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बुधवार, 22 अप्रैल 2020

सर्ड परिसर में क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने का विरोध


*  पूर्व जैक पार्षद व राजद नेत्री रानी कुमारी ने उपायुक्त से लगाई गुहार

रांची। राजधानी के हेहल स्थित सर्ड परिसर में क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाने का मुहल्लेवासियों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है। इस संबंध में झारखंड की पूर्व जैक पार्षद व राजद नेत्री रानी कुमारी ने उपायुक्त को पत्र लिखा है। हेहल स्थित मुहल्लेवासियों ने भी सर्ड परिसर से अविलंब क्वारेंटाइन सेंटर अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग की है। रानी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से भी गुहार लगाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ट्विटर पर संदेश प्रेषित कर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। मुहल्लेवासियों के मुताबिक घनी आबादी वाले इस इलाके में कोरोना क्वारेंटाइन सेंटर बनाए जाने से वे दहशत में जी रहे हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण फैलने से सशंकित हैं। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने से सर्ड परिसर के निकटवर्ती क्षेत्रों, हेहल, सुंदरनगर व आसपास के इलाकों के निवासियों में रोष व्याप्त है। रानी कुमारी ने कहा कि एक ओर केन्द्र सरकार कोरोनावायरस के प्रकोप को कम करने में जुटी है, वहीं, दूसरी तरफ रिहायशी इलाके में कोरोना क्वारेंटाइन सेंटर स्थापित कर मुहल्लेवासियों को दहशत के माहौल में जीने को विवश किया जा रहा है। लोग कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से सशंकित हैं। इसलिए अविलंब सर्ड परिसर से क्वारेंटाइन सेंटर हटाया जाय।

मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

कोरोना के खिलाफ जंग में हर भारतीय की सहभागिता जरूरी: सहारा श्री सुब्रत राय



रांची / इंदौर। भारत में प्रमुख व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहाराश्री सुब्रत
रॉय सहारा ने एक व्यक्तव्य जारी कर हर एक भारतीय से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना के विरुद्ध
लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हम सब भारतीयों को एकजुट होकर इस महामारी को हराने में बराबर
की जिम्मेदारी निभानी होगी।
सहाराश्री ने अपने व्यक्तव्य में  कहा कि हम सबको यह समझना होगा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई
संपूर्ण मनुष्य जाति की है। इस लड़ाई में हर व्यक्ति सिपाही है। हर
व्यक्ति की कोई न कोई जिम्मेदारी और महत्वूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि अगर हम सब यह मान
लेंगे कि जो कुछ करना है, वह सरकार को करना है, अस्पतालों और डॉक्टरों को करना है, पुलिस और
प्रशासन को करना है, तो यकीन मानिए हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई हार जाएंगे। अगर हमें कोरोना को
हराना है, तो हमें भी स्वयं को एक सिपाही मानना होगा। हम जहां भी हैं और जैसे भी हैं, हमें वहीं अपनी
भूमिका निभानी होगी।
कोरोना की महामारी ने समूची दुनिया को हिलाकर रख दिया है। लॉकडाउन का यह दूसरा चरण पूरे देश के लिए, देश के एक-एक नागरिक के लिए, बहुत ही
महत्वपूर्ण है। इस लॉकडाउन में हमें कोरोना को काबू में करना होगा।
यह बेहद कठिन दौर है। इंसान खतरे में है, इंसानियत खतरे में है, उन्होंने सभी से अपील किया कि कोरोना के
खतरे को समझें। चाहे कोई भी धर्म हो, कोई भी संप्रदाय हो, कोई भी मजहब हो, सबको इसके ऊपर
उठना जरुरत है। इस समय हम सबका मजहब इंसानियत ही होना चाहिए। हमारे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है। अगर लॉकडाउन नहीं करते तो हमारे यहां हालत बहुत बुरे होते।
लॉकडाउन के दौरान घर में रहें। सरकार जो भी दिशा-निर्देश जारी कर रही है, उनका कड़ाई  से पालन करें।
डॉक्टर, नर्स, पुलिस-प्रशासन के लोग आगे रहकर कोरोना से लड़ रहें हैं। वह हमारे जीवन बचाने के लिए
अपना जीवन दांव पर लगा रहे हैं। इन लोगों का साथ दें। तन-मन-धन से साथ दें। हम सोशल डिस्टेंसिंग का
पालन करें, लेकिन इमोशनल डिस्टेंसिंग न होने दें। टेलीफोन एवं  इंटरनेट के जरिए अपनों से संपर्क बनाये
रखें। भावनाएं बहुत बड़ा संबल होती है। जब हम कोरोना को हरा देंगे, तो जिंदगी की एक नयी शुरुआत
करेंगे। सब मिल-जुलकर एक-दूसरे का साथ देंगे और पहले से भी मज़बूत भारत का निर्माण करेंगे।

