रांची / इंदौर। भारत में प्रमुख व्यावसायिक समूह सहारा इंडिया परिवार के मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहाराश्री सुब्रत
रॉय सहारा ने एक व्यक्तव्य जारी कर हर एक भारतीय से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना के विरुद्ध
लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हम सब भारतीयों को एकजुट होकर इस महामारी को हराने में बराबर
की जिम्मेदारी निभानी होगी।
सहाराश्री ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि हम सबको यह समझना होगा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई
संपूर्ण मनुष्य जाति की है। इस लड़ाई में हर व्यक्ति सिपाही है। हर
व्यक्ति की कोई न कोई जिम्मेदारी और महत्वूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि अगर हम सब यह मान
लेंगे कि जो कुछ करना है, वह सरकार को करना है, अस्पतालों और डॉक्टरों को करना है, पुलिस और
प्रशासन को करना है, तो यकीन मानिए हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई हार जाएंगे। अगर हमें कोरोना को
हराना है, तो हमें भी स्वयं को एक सिपाही मानना होगा। हम जहां भी हैं और जैसे भी हैं, हमें वहीं अपनी
भूमिका निभानी होगी।
कोरोना की महामारी ने समूची दुनिया को हिलाकर रख दिया है। लॉकडाउन का यह दूसरा चरण पूरे देश के लिए, देश के एक-एक नागरिक के लिए, बहुत ही
महत्वपूर्ण है। इस लॉकडाउन में हमें कोरोना को काबू में करना होगा।
यह बेहद कठिन दौर है। इंसान खतरे में है, इंसानियत खतरे में है, उन्होंने सभी से अपील किया कि कोरोना के
खतरे को समझें। चाहे कोई भी धर्म हो, कोई भी संप्रदाय हो, कोई भी मजहब हो, सबको इसके ऊपर
उठना जरुरत है। इस समय हम सबका मजहब इंसानियत ही होना चाहिए। हमारे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है। अगर लॉकडाउन नहीं करते तो हमारे यहां हालत बहुत बुरे होते।
लॉकडाउन के दौरान घर में रहें। सरकार जो भी दिशा-निर्देश जारी कर रही है, उनका कड़ाई से पालन करें।
डॉक्टर, नर्स, पुलिस-प्रशासन के लोग आगे रहकर कोरोना से लड़ रहें हैं। वह हमारे जीवन बचाने के लिए
अपना जीवन दांव पर लगा रहे हैं। इन लोगों का साथ दें। तन-मन-धन से साथ दें। हम सोशल डिस्टेंसिंग का
पालन करें, लेकिन इमोशनल डिस्टेंसिंग न होने दें। टेलीफोन एवं इंटरनेट के जरिए अपनों से संपर्क बनाये
रखें। भावनाएं बहुत बड़ा संबल होती है। जब हम कोरोना को हरा देंगे, तो जिंदगी की एक नयी शुरुआत
करेंगे। सब मिल-जुलकर एक-दूसरे का साथ देंगे और पहले से भी मज़बूत भारत का निर्माण करेंगे।
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