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गुरुवार, 22 अगस्त 2019

निरूप ने छात्रों के बीच बांटी बरसाती


चक्रधरपुर। सावन के बाद भी बरसात अपनी चरम सीमा पर है। इससे होने वाली बीमारियों से हम सभी परिचित हैं इन्हीं चीजों को ध्यान में रखते हुए शिक्षाविद् निरूप कुमार प्रधान ने अपने निःशुल्क शिक्षण संस्थान में बच्चों के बीच बरसाती का वितरण किया।

 यह बरसाती उन सभी लड़कियों एवं लड़कों को दिया गया जो सुदूर इलाके में स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। यह सभी ऐसे बच्चे हैं जो आर्थिक रूप से काफी असमर्थ एवं इनका जीवन यापन मुश्किल से चल रहा है ।

ऐसे बच्चों को श्री निरुप अलग-अलग  निःशुल्क संस्थान बनाकर इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देते हैं ।ऐसे में यह कार्य इनका सराहनीय है ।यह बच्चे बारिश में स्कूलों में जा नहीं पाते क्योंकि बरसात में भीग जाने के कारण उनकी तबियत बिगड़ जाती है इसलिए इनके माता-पिता बरसात के दिन में इन्हें स्कूल नहीं भेज पाते ।इसी बीच श्री निरूप कुमार प्रधान ने यह उपाय लगाया कि इन बच्चों के बीच में बरसाती का वितरण किया ताकि इनकी पढ़ाई ना रुके और वह सुचारू रूप से स्कूल जाकर अध्यन कर पाए।

बताते चलें कि श्री प्रधान न‌ केवल इन बच्चों के बीच में बरसाती बांटे बल्कि इन बच्चों के बीच में वस्त्रों, किताब, कॉपी एवं जरूरत के सामन मुहैया करवाते हैं ।शिक्षा के साथ-साथ इनके स्वास्थ्य का भी  पूरा ख्याल रखते हैं।

मंगलवार, 13 अगस्त 2019

निरुप के शिक्षा की गूंज अब प्रशासन तक...



रांची। जी हां चक्रधरपुर में शिक्षा कोचिंग सेंटर के नाम से प्रसिद्ध यह संस्थान आर्थिक असमर्थ बच्चों को नि:शुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवाता है ! इस संस्थान में कई लोग, बच्चों से मिलने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने पहुंचते हैं ,क्योंकि यह बच्चे गरीबी से जूझ कर भी अपनी हिम्मत नहीं हारते और अपना लक्ष्य प्राप्त करने को आतुर हैं।

 इस बार बच्चों से मिलने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने चक्रधरपुर थाना के सब इंस्पेक्टर श्री सौरभ कुमार पहुंचे । यहां उन्होंने अपना बहुमूल्य समय दिया एवं इसमें संस्थान के निर्देशक निरुप कुमार प्रधान ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया एवं सभी बच्चों ने उनका अभिवादन किया। इस बीच उन्होंने अपने जीवन के उन कठिन परिस्थितियों के बारे में बच्चों से साझा किया जिससे वह गुजर चुके हैं एवं आगामी परीक्षाओं को किस तरह से लिखना चाहिए इसके बारे में भी बताया।

उन्होंने कहा कि सभी बच्चे भाग्यशाली हैं कि उन्हें निरुप जैसा गुरु मिला ।जहां से शीघ्रता से बच्चे अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं श्री निरुप शिक्षक होने के साथ-साथ एक महान व्यक्ति हैं जो आज के इस पैसे वाले युग में भी नि:शुल्क शिक्षा दान दे रहे हैं!

 साथ ही उन्होंने बच्चों के बीच अपने मोबाइल नंबर को शेयर किया एवं भविष्य में कोई भी परेशानी एवं दिक्कतों का सामना करने पर उन्हें याद करने के लिए कहा ,ताकि वह प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से बच्चों की मदद कर सके।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...