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बुधवार, 7 अगस्त 2019

होपवेल हॉस्पिटल में पेट के ट्यूमर का सफल ऑपरेशन



रांची। राजधानी के कर्बला चौक के नूर टावर स्थित होपवेल हॉस्पिटल में एक 20 वर्षीय युवती के पेट में हुए ट्यूमर (गांठ) का सफल ऑपरेशन किया गया। इस संबंध में होपवेल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. शाहबाज आलम ने बताया कि बिहार निवासी सरवर आलम की 20 वर्षीय पुत्री को पेट में दर्द की शिकायत रहा करती थी। युवती अविवाहित है। उसके पेट में हुए ट्यूमर का आकार दिन-ब-दिन बढ़ता गया और उसके पेट में असहनीय पीड़ा अक्सर हो जाया करती थी। इससे परेशान होकर उसके पिता ने कई चिकित्सकों से सलाह ली। चिकित्सकों ने अल्ट्रासाउंड कराने के बाद पाया कि युवती के पेट में ट्यूमर (एक गांठ) बन गई है और उसका आकार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। चिकित्सकों ने अविलंब उस युवती के पिता को ऑपरेशन कराने की सलाह दी। इसी क्रम में युवती के पिता कर्बला चौक स्थित होपवेल हॉस्पिटल में पहुंचे और चिकित्सक से परामर्श लिया। परामर्श के बाद स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ सर्जन डॉ. नेहा अली ने युवती के पिता को अविलंब ऑपरेशन करने की सलाह दी। उसके पिता ऑपरेशन के लिए सहमत हो गए। इसके बाद लगभग 4 घंटे की मशक्कत के बाद उक्त युवती के पेट से बिना चीरा लगाए दूरबीन के माध्यम से ट्यूमर को बाहर निकाला गया। डॉ. नेहा अली ने बताया कि लेप्रोस्कोपिक मायोमेटोमी पद्धति से मार्थलेटर मशीन द्वारा उक्त युवती के पेट में बने गांठ (ट्यूमर) को निकाला गया। युवती के पेट में लगभग डेढ़ किलोग्राम का ट्यूमर था। डॉ नेहा अली ने बताया कि आधुनिकतम तकनीक से किफायती दर पर बिहार और झारखंड के मरीजों को जटिल रोगों की शल्य चिकित्सा अब रांची में भी संभव है। डॉ. अली ने बताया कि पेट में बनी गांठ को दूरबीन से देख कर मशीन द्वारा निकालना काफी चुनौतीपूर्ण था। ऐसे ऑपरेशन में हाई लेवल एक्सपर्टीज की आवश्यकता होती है। वहीं पीड़ित मरीज ने बताया कि ऑपरेशन के बाद वह काफी राहत महसूस कर रही है। उसे सुकून मिल गया है। मरीज ने होपवेल हॉस्पिटल के चिकित्सकों और उनकी टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शुक्रगुजार हूं ऐसे चिकित्सक का जिन्होंने मुझे नया जीवन दिया। इस ऑपरेशन के बाद मरीज बिल्कुल स्वस्थ हैं, उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

गुरुवार, 25 जुलाई 2019

नि: शुल्क स्टेमसेल थेरेपी ओपीडी कैंप 25 अगस्त को


* न्यूरोलाजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान है रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी : डॉ.रिचा बनसोड


