनर्वास से संबंधित मुद्दों के निराकरण के लिए सहमति बनी.

10 लाख महिलाओं का कौशल विकास किया जा रहा है जो बेहतर प्रयास
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कहा कि झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है. साथ ही, 10 लाख महिलाओं का कौशल विकास किया जा रहा है जो बेहतर प्रयास है. बैठक को संतोषजनक बताते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार के साथ आपसी समन्वय बनाकर यह बैठक साल में दो बार आयोजित की जाएगी.

नीति आयोग के साथ बैठकराज्य हित में सफल रही
राज्य के मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी ने कहा कि नीति आयोग के साथ बैठक काफी अच्छी रही. समय-समय पर नीति आयोग का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन राज्य सरकार को मिलता रहता है. डॉ तिवारी ने कहा कि नीति आयोग ने झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में हुए कार्यों की जमकर सराहना की है. झारखंड में शिक्षा के स्तर में गुणवत्तापूर्ण सुधार हुआ है.

झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस पूरा फोकस रहेगा
मुख्य सचिव डॉ तिवारी ने कहा कि साहिबगंज से लेकर राज्य के अन्य बड़े बड़े शहरों को जोड़ते हुए धनबाद-जमशेदपुर-धामरा पोर्ट को भारतमाला परियोजना में जोड़ने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है. बैठक के अन्य मुद्दों में बोकारो में टूल सेंटर स्थापित करने पर चर्चा हुई. कैम्पा फण्ड में दामोदर और स्वर्णरेखा की सफाई पर भी फोकस के लिए अनुरोध किया गया। साथ ही, आने वाले समय में झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस पूरा फोकस रहे इस कार्ययोजना पर विचार किया गया. उन्होंने कहा कि स्कूलों के विलय से शिक्षा के गुणवत्ता पर थर्ड पार्टी मूल्यांकन का कार्य आईआईएम रांची कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में जल संचयन को लेकर डोभा बेहतरीन प्रयोग रहा है।

बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, राज्य के मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, नीति आयोग के अपर सचिव श्री आर पी गुप्ता, सलाहकार श्री नीरज कुमार, सलाहकार श्री आलोक कुमार, संयुक्त सचिव श्री हरेंद्र कुमार, राज्य सरकार के सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, सीसीएल के चेयरमैन श्री गोपाल सिंह सहित राज्य सरकार के अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे.

गुरुवार, 2 अगस्त 2018

नीति आयोग ने किया मूव हैक का शुभारंभ



नई दिल्ली। नीति आयोग ने भारत में गतिशीलता के भविष्य के उद्देश्य से वैश्विक गतिशीलता हैकथॉन-मूव हैक का शुभारंभ किया है। यह विश्व स्तर पर सबसे बड़े हैकथॉन में से एक होगा।  मूव हैक में दस विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और ऑनलाइनसिंगापुर और नई दिल्ली में अंतिम रूप से संचालित होगा।
   21 वीं शताब्दी के नवाचार और आर्थिक विकास के संभावित चालकों के रूप में परिवहन और गतिशीलता उभर कर सामने आई है। गतिशीलता सेवाओं को वितरित करने के लिए तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों और व्यावसायिक मॉडल में वैश्विक परिवहन क्षेत्र को बदलने की क्षमता है। पैदल यात्री और व्यक्तिगत परिवहन से सार्वजनिक परिवहन और माल ढुलाई तक की गतिशीलता अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह ग्रामीण और शहरी दैनिक जीवन को प्रभावित करती है
   मूवहैक का उद्देश्य गतिशीलता से संबंधित समस्याओं के लिए अभिनवगतिशील और मापनीय समाधान लाना है। हैकथॉन दो-स्तरीय "जस्ट कोड इट": प्रौद्योगिकी/उत्पाद/सॉफ्टवेयर और डेटा विश्लेषण में, नवाचारों के माध्यम से समाधान और "जस्ट साल्व इट":अभिनव व्यावसायिक विचार या टिकाऊ समाधान प्रौद्योगिकी के माध्यम से गतिशीलता बुनियादी ढांचे को बदलना पर संचालित किया जाएगा।  
  मूव हैक सभी देशो के नागरिको के लिए खुला है। इसके लिए पंजीकरण Https://www.movehack.gov.in पर किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के शीर्ष तीस दल सिंगापुर की 1 और 2 सितंबर 2018 को यात्रा करेंगेऔर इन्हे शीर्ष विशेषज्ञों के एक क्यूरेटेड समूह द्वारा सलाह दी जाएगी। इसमे दलों को आकृति सुधारव्यापार व्यवहार्यतातकनीकी समाधान और ग्राहक लक्ष्यीकरण/विपणन  सहित कई मापदंडों पर सलाह दी जाएगी। 5 और 6 सितंबर 2018 को नई दिल्ली में आयोजित अंतिम दौर में सिंगापुर चरण के शीर्ष 20 दल  भाग लेंगे।
नीति आयोग द्वारा 7 और 8 सितंबर 2018  को  आयोजित मूव शिखर सम्मेलन 2018 में विजेताओं की घोषणा की जाएगी और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र करेंगे। हैकथॉन के लिए शीर्ष 10 विजेताओं को चुना जाएगा और इसमें 2 करोड़ से अधिक की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
हैकथॉन सिंगापुर सरकार के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा है और इसका संचालन हैकर अर्थ द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में पीडब्ल्यूसी ज्ञान भागीदार  और नेस्काम रणनीतिक साझेदार है। इसका मूल्यांकन एक जूरी द्वारा किया जाएगा जिसमें विषय विशेषज्ञ विशेषज्ञउद्यम पूंजीपतिव्यापारिक नेता और सफल उद्यमी शामिल होंगे। चैंपियंस फॉर मूव हैक के रूप में सेवा करने के लिए सहमत होने वाले उल्लेखनीय नेताओं में सुश्री देबानी घोष (अध्यक्षनेस्काम), सुश्री निवरुती राय (भारत प्रमुखइंटेल इंडिया)श्री डेनिस ओंग (विशिष्ट वास्तुकार और वास्तुकला और सिस्टम इंजीनियरिंग प्रमुखवेरिज़ोन) और श्री पी आनंदन (सीईओवाधवानी एआई) शामिल हैं। 
मूव हैक से अपेक्षाकृत गतिशीलता से संबंधित चुनौतियों के लिए अग्रणी और सरल समाधानों को सुलझाने की उम्मीद है और एकीकृतअंतःस्थापित और आविष्कारशील वैश्विक समुदाय के विकास के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि  "मूव हैक दुनिया का पहला मंच है जिसने सार्वजनिक परिवहननिजी परिवहनसड़क सुरक्षाबहुआयामी कनेक्टिविटी और शून्य उत्सर्जन वाहनों जैसी नई आयु परिवहन प्रौद्योगिकी को शामिल किया है। हम भारत में सबसे अच्छे विचार चाहते हैं और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और इन चुनौतियों के लिए प्रोटोटाइप और समाधान के साथ आना चाहते हैं। यदि आप भारत के लिए समाधान कर सकते हैंतो आप दुनिया के समाधान कर सकते हैं और हम वहां पहुंचने में आपकी सहायता करेंगे।
कार्यक्रम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि और मूक हैक के बारे में जानकारी के लिए कृपया https://www.movehack.gov.in पर जाएं।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...