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शनिवार, 23 मार्च 2024

हैदराबाद का हुसैन सागर

हाल के वर्षों में जन्म दिवस की पूर्व रात्रि में 12 बजे के बाद केक काटने का प्रचलन बढ़ा है। आमतौर पर लोग यह आयोजन अपने घर में करीबी पारिवारिक मित्रों के साथ करते हैं। हैदराबाद-सिकंदराबाद के लोग प्रायः यह आयोजन घर पर करने की जगह टैंकबंड रोड में करते हैं। टैंकबंड रोड हुसैन सागर के चारों तरफ निर्मित है। हुसैन सागर झील पुराने शहर हैदराबाद और नए शहर सिकंदराबाद के बीच एक कड़ी का काम करती है। झील के चारों तरफ करीब चार फुट की रेलिंग है। झील के चारों तरफ करीब दस फुट का प्लेटफार्म बना हुआ है। इसमें 10-20 फुट की दूरी पर सीमेंटेड बेंच और कहीं-कहीं मंडप बने हुए हैं। झील के चारों तरफ रेलिंग है।



टैंक बंड रोड के निकट एक अन्य मुख्य मार्ग है, जो नेकलस रोड के रूप में लोकप्रिय है। इस सड़क के दोनों तरफ सुंदर उद्यान होने से शाम के समय में अक्सर आगंतुकों की भीड़ जमा होती है। हुसैन सागर झील आगंतुकों के मनोरंजन के लिए कई गतिविधियों का केंद्र भी है। यहां के प्रमुख आकर्षणों में लुम्बिनी पार्क में बुद्ध की प्रतिमा, जहाज पर भोजन की सुविधा, स्पीड बोट पर परिभ्रमण और निवास सांस्कृतिक विभागों द्वारा उपयोग की जाने वाली सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल हैं।

हुसैन सागर मध्यकाल में निर्मित देश की संभवतः सबसे विशाल झील है। इसके बीचोबीच भगवान बुद्ध की एक ही पत्थर से बनी 40 फुट ऊंची विशाल मूर्ति है जो दूर से ही नज़र आती है जो शहर के सौंदर्य में चार चांद लगाता है। वहीं लुम्बिनी पार्क बना हुआ है। इस झील में मिसी नदी से पानी की आपूर्ति होती है और इसका जल कभी नहीं सूखता। उनका मकसद पेयजल आपूर्ति और बाढ़ से बचाव था। 1575 ई. में सुल्तान इब्राहिम कुतुब शाह नें ढाई लाख रुपये की लागत से जब इसका निर्माण किया था तो इसका रकबा 550 हेक्टेयर था। अब निजी और सरकारी संस्थाओं ने इसके 40 प्रतिशत हिस्से का अतिक्रमण कर लिया है। अब इसका रकबा 349 हेक्टेयर रह गया है।

अतिक्रमण के अलावा झील कई वर्षों से अनुपचारित घरेलू सीवेज और जहरीले औद्योगिक रसायनों के निरंतर निर्वहन के कारण प्रदूषण की समस्या का भी सामना कर रही है। हालांकि प्रदूषण को रोकने के लिए कई केंद्रीय अपशिष्ट उपचार संयंत्र और सीवेज उपचार संयंत्र विकसित किए गए हैं, फिर भी झील में काफी मात्रा में सीवेज प्रवाहित होता है।



हुसैन सागर सार्वजनिक हित याचिका पहली बार वर्ष 1995 में
'झील बचाओ अभियान' के संयोजक केएल व्यास द्वारा दायर की गई है। हैदराबाद में 170 झीलों की सुरक्षा की मांग करते हुए आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय (एचसी) में जनहित याचिका दायर की गई थी। जबकि जनहित याचिका में उन सभी झीलों को शामिल किया गया था जो खतरे में थीं, इसका ध्यान सरूरनगर झील पर केंद्रित था जो अपने जलग्रहण क्षेत्र पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और प्रदूषण के टैंकखतरनाक स्तर के कारण गंभीर तनाव में थी। जनहित याचिका पर फैसले में आंध्र प्रदेश राज्य के सभी जल निकायों की सुरक्षा शामिल थी।