रांची। स्टेमसेल थेरेपी के माध्यम से क्षतिग्रस्त मस्तिष्क के ऊतकों की मरम्मत संभव है। लाइलाज सेलेब्रेल पाल्सी और न्यूरोलाजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए न्यूरो रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी वरदान की तरह है। उक्त बातें ख्यातिप्राप्त न्यूरोसर्जन और न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीच्यूट की सर्जिकल सेवा प्रमुख डॉ रिचा बनसोड ने कही। उन्होंने होटल एवीएन ग्रैंड मेंं आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि न्यूरोलाजिकल विकारों को दूर करने के लिए वयस्क स्टेम सेल थेरेपी मरीजों के लिए एक नई आशा की किरण है। उन्होंने कहा कि न्यूरो रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी (एन आर आरटी) एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है। इसमें एक सूची की मदद से मरीज के बोन मैरो ( अस्थि मज्जा) से स्टेम सेल ली जाती है और प्रसंस्करण के बाद रीढ़ की हड्डी में तरल पदार्थ में वापस इंजेक्ट किया जाता है। उन्होंने बताया कि रांची में आठ वर्षीय कुमार धैर्य का स्टेम सेल थेरेपी से उपचार सफल रहा। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क पक्षाघात प्रति एक हजार बच्चों में से हर तीन में से एक को प्रभावित करता है। कम वजन के साथ समय से पहले जन्मे शिशुओं में इसका प्रभाव अधिक देखा गया है। इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ आलोक शर्मा ने कहा कि मस्तिष्क संबंधी विकारों के लिए न्यूरो रीजेनरेटिव रिहैबिलिटेशन थेरेपी उपचार के नये विकल्प के तौर पर उभर रही है। उन्होंने कहा कि असाध्य न्यूरोलाजिकल विकारों से पीड़ित रोगी नि: शुल्क शिविर में परामर्श के लिए पुष्पकला से 9821529653 और 9920200400 पर संपर्क कर सकते हैं।

मंगलवार, 25 जून 2019

सीएम रघुवर दास ने किया रिम्स का औचक निरीक्षण

★ रिम्स में मरीजों को मिले निजी अस्पताल जैसी व्यवस्था

★ नया ओपीडी बनाए, सरकार पूरा सहयोग करेगी

★ चिकित्सक भगवान का रूप

★ गरीब, असहाय की सेवा करें उनका आशीर्वाद बहुत फलेगा


रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रिम्स का औचक निरीक्षण करने के दौरान कहा कि रिम्स को हमें प्रोफेशनल तरीके से चलाना है। राज्यभर से लोग यहां इलाज कराने आते हैं। लोगों को अच्छा इलाज और अच्छी व्यवस्था मिले, इसके लिए हमसब को मिलकर प्रयास करना होगा। रिम्स में भी लोगों निजी अस्पताल जैसी व्यवस्था मिले, इसके लिए रिम्स प्रशासन कड़ाई के साथ व्यवस्था लागू करे। एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट रहे, इसे सुनिश्चित करें। इमरजेंसी में भी यह नियम लागू करायें। उक्त बातें उन्होंने रिम्स के निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह से कहीं। वे आज रिम्स का औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे।

मरीज के परिजन रिम्स प्रबंधन का सहयोग करें
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ज्यादा भीड़ रहने से न केवल चिकित्सकों को इलाज करने में परेशानी होती है, बल्कि मरीज को भी हल्ला-गुल्ला से परेशानी होती है। मरीज के परिजन इसमें रिम्स प्रबंधन का सहयोग करें। रिम्स प्रबंधन लोगों को पास जारी करे। गेट पर पास दिखाकर ही मरीज के परिजन को अंदर जाने दें। बीच-बीच में जांच करते रहे कि कोई अतिरिक्त व्यक्ति तो अंदर नहीं आ गया है। ऐसे लोगों से बाहर जाने का अनुरोध करे। नहीं मानने पर कड़ाई से उन्हें बाहर करें।

पंखे और एसी लगायें 
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इमरजेंसी में तत्काल पंखे लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि जब तक एसी नहीं लग जाता है, तब तक पंखे जरूर लगवायें। पहले से ही घायल या बीमार मरीज को गर्मी से और ज्यादा परेशानी होती है। साथ ही पूरे रिम्स में सेंट्रलाइज्ड एसी लगाने व अन्य जरूरी कार्यों के लिए अनुमानित लागत का अनुमान लगाकर दें। राज्य सरकार सीएसआर समेत अन्य साधनों से इस राशि की व्यवस्था करेगी। उन्होंने रिम्स परिसर को साफ-सुथरा रखने का भी निर्देश दिया।

चिकित्सक भगवान का रूप
वार्ड में उपस्थित चिकित्सकों से  मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर भगवान का रूप माने जाते हैं। गरीब व असहाय की सेवा करें। इनसे जो आशीर्वाद मिलेगा, वह बहुत फलेगा। वे लगातार मरीजों के संपर्क में रहें। गरीब के चेहरे पर मुस्कान देखने से जो सुकून मिलेगा, वह सुकून किसी ओर चीज से नहीं मिल सकता है। चिकित्सक रोजाना समय से वार्ड का भ्रमण करें।

