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सोमवार, 30 सितंबर 2019

21वीं शताब्दी में क्वालिटी एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण शर्तः द्रौपदी मुर्मु


रांची। राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में कहा कि भारत के राष्ट्रपति का झारखण्ड की इस पावन भूमि पर अभिनन्दन करती हूँ। इनकी गरिमामयी उपस्थिति से इस दीक्षान्त समारोह की शोभा बढ़ी है। यह ऊर्जावान विद्यार्थियों एवं युवाओं के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी। जनजातीय बहुल इस क्षेत्र के लोगों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु ललक बढ़ेगी। मैं राष्ट्र की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविन्द का भी झारखण्ड राज्य में प्रथम बार आगमन पर स्वागत करती हूँ। दीक्षांत समारोह के इस पावन अवसर पर मैं सभी उपाधिधारकों को हार्दिक बधाई देती हूँ, जिन्हें आज के इस गौरवमयी समारोह में उपाधि प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।

रांची विश्वविद्यालय स्थापना काल से अनगिनत शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, चिकित्सक, अभियंता, प्रबंधक, कानूनविद्, साहित्यकार आदि देकर अपनी क्षमता का परिचय देते हुए इस प्रदेश ही नहीं, राष्ट्र को भी गौरवान्वित किया है

राज्यपाल ने कहा कि राँची विश्वविद्यालय झारखण्ड राज्य का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और इसने अपने स्थापना काल से ही अनगिनत शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, चिकित्सक, अभियंता, प्रबंधक, कानूनविद्, साहित्यकार आदि देकर अपनी क्षमता का परिचय देते हुए इस प्रदेश ही नहीं, राष्ट्र को भी गौरवान्वित किया है। प्राकृतिक एवं खनिज सम्पदा से समृद्ध झारखण्ड राज्य में विकास की असीम संभावनाएं हैं लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना हम इनका कुशलतापूर्वक समुचित उपयोग नहीं कर सकते। इस परिप्रेक्ष्य में शिक्षण संस्थानों की अहम् भूमिका है। बौद्धिक ज्ञान और सूचना तकनीकी के विभिन्न आयामों के जरिये ही हम विकास की गति को तेज कर सकते हैं। राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रदेश के जीवन्त कला-संस्कृति की एक विशिष्ट पहचान है।

21वीं शताब्दी में क्वालिटी एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण शर्त

उन्होंने कहा कि किसी भी देश या प्रदेश के विकास के लिए 21वीं शताब्दी में क्वालिटी एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण शर्त है। बिना इसके समाज के सर्वांगीण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। इस दिशा में कुलाधिपति के रूप में मेरे द्वारा विभिन्न विश्ववविद्यालयों के कुलपति समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की जाती है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के पदाधिकारीगण भी इस बैठक में भाग लेते हैं और छात्रहित में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं। राज्य के सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय NAAC से मूल्यांकन कराने की दिशा में सक्रिय रह रहे हैं। राँची विश्वविद्यालय समेत राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में ससमय परीक्षा का आयोजन के साथ समय पर रिजल्ट प्रकाशित हुआ है और कक्षायें भी समय पर प्रारंभ कर दी गई।

राष्ट्रहित में सुखद है कि झारखण्ड में हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो में वृद्धि हुई

राज्यपाल ने कहा कि सत्र का नियमित होना एक बड़ी चुनौती थी जो राज्य गठन के पूर्व से ही व्याप्त थी। अब यहाँ चांसलर पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन हो रहा है। राष्ट्रहित में सुखद है कि झारखण्ड राज्य में हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो में वृद्धि हुई है। अधिक-से-अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करें, इस दिशा में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों की दो पालियों में पढ़ाई होती है। हमारे विश्वविद्यालय रक्तदान शिविर के आयोजन के साथ स्वच्छ भारत अभियान, शिक्षित भारत, वृक्षारोपण कार्यक्रम समेत अन्य योजनाओं को सफल बनाने की दिशा में सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और विकास कार्यों के आकलन में भी विश्वविद्यालय का सहयोग अपेक्षित है। इस परिप्रेक्ष्य में मैंने कहा है कि हमारे विश्वविद्यालय ग्रामों को गोद ले और वहाँ विकास हेतु कार्य करें। प्रसन्नता का विषय है कि इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।