हैदराबाद शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने हैदराबाद और उसके आसपास की झीलों की सुरक्षा के लिए 2000 में एक अधिसूचना जारी की। ऐसी अधिसूचना के बावजूद, हुडा द्वारा झील के किनारे आवासीय कॉलोनियों के लिए अनुमति दिए जाने के कई उदाहरण हैं। हुसैन सागर के आसपास हुडा (बुद्ध पूर्णिमा परियोजना विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में) द्वारा किए गए कई पर्यटन-संबंधी सौंदर्यीकरण कार्यों को इसकी अपनी अधिसूचना का गंभीर उल्लंघन माना जा सकता है।

हुसैन सागर झील को बचाने के लिए फोरम ने 2001 से आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय में कई जनहित याचिकाएं दायर कीं। आखिरी जनहित याचिका 2004 में उच्च न्यायालय में दायर की गई थी और फैसला अभी भी लंबित है। वर्ष 2005 में एक अन्य पर्यावरणविद् डॉ. हरगोपाल द्वारा भी सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका के तहत जनहित याचिका दायर की गई थी। पर्यावरणविद् राधा बाई ने भी झील में प्रदूषण को रोकने के लिए वर्ष 2006 में एक नई जनहित याचिका दायर की थी। झील के पुनरुद्धार के लिए करोड़ों रुपये स्वीकृत किए गए हैं लेकिन झील अभी भी बहुत खराब स्थिति में है। हुडा ने 2010 तक झील को प्रदूषण मुक्त बनाने का वादा किया है।

तमाम समस्याओं के बावजूद हुसैन सागर सिकंदराबाद-हैदराबाद का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां पर्यटकों के लिए नौका-विहार की व्यवस्था है। पर्यटक नौका पर बैठकर बुद्धमूर्ति के टीले तक जाते हैं और कुछ समय बिताने के बाद वापस लौटते हैं।

-देवेंद्र गौतम

 


शुक्रवार, 22 मार्च 2024

अब जेल से चलेगी सरकार!

 

अब जेल से चलेगी सरकार!

 

सरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होने के बावजूद अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। पार्टी के विधायक दल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे पद पर बने रहेंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे। संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दोषी करार किए जाने तक पद से इस्तीफा देना जरूरी हो। अभी तक जो मुख्यमंत्री जेल गए हैं उन्होंने अपना उत्तराधिकारी तय कर इस्तीफा दे दिया। लालू प्रसाद ने एक जमाने में जरूर यह सवाल उठाया था कि संविधान में कहां लिखा है कि जेल से सरकार नहीं चलाई जा सकती लेकिन चारा घोटाले के आरोप में पहली बार गिरफ्तारी होने पर उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था और अपने विधायकों की सहमति से अपनी पत्नी राबड़ी देवी को गद्दी सौंप दी थी। हाल में झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर अपनी पार्टी के वरीय नेता चंपई सोरेन को गद्दी सौंप दी थी।

 

यदि केजरीवाल पार्टी की घोषणा पर टिके रहते हैं तो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह पहली घटना होगी कि कोई मुख्यमंत्री जेल से अपनी सरकार चलाएगा। कानूनन उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता। अभी तक जिन जन प्रतिनिधियों ने इस्तीफा दिया उनका आधार सिर्फ नैतिकता है। लेकिन सत्तापक्ष ने जिस तरह नैतिकता का मखौल उड़ी रखा है उसमें अरविंद केजरीवाल का यह फैसला कोई अप्रत्याशित नहीं होगा बल्कि सत्ता की मनमानी का करारा जवाब होगा। इससे पूरे विश्व में लोकतंत्र की जननी होने के दावे की पोल-पट्टी खुल जाएगी। भारत का लोकतंत्र एक मजाक बनकर रह जाएगा।

 

इलेक्टोरल बॉंड मामले में भ्रष्टाचार और भयादोहन के आरोप में सत्तापक्ष के शीर्ष नेता भी घिरे हैं। उनके खिलाफ भी आने वाले समय में याचिकाएं दर्ज होंगी। उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। तो क्या वे भी जेल से ही सरकार चलाएंगे? भारत के लोकतंत्र में एक नई परिपाटी की शुरुआत होगी?

