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रविवार, 14 जुलाई 2019

रिम्स में पावरग्रिड विश्रामगृह का शिलान्यास

मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं केंद्रीय विद्युत एवं ऊर्जा राज्य मंत्री आर के सिंह ने किया शिलान्यास
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245 बेड, 15 करोड़ की लागत , मरीजों के परिजनों को मिलेगी सुविधा
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रिम्स राज्य का गर्व, राज्य का मुकुट

2.50 लाख लोग 108 एम्बुलेंस सेवा से लाभान्वित हुए

15 महीने में बनेगा विश्राम सदन

---रघुवर दास, मुख्यमंत्री झारखण्ड
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देश में बिजली और विकास के और कार्य होंगे, लोड शेडिंग हुई तो उपभोक्ता को हर्जाना मिलेगा

---आर के सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री
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रांची। रिम्स झारखण्ड का गर्व है मुकुट है। रिम्स आधुनिक सुविधाओं से युक्त संस्थान के तौर पर अपनी पहचान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। रिम्स आधुनिक तकनीकों से युक्त संस्थान के रूप में जाना जाए, इस निमित आज 23 करोड़ 82 लाख की लागत से निर्मित प्रशासनिक भवन, 64 करोड़ की लागत से निर्मित ट्रामा सेंटर और 89.70 लाख की लागत से छात्राओं के लिए निर्मित हॉस्टल का उद्घाटन किया गया। मरीजों के साथ रिम्स आने वाले परिजनों को परेशानी न हो इसके लिए आज 245 बेड के विश्राम सदन की आधारशिला रखते हुए बेहद खुशी हो रही है। 15 करोड़ की लागत से विश्राम सदन का निर्माण होगा। इसके निर्माण की अवधि 15 माह निर्धारित है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने रिम्स परिसर में पावरग्रिड विश्राम सदन के शिलान्यास कार्यक्रम में कही।

गरीब मरीजों के परिजनों को समर्पित है विश्राम सदन
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स में ज्यादातर गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं और उनके साथ उनके परिजन भी होते हैं। रिम्स में परिजनों के ठहरने की व्यवस्थित व्यवस्था नहीं होने की जानकारी मुझे थी। मैं गरीब की पीड़ा को समझ सकता कि मरीज के परिजनों को होटल या किराए में आश्रय लेना उनपर कितना अधिक आर्थिक बोझ डाल देता है। उनकी इस पीड़ा को कम करने के उद्देश्य से ही विश्राम सदन बनवाया जा रहा जो गरीब मरीजों के परिजनों को समर्पित होगा।

108 एम्बुलेंस सेवा की चर्चित और सफल कहानी
मुख्यमंत्री ने बताया कि 108 एम्बुलेंस सेवा लगातार सकारात्मक रूप से चर्चा में है और यह जरूरतमंदों को समय पर अपनी सेवा देकर परोपकार की कहानी कह रहा है। इस बात का दंभ नहीं, लेकिन 108 एम्बुलेंस सेवा ने अबतक करीब 2.50 लाख लोगों को अपनी सेवा दे चुका है। सबसे अधिक लाभ राज्य के गरीब और जनजाति क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है, जिन्होंने अपने जीवन को सुरक्षित किया।

23 सितंबर तक 57 लाख परिवारों को मिलेगा 5 लाख का निःशुल्क गोल्डन कार्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का शुभारंभ झारखण्ड से 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री ने किया था। सरकार ने इस योजना में राज्य के 57 लाख परिवारों को लाभान्वित करने हेतु 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रवधान बजट में किया। अब तक 25 लाख गरीब परिवारों को गोल्डेन कार्ड दिया गया है, करीब 30 लाख परिवार अब भी गोल्डन कार्ड से वंचित हैं। 23 सितंबर 2019 तक राज्य के सभी 57 लाख परिवारों को 5 लाख के स्वास्थ्य बीमा योजना से आच्छादित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि रिम्स और सदर अस्पताल ने इस योजना पर बेहतर कार्य किया है। अबतक 32 लाख लोगों का इलाज सुनिश्चित किया गया है।