देश में यह मॉडल विश्वविद्यालय के रूप में पहचाना जाय

राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राँची विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न परंपरागत विषयों, जनजातीय एवं क्षे़त्रीय भाषा विभाग के अतिरिक्त टेक्निकल, वोकेशनल एवं जॉब ओरिएंटेड कोर्स का संचालन हो रहा है। इन सब पाठ्यक्रमों में क्वालिटी एजुकेशन महत्त्वपूर्ण है। शोध का स्तर और उच्च हो, हमारे शिक्षकगण विद्यार्थियों को नये प्रगतिशील विचारों के प्रति जागरूक करें। विश्वविद्यालय से यह अपेक्षा है कि यहाँ शिक्षा का ऐसा वातावरण स्थापित हो कि राज्य ही नहीं, पूरे देश में यह मॉडल विश्वविद्यालय के रूप में पहचाना जाय। हमारे छात्र नैतिकता से परिपूर्ण, अनुशासित एवं चरित्रवान बनें।

अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें

राज्यपाल ने कहा कि उपाधि पाने वाले सभी विद्यार्थियों को कहा कि आप सभी निरंतर अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें और राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान दें।

युवा शक्ति झारखंड की सबसे बड़ी शक्ति

रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया
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★ कोई काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता

★ ऐसी परिस्थिति बनाएं की नियोजक स्वयं विश्वविद्यालय के द्वार आएं

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रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की इस धरती पर राष्ट्रपति महोदय का झारखण्ड की सवा तीन करोड़ जनता की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं। हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आप छात्रों के बीच आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज के इस अवसर पर जितने भी गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कृत किया गया है।

कोई भी काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि इस गोल्ड मेडल से आपके जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। आप सच्ची निष्ठा और कर्तव्य के उच्च मापदंडों के साथ अपने प्रयास जारी रखें। कोई भी काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता। अगर मन में अटल विश्वास के साथ काम करने की नीयत हो तो हर काम को अंजाम दिया जा सकता है।

निराशा से काम नहीं चलेगा। आप जीवन के प्रति संघर्ष कीजिए जीवन मूल्यों के लिए संघर्ष कीजिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि किस प्रकार की परिस्थिति से निकलकर मैं इस पद पर पहुंचा हूं। मैं एक मजदूर परिवार से आता हूं। रांची विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट एलएलबी की डिग्री लिया और फिर टाटा कंपनी में मजदूरी की। मजदूरी करते करते एमएलए बना और आज राज्य का मुख्य सेवक बना। यह संदेश उन लोगों को जो पढ़े-लिखे होने के बाद भी निराश होते हैं। निराशा से काम नहीं चलेगा। आप संघर्ष कीजिए और जीवन के प्रति संघर्ष कीजिए जीवन मूल्यों के लिए संघर्ष कीजिए। उसका परिणाम निकलेगा आज मैं आपको यही बताना चाहता हूं।

ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करने की आवश्यकता है जिससे शिक्षा पूर्ण होते ही नियोजक स्वयं आपके विश्वविद्यालय द्वार पर आएगा

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरी करने के पश्चात छात्रों के समूह बड़ी चिंता नौकरी और रोजी-रोटी ढूंढने की है। रोजगार के अवसर कमी यहां नहीं है। आज रोजगार के क्षेत्र में हम एग्रीकल्चर के सेक्टर में इंडस्ट्रीज के सेक्टर में आईटी के सेक्टर में पर्यटक के क्षेत्र में भी और सरकारी नौकरियां भी रोजगार के काफी अवसर हैं। लेकिन इस अवसर का लाभ लेने के लिए हमें शिक्षा के स्वरूप और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाना होगा। हमें ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करने की आवश्यकता है जिससे शिक्षा पूर्ण होते ही नियोजक स्वयं आपके विश्वविद्यालय द्वार पर आएगा।