 

-देवेंद्र गौतम  

लॉटरी किंग ने निकाली राजनीतिक दलों की लॉटरी

 

राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ ने दिया। सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड 1368 करोड़ की खरीदारी भी इसी कंपनी ने की। यह खरीदारी 2019 से 2024 के बीच की। कंपनी ने सर्वाधिक 542 करोड़ रुपयों का बॉंड तृणमूल कांग्रेस को और स्टॉलीन के नेतृत्व वाली डीएमके को 502 करोड़ के बॉंड दिए। वाइसीआर कांग्रेस को 154 करोड़, भाजपा को 100 करोड़ और कांग्रेस को 50 करोड़ दिए। इस कंपनी के चेयरमैन का नाम सैंटियागो मार्टिन हैं जिन्हें 'लॉटरी किंग' भी कहा जाता है। वे किसी जमाने में म्यांमार के यांगून में मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। आज लॉटरी के धंधे में खरबों में खेलते हैं।

 इस कंपनी की सबसे हालिया ख़रीद इस साल जनवरी में की गई जब उसने 63 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ प्राइवेट लिमिटेड को 30 दिसंबर 1991 में बनाया गया था.

 इस कंपनी का रजिस्टर्ड पता तमिलनाड के कोयम्बटूर में है, लेकिन इसका वो पता जहां से खाते का संचालन किया जाता है कोलकता में है। यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं है लेकिन देश के सर्वाधिक करदाताओं में शामिल है।

 कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक़ फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को पहले मार्टिन लॉटरी एजेंसीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।

यह दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के कारोबार के साथ भारत के लॉटरी उद्योग में अग्रणी खिलाड़ी है।

 कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक़ 1991 में अपनी स्थापना के बाद से फ्यूचर गेमिंग विभिन्न राज्य सरकारों की पारंपरिक पेपर लॉटरी के वितरण में तेज़ गति से बढ़ रहा है। कंपनी के मुताबिक़ सैटियागो मार्टिन ने लॉटरी उद्योग में 13 साल की उम्र में क़दम रखा था और पूरे भारत में लॉटरी के ख़रीदारों और विक्रेताओं का एक विशाल नेटवर्क बना लिया। वे कई बार देश में सबसे ज्यादा आयकरदाता घोषित किए गए।

 

अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मामूली वेतन कमाते थे। बाद में, वह भारत वापस आ गए, जहां उन्होंने 1988 में तमिलनाडु में अपना लॉटरी व्यवसाय शुरू किया. धीरे-धीरे कर्नाटक और केरल की ओर विस्तार किया।

   

भारी पड़ सकती है केजरीवाल की गिरफ्तारी

 ईडी ने जिन आरोपों के आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है उनकी पुष्टि के लिए अभी तक न्यायपालिका के समक्ष कोई प्रमाण पेश नहीं कर पाई है। व्यावसायिक लाभ देकर चंदा प्राप्त करने का उनपर 100 करोड़ का आरोप एक सरकारी गवाह के बयान के आधार पर है जबकि भाजपा पर दर्जनों कंपनियों को जांच एजेंसियों द्वारा डरा-धमकाकर हजारों करोड़ का इलेक्टोरल बांड प्राप्त करने के सारे सबूत मौजूद सामने आ चुके हैं। चुनाव आयोग उन्हें अपनी वेबसाइट पर डाल चुका है। मामला पब्लिक डोमेन में आ चुका है। तो क्या उनके आधार पर दर्ज होने वाली याचिकाओं पर भी ईडी कार्रवाई करेगी? सत्ता के शीर्ष पदों पर बैठे हुए भाजपा के नेताओं को भी गिरफ्तार करेगी?

