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रविवार, 15 सितंबर 2019

राजा नरपति सिंह बालिका उचिच विद्यालय में शिक्षक-अभिभावक मीट


चक्रधरपुर। राजा नरपति सिंह बालिका उच्च विद्यालय में आज शिक्षक अभिभावक संघ की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें बहुत संख्या में अभिभावकों की उपस्थिति रही ।कार्यक्रम का आरंभ स्वागत गान से किया गया फिर बाल संसद के परिचय साथ ही नये शिक्षकों का परिचय सह स्वागत अभिनंदन किया गया।अभिभावकों को ज्ञान सेतु के बारे में विस्तार से बताया गया और जल संरक्षण की जानकारी दी गयी।साथ ही सभी छात्राओं को प्रतिदिन विद्यालय आने के लिये प्रोत्साहित करने को कहा गया।कार्यक्रम में 99% उपस्थित बच्चियों व क्लास 10 वीं की प्रथम द्वितीय व तृतीय आने वाली छात्राओं को पुरस्कार दिया गया।मुख्य अतिथि तनवीर अख्तर अंसारी सर के द्वारा संबोधित किया गया साथ प्राचार्य आरती प्रधान के द्वारा विद्यालय की प्रगति व सभी साधनों की जानकारी दी गयी।कार्यक्रम में सभी शिक्षकों ने अपना पूरा सहयोग दिया।नजीब असरफ, शाहनाज परवीन, नीतू साहू, भवानी महतो ,राजन प्रधान,मंजू कंदयायग,जयश्री मुंडू,प्रभावती महतो श्रवण महतो शामिल हुए।

मंगलवार, 3 सितंबर 2019

शिक्षा और सामाजिक विकास के प्रति समर्पित हैं सुनील कुमार


विनय मिश्र

संस्कार युक्त और गुणवत्ता युक्त शिक्षा से समाज सशक्त और समृद्धशाली होता है। शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। शिक्षित समाज से सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। ऐसा मानना है पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र के चक्रधरपुर स्थित प्रतिष्ठित और ख्यातिप्राप्त शैक्षणिक संस्थान डीपीएस के प्रबंध निदेशक प्रख्यात शिक्षाविद सुनील कुमार का। कोडरमा के झुमरी तिलैया निवासी सुनील शिक्षा का अलख जगाने में जुटे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक विकास की दिशा में उन्होंने सराहनीय पहल की है। जिसकी चहुंओर प्रशंसा की जा रही है। श्री कुमार हजारीबाग में पले-बढ़े। वहीं से मैट्रिक की परीक्षा पास की। उसके बाद स्नातक की डिग्री हासिल किया। उनके पिता सुधीर प्रसाद सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त कर्मी हैं। वहीं उनकी माता चिंता देवी एक कुशल गृहणी हैं। सुनील कुमार को संस्कार युक्त शिक्षा दिलाने में उनके माता-पिता का अहम योगदान रहा है। वह अपना आदर्श अपने माता और पिता को मानते हैं। उनके भाई अनिल कुमार और दीपक कुमार सरकारी सेवा में है। सुनील शुरू से ही शिक्षा के प्रति समर्पित रहे हैं। पढ़ाई- लिखाई में हमेशा अव्वल रहने वाले सुनील कुमार दूसरों को भी शिक्षा के प्रति प्रेरित करते रहे हैं। शिक्षा के प्रति उनके जज्बे और जुनून ने उन्हें शैक्षणिक संस्थान खोलने के लिए प्रेरित किया। जिसके परिणाम स्वरूप उन्होंने चक्रधरपुर में डीपीएस की स्थापना की। उनका मानना है कि शिक्षित समाज स्वस्थ और स्वच्छ राष्ट्र निर्माण में सहायक होता है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर पर गंभीर चिंता जताते हुए वह कहते हैं कि सरकार के शिक्षा विभाग को इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। सभी सुविधाएं और आधारभूत संरचनाएं रहने के बावजूद सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर संतोषप्रद नहीं है। वहीं दूसरी तरफ गुणवत्ता युक्त शिक्षा के क्षेत्र में निजी स्कूलों की महत्वपूर्ण सहभागिता रहती है। वह कहते हैं कि शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी जरूरी है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उन्हें खेलकूद के प्रति भी सजग रहने की आवश्यकता है। सुनील कुमार गरीब और असहाय बच्चों को शिक्षित करने में हर संभव सहयोग करते हैं। वह सामाजिक बदलाव के पक्षधर हैं। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए सकारात्मक सोच के साथ प्रयासरत रहना उनकी खासियत है। वह कहते हैं कि शिक्षा के बिना सामाजिक विकास संभव नहीं है। शिक्षित समाज से ही राष्ट्र के नवनिर्माण का सपना साकार हो सकेगा। 