भारत के युवा हर क्षेत्र में परचम लहरा रहे हैं

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की जरूरत है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसका पश्चिमीकरण किया जाए। राष्ट्र निर्माण में शिक्षा ही हम सबसे ऊपर है अगर हमें ऐसे शिक्षा व्यवस्था चाहिए तो हमें अच्छे शिक्षकों की जरूरत होगी। जो हमारी प्राथमिकता में है। युवा दुनिया को क्या नहीं दे सकता है। आज जितने भी क्रांतिवीर हैं या जितने भी आप देश विदेश में देख रहे हैं भारत के युवा हर क्षेत्र में परचम लहरा रहा हैं और इसी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने सीएम फैलोशिप योजना शुरुआत की है। इसके साथ-साथ रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय भाषा में भी पढ़ाई शुरू हुई है। युवा के मन में एक मिशन होना चाहिए। और अगर मिशन है तो जिंदगी में कुछ करने की इच्छा है तो रास्ते अपने आप मिल जाते हैं।

युवा शक्ति इस राज्य की सबसे बड़ी शक्ति

मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी यह बार-बार कहते हैं कि वह से कि सपना मत देखो अगर सपने देखने हैं तो कुछ करने के सपने देखो। तो मैं आज इस अवसर पर समस्त छात्र छात्राओं राज्यभर के हमारे युवा शक्ति जो इस राज्य के सबसे बड़ी शक्ति है। इस शक्ति यह जो हमारे पास मानव संसाधन है इस राज्य के ग्रोथ को बढ़ाने में यह बहुत बड़ी भूमिका इनकी अदा हो सकती है।

आने वाला समय उसी समाज उसी देश का है जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर छात्रों से अपील करना चाहता हूं कि आने वाला समय उसी समाज उसी देश का है जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार है। इसलिए इस ज्ञान युग में हम अधिक से अधिक अपने ज्ञान की बढ़ोतरी करें। और जिस क्षेत्र में आप पढ़ रहे हो उसमें उत्कृष्ट बने।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुए


दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों 11 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्राप्त करने का गौरव मिला
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★ जॉब क्रिएटर बनना है और दूसरों को भी आगे बढ़ाना है

★ विद्यार्थी समावेशी विकास में प्रभावी भूमिका निभाएं

★ प्रकृति के साथ तालमेल बनाना आदिवासी समाज से सीखना चाहिए

-- रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति
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रांची। भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के दीक्षांत समारोह में 9 बेटों और 47 बेटियों ने स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं। मैं उन सभी को विशेष बधाई देता हूं। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली बेटियों की संख्या बेटों की तुलना में पांच गुना से भी अधिक है। यह आप सबके विश्वविद्यालय, अध्यापकों, अभिभावकों और सभी छात्रों के लिए गर्व की बात है। बेटियों के इस प्रदर्शन में भविष्य के बेहतर समाज और देश की झलक दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस विश्वविद्यालय के अनेक भूतपूर्व विद्यार्थियों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। मुझे बताया गया है कि यहां के पूर्व छात्र श्री एम.वाई. इकबाल भारत के उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के गौरवशाली पद तक पहुंचे। झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने भी इसी विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की है। उक्त बातें राष्ट्रपति ने कॉनवोकेशन ग्राउंड मोरहाबादी रांची में रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहीं।