सवाल है कि यदि आम आदमी पार्टी द्वारा शराब कंपनियों को लाभ पहुचाने के बाद चंदा लेने की बात सत्य भी है (फिलहाल सरकारी गवाह के बयान के अलावा कोई साक्ष्य नहीं है) तो किसी को डरा-धमकाकर जबरन चंदा वसूल करना तो इससे कहीं बड़ा अपराध है। सरकारी संस्थाएं जिस तरह सरकार के हाथों की कठपुतली बनी दिखाई देती हैं उसमें वह क्या करेंगी कहना कठिन है। सुप्रीम कोर्ट भी इस तरह की मनमानी पर कितना अंकुश लगा सकेगी भविष्य के गर्भ में है। लेकिन इतना निश्चित है कि दिल्ली, पंजाब और गुजरात समेत पूरे देश की जनता सरकार की तिकड़मों के च्छी तरह समझ रही है और उसका फैसला चुनाव में सामने आएगा।

ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय जनता पार्टी अभी तक जनता के मिजाज को समझ नहीं पाई है। उसे भेड़ बकरियों का दर्जा देती है जिसे जब जिधर चाहे घुमा लेगी। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान शाहीनबाग़ आंदोलन के बहाने दिल्ली की जनता के सांप्रदायीकरण की कोशिशों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई। भाजपा नेताओं के बीच जहरीले बयानबाजियों की होड़ सी लग गई। लेकिन नतीजा क्या निकला? आम आदमी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सत्ता में वापस लौट आई। दिल्ली के मतदाताओं ने भाजपा नेताओं के भगवाकरण के प्रयासों को धत्ता बता दिया।

दिल्ली की जनता इतनी जागरुक है कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को वोट दिया और लोकसभा चुनाव में जीत का तोहफा भाजपा की झोली में डाल दिया। उसका मानना है कि लोकसभा में कुछ सीटें लेकर भी केजरीवाल क्या कर पाएंगे। फिर भाजपा लोकसभा चुनाव के मौके पर आम आदमी पार्टी से इतना भयभीत क्यों हो गई कि उसके सभी प्रमुख नेताओं को बिना किसी पुख्ता प्रमाण के जेल में डलवा दिया और अब एक जनता के चुने हुए मुख्यमंत्री को पकड़ लिया? क्या आप और कांग्रेस का गठबंधन उसके लिए इतना भारी पड़ रहा था? या इसलिए कि उस समय के मुकाबले आम आदमी पार्टी का ज्यादा विस्तार हो चुका है? अब वह तीन-चार राज्यों में प्रभाव डालने की स्थिति में आ चुकी है? क्या इन्हीं तिकड़मों के जरिए भाजपा चार सौ पार करना चाहती है?

फिलहाल भाजपा सरकार की मनमानी और तिकड़मबाजी पर सुप्रीम कोर्ट अंकुश लगाएगी या भारत की 142 करोड़ जनता या फिर सबकुछ इसी तरह चलता रहेगा आने वाला समय बताएगा।

