रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया
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★ कोई काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता
★ ऐसी परिस्थिति बनाएं की नियोजक स्वयं विश्वविद्यालय के द्वार आएं
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रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की इस धरती पर राष्ट्रपति महोदय का झारखण्ड की सवा तीन करोड़ जनता की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं। हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आप छात्रों के बीच आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज के इस अवसर पर जितने भी गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
कोई भी काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि इस गोल्ड मेडल से आपके जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। आप सच्ची निष्ठा और कर्तव्य के उच्च मापदंडों के साथ अपने प्रयास जारी रखें। कोई भी काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता। अगर मन में अटल विश्वास के साथ काम करने की नीयत हो तो हर काम को अंजाम दिया जा सकता है।
निराशा से काम नहीं चलेगा। आप जीवन के प्रति संघर्ष कीजिए जीवन मूल्यों के लिए संघर्ष कीजिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि किस प्रकार की परिस्थिति से निकलकर मैं इस पद पर पहुंचा हूं। मैं एक मजदूर परिवार से आता हूं। रांची विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट एलएलबी की डिग्री लिया और फिर टाटा कंपनी में मजदूरी की। मजदूरी करते करते एमएलए बना और आज राज्य का मुख्य सेवक बना। यह संदेश उन लोगों को जो पढ़े-लिखे होने के बाद भी निराश होते हैं। निराशा से काम नहीं चलेगा। आप संघर्ष कीजिए और जीवन के प्रति संघर्ष कीजिए जीवन मूल्यों के लिए संघर्ष कीजिए। उसका परिणाम निकलेगा आज मैं आपको यही बताना चाहता हूं।
ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करने की आवश्यकता है जिससे शिक्षा पूर्ण होते ही नियोजक स्वयं आपके विश्वविद्यालय द्वार पर आएगा
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरी करने के पश्चात छात्रों के समूह बड़ी चिंता नौकरी और रोजी-रोटी ढूंढने की है। रोजगार के अवसर कमी यहां नहीं है। आज रोजगार के क्षेत्र में हम एग्रीकल्चर के सेक्टर में इंडस्ट्रीज के सेक्टर में आईटी के सेक्टर में पर्यटक के क्षेत्र में भी और सरकारी नौकरियां भी रोजगार के काफी अवसर हैं। लेकिन इस अवसर का लाभ लेने के लिए हमें शिक्षा के स्वरूप और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाना होगा। हमें ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करने की आवश्यकता है जिससे शिक्षा पूर्ण होते ही नियोजक स्वयं आपके विश्वविद्यालय द्वार पर आएगा।
भारत के युवा हर क्षेत्र में परचम लहरा रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की जरूरत है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसका पश्चिमीकरण किया जाए। राष्ट्र निर्माण में शिक्षा ही हम सबसे ऊपर है अगर हमें ऐसे शिक्षा व्यवस्था चाहिए तो हमें अच्छे शिक्षकों की जरूरत होगी। जो हमारी प्राथमिकता में है। युवा दुनिया को क्या नहीं दे सकता है। आज जितने भी क्रांतिवीर हैं या जितने भी आप देश विदेश में देख रहे हैं भारत के युवा हर क्षेत्र में परचम लहरा रहा हैं और इसी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने सीएम फैलोशिप योजना शुरुआत की है। इसके साथ-साथ रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय भाषा में भी पढ़ाई शुरू हुई है। युवा के मन में एक मिशन होना चाहिए। और अगर मिशन है तो जिंदगी में कुछ करने की इच्छा है तो रास्ते अपने आप मिल जाते हैं।
युवा शक्ति इस राज्य की सबसे बड़ी शक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी यह बार-बार कहते हैं कि वह से कि सपना मत देखो अगर सपने देखने हैं तो कुछ करने के सपने देखो। तो मैं आज इस अवसर पर समस्त छात्र छात्राओं राज्यभर के हमारे युवा शक्ति जो इस राज्य के सबसे बड़ी शक्ति है। इस शक्ति यह जो हमारे पास मानव संसाधन है इस राज्य के ग्रोथ को बढ़ाने में यह बहुत बड़ी भूमिका इनकी अदा हो सकती है।
आने वाला समय उसी समाज उसी देश का है जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर छात्रों से अपील करना चाहता हूं कि आने वाला समय उसी समाज उसी देश का है जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार है। इसलिए इस ज्ञान युग में हम अधिक से अधिक अपने ज्ञान की बढ़ोतरी करें। और जिस क्षेत्र में आप पढ़ रहे हो उसमें उत्कृष्ट बने।