बुधवार, 17 जुलाई 2019

कोचिंग सेंटर में बच्चों को प्रोत्साहित करने पहुंचे पुलिस पदाधिकारी

 ,
कहा,मेहनत ही है सफलता का मूलमंत्र


चक्रधरपुर : शिक्षा कोचिंग सेंटर में छात्रों को  प्रोत्साहित करने  पुलिस पदाधिकारी राहुल सिंह व बिपिन महतो पहुंचे। दोनों पुलिस पदाधिकारियों का कोचिंग सेंटर के निर्देशक निरुप कुमार प्रधान ने  पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।  राहुल सिंह ने
संबोधित करते हुए कहा कि मेहनत से ही मुकाम मिलता है। परिश्रम से ही सफलता मिलती है। साथ ही बच्चों को कैसे पढ़ा जाए,किन विषयों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए इन चीजों के बारे में भी उन्होंने बताया। अपने छात्र जीवन के संघर्ष के बारे में भी जानकारी दी।
वहीं, श्री महतो ने कहा कि सफलता के लिए कोई दूसरा शॉर्टकट नहीं है। केवल परिश्रम और लगन ही इसका मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि ऐसा संस्थान आज तक उन्होंने नहीं देखा, जहां से इतनी जल्दी बच्चे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर रहे हों ।
उन्होंने कहा कि ऐसा गुरु विरले ही मिलते हैं, जो सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। जिनके निर्देश का हमें पूर्णतया पालन करते हुए सदुपयोग करना चाहिए
उन्होंने कहा कि इस सेंटर से प्रशिक्षित छात्र पुलिस सेवा में आए हैं।
 विपीन महतो ने बताया कि उन्होंने भी  संघर्ष कर इस मुकाम को पाया है। इसी बीच बच्चों ने उनसे प्रश्न भी पूछे एवं उनका समाधान भी पाया। दोनों पुलिस पदाधिकारियों ने छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर काफी संख्या में छात्र व अभिभावक मौजूद थे।

उर्दू टाउन मिडिल स्कूल के सचिव ने दिया इस्तीफा



चक्रधरपुर । उर्दू  टॉउन मिडिल स्कूल के सचिव बैरम खान ने विद्यालय के प्रबंधक कमेटी के  सचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देने की वजह  प्रबंध कमेटी के अन्य पदधारियों के साथ आपसी तालमेल का अभाव बताया। उन्होंने कहा कि स्कूल की तरक्की के लिए हमेशा तत्पर रहने के बावजूद लोगों को लगता है कि हम शिक्षा के विरोधी हैं और विद्यालय की उन्नति की राह में रोड़ा है। ऐसे में सचिव के पद पर बने रहना मेरे लिए उचित नहीं लगता है। उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र प्रबंध समिति के अध्यक्ष हाजी अहमद अंसारी को सौंपा।  ज्ञात हो कि उनके सचिव पद पर प्रभार संभालने के बाद विद्यालय में पूर्व से चल रहे कई तरह के विवादों का उन्होंने निपटारा किया। उन्हें स्कूल के बच्चों से खास लगाव था। वे समय-समय पर बच्चों को प्रोत्साहित करते रहते थे। विशेषकर विद्यालय के बच्चे उनके पद पर ना रहने से काफी निराश हैं।