-देवेंद्र गौतम

मंगलवार, 2 जनवरी 2024

दिल्ली की स्लम बस्तियों में सांस्कृतिक चेतना का संचार

 नई दिल्ली। 2023 के अंतिम और 2024 के प्रथम सप्ताह में चंद्रावती देवी समाज कल्याण सोसाइटी के तत्वावधान में दिल्ली के जीटीवी नगर और जहांगीरपुरी इलाके की स्लम बस्तियों के बच्चों के बीच दस दिवसीय सांस्कृतिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके तहत बच्चों को अभिनय कला का प्रशिक्षण दिया गया और उनके जरिए नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया। इसके अंतर्गत राकेश राय द्वारा लिखित महिला सशक्तीकरण पर आधारित नाटक जागृति समेत तीन नाटकों का सफल मंचन किया गया। दूसरा जन नाट्य मंच का चर्चित नाटक कुत्ते मंचित हुआ जो भ्रष्ट होती नौकरशाली पर केंद्रित था। कार्यक्रम के अंतिम दिन भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित नाटक अंधेर नगरी चौपट राजा का मंचन किया गया। सभी नाटकों का निर्देशन राकेश राय ने किया। प्रशिक्षण के बाद अपने अभिनय कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन कर दर्शकों की तालियां बटोरनने वाले कलाकारों में रवि, पूजा, आशुतोष, आशीष, विरम, पियूष, अमित,शेखर, लता आदि प्रमुख थे।




कार्यक्रम के संयोजक सिने अभिनेता, रंगकर्मी एवं निर्देशक राकेश राय ने इस अवसर पर अपना उद्गार प्रकट करते हे कहा कि चंद्रावती देवी समाज कल्याण सोसाइटी का उद्देश्य नई प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें प्रशिक्षित करना और मंच प्रदान करना है।











कार्यक्रम में पस्थित प्रसिद्ध ग़ज़लकार एवं पत्रकार देवेंद्र गौतम ने कहा कि प्रतिभाएं महलों की मोहताज़ नहीं होतीं। अगर मंच मिला तो इन्हीं स्लम बस्तियों से राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार निकलेंगे। चंद्रावती देवी समाज कल्याण सोसाइटी गुदड़ी के लाल तलाश रही है और उन्हें तराश रही है। साहित्य और संस्कृति का इतिहास गढ़ रही है। इस तरह के आयोजन निरंतर चलते रहने चाहिए।  

गुरुवार, 15 सितंबर 2022

भाजपा को भारी पड़ सकती है स्मृति ईरानी की बौखलाहट

 


-देवेंद्र गौतम

स्मृति ईरानी बौखलाई हुई हैं। गोवा के सिली रेस्टोरेंट पर उनकी झूठ दस्तावेज़ी सबूतों की भेंट चढ़ गई है। यह साफ हो चुका है कि उस रेस्टोरेंट का संचालन उनका परिवार करता है। उसमें 70 प्रतिशत हिस्सेदारी उनके पतिदेव की है। जिस बेटी को वे कॉलेज की छात्रा बता रही थीं उसके वीडियो से और स्वयं मैडम के पूर्व बयानों से ज्ञात होता है कि उनकी बेटी रेस्टोरेंट की प्रबंधकीय व्यवस्था देखती है। होटल चलाने में कोई समस्या नहीं है।

समस्या वहां गोमांस और सुअर का मांस परोसे जाने को लेकर है। वे जिस पार्टी में हैं उसके मुखिया इतने ताकतवर हैं कि अपने अपने लोगों के बचाव में किसी हद तक जा सकते हैं। लेकिन वे कट्टर हिंदूवाद की राजनीति करते हैं। गोरक्षा की बात करते हैं। गोमांस के आरोप में कितने ही लोगों पर गाज गिर चुकी है। अब जब उनकी अपनी केंद्रीय मंत्री के रेस्टोरेंट में ही बीफ परोसे जाने की बात सामने आ रही है तो इसका बचाव कैसे करें। पार्टी अपने एजेंडे से पीछे कैसे हटे। पार्टी किसी की परवाह नहीं करती। अपने लोगों के सात खून को माफ कर देती है। पार्टी ने खाड़ी देशों की नाराजगी की कीमत पर अपनी प्रवक्ता नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल का बचाव किया। दिखावे के तौर पर पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाया लेकिन गिरफ्तारी नहीं होने दी। पुलिस सुरक्षा प्रदान की। यदि बीफ का मामला नहीं होता तो स्मृति ईरानी को भी सीधे संकट से निकाल लाती। अब उन्हें परोक्ष रूप से ही मदद की जा सकती है। वैसे स्मृति ईरानी के रहने से या नहीं रहने से भाजपा की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता। वे किस धर्म से संबंध रखती हैं न उनसे किसी ने पूछा न उन्होंने बताया। लेकिन उन्हें एक एसी पार्टी ने लगातार मंत्री बनाया जो भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहती है। जो मुसलमानों के प्रति नफरत के भाव को बढ़ावा देने की नीति पर ध़ड़ल्ले से चलती है। ऐसी पार्टी में होने के नाते उन्हें ऐसे व्यवसाय में नहीं पड़ना चाहिए था जिसमें बीफ परोसना पड़े।

