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शुक्रवार, 10 मई 2019

मासूम से दुष्कर्म के आरोपी का कोई सुराग नहीं



अभिभावक मंच का भ़ड़का आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी


लोहरदगा। गत माह शहर के मिशन चौक स्थित एक निजी विद्यालय में 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के 16 दिन बीतने के बावजूद अबतक आरोपी का सुराग नहीं मिलना दुखद है। जिला पुलिस प्रशासन शीघ्र आरोपी को गिरफ्तार करें अन्यथा बाध्य होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना होगा। उक्त बातें झारखंड राज्य अभिभावक मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को शहर के गुदरी बाजार स्थित खेमराज स्मृति भवन में पत्रकारों से कही। अजय राय ने कहा कि दोषी को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पीड़िता बच्ची को न्याय दिलाने में अभिभावक मंच एड़ी चोटी का जोर लगाएगी। पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभावक मंच का प्रतिनिधिमंडल आज उक्त स्कूल में जाकर स्कूल के निदेशक, शिक्षिकाओं, स्टाफ से बातचीत की। सभी ने इस घटना की निंदा करते हुए जांच में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि अभिभावक मंच मानती है कि घटना बच्ची के साथ घटित हुई है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इसके लिए मंच ने बाल संरक्षण आयोग दिल्ली को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दिया है। उन्होने जिला प्रशासन से मांग किया है कि बच्ची व उसके अभिभावक को फूल सिक्योरिटी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई कितना भी दबंग क्यों न ही फर्क नहीं पड़ता है। सच्चाई को सामने लाने और दोषी की गिरफ्तारी के लिए अभिभावक मंच प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि मंच ने पीड़िता व उसके अभिभावक से भी बात किया है। उसे शीघ्र न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस का अनुपालन हेतु जिला प्रशासन से बात किया जाएगा। मौके पर प्रदेश सचिव नीरज भट्ट, संजय सर्राफ, संजीव दत्ता, दीपक सर्राफ, अनूप दास, हेमंत वर्मा आदि मौजूद थे।

रविवार, 22 जुलाई 2018

निजी स्कूल फी रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट पारित, अभिभावक मंच ने जताया हर्ष


अभिभावकों को बड़ी राहत : अजय राय

रांची। निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने संबंधी विधेयक " निजी स्कूल फी रेगुलेशन एक्ट विधानसभा से पारित हो जाने पर अभिभावक मंच ने खुशी जताई है। झारखंड अभिभावक मंच के संयोजक अजय राय ने कहा है कि अभिभावक संगठन के बैनर तले अभिभावकों का आंदोलन अंततः रंग लाया। प्राइवेट स्कूल की मनमाने तरीके से शुल्क बढ़ोतरी नियंत्रित करने हेतु फी रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट  विधानसभा से पास होने से अभिभावकों को काफी राहत मिली है। एक्ट पास होने की ख़ुशी में झारखंड अभिभावक मंच के अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में  स्थानीय अल्बर्ट एक्का चौक पर  मंच के सदस्य रंग गुलाल के साथ साथ ही मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया  । मंच के सदस्यों ने आम जनता के साथ इसके लिये सभी प्रिन्ट इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया का भी आभार प्रकट किया , जिनके सहयोग से ये एक्ट पास हो पाया ।
 अजय राय ने बताया कि पिछले दिनों विधानसभा प्रवर समिति के अध्यक्ष  स्टीफन मरांडी के साथ  मिलकर उनसे सहयोग की अपेक्षा की थी ,उसमें उनका सहयोग मिला।  साथ ही  शिक्षा मंत्री नीरा यादव से भी मिलकर आग्रह किया था और उन लोगों ने जो आश्वासन दिया था , उस आश्वासन पर प्रवर समिति के अध्यक्ष और मंत्री नीरा यादव खरी उतरी । इसके लिए उनको अभिभावकों की ओर से बहुत-बहुत बधाई दी गई।
 विदित हो कि अजय राय ने इस आंदोलन के सहयोगी मंच के महासचिव मनोज कुमार मिश्रा, कोषाध्यक्ष अनूप कुमार पांडेय, डॉ. उमेश कुमार  शिवेंद्र कुमार सिंहा , मुकेश पांडे ,सतपाल सिंह,संजय सराफ ,तलत परवीन, सरवरी बेगम, नीरज भट्ट को भी धन्यवाद दिया, जिनके सहयोग से सफलता मिली।  इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान किया और अंततः इस मुकाम तक पहुंचाया कि वह विधानसभा से सरकार ने विधेयक को पास कराया।
 अजय राय ने बताया कि यह आंदोलन लगभग 9 सालों से चल रहा था । निजी विद्यालय के विरुद्ध विभिन्न मदों में शुल्क को लेकर  आंदोलन 23 अप्रैल 2008 में प्रारंभ किया था। दस साल का समय लगा और हम  अपने मुकाम तक पहुंचे।
 श्री राय ने बताया कि मानव संसाधन मंत्री नीरा यादव से बात हुई । मनोज कुमार मिश्रा के साथ कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से और उनके नेतृत्व में फी रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट का ड्राफ्ट विधानसभा से पास होने को लेकर अभिभावकों की ओर से बधाई दिया। मंच ने डा.नीरा यादव का अभिनंदन करने का निर्णय लिया है।

निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक की मांग



अभिभावक संघ के अध्यक्ष में लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

रांची । झारखंड अभिभावक मंच के अध्यक्ष अजय राय ने  एक  पत्र के माध्यम से सरकार के मुख्यमंत्री सहित मानव संसाधन मंत्री से मांग की है कि राज्य के अभिभावकों की समस्या को गंभीरता से लें और निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएं। उन्होंने कहा है कि अभिभावक सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं। इसका सीधा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है । ऐसे में सरकार गंभीर हो और मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर इसका समाधान करे। उन्होंने
रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट 2015 को विधान सभा से पारित करा कर लागू करवाने, शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों का अक्षरश: से अनुपालन सुनिश्चित कराने, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में ऐसे छात्र-छात्राएं जो उसी स्कूल से सभी विषय पर उतीर्ण घोषित किए गए, बिना गुनाह नामांकन शुल्क  लिए हुए कक्षा-11 में शिक्षा सुनिश्चित कराने, शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कमजोर एवं वंचित वर्ग के कोटे के अंतर्गत सभी स्कूलों में कुल सामर्थ्य संख्या के 25 % सीटों के विरुद्ध नामांकन सुनिश्चित कराने, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्गत अधिसूचना के आलोक में शुल्क संरचना सहित सभी आधारभूत संरचना को स्कूल के अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कराने,  सभी कोटि के निजी विद्यालय व सरकारी विद्यालय में  सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में छात्र छात्राओं का सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने,
सभी कोटि के निजी विद्यालय में बच्चों के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध कराना तथा शुल्क का निर्धारण नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर सुनिश्चित करने,राज्य में संचालित सभी कोटि के सरकारी /गैरसरकारी  विद्यालय जो CBSE या  ICSE से संबद्धता प्राप्त किए हो या राज्य सरकार द्वारा स्थापना अनुमति प्राप्त कर संचालित कर रहे हैं उन्हें उक्त  संस्था के नियमावली को पालन करने के लिए बाध्य करने का प्रयास और राज्य  सरकार के द्वारा CBSE या ICSE विद्यालयों  से सम्बद्धता प्राप्त करने के पूर्व  दी जाने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र के प्रावधानों एवम शर्तो  का अक्षरश :   अनुपालन सुनिश्चित कराने, झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण नियमावली 2006 में संशोधन करते हुए न्यायाधिकरण में दर्ज कराये जाने वाले वाद /शिकायत में प्रतिनिधि के माध्यम से वादी अथवा प्रतिवादी को अन्य न्यायाधिकरण की तरह अपना पक्ष रखने सम्बन्धी प्रावधानों का समायोजन सुनिश्चित कराने का प्रयास आदि मुद्दों पर गंभीरता से पहल करने की मांग की है।
अजय राय ने बताया कि इन मुद्दों को लेकर मंच का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री रघुवर दास से जल्द मिलकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग करेगा ।

