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बुधवार, 29 अगस्त 2018

देश में लहराएगा कांग्रेस का परचमः सुबोधकांत




रांची। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आने वाले चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस का परचम लहरायेगा। जनता भाजपा को नकार देगी। भाजपा ने पिछले चार साल के कार्यकाल में जनता को सिर्फ भरमाने का काम किया है। जनहित में धरातल पर काम नहीं दिख रहा है। भाजपानीत केन्द्र व राज्य सरकार महज कागजी घोडे दौड़ाकर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है। भाजपा शासन में जनता त्रस्त और मंत्री अधिकारी मस्त है। झारखण्ड में रघुवर सरकार अपराध, उग्रवाद रोकने के दावे करती रही है, लेकिन हकीकत है कि झारखण्ड में पिछले कई वर्षों की तुलना में अपराध, उग्रवाद का ग्राफ बढ़ा है। दिनदहाड़े हत्याएं, दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है। अपराधी बेखौफ है। जनता दहशत के साये में जीने को विवश है। सरकार के मंत्री और अधिकारी अपनी तिजोरी भरने में लगे है। जनहित के काम से इनका कोई सरोकार नहीं रह गया है।
श्री सहाय ने कहा कि जनता सब समझ रही है। ’’ये तो पब्लिक है , सब जानती है’’ आने वाले चुनाव में भाजपा की जनविरोधी नीतियों का जनता जवाब देगी। भाजपा से पूरे देश की जनता का मोह भंग होने लगा है। केन्द्र और झारखण्ड में जनसहयोग से कांग्रेस सत्ता में आयेगी। भाजपा के खिलाफ तमाम विपक्षी पाटियों के गठबंधन का ’’भाजपा हटाओं-देश बचाओ’’ अभियान शुरू हो गया है। इसका सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। जनता जाग चुकी है। भाजपा के भ्रमजाल में अब जनता नहीं फंसने वाली हैं। भाजपा ने पिछले चुनाव के समय जनता से किये गये वादे पूरे नहीं किए, झूठे आश्वासन दिये गये। जनता समझ गयी है कि भाजपा से देश व राज्य का कायाकल्प संभव नही है। उन्होने कहा कि आने वाले समय में जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।

