यह ब्लॉग खोजें

बीडीओ लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बीडीओ लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 28 जून 2019

अंचल अधिकारी की आंखें छलकीं तो मुख्य सचिव में बंधाया ढांढस

सीएम रघुवर दास ने कहा-

★चुप ना रहिए, बोलिये-- अपनी बात साझा करिये-
★ये आपके आंसू नहीं. सच्चा संतोष है

मुख्यमंत्री के प्रोत्साहन के बाद बहुत से सीओ और बीडीओ ने साझा की अपनी बात


रांची। झारखण्ड मंत्रालय में राज्य के सभी अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ आयोजित बैठक में उस समय माहौल भावुक हो उठा जब मुख्यमंत्री ने पूछा कि आपमें से कितने लोगों का गांव से नाता रहा है, कितनों ने गांव की जिंदगी जिया है, कितने लोग गांव की समस्याओं को झेलते हुए आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। ईश्वर ने आपको मौका दिया है उन समस्याओं का निवारण करने के लिए। अच्छे कर्म आपको शांति की चरम अनुभूति कराएंगे।

आप आइये अपनी बातों को रखें
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं आप सभी को सुनने आया हूं। आप जब तक मुझे अपनी समस्या को नहीं बताएंगे आपकी समस्या यथावत रहेगी और सरकार को कार्य करने में परेशानी होगी।

और आने लगे अधिकारी, कहने लगे अपनी बात
मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को अपनी बात कहने के निदेश के बाद झारखण्ड मंत्रालय स्थित नया सभागार में खामोशी छा गई। कोई अधिकारी सामने नहीं आ रहा था, मुख्यमंत्री भी खामोश रहकर उनके आने की बाट जोह रहे थे। एक बार पुनः मुख्यमंत्री ने अंचल अधिकारियों और प्रखंड विकास पदाधिकारियों को पुनः प्रोत्साहित किया तो एक एक कर दर्जनों अंचल अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारियों ने अपनी समस्याओं और सुझावों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।

छलक आये आंसू, मुख्य सचिव बंधाया ढांढस
बैठक के दौरान उस समय सभागार में अजीब सी खामोशी छा गयी जब साहेबगंज सदर अंचल अधिकारी विजय कुमार मुख्य मंच पर अपनी बात कहते हुए रो पडे। मुख्य सचिव ने उठकर उन्हें ढांढस बंधाया और पानी का ग्लास दिया। अंचल अधिकारी ने कहा कि नौकरी के दौरान ही उनके पिता स्व. शिव प्रसाद साहू की तबीयत खराब ही गई। लेकिन नौकरी में रहने के कारण वे चाह कर भी अपने पिता की सेवा नहीं कर सके। अंततः उनके पिता का देहांत हो गया। उन्होंने कहा कि यह बात उन्हें अंदर तक कचोट गया। अपनी इस पीड़ा को कम करने के उद्देश्य से अंचल अधिकारी ने वृद्ध की सेवा करने का मन बनाया। 2017 से 2019 के बीच श्री विजय कुमार ने वैसे 4 बुजुर्गों की सेवा का जिम्मा स्वयं उठा रखा है, जिनका इस दुनिया में देख रेख करने वाला कोई नहीं है। अंचल अधिकारी के कार्य को जान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी के आंसू हैं, शांति के आंसू हैं, क्योंकि अच्छा कर्म किसी की भी शांति प्रदान करती है।

कई सुझावों को धरातल पर उतारने का निदेश, बनेगी सड़क और पुल
चंदवा सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि अमझारिया नदी और पुल और इस नदी को जोड़ने वाली सड़क नहीं है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है । इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप मामले से संबंधित आवेदन दें जल्द ही सड़क और पुल का निर्माण होगा।

अंचल को भी दें स्वीकृत करने का अधिकार
एक अंचल अधिकारी ने कहा कि प्रखंड कार्यालय में वृद्धा, दिव्यांग और विधवा पेंशन हेतु कई ग्रामीण आते हैं। लेकिन उन्हें स्वीकृत करने का अधिकार SDO को है। अगर अंचल स्तर पर स्वीकृति का अधिकार दे तो कार्य में तेजी आएगी। इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इनके पेंशन हेतु स्वीकृत करने का अधिकार अंचल अधिकारी को भी देने सम्बन्धी आदेश देने को कहा।

मंगलवार, 18 जून 2019

जर्जर आवास में रह रहे हैं बंदगांव बीडीओ

विनय मिश्रा

चक्रधरपुर : पश्चिम सिंहभूम जिला के सबसे सुदूर व दुर्गम प्रखंड के रूप में पहचाने जाने वाला प्रखंड बंदगांव की समस्या दूर करने में तत्पर रहने वाले बीडीओ कामेश्वर बेदिया का आवास जर्जर और खस्ताहाल है। हमेशा छत से प्लास्टर टूट टूट कर गिरते रहता है। जिसके फलस्वरूप अपने दैनिक कार्यों को निपटाने में इन्हें परेशान उठानी पड़ती है। जिस अधिकारी का दायित्व हो कि प्रखंड का व्यापक विकास जन समस्याओं का निराकरण लोगों तक स्वयं पहुंच कर उन्हें राहत पहुंचाना, उनके दायित्व में शामिल हो और उस अधिकारी का आवास ही खस्ता हालत रहे तो ये काफी पीड़ा जनक है। श्री बेदिया के योगदान देने के पश्चात से प्रखंड में  वैसे पंचायत जो काफी सुदूर के साथ साथ विकास से वंचित भी रहे थे, इन क्षेत्रों में न सिर्फ विकास कार्य तेज हुए, बल्कि  कोल्हान के डीआइजी कुलदीप द्विवेदी जब बंदगांव प्रखंड पहुंचे, तो लोगों ने बताया कि इस सुदूर क्षेत्र में बीडीओ के सार्थक प्रयास का परिणाम है कि इस प्रखंड के लोग भय मुक्त होने के साथ साथ विकास को भी देखा है ।
डीआइजी कुलदीप द्विवेदी ने बीडीओ के काम की सराहना भी की। वर्तमान समय में अधिकारी के आवास की दयनीय स्थिति की जानकारी ग्रामीण विकास विभाग को भी दे दी गई हैं तथा इस प्रकरण में भवन निर्माण विभाग को भी जानकारी देकर इन आवासों को पुनः निर्माण कराने के लिए ध्यान आकृष्ट कराया गया है।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...