भाजयुमो के नेता ने गरीबों के बीच बांटे अनाज और राहत सामग्री


रांची। भाजपा युवा नेता पीयूष विजयवर्गीय ने डोरंडा क्षेत्र के कुसई, छप्पन सेठ, घाघरा, कुम्हार टोली में जरूरतमंदों के बीच राशन साम्रगी, मास्क, सेनेटाइजर का वितरण किया।
राशन साम्रगी वितरण करने के दौरान पीयूष विजयवर्गीय ने कहा कि हर भारतवासी का कर्तव्य है कि वो अपने आस पास के जरूरतमंदों की सेवा करें। उन्होंने कहा कि जब तक लाॅकडाउन खत्म नही होती, तब तक सेवा अनवरत जारी रहेगा। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि हमारा प्रण अंत्योदय है, हमारा लक्ष्य अंत्योदय है।
पीयूष विजयवर्गीय के सेवा कार्य मे भाजपा युवा नेता सोनू मिश्रा, आशीष विजय, पंकज श्रीवास्तव, विवेक कुमार, राहुल मुंजाल, अमन चंद्रवंशी, हर्षित शर्मा, उमंग सुल्तानिया, अमित जांगिड़, सन्नी टिबड़ेवाल, रूपेश सिंघानिया समेत अन्य लोगो का योगदान मिल रहा है।

जीएसटी मुक्त हों कोरोना उपचार से संबंधित उपकरण: शशिभूषण राय



रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशिभूषण राय ने कहा है कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द कोरोना उपचार से जुड़े सभी उपकरणों को जीएसटी मुक्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राहुल गांधी और युवा कांग्रेस ने भी कई मौकों पर यह मांग की है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के उपचार में उपयोगी चिकित्सीय उपकरण करमुक्त होने से इस लड़ाई को जीतना आसान होगा। मास्क, सैनेटाईज़र, जैसी जरूरी चीजें गरीब जनता को आसानी से उपलब्ध हो पाएंगी। वर्तमान संकट के समय आवश्यक चिकित्सीय उपकरण पर जीएसटी वसूलना मानव हित में नहीं होगा। इस कठिन समय में जहां पूरा देश और विश्व कोरोना के प्रकोप से निजात पाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है , उसे देखते हुए सरकार को इस बारे में फैसला लेने में देर नहीं करनी चाहिए। बीमारी और ग़रीबी से जूझती जनता से सैनीटाईज़र, साबुन, मास्क, दस्ताने आदि पर जीएसटी वसूलना उचित नहीं होगा।
 श्री राय ने झारखंड सरकार के कोरोना से लड़ने के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित सरकार में शामिल सभी मंत्रियों की भूमिका सराहनीय है। उन्होंने निस्वार्थ भाव से राहत कार्य में लगे राज्य के सभी जिला कांग्रेस , युवा कांग्रेस , महिला कांग्रेस एवं एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के प्रति आभार जताया।

कोरोना के.खिलाफ जंग में झारखंड सरकार की सहभागिता सराहनीय



रांची । वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग में झारखंड सरकार की सहभागिता सराहनीय है। सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित उनके मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों की सक्रियता और तत्परता काबिले-तारीफ है। उक्त बातें पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने की चुनौती स्वीकार करते हुए झारखंड सरकार अपने मिशन में लगी है। विषम परिस्थितियों में हेमंत सरकार में शामिल सभी मंत्री विशेष रूप से लॉकडाउन के दौरान झारखंड के लोगों को प्रतिकूल प्रभाव से बचाने में पूरे समर्पण से जुटे हैं।
श्री सहाय ने मुख्यमंत्री से अपील की कि झारखंड के सभी लोगों के हितों का हर हाल में संरक्षण किया जाये। उन्होंने कहा कि विशेषकर किसान एवं ग्रामीण लॉकडाउन की अवधि में काफी लंबे समय से घर में बैठे हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से वे और भी कमजोर हो गये हैं। उन्हें तत्काल राहत पहुंचाने की मांग करते हुए श्री सहाय ने मनरेगा मजदूरी के बकाया भुगतान एवं उन्हें अग्रिम राशि देने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा कि आगामी एक माह में मानसून आने की पूरी संभावना है। इसके मद्देनज़र सरकार को अपनी बहुआयामी तैयारियों को अंतिम स्वरुप देना चाहिये ताकि किसी को कोई असुविधा ना हो I पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सहाय ने केंद्र  सरकार पर झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि   झारखंड के साथ केंद्र सरकार दोहरे चरित्र दिखा रही है़। कई मामलों में झारखंड की उपेक्षा की जा रही है।

सोमवार, 20 अप्रैल 2020

आल इंडिया वीमेंस कांफ्रेंस और हेमू फाउंडेशन के सौजन्य से गरीबों को कराया जा रहा है भोजन