लूट-खसोट की संस्कृति का संवाहक बने निजी अस्पताल





देवंद्र गौतम

रांची। रांची के महंगे अस्पतालों में एक मेडिका क बार फिर गलत इलाज को लेकर चर्चे में है। एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई है। काफी हंगामा हुआ है। 28 अगस्त को हिनू के 55 वर्षीय सपन गोप का हार्निया और स्पेक्ट्रम का आपरेशन होना था लेकिन डाक्टरों ने बिना जानकारी दिए डीप वेन थरोमबोसिस (डीवीटी) का आपरेशन कर दिया। परिजनों ने इससे पूर्व कई डाक्टरों से परामर्श लिया थाष उन्होंने डीवीटी आपरेशन कराने के लिए मना किया था। आपरेशन के बाद सपन गोप की मौत हो गई। उन्हें पेट दर्द की शिकायत थी। 25 अगस्त को उन्हें मेडिका लाया गया तो जांच के बाद डाक्टरों ने किडनी की समस्या बताते हुए इमर्जेंसी वार्ड में भर्ती कर लिया। अगले दिन बताया गया कि स्थिति ज्यादा गंभीर है हार्निया का आपरेशन करना पड़ेगा। इस बीच मरीज का रक्तचाप बढ़ गया। इसके बावजूद आपरेशन कर दिया गया जिससे मरीज की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने काफी हंगामा मचाया। बाद में पुलिस आई तो मामला किसी तरह शांत हुआ। परिजनों ने मेडिका के दो चिकित्सकों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है। अस्पताल प्रबंधन किसी भी आपरेशन से इनकार कर रहे हैं। शव पोस्टमार्टम के ले गया है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारण का खुलासा होगा। रांची में इस तरह के उच्च चिकित्सा उपकरणों से लैस करीब एक दर्जन अस्पताल हैं जहां साधारण आदमी जाने का साहस नहीं करता। ये भारी-भरकम बिल तो वसूलते हैं लेकिन सेवा धर्म का निर्वहन नहीं करते।
पिछले माह इसी मेडिका में मेरे अग्रज सेवानिवृत मुख्य अभियंता, कोल इंडिया रामेश्वर प्रसाद सिन्हा भर्ती हुए थे। वे किडनी के रोगी हैं। मेडिका में ही पिछले एक साल से सप्ताह में दो बार उनका डायलिसिस चल रहा था। तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें भर्ती कराया गया। डाक्टरों ने निमोनिया का असर बताया। करीब 12 दिनों तक अस्पताल में रहे। इस बीच डायलिसिस चलता रहा। तरह-तरह की जांच होती रही। न्यूरो चिकित्सक ने भी देखा और बताया कि न्यूरो की समस्या नहीं है। वे अपने परिजनों में अधिकांश को पहचान नहीं पा रहे थे। 12 दिनों के इलाज के बाद भी हालत में कोई सुधार नज़र नहीं आया तो उन्हें दिल्ली के बीएन कपूर अस्पताल में ले जाया गया। वहां तीन चार दिनों की जांच के बाद पता चला कि मस्तिष्क की एक नस में रक्त जम गया है। जवा के जरिए उसे हटाने का प्रयास किया जाएगा। लाभ हुआ तो से जारी रखा जाएगा अन्यथा आपरेशन करना पड़ेगा। स्थिति चिंताजनक थी।
मामला न्यूरो से संबंधित था और रांची के निजी क्षेत्र के सर्वाधिक महंगे अस्पताल मेडिका के न्यूरो विशेषज्ञ से पकड़ नहीं पाए। जाहिर है कि अस्पताल प्रबंधन इलाज के नाम पर भारी भरकम पैसे तो वसूलता है लेकिन उसके अनुरूप इलाज नहीं कर पाता। चिकित्सक हवा में तीर चलाते हैं। निशाना सही लगा तो ठीक अन्यथा बिल तो बन ही जाता है। इन अस्पतालों में वही लोग जाते हैं जो मोटे बिलों का भुगतान करने में सक्षम होते हैं। पैसे खर्च करते हैं तो बेहतर इलाज की उम्मीद भी करते हैं। लेकिन जहां मर्ज की सही पड़ताल ही नहीं हो पाती वहां इलाज क्या होगा। सिर्फ महंगे उपकरणों और साफ-सफाई के दिखावे से क्या होगा।
अब दिल्ली के मशहूर बीएन कपूर अस्पताल के हालात पर नज़र डालें। डाक्टरों ने तीन-चार दिन बाद सही मर्ज की सही पड़ताल कर ली। इलाज शुरू हुआ। स्थिति में सुधार भी आया। डाक्टरों ने बताया कि इलाज लंबा चलेगा। नार्मल होने में समय लगेगा। इस बीच कोल इंडिया से देय चिकित्सा सुविधा संबंधी पत्र मंगाया गया और अस्पताल प्रबंधन के सुपुर्द किया गया। कोल इंडिया के मेडिकल पैनल में यह अस्पताल सूचीबद्ध है। एग्रीमेंट के मुताबिक अस्पताल को कोल इंडिया के अधिकारियों, कर्मचारियों का इलाज आधे खर्च पर करना है। जब अस्पताल प्रबंधन को पता चला कि उसके बिलों के 50 फीसद का ही भुगतान मिलेगा तो चिकित्सक सलाह देने लगे कि अब उन्हे अस्पताल से घर ले जाना चाहिए और डिस्चार्ज कर दिया। साथ ही डायलिसिस के लियए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। घर में देखभाल के लिए एक कंपाउंडर की सेवा ली गई। घर आने के कुछ ही घंटे बाद स्थिति गंभीर होने लगी। कंपाउंडर ने बताया कि वह रोज मरीजों के बीच रहता है। साहब की हालत ठीक नहीं है। उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत है। भैया को तत्काल रेफर किए गए स्पताल में ले जाया गया। वहां चिकित्सक ने पूरी केस हिस्ट्री देखने के बाद पूछा कि आपलोगों ने कोल इंडिया का पत्र दिया था क्या। हां कहने पर उसने बताया कि बिलों का आधा भुगतान होने की स्थिति में वे ऐसा करते हैं। उन्हें अभी डिस्चार्ज नहीं करना था। डाक्टर ने कपूर अस्पताल के चिकित्सक को फोन पर जमकर फटकार लगाई और वापस रेफर कर दिया। बीएन कपूर अस्पताल को और भी कई जगहों से फटकार मिली। फिलहाल भैया को गहन चिकित्सा केंद्र में रखा गया है। स्थिति गंभीर है।
सवाल है कि यह अस्पताल पैरवी लगाकर सार्वजनिक उपक्रमों में सूचीबद्ध होकर अपना रुतबा बढ़ाते हैं लेकिन जब अनुबंध की शर्तों के मुताबिक सेवा देने का मौका आता है तो कमाई में कटौती की चिंता सताने लगती है। फिर नाटक-नौटंकी पर तर आते हैं। उनके लिए इलाज नहीं इसके एवज में मिलने वाला पैसा अहमियत रखता है। चिकित्सकों का सेवा धर्म ताक पर चला जाता है और लाभ-हानि का गणित हावी हो जाता है।
निजी क्षेत्र बुनियादी तौर पर लाभ कमाने के लिए स्थापित और संचालित होते हैं लेकिन मानव सेवा के धर्म का पूरी तरह परित्याग कर देना गलत है। फिर बकरे का मांस बेचने वाले कसाई और मानव सेवा का व्रत लेने वाले चिकित्सक में क्या अंतर रह जाएगा।

