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शनिवार, 1 दिसंबर 2018

उपायुक्त ने किया जलापूर्ति योजनाओं का निरीक्षण


देवघर। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा द्वारा आज मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत विभिन्न प्रखण्डों में चल रहे जलापूर्ति योजनाओं के साथ-साथ जलमीनार, पम्प हाउस, जल शुद्धिकरण यंत्र, मधुपुर उपकारा आदि का औचक निरीक्षण किया गया। अवलोकन के क्रम में सर्वप्रथम उपायुक्त मारगोमुण्डा जलापूर्ति योजना का निरीक्षण कर वास्तुस्थिति से अवगत हुए एवं उन्हांेने जल शुद्धिकरण यंत्र, जलमीनार, पम्पसेट हाउस, कर्मचारियों के आवासन की व्यवस्था आदि का निरीक्षण किया। साथ हीं उपायुक्त द्वारा इन प्रखण्डों में पूर्ण हो चुके विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं एवं कार्यों का भी जायजा लिया गया। तत्पश्चात उपायुक्त द्वारा चेतनारी पेयजलापूर्ति जल शुद्धिकरण यंत्र की वास्तुस्थिति से अवगत होते हुए कहा गया कि तीन लाख लीटर क्षमता वाले इस संयंत्र से आस-पास के कई गाँवों को लाभ मिल रहा है। वहीं इस संयंत्र को पूरी तरह से ग्राम समिति के सदस्यों द्वारा संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मारगोमुण्डा जलापूर्ति योजना यहाँ के ग्रामीणों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है एवं आने वाले समय में सभी लोगों की सहभागिता और देख-रेख से मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत पालोजोरी पेयजलापूर्ति योजना, सारठ जलापूर्ति योजना, करौं जलापूर्ति योजना आदि की मदद से मधुपुर अन्तर्गत आने वाले सभी प्रखण्डों में पेयजलापूर्ति की जायेगी।
                        इस दौरान उपायुक्त द्वारा मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत शौचालय निर्माण के कार्यों का जायजा लेते हुए एन.,आर.एस.एस. के सर्वे पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ हीं उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी, मारगोमुण्डा जोहन टुडू को निदेशित किया गया कि करोड़ों की लागत से बन रहे ग्रामीण जलापूर्ति योजना के कार्य को शीघ्रातिशीघ्र गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कराया जाए। साथ हीं उपायुक्त द्वारा निदेशित किया गया कि मारगोमुण्डा एवं पालोजोरी में निर्माणाधीन प्रखण्ड स्तरीय स्टेडियम एवं सांस्कृतिक अखाड़ा के निर्माण कार्य को भी जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण करायी जाय। इसके अलावा उन्होंने कई और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को दिया।
उपायुक्त द्वारा आगे प्रखण्ड कार्यालय, मारगोमुण्डा के अन्तर्गत संचालित विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण कर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को निदेशित किया गया कि स्थापना से संबंधित सभी कार्य एवं फाॅर्म-1 के भरने से संबंधित सभी कार्यों  को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करायें। साथ हीं उपायुक्त द्वारा मधुपुर उपकारा का औचक निरीक्षण किया गया एवं सुरक्षा व्यवस्था विधि-व्यवस्था से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी लेते हुए कहा गया कि कारा के अंदर स्वच्छता एवं सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाय।

शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

समृद्ध किसान, स्वस्थ भारत हमारा संकल्पः बाबा रामदेव



बाबा रामदेव बोले मैं कर्म से संन्यासी, जन्म से मैं किसान

झारखंड के किसान देश के सबसे प्रगतिशील किसान बने यह संकल्प लेकर जाइए


रांची। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विकास की अभूतपूर्व प्रगति के लिए झारखंड सरकार बधाई की पात्र है। बहुत सारी चुनौतियां इस क्षेत्र में विद्यमान थीं उन चुनौतियों को अवसर के रूप में तब्दील करके मुख्यमंत्री ने एक कीर्तिमान बनाया है। आगे बहुत कुछ और करना है।

कुछ जिलों को ऑर्गेनिक के तहत चिन्हित करके वहां पर गेहूं, धान, तिलहन, दलहन, शाक, सब्जियों और जड़ी बूटियां इत्यादि पैदा करिए जो भी आप उत्पादित करेंगे पतंजलि एक श्रेष्ठ उत्पादन मूल्य के साथ सब को क्रय करेगा।

बाबा रामदेव ने कहा कि आप झारखंड जो भी नैसर्गिक, प्राकृतिक और जैविक खाद का उपयोग करके उत्पादन करेगा, पतंजलि उसको खरीदेगा। झारखंड के किसानों को समृद्धि मिलेगी और देश के लोगों को स्वास्थ्य मिलेगा, यह हमारा संकल्प है।