नयी ओपीडी बनायेंगे
रिम्स निदेशक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि रिम्स की ओपीडी काफी पुरानी हो चुकी है। यहां मरीजों व उनके परिजनों के बैठने आदि के लिए समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी व बड़ी ओपीडी बनाने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करें। सरकार पूरी तरह से सहयोग करेगी। रिम्स में मरीजों के परिजनों के लिए वेटिंग रूम बनायें। वहां पानी, शौचालय के साथ ही सस्ती दर पर भोजन की भी व्यवस्था करें।

शुक्रवार, 3 मई 2019

अत्याधुनिक सुविधायुक्त होपवेल हॉस्पीटल का उद्घाटन


अब रांची में जटिल सर्जरी संभव : डॉ.अनंत सिन्हा


रांची। राजधानी के कर्बला चौक स्थित नूर टावर में 20 बेड वाले अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस एवं वातानुकूलित होपवेल हास्पीटल का उद्घाटन शहर के प्रख्यात सर्जन डा. अनंत सिन्हा ने किया। इस मौके पर डाॅ. सिन्हा ने कहा कि अब राजधानी में जटिल सर्जरी की सुविधा संभव हो सकेगी। यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं भी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसका लाभ मरीजों को मिल रहा है। उन्होंने अस्पताल के उज्जवल भविष्य की कामना की। अस्पताल के संचालक डा. शाहबाज़ आलम ने बताया कि यहां विशेष रूप से विभिन्न रोगों की सर्जरी अत्याधनिक चिकित्सा उपकरणों के जरिए की जाएगी। अस्पताल में विशेष रूप से एडवान्स्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेंटर की स्थापना की गई है। आंत में संक्रमण की सर्जरी, लेप्रेस्कोपिक गायनी सर्जरी, न्यू नेटल केयर सेंटर (एनआइसीयू), गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल सर्जरी, इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (हिस्टोस्कोपी), पाॅलिस्कोपी सहित अन्य प्रकार की सर्जरी अनुभवी चिकित्सकों द्वारा किए जाने की व्यवस्था है।
डा. आलम ने बताया कि होपवेल हॉस्पीटल में मरीजों की चिकित्सा के लिए एक ही छत तले अल्ट्रा साउंड, एक्सरे, पैथोलॉजी, फार्मेसी आदि की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अस्पताल में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सक और अनुभवी नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहेंगे। विशेष परिस्थिति में बाहर से विशेषज्ञ  चिकित्सकों को भी परामर्श के लिए बुलाने की सुविधा दी जाएगी। प्रख्यात स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. नेहा अली ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। दूरबीन से सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इस अवसर पर डा. आरके पाठक, डॉ. आरके शर्मा, प्रिंस हसन,मुख्तार गद्दी, अमजद अली, डॉ राजीव, एहसान अहमद सहित शहर के अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।

सोमवार, 28 जनवरी 2019

एमजीएम और पीएमसीए के रिक्त पदों पर जल्द शुरू हो नियुक्ति प्रक्रियाः रघुवर दास



रांची।जमशेदपुर स्थित एमजीएम और धनबाद स्थित पीएमसीएच में मैन पावर बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य करें। जो भी रिक्तियां हैं उसके एवज में भर्ती की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए। इसके अलावा प्रबंधन के काम से चिकित्सकों को अलग करे। प्रोफेशनल लोगों की भर्ती करें ताकि निजी अस्पतालों की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों में भी प्रबंधन चले। चिकित्सक के राउंड के दौरान मरीज के साथ एक से अधिक अटेंडेंट ना हो। इसे भी कड़ाई से लागू किया जाए। व्यवस्था बनी रहेगी तो मरीजों को ही आसानी होगी। मरीजों के परिजनों के लिए कार्ड जारी करें ताकि बेवजह की भीड़ से बचा जा सके। उक्त निर्देश मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज झारखण्ड मंत्रालय में एमजीएम और पीएमसीएच की समस्याओं से संबंधित बैठक में दिए.