मंगलवार, 28 अगस्त 2018

आप ने झारखंड भर में फूंका सीएम का पुतला

 दिल्ली की तरह 24 घंटे बिजली की माँग के साथ आंदोलन की दी चेतावनी


रांची। आम आदमी पार्टी ने राँची सहित पूरे झारखंड प्रदेश में बिजली की बदहाल व्यवस्था के खिलाफ मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राजेश कुमार ने कहा कि आज राँची सहित पूरे झारखंड प्रदेश में बिजली की बदहाल व्यवस्था से त्राहिमाम मचा है।राँची सहित पूरे  प्रदेश में लगातार पावर कट से जनता त्रस्त है।मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वादा किया था कि मार्च 2018 तक पुरे राज्य में 24 घंटे बिजली मिलेगी, किन्तु सरकार इस क्षेत्र में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। 24 घंटे तो दूर आज कई जिलों में 12 घंटे बिजली के लिए भी जनता तरस रही है। यह पूरे झाररवंड प्रदेश को अंधकार युग में ले जाने की तैयारी है। एक ओर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार जिसके पास ना तो खुद का कोयले का भंडार है अौर ना खुद बिजली उत्पन्न करता अौर इसके बावजूद दिल्ली में 24 घंटे तथा पुरे देश में सबसे सस्ता बिजली दे रही है। जबकि दूसरी ओर रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा शासित झारखंड  सरकार है जिसके पास कोयले से पटा पड़ा अौर खुद बिजली उत्पन्न करने वाला झारखंड जैसा राज्य है फिर यहाँ कि जनता कि बिजली के लिए तरस रही है। बीते अप्रैल महीने में 98℅ तक बिजली का मूल्य बढ़ाया गया,जिसके अंतर्गत गाँवों में बिजली की दर 1.25 रूपये से बढ़ाकर 4.40 रूपये प्रति यूनिट अौर शहरी क्षेत्रों में 3.60 रुपये से बढ़ाकर 5.50 रूपये प्रति यूनिट किया गया। संसाधनों से परिपूर्ण झारखंड में दिल्ली से लगभग 4 गुणा मँहगा बिजली जनता को देकर जनता की गाढ़ी कमाई को लुटा जा रहा है। अधिक मूल्य होने के बाद भी बिजली आम जनता को ठिक से नहीं बल्कि उनसे छिनकर बड़े-बड़े उद्योगपतियों को सब्सिडी पर दिया जा रहा है।
उन्होनें आगे कहा कि फरवरी 2018 में हीं आम आदमी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेस कर सबुत के साथ बताया था कि झाररवंड में एग्रीगेट टेक्निकल  एवं कमर्शियल लॉस 40% है, जबकि आंध्र प्रदेश एवं गुजरात जैसे राज्यों में यह मात्र 10% है। आज रघुवर दास कह रहे कि इसमें कमी आयी है किन्तु वह इसका आधार नहीं बता रहे, क्योंकि वह सफेद झूठ बोल रहे हैं। उन्होने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनियों द्वारा जो बिजली चोरी कि जा रही है वह सरकार के सांठगाठ के बिना संभव नहीं है इसलिए मुख्यमंत्री इस पर कुछ नहीं बोल रहे।
आम आदमी पार्टी निम्नलिखित माँग करती है--
●पुरे राज्य में  दिल्ली की तर्ज पर 24 घंटे सस्ता बिजली उपलब्ध करायी जाये।
●झुठे वादों के लिए मुख्यमंत्री जनता से माफि माँगे।
●दिल्ली के तर्ज पर झारखंड में भी बिजली कटने पर 50 रूपये प्रति घंटे जनता को मुआवजा देने के लिए विधानसभा में बिल पास कर कानून बनाया जाये।
●अगर सरकार जनता को 24 घंटे बिजली देने में असक्षम है तो मुख्यमंत्री अविलंब इस्तीफा दें।

इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रदेश संगठन सचीव परवेज सहजाद, लोकसभा संगठन प्रभारी राजन सिंह, हटिया विधानसभा प्रभारी जाबिर हुसैन, जेया मल्लिक, सिवेन्द्र कुमार, सचिन कुमार, राशिद जामिल, संजीव अंसारी, अरसीदूल, धनराज राऊत, दीपक, मिश्रा जी, सरवर अंसारी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

बाढ़ पीड़ितों के लिए केरल भेजी चार हजार किलो राहत सामग्री


रांची जिला प्रशासन की ओर से केरल के बाढ़ पीड़ितो के लिए 4 हजार किलो राहत सामग्री रेल मार्ग से भेजी गई। इसमें खाने पीने की चीजों के अलावे बाढ़ पीड़ितो के जरूरत के सारे सामान है। सामान को प्रशासन के अधिकारियों के अलावे रेलवे के कर्मचारियो की देखरेख में ट्रेन पर चढ़ाया गया।

रांची के डीसी ने दी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट

रांची के उपायुक्त  राय महिमापत रे की अध्यक्षता में प्रिन्ट एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ
समाहरणालय के सभा कक्ष में मीडिया संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में पत्रकार एवं छायाकार उपस्थित हुए। पत्रकारों को संबंधित करते हुये उपायुक्त श्री रे ने विगत दिनों के सरकार की विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्रगति की जानकारी दी। उन्होने बताया कि 2019 के चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण -2019 के तहत 1 सितम्बर 2018 से मतदाता सूची ड्राफ्ट पब्लिकेशन का कार्यक्रम शुरू होना है। उन्होने कहा कि अधिक से अधिक लोगों के बीच प्रचार-प्रसार किया जायेगा। उन्होने मीडिया के माध्यम से भी लोगों से अपील की यदि किसी का नाम मतदाता सूची से जुड़वाना है, हटाना है या फिर सुधार करना है तो वे डाटाबेस चेक कर संबंधित मतदान केन्द्र में जाकर करा सकेगें। उन्होने कहा कि रांची वासियों से केरल बाढ़ पीड़ितो हेतु डोनेसन तथा अन्य माध्यम से प्राप्त हुआ है। जिसे जिला प्रशासन के माध्यम से भेज दिया गया है। उन्होने कहा कि रातु रोड फलाई ओवर संबंधित जमीन हस्तान्नातरण का प्रक्रिया पूर्ण कर लिया गया है। जल्द ही फलाई ओवर का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने मुख्यमंत्री जन संवाद, प्रधानमंत्री सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आंगनबाड़ी केन्द्र, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, यातायात संबंधी जानकारी के बारे में विस्तार से मीडिया के प्रतिनिधियों को दी।
आज के मीडिया संवाद में अपर समाहर्ता,रांची अपर समाहर्ता नक्सल,रांची, उप निर्वाचन पदाधिकारी,रांची, जिला आपूर्ति पदाधिकारी,रांची जिला भू-अर्जन पदाधिकारी,रांची सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