300 कृषि फीडर, 60 ग्रिड और 24 घंटे बिजली देने की ओर झारखण्ड के बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि 67 साल में राज्य में मात्र 38 ग्रिड थे। साढ़े 4 साल में राज्य सरकार ने 60 ग्रिड, 257 सब स्टेशन और किसानों के लिए 300 कृषि फीडर निर्माण के कार्य में 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर चुकी है। दिसंबर 2019 तक 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का प्रयास सरकार का होगा। सुदूरवर्ती पहाड़ पर निवास करने वाले लोग हों या घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र यथा सारंडा का गुदड़ी, लातेहार का गारू व सरजू या फिर लोहरदगा का पेशरार। सरकार ने इन सभी क्षेत्रों को बिजली से आच्छादित कर दिया है। 67 साल में जिस झारखण्ड के 38 लाख घरों तक बिजली पहुंची थी उस झारखण्ड में वर्तमान सरकार ने मात्र साढ़े 4 साल में 30 लाख घरों तक बिजली पहुंचा दी है।

100 बेड की अतरिक्त व्यवस्था करें
केंद्रीय राज्य मंत्री विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर के सिंह ने कहा कि रिम्स की जरूरत को देखते हुए विश्राम सदन में 100 बेड की अतरिक्त व्यवस्था करें। 100 बेड के विश्राम सदन निर्माण हेतु जमीन आपको उपलब्ध करा दिया गया है। केंद्र सरकार इसकी अनुमति पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को देती है। मरीजों के परिजनों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। समय की मांग के अनुसार एक से अधिक विश्राम सदन बनाने की दिशा में भी कार्य होंगे। केंद्र सरकार वैसे स्थानों पर विश्राम स्थल बनाने पर जोर दे रही है, जहां गरीब मरीजों का अधिक संख्या में आना होता है।

लोड सेडिंग हुई तो उपभोक्ता को मिलेगा हर्जाना
केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का संकल्प है वन नेशन वन ग्रिड। 2014 से पूर्व बिजली से वंचित लोग सोचते थे कि क्या कभी उनके घरों तक बिजली पहुंचेगी। लेकिन 2014 के बाद निरंतर बिजली के क्षेत्र में कार्य हुए और बिजली से वंचित घर तक बिजली पहुंचाई गई। अब पूरी दृढ़ता से बिजली की सुदृढ़ता हेतु कार्य हो रहें हैं ताकि 24 घंटे बिजली दी जा सके। यह सिर्फ कहने की बात नहीं बल्कि अगर लोड शेडिंग हुआ तो सरकार उपभोक्ता को हर्जाना भी देगी। यह है वर्तमान सरकार के कार्य करने का मनोभाव।

समय की मांग के अनुसार संसाधन जुटाए गए

स्वास्थ्य, शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि रिम्स में समय की मांग के अनुरूप संसाधन जुटाए गए हैं। मुख्यमंत्री के निदेश पर एम्स की तर्ज पर रिम्स में भी ट्रामा सेंटर बना और आज उसका उद्घाटन भी हुआ। यह सपने को मूर्तरूप देने जैसा है। राज्य के लिए यह बड़ी सौगात है। प्रशासनिक भवन का निर्माण होने से अब रिम्स में कार्यरत लोगों को परेशानी नहीं होगी। रिम्स में पढ़ाई कर रही बच्चियों को हॉस्टल की सौगात दी गई। 2014 से पहले और आज के रिम्स में बड़ा बदलाव आया है।

इस अवसर पर मंत्री स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं शिक्षा श्री रामचन्द्र चंद्रवंशी, सांसद रांची श्री संजय सेठ, विधायक कांके डॉ जीतू चरण राम, सचिव स्वास्थ्य विभाग डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, निदेशक रिम्स डी के सिंह, सीएमडी पावर ग्रिड कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड श्री रवि प्रकाश सिंह, रिम्स के निदेशक श्री डी के सिंह, रिम्स के चिकित्सक, शिक्षक, पारा मेडिकल स्टाफ व अन्य उपस्थित थे।

मंगलवार, 25 जून 2019

सीएम रघुवर दास ने किया रिम्स का औचक निरीक्षण

★ रिम्स में मरीजों को मिले निजी अस्पताल जैसी व्यवस्था

★ नया ओपीडी बनाए, सरकार पूरा सहयोग करेगी

★ चिकित्सक भगवान का रूप

★ गरीब, असहाय की सेवा करें उनका आशीर्वाद बहुत फलेगा


रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रिम्स का औचक निरीक्षण करने के दौरान कहा कि रिम्स को हमें प्रोफेशनल तरीके से चलाना है। राज्यभर से लोग यहां इलाज कराने आते हैं। लोगों को अच्छा इलाज और अच्छी व्यवस्था मिले, इसके लिए हमसब को मिलकर प्रयास करना होगा। रिम्स में भी लोगों निजी अस्पताल जैसी व्यवस्था मिले, इसके लिए रिम्स प्रशासन कड़ाई के साथ व्यवस्था लागू करे। एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट रहे, इसे सुनिश्चित करें। इमरजेंसी में भी यह नियम लागू करायें। उक्त बातें उन्होंने रिम्स के निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह से कहीं। वे आज रिम्स का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे।