सिली सोल का मामला उजागर होने के बाद उनकी बौखलाहट इतनी बढ़ गी है कि वे क्या कर रही हैं क्या बोल रही हैं इसका जरा भी होश नहीं है। इसी बौखलाहट में वे लोकसभा में अनावश्यक चिल्ला-चिल्लाहट के बाद सोनिया गांधी से सिर लड़ा बैठीं। इस बौखलाहट के कारण ही वह यह जानकारी नहीं ले सकीं कि भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पूर्व राहुल गांधी स्वामी विवेकानंद को श्रद्धा सुमन अर्पित करने गए थे या नहीं और सार्वजनिक रूप से आरोपों की बौछार कर मजाक का पात्र बन गईं। वैसे भी अब राजनीति करवट ले रही है और आने वाले समय में ईरानी और नुपूर शर्मा जैसे जहरीले बयानवीरों की क्या उपयोगिता रहेगी कहना कठिन है। फिलहाल स्मृति जी की बौखलाहट उनसे क्या-क्या बयान दिलवाएगी, कितना मखौल उड़वाएगी कहना कठिन है।      

गुरुवार, 9 जून 2022

मिस इंडिया ने किया एथनिक वियर के स्टोर का उद्घाटन

 


पटना। 05 जून। एथनिक वियर के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित ब्रांड स्वयंवर ने रविवार को पटना के फ्रेजर रोड स्थित महाराजा कामेश्वर कॉम्प्लेक्स में अपने नए स्टोर का शुभारंभ किया। इस स्टोर का उद्घाटन मुख्य अतिथि अभिनेत्री व पूर्व मिस इंडिया इंटरनेशनल सुप्रिया आयशा ऐमन एवं  स्टोर के ओनर अंजनी कुमार व सोनी सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।शुभांरभ के पश्चात मुख्य अतिथि सुप्रिया आयशा ऐमन ने स्वयंवर की टीम को अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि यह स्टोर लोगों के एथनिक कपड़ों के खरीददारी के लिए बेहतर स्थान साबित होगा। उन्होंने कहा कि बिहार फैशन के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ गया है जिस कारण देश के बड़े-बड़े ब्रांड बिहार की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। सुप्रिया ने कहा कि मेंस एथनिक वियर के मामले में स्वयंवर ग्राहकों की पहली पसंद बना हुआ है। वहीं अपने संबोधन में स्टोर के ओनर अंजनी कुमार ने बताया कि  इस नए स्टोर में मेंस एथनिक वियर एवं वेडिंग वियर कि विस्तृत श्रृंखला मौजूद है। जिसमें शेरवानी,इंडो वेस्टर्न,कुर्ता,धोती,बंडी,जैकेट सहित अन्य एक्सेसरीज शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हमारे स्टोर में दूल्हे के लिए इंगेजमेंट वियर, वेडिंग वियर और रिसेप्शन वियर के खास कलेक्शंस उपलब्ध हैं।स्टोर के दूसरी ओनर सोनी सिंह ने बताया कि स्वयंवर शादी एवं अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर परिवार के सभी पुरुषों के लिए खरीददारी करने का उपयुक्त स्थान है। यहाँ अच्छी रेंज में मेंस एथनिक कपड़ों की ढेर सारी वैराइटीज एवं नए कलेक्शंस मौजूद हैं।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...