किसानों को किराए पर मिलेगा ट्रैक्टर : टीआर केशवन


टैफे का जेफॉर्म एप लॉन्च


रांची। किसानों को अब किराए पर कृषि उपकरण व ट्रैक्टर उपलब्ध होगा। इस दिशा में ट्रैक्टर निर्माता कंपनी टैफे ने ‘जेफार्म’ और ‘जेफार्म सर्विसेज सेवा लान्च किया है। इस संबंध में कंपनी के प्रेसिडेंट व सीओओ टीआर केशवन ने संवाददाताओं को बताया कि टैफे ने वर्ष 1964 में चेन्नई में कृषि उत्पादकता बढ़ाने और भारत की बढ़ती खाद्य मांगों को पूरा करने के लिए उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों के साथ किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जेफार्म इंडिया की स्थापना की थी। जेफार्म सर्विसेज टैफे की एक पहल है, जो छोटी और बड़ी जोत के खेतों, स्थानीय मौसम पूर्वानुमान, मंडी की ताजा कीमतों, कृषि समाचार और सलाह के लिए ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के किराये के माध्यम से कृषि मशीनीकरण समाधानों तक आसान पहुंच बढ़ाती है।
छोटे और सीमांत किसान, जो भारत में 85 प्रतिशत से अधिक भूमि पर खेती करते हैं, ट्रैक्टर या उपकरण नहीं खरीद सकते हैं। जेफार्म सर्विसेज इन किसानों को ट्रैक्टर और उपकरण रखने वाले मालिकों के साथ अपने किसान-से-किसान प्लेटफार्म के माध्यम से जोड़कर इस अंतर को समाप्त करती है। किसान निम्नलिखित ऐप या टोल-फ्री नम्बर से निकटतम उपकरण का पता लगा सकते हैं और बुक कर सकते हैं
जेफार्म सर्विसेज एंड्रायड ऐप या टोल फ्री हेल्पलाइन- 1800-4-200-100/1800-208-4242
मुफ्त में उपलब्ध यह ऐप ट्रैक्टर मालिकों, तथा ट्रैक्टर एवं उपकरण मालिकों द्वारा संचालित कस्टम हायरिंग सेंटर्स (सी.एच.सी.) को, सीधे उन किसानों से जोड़ता है जिनको कृषि मशीनीकरण समाधान की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि जेफार्म सर्विसेज ने 2017 में अपनी स्थापना के बाद से भारत के 6 राज्यों में 65,000 से अधिक किसानों के जीवन को प्रभावित किया है। वर्तमान में, जेफार्म सर्विसेज (जे.एफ.एस) कृषि मशीनी करण को सभी के लिए व्यवहारिक और सस्ता बनाते हुए राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, बिहार और ओडिशा में सक्रिय है।

कृषि विकास दर में झारखंड ने लगाी छलांगः डीके तिवारी

रांची। झारखंड राज्य के विकास आयुक्त डीके तिवारी ने कहा कि आज देश दुनिया के लोग झारखंड में इकट्ठे हुए हैं, यह समझने और सीखने के लिए कि भारत के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए क्या प्रयास झारखंड में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए तमाम किसान बधाई के पात्र हैं। विशेष रूप से जो सब्जी का उत्पादन करते हैं। इन 4 सालों में झारखंड फल और सब्जी उत्पादन में द्वितीय स्थान पर पहुंच गया है, टमाटर के उत्पादन में पांचवें स्थान पर, मटर, बींस, गोभी, भिंडी पैदा करने में। हम सर्वाधिक कम कीटनाशक और खाद के उपयोग से उत्पादन कर रहे हैं इस तरह से हमें जैविक उत्पादन की तरफ आगे बढ़ना है।

श्री डीके के तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार काफी कार्य कर रही है। फूड पॉलिसी देश की सबसे अच्छी पॉलिसी बनी है। पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़े प्लांट की स्थापना यहां की गई है। सफल के द्वारा वही मटर वही मकई अब दिल्ली के लोग खा रहे हैं। और हमें सिंगापुर जैसे देशों से भी ऑर्डर मिला है झारखंड के कटहल के लिए भी आर्डर प्राप्त हुआ है

आज हमने कृषि क्षेत्र में विकास दर में 18 से 19% की छलांग लगाई है। इसके लिए सभी किसान बधाई के पात्र हैं। सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। कृषि यंत्रों का वितरण,  साॅइल हेल्थ कार्ड की परिकल्पना केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर की है जिससे कि किसानों को यह बताया जाए कि वास्तव में कौन सी खाद का उपयोग कहां करना है। झारखंड का नाम पूरे देश में हो रहा है। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि पूरे देश में यही एक ऐसा राज्य है जिसमें किसानों को एक भी प्रीमियम की राशि नहीं देनी पड़ रही है। पूरी प्रीमियम राशि का वहन सरकार द्वारा किया जा रहा है। आज एक एमओयू होने जा रहा है जिसका नाम सुजलाम सुफलाम है लेकिन हमारे सामने चुनौतियां भी हैं। सोयल हेल्थ कार्ड बन गए हैं लेकिन उसका उपयोग भी करें। आम लीची काजू को आगे बढ़ाना है। नए उन्नत शील कृषि औजारों का उपयोग करना है। मछली पालन और गोपालन में नई तकनीक अपनानी है। जल संचयन करके तीन फसलें 1 वर्ष में लेनी है। जलवायु  प्रतिरोधी अन्य फसलों को भी अपनाना है जिससे कि सुखाड़ का सामना ना पड़े। सरकार के सामने भी कई चुनौतियां हैं। फल सब्जी का भंडारण करना, किसानों को सही समय पर लोन और क्रेडिट मिले जो कि अन्य राज्यों की तुलना में हम थोड़ा पीछे हैं। यह सरकार के सामने मुख्य चुनौतियां हैं। और डेयरी मत्स्य पालन सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में मिलकर यदि हम काम करेंगे तो यह पूरा विश्वास है कि आय को हम चौगुनी करने में संभव हो पाएंगे।

इस समारोह और कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि किसानों को अपना आत्म सम्मान और गौरव मिला है। आज ये गर्व से कह सकते हैं कि मैं एक किसान हूं।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...