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सोमवार, 22 जुलाई 2019

विक्रम जायसवाल ने किया हज यात्रियों का इस्तकबाल


रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव आदित्य विक्रम जयसवाल ने आज सोमवार को हज यात्रियों को इस्तकबाल करते हुए हज यात्रा के लिए रवाना किया।

इस दौरान श्री जायसवाल ने हज यात्रियों से देश व  राज्य की सुख, समृद्धि  एवं खुशहाली के लिए दुआ करने की अपील की है इसके साथ ही तमाम हज यात्रियों की सलामती की भी दुआ की है।

इस मौके पर मुख्य रूप से इस्तकबाल करने वालों में से अमरजीत सिंह, आसिफ जियाउल, निहाल, डॉ असलम फैयाज आदि प्रमुख गण मौजूद थे।

बुधवार, 10 जुलाई 2019

हज़ की कमाई से आतंकवाद की सिंचाई




देवेंद्र गौतम
दुनिया भर के मुस्लिम अब पवित्र हज़यात्रा के बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं। ट्विटर पर बाजाप्ता इसका अभियान चल रहा है। उनका कहना है कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हज़ यात्रा को को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहते हैं। यात्रियों को सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं लेकिन वे इससे होने वाली भारी-भरकम आय का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं। मक्का मदीना के नाम पर अरब के प्रिंस पूरे इस्लामी समाज का संरक्षक मानते हैं। इस अघोषित ओहदे को बनाए रखने के लिए वे मस्जिदों के निर्माण और रखरखाव के नाम पर धन प्रदान करते हैं लेकिन वे मुख्य रूप से आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
पिछले वर्ष अप्रैल माह में लीबिया के प्रख्यात सुन्नी मौलवी ग्रैंड मुफ्ती सादिक अली धरीआनी ने दुबारा हज यात्रा को पाप बताते हुए बहिष्कार का आह्वान किया था। लेकिन अब उन्होंने अपनी अपील का खुलासा करते हुए कहा है कि हज से अरब की अर्थ व्यवस्था को जो मजबूती मिल रही है उसका इस्तेमाल दहशतगर्दी के लिए किया जा रहा है। उससे हथियारों की खरीद की जा रही है और उन्हें आतंकी संगठनों को आपूर्ति की जा रही है। उन हथियारो का शिकार खाड़ी देशों के मुस्लिम समाज के लोग ही हो रहे हैं। लीबिया के मौलवी के अलावा सऊदी अरब के युसूफ अल काराडावी ने बाजाप्ता फतवा जारी कर हज के बहिष्कार का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि इससे बेहतर है कि भूखो को भोजन कराएं, बेसहारों को सहारा दें।

एक आंकड़े के मुताबिक हर वर्ष 23 लाख से अधिक लोग हजयात्रा करते हैं। उनसे सऊदी अरब के खरबों की आमदनी होती है। अरब के प्रिंस इसे ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने चाहते हैं। हज के बहिष्कार के आह्वान को दबाने के लिए वे किसी स्तर पर उतर सकते हैं। लेकिन फिलहाल यह एक वैश्विक मुहिम का रूप धारण कर चुका है। आने वाले समय में यह क्या रंग लाएगा, कहना कठिन है।