संघर्ष और त्याग के उन आदर्शों की बरबस याद आती है

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा, वीर सिदो-कान्हू, तिलका मांझी और नीलांबर-पीतांबरके इस क्षेत्र में आकर संघर्ष और त्याग के उन आदर्शों की बरबस याद आती है। इस क्षेत्र में लगभग 60 वर्ष पहले रांची विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे यहां के परंपरागत आदर्शों के अनुरूप झारखंड और पूरे देश के विकास में अपना योगदान देते रहेंगे। इस क्षेत्र की अनेक विभूतियों ने यहां का सम्मान बढ़ाया है। 1971 के युद्ध में असाधारण पराक्रम के लिए ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित होने वाले शहीद एल्बर्ट एक्का इसी क्षेत्र के सपूत थे।

महेंद्र सिंह धोनी ने रांची का नाम पूरे क्रिकेट जगत में रोशन किया है

राष्ट्रपति ने कहा कि यहीं के जयपाल सिंह मुंडा 1928 के ओलंपिक खेलों में पहला स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की हॉकी टीम के कप्तान थे। वे संविधान सभा के सदस्य भी रहे। महेंद्र सिंह धोनी ने रांची का नाम पूरे क्रिकेट जगत में रोशन किया है। झारखंड की बेटी दीपिका कुमारी पर पूरे देश को गर्व है।

युवाओं की प्रतिभा के बल पर, यहां आधुनिक प्रगति के नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि झारखंड में देश की 40 प्रतिशत खनिज संपदा पाई जाती है। इस राज्य में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग स्थापित हैं। जमशेदजी टाटा ने पहला बड़ा स्टील प्लांट इसी क्षेत्र में लगाया था। झारखंड में अनेक पर्यटन स्थल हैं। यहां उच्च-स्तरीय शिक्षण संस्थान भी हैं। झारखंड राज्य की ऐसी अनेक विशेषताओं तथा आप जैसे युवाओं की प्रतिभा के बल पर, यहां आधुनिक प्रगति के नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं।

जॉब क्रिएटर बनना है और दूसरों को भी आगे बढ़ाना है

राष्ट्रपति ने कहा कि आप सबके विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य है ‘तेजस्वि नावधीतम् अस्तु’। इसका अर्थ है कि ‘हमारा अध्ययन प्रभावी बने’। आप सबने जो शिक्षा प्राप्त की है उसकी सार्थकता विश्वविद्यालय से निकलने के बाद विभिन्न कार्यक्षेत्रों तथा समाज और देश के लिए आपके योगदान पर निर्भर करेगी। आज का युग अपार अवसरों और चुनौतियों से भरा हुआ है। जो युवा सजग और सक्रिय हैं उनके लिए आज की टेक्नॉलॉजी और अर्थ-व्यवस्था ऐसे अनेक नए अवसर प्रदान करती है जो पिछली पीढ़ियों को उपलब्ध नहीं थे। स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। आप सबको इन अवसरों का भरपूर उपयोग करते हुए जॉब क्रिएटर बनना है और दूसरों को भी आगे बढ़ाना है।

विद्यार्थी समावेशी विकास में प्रभावी भूमिका निभाएं

राष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जन-जातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए ‘विकास भारती, बिशुनपुर’ जैसे संस्थान इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। इसी प्रकार, झारखंड के कई जिलों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्रों में रामकृष्ण मिशन ने बहुत योगदान दिया है। मैं चाहूंगा कि रांची विश्वविद्यालय और यहां के विद्यार्थी ऐसे संस्थानों से प्रेरणा लें, और समावेशी विकास में प्रभावी भूमिका निभाएं।

टाना भगतों ने भारत के स्वतन्त्रता आंदोलन में गांधीजी का अनुसरण किया

राष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र के प्रख्यात समाज सुधारक और स्वतन्त्रता सेनानी जतरा टाना भगत का जन्म भी गुमला में ही हुआ था। उन्होंने अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ अहिंसापूर्ण आंदोलन का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि टाना भगतों ने भारत के स्वतन्त्रता आंदोलन में गांधीजी का अनुसरण किया। इस क्षेत्र की ऐसी विरासतों और मूल्यों को आगे बढ़ाना भी आप सभी का दायित्व है।