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कहा कि सरकारी अस्पताल में गरीब इलाज कराने आते हैं। उनका इलाज भी सही तरीके से हो, ये हमारा लक्ष्य है। अस्पतालों को बेहतर बनाने में पैसे की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रामचन्द्र चंद्रवंशी, खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री श्री सरयू राय, मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री एपी सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री नितिन मदन कुलकर्णी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

रिफ्रेक्टरी स्टेटस एपिलैपटिक्स के मरीज को मिला जीवन दान

राँची के आर्किड अस्पताल में डाॅक्टरों को मिली बड़ी सफलता


रांची। आॅर्किड अस्पताल के चिकित्सकों एवम् मेडिकल टीम ने कोमा में गई मरीज बिमला देवी बजोरिया को गहन चिकित्सा एवम् सेवा के तत्पश्चात जीवन दान दिया।
ज्ञात हो की रिफ्रेक्टरी स्टेटस एपिलेपटिक्स एक घातक बीमारी है जिसमें मरीज को लगातार मिरगी के दौरे पड़ते है। आमतौर पर मिरगी का दौरा पड़ने के बाद व्यक्ति सामान्य अवस्था में लौट जाता है परन्तु इस बीमारी में सामान्य अवस्था में आने से पूर्व ही दोबारा और कई बार दौरे पड़ जाते है। और विलम्ब करने पर प्राण घातक सिद्ध होते है।
उक्त मरीज तेज बुखार, गर्दन दर्द, आरटेरियल सेन्सोरियम, अफासिया की शिकायत पर अपोलो हाॅस्पिटल, कोलकाता में भर्ती हुई। इस बीमारी की पुष्टि होने के बाद एवम् वेंटिलेटर सपोर्ट में चले जाने के पश्चात् वहाँ के चिकित्सकों ने लगभग इनके परिजनों केा जवाब ही दे दिया था, तत्पश्चात् राँची के निवासी होने के कारण इन्हें आॅर्किड अस्पताल में न्यूरोलोजिस्ट डाॅ उज्जवल राॅय के परामर्श में भर्ती किया गया।
उक्त मरीज को फिजिसियन एवम् कार्डियोलोजिस्ट डाॅ एस.सी.जैन, न्यूरोलाॅजिस्ट डाँ उज्जवल राॅय, डायबिटोलाॅजिस्ट डाॅ बिनय ढनढनीया, इंटेसीव केयर के हेड डाॅ राश कुजुर, डाॅ सुयश सिन्हा, इंटेसिमिष्ट डाॅ अमित गुप्ता एवम् डाॅ कृष्णा प्रसाद की टीम के देख-रेख में इलाज शुरू हुआ।
मरीज की लगातार म्म्ळ माॅनिटिरिंग की गई और धीरे-धीरे वेन्टीलेटर से हटाया गया, मरीज की स्थिति में धीरे-धीर सुधार हुआ एवम् काफी संयम और धैर्य रखते हुए वो सामान्य स्थिति में लौट आई, और वर्तमान में अस्पताल से डिस्चार्ज की जा रही है।
लगभग 1) महीने के इस चिकित्सीय प्रक्रिया एवम् जटिल बीमारी से ईजाद दिलाने में आॅर्किड अस्पताल की नर्सींग टीम का योगदान अतयंत सराहनीय रहा क्योकिं इस बीमारी में नर्सींग केयर की अहम भूमिका होती है, चिकित्सा के इस आधुनिक युग में क्रिटिकल केयर यूनिट एवं अस्पताल की क्रिटकल केयर टीम किसी भी गंभीर एवं असाध्य बीमारी के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इस तरह एक सशक्त क्रिटिकल केयर टीम के द्वारा गंभीर मरीजों के इलाज में योगदान से जटिल बिमारियों से ग्रषित एवं मल्टीप्ल आॅर्गन फेलियर से जूझते मरीजों के स्वस्थ होने की आशा एवं मात्रा में वृद्धि हुई है एवं गंभीर बिमारियों से ग्रसित मरीज लाभान्वित भी हुए है। आॅर्किड अस्पताल अपनी स्थापना के समय से ही उच्च  गुणवत्ता युक्त क्रिटिकल केयर चिकित्सा झारखंडवासियों को मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रेस वार्ता की सम्बोधित अस्पताल के ब्व्व् डाॅ ए॰के॰ पाण्डे, न्यूरोलोजिस्ट, डाॅ उज्जवल राॅय, क्रिटिकल केयर टीम के हेड डाॅ राश कुजुर, इन्टेसिभिष्ट डाॅ अमित गुप्ता एवम्, सिनियर रेजिस्ट्रार डाॅ कृष्णा प्रसाद ने किया, इस मौके पर आर्किड अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डाॅ रमन भी मौजुद थें।