रविवार, 15 जुलाई 2018

स्कूलों की मनमानी के खिलाफ संगठित हुए अभिभावक

झारखंड अभिभावक मंच की प्रदेश स्तरीय कमेटी गठित, आम सभा आयोजित
 

रांची। झारखंड अभिभावक मंच की बैठक सह आम सभा अनुप पांडे की अध्यक्षता में होटल राजस्थान में हुई। बैठक में राज्य के विभिन्न  जिलों  में अभिभावकों व छात्र - छात्राओं  की समस्याओ और अधिकारों को लेकर संघर्षरत अभिभावक तथा सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए।  कार्यकर्ताओ ने सभी कोटि के निजी /सरकारी स्कूल के प्रबन्धको के मनमानी एवं नियम विरुद्ध कार्यकलापों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य स्तर पर अभिभावक मंच के गठन के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इसे समय की मांग बताया। ताकि पूरे राज्य के विभिन्न जिलों में अलग अलग संगठन के माध्यम से चल रहे आंदोलन को एक मंच पर लाकर सामूहिक नेतृत्व प्रदान करते हुए इस आंदोलन को धारदार और प्रभावी बनाते हुए अभिभावक व छात्रों के साथ हो रहे अन्याय का प्रतिकार किया जा सके।
बैठक में झारखंड अभिभावक  मंच की कार्य समिति  द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार उपस्थित प्रतिनिधियों की  सर्वसम्मति  से  झारखंड अभिभावक मंच के प्रदेश  कमिटी का  गठन करते हुए पदधाकारियों एवं कार्यसमिति की घोषणा की गयी। साथ ही बैठक में भावी रणनीति एवं अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वर्तमान पदाधिकारी एवं कार्य समिति की सूची  पत्र के माध्यम से सभी सक्षम पदाधिकारी एवं कार्यालय  के अलावा  मीडिया को प्रेषित कर दिया जाए तथा अगले कुछ दिनों में अन्य जिलों का प्रतिनिधि को शामिल करते हुए इसका विस्तार कर लिया जाय। 
नई कार्य समिति के संरक्षक एवं सलाहकार मंडल के सदस्य  सुरेश अग्रवाल रांची, अजय शर्मा रांची, गोपाल मुरारका, बोकारो, प्रोफेसर आर डी उपाध्याय, बोकारो,  दीपनारायण उरांव गुमला, मंजू स्नेहलता हेम्ब्रम, साहेबगंज , सीताराम सिंह ,सरायकेला, गोपी कृष्ण कुंवर, लोहरदगा शामिल किए गए। वहीं अध्यक्ष अजय राय,
उपाध्यक्ष डॉ उमेश कुमार जमशेदपुर, सरदार सतपाल सिंह धनबाद, , मुकेश सिंह, बोकारो,  सुरेंद्र कुमार सिन्हा गिरिडीह, संजय चटर्जी, देवघर, तलत परवीण ,रांची मनोनीत किए गए।
महासचिव मनोज कुमार मिश्रा, सचिव कौशल किशोर राय, बोकारो, नीरज भट्ट ,रांची,  सरवरी बेगम ,रांची,  संजय सर्राफ ,लोहरदगा,  संजय सिंह गढ़वा व शंकर रामगढ़ मनोनीत किए गए। कोषाध्यक्ष  अनूप कुमार पांडे बनाए गए। इसके अलावा कार्यसमिति सदस्य में अशोक कुमार शुक्ला ,रांची, मनोज तिवारी ,रांची, धनंजय प्रताप ,बोकारो, डॉ सुनील शर्मा, सरायकेला, मोहम्मद शमीम, धनबाद, वैष्णवी यादव ,बोकारो, साजिया रहमान ,रांची , आशुतोष कुमार ,गिरिडीह,  अजय सिन्हा ,गिरिडीह ,मनोहर सिंह,  गोड्डा, मनोज सिंह ,मेदनीनगर , रविशंकर यादव ,कोडरमा , संजय तिवारी ,हजारीबाग शामिल किए गए ।

बैठक में लिए गए निर्णय.

प्राइवेट स्कूल फी रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट 2015 जो प्रवर समिति के सामने पेंडिंग है ,उसको विधान सभा से पारित करा कर लागू करवाना ।
 शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों का अक्षरश: से अनुपालन सुनिश्चित कराना।
 माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में ऐसे छात्र-छात्राएं जो उसी स्कूल से सभी विषय पर उतीर्ण घोषित किए गए बिना गुनाह नामांकन शुल्क  लिए हुए कक्षा-11 में शिक्षा सुनिश्चित कराना।
 शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कमजोर एवं वंचित वर्ग के कोटे के अंतर्गत सभी स्कूलों में कुल सामर्थ्य संख्या के 25 % सीटों के विरुद्ध नामांकन सुनिश्चित कराना।
.केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली के द्वारा दिए गए निर्गत अधिसूचना के आलोक शुल्क संरचना सहित सभी आधारभूत संरचना को स्कूल के अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कराने के संबंध।
सभी कोटि के निजी विद्यालय एवम सरकारी विद्यालय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में छात्र छात्राओं का सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराना।
सभी कोटि के निजी विद्यालय में बच्चों के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध कराना तथा शुल्क का निर्धारण नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर सुनिश्चित करना।
 राज्य में संचालित सभी कोटि के सरकारी /गैरसरकारी  विद्यालय जो CBSE या  ICSE से संबद्धता प्राप्त किए हो या राज्य सरकार के द्वारा स्थापना अनुमति प्राप्त कर संचालित कर रहे हैं उन्हें उन्हें उक्त  संस्था के नियमावली को पालन करने के लिए बाध्य करने का प्रयास।
 राज्य  सरकार के द्वारा CBSE या ICSE विद्यालयों  से सम्बद्धता प्राप्त करने के पूर्व  दी जाने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र के प्रावधानों एवम शर्तो  का अक्षरश :   अनुपालन सुनिश्चित कराने का प्रयास।
झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण नियमावली 2006 में संसोधन करते हुए न्यायाधिकरण में दर्ज कराये जाने वाले वाद /शिकायत में प्रतिनिधि के माध्यम से वादी अथवा प्रतिवादी को अन्य न्यायाधिकरण की तरह अपना पक्ष रखने सम्बन्धी प्रावधानों का समायोजन सुनिश्चित कराने का प्रयास।
आम सभा की बैठक में आंदोलन के प्रथम चरण के  रूप में सर्वप्रथम  प्राइवेट स्कूल फी रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट 2015 जो प्रवर समिति के समक्ष लंबित  है को विधान सभा से पारित कराने हेतु अध्यक्ष, प्रवर समिति  से मिलकर जल्द से जल्द अध्यक्ष, विधानसभा को वापस भेजने का आग्रह करना तथा विधानसभा के अध्यक्ष से मिलकर जल्द से जल्द उक्त ड्राफ्ट/ अधिनियम  को  विधानसभा से पारित कराने का प्रयास करना ।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...