प्रकृति के साथ तालमेल बनाना हम सबको आदिवासी समाज से सीखना चाहिए

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि मैंने हमेशा यह महसूस किया है कि प्रकृति के साथ तालमेल रखते हुए अपनी आवश्यकताओं को पूरा करना हम सबको आदिवासी समाज से सीखना चाहिए। आदिवासी संस्कृति और सभ्यता के बारे में शोधकार्य को प्रोत्साहित करके यह विश्वविद्यालय बहु-आयामी योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि झारखंड की भाषाओं और संस्कृति के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए, आपके विश्वविद्यालय में, सन 1980 में स्थापित किए गए जन-जातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में, पांच जन-जातीय भाषाओं - कुडुख, मुंडारी, संथाली, हो एवं खड़िया की पढ़ाई होती है। आदिवासी भाषा व संस्कृति की जानकारी का उपयोग, जन-जातीय जीवन से जुड़ने और उस समुदाय को विकसित करने में होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी बच्चों, युवाओं और बेटियों की शिक्षा और कौशल के विकास के लिए पूरे देश में साढ़े चार सौ से अधिक नए ‘एकलव्य मॉडल रेजीडेंशियल स्कूल’ केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे हैं। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की शुरुआत झारखंड में ही इसी 12 सितंबर को की गई थी।

अनेक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योजनाओं की शुरुआत झारखंड में हुई है

राष्ट्रपति ने कहा कि सभी गरीब भाई-बहनों के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योजनाओं की शुरुआत झारखंड में हुई है। ‘आयुष्मान भारत’ नामक दुनिया की सबसे बड़ी ‘स्वास्थ्य बीमा योजना’ का आरंभ झारखंड में हुआ था। देश के करोड़ों किसानों को पेंशन देने की ‘किसान मानधन योजना’ इसी महीने झारखंड में ही शुरू की गई। स्व-रोजगार में लगे देश के करोड़ों भाई-बहनों के लिए ‘राष्ट्रीय पेंशन योजना’ का शुभारंभ भी झारखंड से हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि समावेशी विकास और कल्याण की इन योजनाओं को निरंतर आगे बढ़ाने में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रयास किए जाते रहेंगे।

युवा फिजिकल और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में हो रहे विकास का उपयोग करने के लिए तत्पर रहें

राष्ट्रपति ने कहा कि संवेदनशील और समावेशी विकास के कार्यक्रमों के साथ-साथ झारखंड में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास भी तेजी से हो रहा है। ‘नेशनल वाटर-वे वन’ के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में साहिबगंज में ‘मल्टी-मोडल टर्मिनल’ के बन जाने से झारखंड के विकास को एक नई गति प्राप्त होगी। मैं चाहूंगा कि आप सभी युवा, फिजिकल और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में हो रहे विकास का उपयोग करने के लिए तत्पर रहें।

समाज सेवा के लिए सबसे पहली जरूरत चरित्र-बल की है

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि दो दिन बाद, यानि 2 अक्तूबर को सभी भारतवासी तथा विश्व समुदाय के अनेक लोग हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे। गांधीजी ने रांची और आसपास के क्षेत्र की अनेक यात्राएं की थीं। सन 1925 में, उन्होंने हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज के प्रांगण में इस क्षेत्र के विद्याथियों को संबोधित किया था। उनका वह भाषण आज के आप सभी विद्यार्थियों के लिए भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने विद्यार्थियों द्वारा समाज सेवा पर बल दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि समाज सेवा के लिए सबसे पहली जरूरत चरित्र-बल की है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि जब आप सब अपने समाज और देश के प्रति संवेदनशील रहेंगे तो आप सहज ही समाज-कल्याण और राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रेरित होंगे।

e-cigarette हानिकारक इसको बनाना, बेचना, इस्तेमाल करना, स्टोर करना और विज्ञापन देना कानूनन अपराध

