*मौजूदा स्थिति में जल संकट बड़ी चुनौती*
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में औसतन सालाना एक 1300 मिलीमीटर वर्षा होती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से कई जिलों में सूखे की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस साल भी सामान्य से कम 50 फ़ीसदी कम बारिश हुई है। सूखे की समस्या को देखते हुए सरकार किसानों को कम पानी वाले फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। शहरी क्षेत्रों में पानी के संचयन के लिए वर्ष 2017 में रेनवाटर हार्वेस्टिंग अधिनियम लागू किया गया।
*नक्सलवाद ले रहा है अंतिम सांसे*
नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के 21 जिले नक्सल प्रभावित थे। इसमें 13 जिले अति नक्सल वाद से ग्रस्त थे। आज यह संख्या घटकर बहुत कम रह गई है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने पुलिस बलों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ थानों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। पहले थानों की संख्या 408 थी, जो अब बढ़ कर 547 हो गई है। साथ ही नक्सलियों से लड़ने के लिए एक विशेष बल जगुआर का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त 40 बटालियन आज नक्सल विरोधी अभियान में जुटे हैं। इस बटालियन के पास आधुनिक हथियार के साथ उच्च प्रशिक्षित पुलिस बल कार्यरत है। आने वाले दिनों में नक्सलवाद झारखंड से पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
*बिंदुवार रखा अपना पक्ष*
*बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में हुए कृषि सुधार, वर्षा जल संरक्षण, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955, आंतरिक सुरक्षा सुखाड़ एवं राहत समेत अन्य विषयों पर अपना पक्ष रखा।*
*मुख्यमंत्री ने फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत अन्य विषयों पर राज्य में हो रही गतिविधि से नीति आयोग को अवगत कराया। झारखण्ड की ओर से राज्य के मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी भी उपस्थित थे।

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