*  जरूरतमंदों के बीच बांट रहे राहत सामग्री

रांची। लॉकडाउन के दौरान बेघर, बेसहारा, गरीब तबके के लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ता राहत कार्य में जुटे हैं। इस कड़ी में हटिया-तुपुदाना स्थित "लाइट हाउस कैफे एंड किचन रेस्टोरेंट" के संचालक दिलबाग सिंह का नाम अग्रिम पंक्ति में शुमार है। श्री सिंह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। लाॅकडाउन के दौरान गरीबों के समक्ष भुखमरी की स्थिति को देखते हुए श्री सिंह विगत 25 मार्च से राहत कार्य में जुटे हैं। लाॅकडाउन में इनका रेस्टोरेंट बंद है।

उनके रेस्टोरेंट में काम करने वाले आठ कर्मचारी प्रतिदिन गरीबों के लिए भोजन बनाने में सहयोग करते हैं। श्री सिंह ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रतिदिन हटिया और तुपुदाना के आसपास क्षेत्र के हरदाग, कोंगारी, डूंगरी, बसारगढ़ के समीप झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब लोगों, रिक्शा चालकों, महिला श्रमिकों के बीच प्रतिदिन भोजन वितरित किया जाता है। यही नहीं, बेघर और बेसहारा लोगों और जो श्रमिक कहीं से आकर यहां फंसे हुए हैं, वैसे जरूरतमंदों को राशन व अन्य राहत सामग्री भी मुहैया कराई जाती है। पीड़ित मानवता के इस नेक कार्य में उन्हें ऑल इंडिया वूमेंस कॉन्फ्रेंस की हटिया- तुपुदाना शाखा की अध्यक्ष व लोकप्रिय समाजसेवी शांति सिंह, एआईडब्लूसी की तुपुदाना शाखा के सचिव अमरजीत सिंह, हटिया शाखा की सचिव मधु सहाय, डीएवी श्यामली एलुमनी एसोसिएशन, बीआईटी सिंदरी एल्युमुनी, प्रयास डेवलपर्स, प्रयास रंधवा ईस्टेट, आरके मिशन के सदस्य, समाजसेवी अल्बर्ट एक्का, हेमू फाउंडेशन, रेस्क्यू टीम, भारतीय नौसेना के  अधिकारी व उनके परिजनों सहित अन्य समाजसेवियों का सहयोग मिल रहा है। श्री सिंह ने बताया कि उक्त समाजसेवियों के सहयोग से पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति इस पुनीत कार्य को अंजाम देने में वे निरंतर सफल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन की अवधि तक हटिया-तुपुदाना क्षेत्र के बेघर, बेसहारा लोगों, रिक्शा चालकों, श्रमिकों को प्रतिदिन भोजन कराने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत रोज लगभग डेढ़ सौ से दो सौ गरीबों के बीच भोजन व अन्य राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।

रविवार, 19 अप्रैल 2020

राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने किया आनलाइन बिक्री के आदेश का किया विरोध


* प्रदेश अध्यक्ष ने कहा,  छोटे और मंझोले उद्यमियों और व्यवसायियों की बढ़ेगी परेशानी


रांची। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने भारत सरकार  द्वारा 20 अप्रैल से ऑनलाइन बिक्री शुरू करने के निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इस निर्णय से छोटे, मंझोले और स्थानीय दुकानदारों की परेशानियां और अधिक बढ़ जाएगी। एक तो ऐसे ही लाॅकडाउन मे छोटे उद्योगों और दुकानदारों की स्थिति खस्ताहाल है। विदेशी आॅनलाइन दुकानों अमेजन, फ्लीपकार्ट, आदि को 20 अप्रेल से व्यापार की अनुमति देना न सिर्फ  छोटे मोटे उद्यमियों और दुकानदारों के प्रति अन्याय होगा, बल्कि इस निर्णय से देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विगत 24 मार्च से लॉकडाउन हो जाने से पूरे देश सहित झारखंड राज्य के छोटे-बड़े व्यापारियों का दुकान बंद है। अकस्मात दुकानें बंद होने के कारण एक तरफ व्यवसाय तो प्रभावित हो ही रहा है, दूसरी तरफ गर्मी का महीना होने से दुकानों में शॉर्ट सर्किट से आग लगने, चूहे से दुकानों में क्षति होने की भी संभावना है।
 व्यापारियों के समक्ष इन विषम परिस्थितियों के मद्देनजर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा झारखंड सरकार से मांग करती है कि छोटे, बड़े दुकानदारों को जिन्होंने लॉकडाउन में अपनी दुकानों को ठीक ढंग से सुरक्षा करने की कोई भी व्यवस्था नहीं की है, उन्हें अपनी दुकान व प्रतिष्ठान कुछ घंटे के लिए खोलकर दुकान व्यवस्थित करने के लिए समय दिया जाए। कुछ दुकानदार ऐसे हैं, जिनकी रोज की आमदनी से ही उनका भरण-पोषण होता था। अब उनकी स्थिति भी ठीक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में केंद्र व राज्य सरकार छोटे-मोटे उद्यमियों और व्यवसायियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय ले।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...