राष्ट्रपति ने कहा कि आज मेरे सामने सभी प्रतिभाशाली और स्वस्थ युवा बैठे हैं। हमारे छात्रगण आधुनिक व्यसन से परिचित होंगे इसका नाम है e-cigarette. मुझे प्रसन्नता है कि जब इस पर प्रतिबंध लगा तो आपके राज्य ने इसमें पहल की। इसके लिए मैं राज्य सरकार एवं यहाँ की जनता को बधाई देता हूँ। आप जानते हैं कि WHO की advisory पर अप्रैल 2019 में झारखंड ने एवं सितम्बर 2019 में देश ने e-cigarette आदि को प्रतिबंधित कर दिया। इसके शिकार अक्सर युवा वर्ग ही होते हैं। e-cigarette हानिकारक है। इसको बनाना, बेचना, इस्तेमाल करना, स्टोर करना और विज्ञापन देना अपराध घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि कई देश और भारत के करीब 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश इसे प्रतिबंधित कर चूके हैं। मुझे लगता है कि आप इसके प्रभाव में नहीं आएंगे। आपको अपनी स्वास्थ्य एवं पढ़ाई पर ध्यान देते रहना है, जिससे उज्ज्वल भारत और झारखंड का निर्माण संभव हो सके।

2 अक्तूबर, 2014 को झारखंड में ‘ओडीएफ़ कवरेज’ केवल 16 प्रतिशत के करीब था। यह आज शत-प्रतिशत हो गया है

राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष गांधी जयंती के दिन हम सब ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के संकल्प को सिद्ध करने का उत्सव भी मनाएंगे। इस सफलता में झारखंड ने प्रभावी योगदान दिया है। 2 अक्तूबर, 2014 को झारखंड में ‘ओडीएफ़ कवरेज’ केवल 16 प्रतिशत के करीब था। यह आज शत-प्रतिशत हो गया है। इस सफलता सहित, ऐसी अनेक उपलब्धियों के लिए राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास, झारखंड राज्य सरकार की पूरी टीम और राज्य के सभी नागरिकों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं।

यूनिवर्सिटीज़ सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी यानि यूएसआर के लिए योगदान देना चाहिए

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि पूरे देश में कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी यानि सीएसआर की चर्चा होती है। मैंने जून, 2018 में आयोजित ‘राज्यपाल सम्मेलन’ में यह अनुरोध किया था कि विश्वविद्यालयों को भी यूनिवर्सिटीज़ सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी यानि यूएसआर के लिए योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय से लगभग दो माह के अंतराल पर कम से कम पांच छात्र-छात्राएं गांवों में जाएं, और यदि संभव हो सकें तो वहां रात्रि में रुकें और गांव वालों के साथ बैठकर चर्चा करें। वे गांव की साफ-सफाई, सम्पूर्ण साक्षरता, सभी बच्चों के टीकाकरण तथा न्यूट्रीशन जैसी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में ग्रामवासियों के साथ संवाद बनाएं। उन्होंने कहा कि साथ ही, केंद्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में भी ग्रामवासियों को जानकारी प्रदान करें। मैं रांची विश्वविद्यालय प्रशासन से यूएसआर पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध करूंगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इस विश्वविद्यालय से प्राप्त शिक्षा का भरपूर उपयोग आप सब अपने विकास और देश की प्रगति के लिए करेंगे। मेरी शुभकामना और आशीर्वाद है कि आप सभी सफलता के पथ पर हमेशा आगे बढ़ते रहें। उन्होंने दीक्षांत समारोह के अवसर पर उपस्थित सभी पदक विजेताओं, शिक्षकों, अन्य सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों को बधाई दी।

इस अवसर पर देश की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद, राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास, शिक्षा मंत्री श्रीमती नीरा यादव, कुलपति रांची विश्वविद्यालय श्री रमेश कुमार पांडे विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफ़ेसरगण, व्याख्याता, छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित थे

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...