रविवार, 30 जून 2019

झारखंड के 646 हाजी कोलकाता से भरेंगे उड़ान



रांची। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक सह राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के उपाध्यक्ष डॉ शाहिद अख्तर ने पश्चिम बंगाल हज कमेटी के अध्यक्ष नदीम उल हक से आज भेंट करके झारखंड के कोलकाता से जा रहे हाजियों के संबंध में प्रबंध एवं राज्य के हाजियों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानना चाहा , अध्यक्ष ने बताया कि पश्चिम बंगाल हज हाउस अथवा कोलकाता इंबारकेसन से इस वर्ष कुल 11831 हाजी हज को जाएंगे जिसमें 8043 आजमीने हज पश्चिम बंगाल के त्रिपुरा के 106 , उड़ीसा के 652 मणिपुर के 460 बिहार के 1309 असम के 615 तथा 646 आजमीन झारखंड के यहां से उड़ान भरेंगे बंगाल हज कमिटी के अध्यक्ष ने डॉक्टर शाहिद अख्तर को आश्वस्त किया कि झारखंड हमारा निकटवर्ती राज्य है अतः इस राज्य के हाजियों का पश्चिम बंगाल हज कमेटी विशेष ध्यान रखेगी कि उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी। अध्यक्ष ने हाजियों के जाने के क्रम में डॉक्टर शाहिद अख्तर को विशेष रूप से आमंत्रित किया उनके आमंत्रण को स्वीकार करते हुए डॉक्टर शाहिद अख्तर भी झारखंड के हाजियों को छोड़ने कोलकाता जाएंगे ज्ञात हो कि मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ शाहिद अख्तर मंच के बंगाल के प्रभारी भी है पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के क्रम में डॉक्टर अख्तर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक में भी हिस्सा लिया। बैठक के संबोधन में डॉ अख्तर ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यक विकास के संबंध में चलाई जा रही योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाकर उन्हें लाभान्वित करने का प्रयास मंच के कार्यकर्ता करें बैठक के पश्चात डॉक्टर अख्तर पश्चिम बंगाल हज हाउस भी गए उनके साथ पश्चिम बंगाल हज कमेटी के अध्यक्ष नदीम उल हक भी उपस्थित रहे झारखंड से जाने वाले हाजियों के ठहरने तथा एयरपोर्ट जाने के संबंध में भी डॉक्टर शाहिद अख्तर ने चर्चा की। अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड के हाजियों एवं समस्त हाजियों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए बंगाल हज कमेटी वचनबद्ध है

बुधवार, 8 अगस्त 2018

हजयात्रियों से मिले सुबोधकांत


 अमन- चैन की दुआ की अपील

रांची। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय बुधवार को राजधानी के कडरू  (हज हाउस) और डोरंडा स्थित रिसालदार बाबा के मजार जाकर आजमीन-ए-हज से मिले। हजयात्रियों के यात्रा के दौरान उपयोगी वस्तुओं का वितरण किया। उन्होंने आजमीने हज से मुल्क की तरक्की, अमन-चैन के लिए दुआएं मांगने की अपील की। इस अवसर पर विनय सिन्हा दीपू, नेहाल अहमद , नैयर शहाब, अरशद हुसैन ,मोहम्मद शमीम, जमील अहमद ,मोहम्मद फारुख नाजमुल ,काजिम एकवाले फातमी, कुमार रोशन , ऋषिकेश सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

गुरुवार, 2 अगस्त 2018

12 वी बार हज यात्रा पर जाएंगे मौलाना तहजीबुल हसन रिज़वी


 हज की सआदत दावते परवरदिगार से हासिल होती है: मौलाना रिजवी

रांची। दो अगस्त से हज यात्रा की शुरुआत हो गई। इस महीने में झारखंड सहित देश एवं पूरी दुनिया के लोग काबा शरीफ के दीदार करने पहुंचते हैं। झारखंड की राजधानी रांची के मस्जिद जाफरया के  इमाम व खतीब हज़रत मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी सफर हज के लिए 3 अगस्त को रांची से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। दिल्ली से 5 अगस्त को  मदीना के लिए उड़ान भरेंगे। हजरत ने बताया कि वे 12वीं बार हज की सआदत हासिल करेंगे। जबकि ऐसा कम ही लोगो को नसीब होता है। इस सम्बंध में मौलाना से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि  खुद नही जा रहा हूं, बल्कि मुझे बुलाया जा रहा है, हज की सआदत पैसे से नही हासिल होती , दावत ए परवरदिगार से हासिल होती है। मौलाना ने कहा कि जिन लोगो पर अल्लाह खुसूसी रहमत नाज़िल करता है उन्हें हज के लिए बुला लेता है। मेरा 12 वा हज मेरी जिंदगी के सुनहरे दिन का हिस्सा है।  दुआ करता हूं कि खुदा हर मुसलमान को हज की सआदत नसीब फरमाए। हज के साथ साथ मक्के मदीना का दीदार बहुत बड़ी इबादत है। लेकिन  अल्लाह अपने नेक बंदों को बार बार बुलाते हैं। मौलाना हजरत सैयद तहजीबुल हसन ने कहा कि  अल्लाह उन पर काफी मेहरबान हैं। अपने बंदा सैयद तहजीबुल हसन को हर बार काबा का तवाफ के लिए बुलाते हैं और मौलाना हर साल काबा के दीदार करने पहुंचते हैं। ज्ञात हो कि मौलाना तहजीबुल हसन पहली बार 2006 मे सफर हज पर गए थे। 2008 से लगातार हर साल हज पर जाते हैं।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...