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शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

कृषि विकास दर में झारखंड ने लगाी छलांगः डीके तिवारी

रांची। झारखंड राज्य के विकास आयुक्त डीके तिवारी ने कहा कि आज देश दुनिया के लोग झारखंड में इकट्ठे हुए हैं, यह समझने और सीखने के लिए कि भारत के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए क्या प्रयास झारखंड में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए तमाम किसान बधाई के पात्र हैं। विशेष रूप से जो सब्जी का उत्पादन करते हैं। इन 4 सालों में झारखंड फल और सब्जी उत्पादन में द्वितीय स्थान पर पहुंच गया है, टमाटर के उत्पादन में पांचवें स्थान पर, मटर, बींस, गोभी, भिंडी पैदा करने में। हम सर्वाधिक कम कीटनाशक और खाद के उपयोग से उत्पादन कर रहे हैं इस तरह से हमें जैविक उत्पादन की तरफ आगे बढ़ना है।

श्री डीके के तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार काफी कार्य कर रही है। फूड पॉलिसी देश की सबसे अच्छी पॉलिसी बनी है। पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़े प्लांट की स्थापना यहां की गई है। सफल के द्वारा वही मटर वही मकई अब दिल्ली के लोग खा रहे हैं। और हमें सिंगापुर जैसे देशों से भी ऑर्डर मिला है झारखंड के कटहल के लिए भी आर्डर प्राप्त हुआ है

आज हमने कृषि क्षेत्र में विकास दर में 18 से 19% की छलांग लगाई है। इसके लिए सभी किसान बधाई के पात्र हैं। सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। कृषि यंत्रों का वितरण,  साॅइल हेल्थ कार्ड की परिकल्पना केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर की है जिससे कि किसानों को यह बताया जाए कि वास्तव में कौन सी खाद का उपयोग कहां करना है। झारखंड का नाम पूरे देश में हो रहा है। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि पूरे देश में यही एक ऐसा राज्य है जिसमें किसानों को एक भी प्रीमियम की राशि नहीं देनी पड़ रही है। पूरी प्रीमियम राशि का वहन सरकार द्वारा किया जा रहा है। आज एक एमओयू होने जा रहा है जिसका नाम सुजलाम सुफलाम है लेकिन हमारे सामने चुनौतियां भी हैं। सोयल हेल्थ कार्ड बन गए हैं लेकिन उसका उपयोग भी करें। आम लीची काजू को आगे बढ़ाना है। नए उन्नत शील कृषि औजारों का उपयोग करना है। मछली पालन और गोपालन में नई तकनीक अपनानी है। जल संचयन करके तीन फसलें 1 वर्ष में लेनी है। जलवायु  प्रतिरोधी अन्य फसलों को भी अपनाना है जिससे कि सुखाड़ का सामना ना पड़े। सरकार के सामने भी कई चुनौतियां हैं। फल सब्जी का भंडारण करना, किसानों को सही समय पर लोन और क्रेडिट मिले जो कि अन्य राज्यों की तुलना में हम थोड़ा पीछे हैं। यह सरकार के सामने मुख्य चुनौतियां हैं। और डेयरी मत्स्य पालन सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में मिलकर यदि हम काम करेंगे तो यह पूरा विश्वास है कि आय को हम चौगुनी करने में संभव हो पाएंगे।

इस समारोह और कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि किसानों को अपना आत्म सम्मान और गौरव मिला है। आज ये गर्व से कह सकते हैं कि मैं एक किसान हूं।

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