गुरुवार, 2 अगस्त 2018

चिकित्सकों ने कटे हाथ को जोड़ा



एलके और्थो केयर सेंटर में हुआ सफल आपरेशन


रांची। झारखंड की राजधानी के प्लाजा चौक स्थित एलके और्थो केयर सेंटर में डा. संजय कुमार जायसवाल व उनकी टीम ने एक मरीज के कटे हुए हाथ को फिर से जोड़ दिया। इस संबंध में डा. जायसवाल ने बताया कि लोहरदगा निवासी 17 वर्षीय इर्शाद अंसारी का बायां हाथ लोहे की छड़ काटने के क्रम में मशीन से कटकर लग हो गया। यह हादसा 17 मई 2018 को दिन के 10.30 के करीब हुआ था। इर्शाद के परिजन उसे और सके कटे हाथ को लेकर करीब 1 बजे डा. अस्पताल के क्लीनिक में पहुंचे। मरीज की जांच के बाद पता चला कि सकी कलाई की सभी नसें और हड्डियां कटी हुई हैं। चिकित्सकों ने तत्काल उसके कटे हाथ को जोड़ने की प्रक्रिया सुरू कर दी। करीब छह घंटे तक चले आपरेशन के बाद मरीज के हाथ की कटी हुई हड्डियों को स्क्रू प्लेट और रड के माध्यम से जोड़ दिया गया और सभी नसों को खून की नली और अन्य नसों से जोड़ा गया। आपरेशन से पूर्व डा. स्टीफन हांसदा ने ब्रेकियल एनेस्थेसिया देकर हाथ को सुन्न रखा। आपरेशन के बाद चिकित्सक इर्शाद अंसारी के जोड़े गए हाथ की लगातार निगरानी करते रहे। स आपरेशन में डा. जायसवाल के साथ प्लास्टिक सर्जन डा. पंकज कुमार, डा. सीमा कुमारी, ओटी असिस्टेंट आदित्य, कमल और सिद्धार्थ ने सहयोगी किया।


दुर्घटना के छह घंटे के भीतर संभव है कटे अंग को जोड़नाः डा. संजय जायसवाल

रांची के जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. संजय कुमार जायसवाल ने कहा कि इंजूरी के छह घंटे के अंदर अगर कटे हुए अंग को संभालकर चिकित्सक के पास लाया जाए तो उसे फिर से जोड़ना संभव है। उन्होंने बताया कि मरीज इर्शाद के परिजन समय पर से लेकर पहुंच गए तभी उसका सफल आपरेशन संभव हुआ। उसका हाथ जोड़ा जा सका। अब आपरेशन के ढाई महीने के बाद उसका हाथ पहले की तरह काम करने लगा है। इस तरह के मामलों में समय का बहुत महत्व होता है। विलंंब होने पर डाक्टर कुछ नहीं कर सकता।   

मंगलवार, 31 जुलाई 2018

यहां मरीजों की जान से होता है खिलवाड़


मनीष

हजारीबाग। सदर अस्पताल हजारीबाग के ट्राऔमा सेंटर की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यह बात आज सुबह सोशल मीडिया ग्रुप हमीन के फाईनेस्ट सिटी की कोर टीम के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने सदर अस्पताल ट्रामा सेंटर का जायजा लिया तो वहां की स्थिति बेहद चिंताजनक मालूम हुई। बोन फ्रैक्चर के कई ऐसे मरीज मिले जो इलाज के लिए कल से चक्कर काट रहे थे। संबंधित स्टाफ से इस  स्थिति के बारे में कारण जानने पर यह बताया गया कि यहां स्टाफ की बहुत कमी है। निरीक्षण के दौरान मरिजों को संतावना देते स्टाफ भी वहां से नदारद हो गए। इस ओर सभी का ध्यान आकृष्ट करते हुए इस बात का गहन मंथन  करना जरुरी है कि क्या ऐसी स्थिति में ट्रौमा सेंटर का क्या औचित्य है। जब जिला अस्पताल की स्थिति ऐसी है तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की क्या स्थिति होगी।मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ का आखिर कब अंत होगा?

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...