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शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

पहले सप्ताह में खुले रहेंगे बैंक, जारी रहेगी सेवा


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सितंबर के पहले सप्ताह में 6 दिनों तक बैंकों की बंदी महज सोशल मीडिया में फैलाई गई अफवाह है। इससे आम लोग बेवजह परेशान हो रहे हैं।
सरकार ने स्‍पष्‍ट किया है कि सितंबर के पहले सप्‍ताह में बैंक खुले रहेंगे और बैंकिंग गतिविधियां बिना किसी व्‍यवधान के जारी रहेंगी। बैंक केवल 2 सितंबर को रविवार के दिन और 8 सितंबर को दूसरे शनिवार के दिन बंद रहेंगे, तीन सितंबर को देश में सभी जगह छुट्टी नहीं है। इस दिन नेगोशिएबल इन्स्ट्रमेन्ट्स एक्‍ट, 1881 के तहत केवल कुछ ही राज्‍यों में बैंक बंद रहेंगे।

बैंक जिन दिनों बंद रहेंगे उन दिनों सभी राज्‍यों में एटीएम पूरी तरह काम करते रहेंगे। ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। बैंकों से कहा गया है कि वे एटीएम मशीनों में निकासी के लिए पर्याप्‍त मात्रा में नकदी की उपलब्‍धता सुनिश्चित करें।   

गुरुवार, 19 जुलाई 2018

बैंकों के राष्ट्रीयकरण के गोल्डन जुबली वर्ष पर बैठक



रांची। बैंकों के 50 वें राष्ट्रीयकरण दिवस (गोल्डन जुबली वर्ष) के अवसर पर गुरुवार को आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन(AIBOC) झारखंड इकाई के बैनर तले बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स  एसोसिएशन(BOIOA) के परिसर में एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें AIBOC झारखंड इकाई के अध्यक्ष सुनील लकड़ा एवं सचिव  प्रशांत शांडिल्य सहित सगुन उरांव, प्रकाश उरांव, बरुन कुमार,  सुलेखा कच्छप,.विजय वाधवा, मनीष नारायण, भरत ठाकुर, अशोक कुमार, अजीत कुमार, पेत्रुस टोप्पो के अलावे अन्य सदस्य उपस्थित थे ।
बैठक में बैंक के राष्ट्रीयकरण के महत्व पर चर्चा की गई । वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीयकरण होने की वजह से देश के किसान, मज़दूर, छात्र, स्वयं सहायता ग्रुप्स, वरिष्ठ नागरिकों, विभिन्न फोरम, सामाजिक कार्यकर्ता, अवकाश प्राप्त नागरिकों एवं ट्रेड यूनियन सीधे तौर पर जुड़ सके है और अर्थिक लाभ ले पाए हैं । सचिव ने बताया कि वर्तमान समय में बैंकों पर एवं अन्य PSUs पर सरकार के द्वारा निजीकरण करने का खतरा मंडरा रहा है एवं सभी से इस प्रयास को सफल नही होने देने की अपील की ।
अगर भारतवर्ष को बचाना है तो हमे पब्लिक सेक्टर के बैंक को बचाना है।
बैठक की समाप्ति के अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन देते हुए  प्रकाश उरांव ने देश के नागरिकों से भी बैंको को पूर्ण समर्थन देने अपेक्षा की ।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...