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★ कोई काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता
★ ऐसी परिस्थिति बनाएं की नियोजक स्वयं विश्वविद्यालय के द्वार आएं
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रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की इस धरती पर राष्ट्रपति महोदय का झारखण्ड की सवा तीन करोड़ जनता की ओर से हार्दिक स्वागत करता हूं। हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आप छात्रों के बीच आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज के इस अवसर पर जितने भी गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
कोई भी काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि इस गोल्ड मेडल से आपके जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। आप सच्ची निष्ठा और कर्तव्य के उच्च मापदंडों के साथ अपने प्रयास जारी रखें। कोई भी काम आपके मनोबल से बड़ा नहीं होता। अगर मन में अटल विश्वास के साथ काम करने की नीयत हो तो हर काम को अंजाम दिया जा सकता है।
निराशा से काम नहीं चलेगा। आप जीवन के प्रति संघर्ष कीजिए जीवन मूल्यों के लिए संघर्ष कीजिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि किस प्रकार की परिस्थिति से निकलकर मैं इस पद पर पहुंचा हूं। मैं एक मजदूर परिवार से आता हूं। रांची विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट एलएलबी की डिग्री लिया और फिर टाटा कंपनी में मजदूरी की। मजदूरी करते करते एमएलए बना और आज राज्य का मुख्य सेवक बना। यह संदेश उन लोगों को जो पढ़े-लिखे होने के बाद भी निराश होते हैं। निराशा से काम नहीं चलेगा। आप संघर्ष कीजिए और जीवन के प्रति संघर्ष कीजिए जीवन मूल्यों के लिए संघर्ष कीजिए। उसका परिणाम निकलेगा आज मैं आपको यही बताना चाहता हूं।
ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करने की आवश्यकता है जिससे शिक्षा पूर्ण होते ही नियोजक स्वयं आपके विश्वविद्यालय द्वार पर आएगा
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा पूरी करने के पश्चात छात्रों के समूह बड़ी चिंता नौकरी और रोजी-रोटी ढूंढने की है। रोजगार के अवसर कमी यहां नहीं है। आज रोजगार के क्षेत्र में हम एग्रीकल्चर के सेक्टर में इंडस्ट्रीज के सेक्टर में आईटी के सेक्टर में पर्यटक के क्षेत्र में भी और सरकारी नौकरियां भी रोजगार के काफी अवसर हैं। लेकिन इस अवसर का लाभ लेने के लिए हमें शिक्षा के स्वरूप और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाना होगा। हमें ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करने की आवश्यकता है जिससे शिक्षा पूर्ण होते ही नियोजक स्वयं आपके विश्वविद्यालय द्वार पर आएगा।
भारत के युवा हर क्षेत्र में परचम लहरा रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की जरूरत है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसका पश्चिमीकरण किया जाए। राष्ट्र निर्माण में शिक्षा ही हम सबसे ऊपर है अगर हमें ऐसे शिक्षा व्यवस्था चाहिए तो हमें अच्छे शिक्षकों की जरूरत होगी। जो हमारी प्राथमिकता में है। युवा दुनिया को क्या नहीं दे सकता है। आज जितने भी क्रांतिवीर हैं या जितने भी आप देश विदेश में देख रहे हैं भारत के युवा हर क्षेत्र में परचम लहरा रहा हैं और इसी को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने सीएम फैलोशिप योजना शुरुआत की है। इसके साथ-साथ रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय भाषा में भी पढ़ाई शुरू हुई है। युवा के मन में एक मिशन होना चाहिए। और अगर मिशन है तो जिंदगी में कुछ करने की इच्छा है तो रास्ते अपने आप मिल जाते हैं।
युवा शक्ति इस राज्य की सबसे बड़ी शक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी यह बार-बार कहते हैं कि वह से कि सपना मत देखो अगर सपने देखने हैं तो कुछ करने के सपने देखो। तो मैं आज इस अवसर पर समस्त छात्र छात्राओं राज्यभर के हमारे युवा शक्ति जो इस राज्य के सबसे बड़ी शक्ति है। इस शक्ति यह जो हमारे पास मानव संसाधन है इस राज्य के ग्रोथ को बढ़ाने में यह बहुत बड़ी भूमिका इनकी अदा हो सकती है।
आने वाला समय उसी समाज उसी देश का है जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर छात्रों से अपील करना चाहता हूं कि आने वाला समय उसी समाज उसी देश का है जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार है। इसलिए इस ज्ञान युग में हम अधिक से अधिक अपने ज्ञान की बढ़ोतरी करें। और जिस क्षेत्र में आप पढ़ रहे हो उसमें उत्कृष्ट बने।
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