मरीज के परिजन रिम्स प्रबंधन का सहयोग करें
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ज्यादा भीड़ रहने से न केवल चिकित्सकों को इलाज करने में परेशानी होती है, बल्कि मरीज को भी हल्ला-गुल्ला से परेशानी होती है। मरीज के परिजन इसमें रिम्स प्रबंधन का सहयोग करें। रिम्स प्रबंधन लोगों को पास जारी करे। गेट पर पास दिखाकर ही मरीज के परिजन को अंदर जाने दें। बीच-बीच में जांच करते रहे कि कोई अतिरिक्त व्यक्ति तो अंदर नहीं आ गया है। ऐसे लोगों से बाहर जाने का अनुरोध करे। नहीं मानने पर कड़ाई से उन्हें बाहर करें।

पंखे और एसी लगायें 
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इमरजेंसी में तत्काल पंखे लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि जब तक एसी नहीं लग जाता है, तब तक पंखे जरूर लगवायें। पहले से ही घायल या बीमार मरीज को गर्मी से और ज्यादा परेशानी होती है। साथ ही पूरे रिम्स में सेंट्रलाइज्ड एसी लगाने व अन्य जरूरी कार्यों के लिए अनुमानित लागत का अनुमान लगाकर दें। राज्य सरकार सीएसआर समेत अन्य साधनों से इस राशि की व्यवस्था करेगी। उन्होंने रिम्स परिसर को साफ-सुथरा रखने का भी निर्देश दिया।

चिकित्सक भगवान का रूप
वार्ड में उपस्थित चिकित्सकों से  मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर भगवान का रूप माने जाते हैं। गरीब व असहाय की सेवा करें। इनसे जो आशीर्वाद मिलेगा, वह बहुत फलेगा। वे लगातार मरीजों के संपर्क में रहें। गरीब के चेहरे पर मुस्कान देखने से जो सुकून मिलेगा, वह सुकून किसी ओर चीज से नहीं मिल सकता है। चिकित्सक रोजाना समय से वार्ड का भ्रमण करें।

नयी ओपीडी बनायेंगे
रिम्स निदेशक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि रिम्स की ओपीडी काफी पुरानी हो चुकी है। यहां मरीजों व उनके परिजनों के बैठने आदि के लिए समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी व बड़ी ओपीडी बनाने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करें। सरकार पूरी तरह से सहयोग करेगी। रिम्स में मरीजों के परिजनों के लिए वेटिंग रूम बनायें। वहां पानी, शौचालय के साथ ही सस्ती दर पर भोजन की भी व्यवस्था करें।

शनिवार, 17 नवंबर 2018

रिम्स में नर्स की मौत पर भड़का गुस्सा

 निदेशक कार्यालय का किया घेराव, कहा- काम के तनाव से हुई मौत

रांची। रिम्स में शनिवार को नर्स की मौत हो गई। नर्स की मौत के बाद नर्स एसोसिएशन ने शव के साथ निदेशक कार्यालय का घेराव किया। नर्सों का कहना है कि जितनी नर्स रिम्स में होनी चाहिए उतनी नहीं है। जिस कारण काम का तनाव बहुत ज्यादा हो जाता है। कम नर्सों में ज्यादा मरीजों को देखने के काम से नर्स की मौत हो रही है।
रिम्स में कार्यरत नर्स गीता नायक की मौत के बाद जूनियर नर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने निदेशक कार्यालय के समक्ष शव को रखकर घेराव किया। इस दौरान जूनियर नर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष रामरेखा राय ने कहा कि मात्र 430 नर्सों के भरोसे रिम्स की व्यवस्थाएं संचालित हो रही है। जिसके कारण नर्सों को तनाव झेलना पड़ रहा है।
मृतक गीता नायक के मौत के बाद नर्सों का गुस्सा फूट पड़ा और निदेशक कार्यालय के समक्ष सभी एकजुट हुई। एसोसिएशन ने कहा की प्रतिदिन 1500 मरीजों का इस अस्पताल में इलाज होता है, लेकिन सरकार और रिम्स प्रबंधन नर्सों की बहाली को लेकर उदासीन है। वहीं गीता नायक की मौत का कारण कैंसर बताया जा रहा है। गीता नायक का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। लेकिन पैसे की तंगी के कारण गीता को रिम्स के में भर्ती किया गया था। जहां इलाज के दौरान गीता नायक की मौत हो गई।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...