एलइडी वाहन द्वारा योजनाओं का प्रचार-प्रसार

            रांची।  सरकार की योजनाओं के वृहद प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से जिला जन सम्पर्क इकाई, राँची बुढ़मू प्रखण्ड अंतर्गत ओझासाडम,मुरूपीरी पंचायत तथा बुण्डू प्रखण्ड अंतर्गत तैमारा, चुरगी पंचायत द्वारा राँची शहरी क्षेत्र के फिरायालाल,लालपुर,बुटी मोड़,कोकर में एलईडी वाहन के द्वारा आॅडियो/विडियों क्लिप दिखाकर विभिन्न योजनाओं का प्रचार किया गया।
            मुख्य योजनायें यथा स्वच्छ भारत मिशन, उज्जवला योजना, आवास योजना, 1 रूपये में रजिस्ट्री, जोहर योजना, एम्बुलेंस योजना, साक्षरता जैसी अनेक विषयों पर स्थानीय भाषा में लोगों को जागरूक किया गया। साथ ही प्रत्येक दिन सड़क सुरक्षा से संबंधित राँची शहर के विभिन्न चैक चैराहों पर एलईडी वाहन के माध्यम से लोगो को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, यातायात के नियमो का पालन करने, वाहन चलाते वक्त मोबाइल फोन का उपयोग न करने, जैसे अनेक विषयों पर जानकारी लगातार दी जा रही है।
   इसके साथ ही पम्पलेट, पोस्टर एवं अन्य प्रचार सामग्री को आम जनों में वितरण किया गया।

खाद्य सुरक्षा के तहत निगरानी समिति की अधिसूचना

रांची। झारखंड सरकार ने ग्रामीण इलाकों में खाद्य  सुरक्षा के तहत गठित निगरानी समिति की अधिसूचना मुखिया एवं पार्षदों को प्रदान करते हुए इसे सफलतापूर्वक लागू करने हेतु विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी देते हुए विचार विमर्श किया। हाल के दिनों में भूख से हुई मौतों के मद्दे-नज़र झारखंड सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है।

1.पंचायत/वार्ड निगरानी समिति- आज रांची जिला के मुखिया एवं पार्षद के साथ बैठक करके राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गठित निगरानी समिति की अधिसूचना प्रदान की गई तथा अधिकार व कर्तव्य के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। कुछ सदस्यों ने हारे प्रत्याशी को सदस्य बनाने पर आपत्ति भी दर्ज की।
2.खाद्यान्न सुरक्षा कोष-सभी को झारखंड सरकार द्वारा गठित खाद्यान्न सुरक्षा कोष की जानकारी दी गई। जिसमें सभी पंचायत व वार्ड को 10 हजार रूपये दिए गए है। आवश्यकता अनुसार योग्य लाभुक अर्थात जो खुद जीविकोपार्जन कर खाने में असमर्थ हो, को 10 केजी चावल बाजार से खरीद कर देना है तभी पेसा निकलना है ताकि कोई भूखा ना रहे।
3.अन्नपूर्णा योजना-सभी पंचायत व वार्ड को 10 अन्नपूर्णा लाभुक का लक्ष्य दिया गया हैः-
a. जो 60 वर्ष से ऊपर है
b. जो पेशंन पाने की आहर्ता रखते हो
c. जिनको पेंशन नहीं मिल रहा हो।
d. जिनका राशन कार्ड नही हो को हर माह 10केजी चावल देना है लाभुकों की स्वीकृति सीओ को देनी है।
4.उज्जवला योजना-सभी वार्ड पंचायत में जो योग्य लाभूक है उनका आवेदन सृजन करने का अनुरोध किया गया है।
5.दिव्यांग और रोगी जिनके पास लाल कार्ड है उसे पीला कार्ड बनने का अनुरोध किया गया जो भी 10 कार्ड को पीला करने का प्रस्ताव देगे उनहें आभार पत्र दिया जाएगा।
6.सरेंडर-सम्पन्न परिवार को गरीब के हित में कार्ड सरेंडर करने, बोगस कार्ड रदद करने का प्रस्ताव ग्राम सभा में पारित करने को कहा गया है।
7.सफेद कार्ड-यदि किसी भिखारी, दिव्यांग, विधवा, गरीब एसटी,एससी परिवार का सफेद कार्ड हो तो उसको रद्द करने का स्पष्ट प्रस्ताव ग्राम सभा से पारित कर देने का अनुरोध किया गया है।
इस अवसर पर, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी एवं नगर निगम के वार्ड पार्षद, ग्रामीण क्षेत्रों के मुखिया एवं वार्ड सदस्य उपस्थित थे।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...