गुरुवार, 27 जून 2019

बाल मजदूरों को शिक्षा की सौगात



चक्रधरपुर। एक कदम सरकारी नौकरी की ओर ,आर्थिक असमर्थता और पारिवारिक स्थिति को देखते हुए कुछ बच्चे शहर के दुकानों, पेट्रोल पंप एवं होटलों में काम करने को मजबूर हो जाते हैं !
दक्षता तो उनमें रहती ही है परंतु समय के अभाव के कारण वह खुद को अपना लक्ष्य नहीं दे पाते हैं ऐसे ही बच्चों को जो मेधावी एवं सीखने की प्रबलता रखते हैं उन बच्चों को निरुप प्रधान ओर से एक सौगात।

वह अपने कोचिंग में उन्हें प्रतियोगिता परीक्षा हेतु तैयार करने की एक शुरुआत करने जा रहा है, ऐसे बच्चे जो उनके काम करने का समय ऐसी रहता है कि वह किसी प्रतियोगिता परीक्षा के संस्थानों में नहीं जुड़ पाते क्योंकि जिस समय उनकी ड्यूटी ऑफ होती है तब संस्थान बंद हो जाते हैं एवं जिस समय खुलती है वह अपने ड्यूटी में लगते हैं !!
इन्हीं को ध्यान में रखते हुए श्री निरुप उन्हें ऐसा समय देंगे जिससे पर वह प्रतियोगिता परीक्षा के लिए अग्रसर हो पाए,ऐसे बच्चों का वह आवाहन कर रहे हैं।जो बच्चे असमर्थता हेतु कहीं ना कहीं किसी काम में लगे हैं !!

वह संपर्क करें एवं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करें और सरकारी नौकरी की ओर अग्रसर हो। क्या कदम ही उनके द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम हम सभी उनके साथ हैं।
      मो.न. 8709468679
शिक्षाविद निरोप द्वारा ऐसे बहुत सारे कार्य शिक्षा के क्षेत्र में किए हैं जो काफी सराहनीय है हम सभी उनके भविष्य की कामना करते हैं एवं उन बच्चों के भविष्य की कामना करते हैं जो उनके यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं कई सारे बच्चे यहां से सरकारी नौकरी प्राप्त कर विभिन्न संस्थानों में कार्यरत है ऐसे समाजसेवी विरले ही मिलते हैं इस संसार में हम सभी की ओर से शुभकामनाएं।

सोमवार, 4 मार्च 2019

नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने किया जेके हैप्पी फीट स्कूल का उद्घाटन

 कहा,शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी

रांची।  राजधानी में अत्याधुनिक सुविधायुक्त प्ले स्कूल जेके हैप्पी फीट (जेके इंटरनेशनल स्कूल की इकाई) का शुभारंभ आज हुआ। राजधानी के लाईन टैंक रोड(चडरी) स्थित जेके हैप्पी फीट स्कूल का उद्घाटन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि  किया।
इस मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी देना जरूरी है। इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है।
उन्होंने कहा कि संस्कारयुक्त शिक्षा देने की  दिशा में जेके इंटरनेशनल स्कूल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विभिन्न अवसरों पर जेके इंटरनेशनल स्कूल जाने का उन्हें अवसर प्राप्त हुआ। वहां का वातावरण और शिक्षण पद्धति देखकर उन्हें यह प्रतीत हुआ कि सचमुच जेके इंटरनेशनल स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखने की ओर अग्रसर हो रहा है। श्री सिंह ने स्कूल के बच्चों व स्कूल के बैंड टीम के प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने जेके हैप्पी फीट स्कूल के उज्जवल भविष्य की कामना की। 
मौके पर जेके इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक डॉ. रामइकबाल सिंह व स्कूुल के चेयरपर्सन जितेन्द्र सिंह ने आगंतुकों का स्वागत किया।  श्री सिंह ने बताया कि जेके हैप्पी फीट स्कूल में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी प्रकार की शैक्षणिक सामग्री व खेलकूद के अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। यहां प्री प्राईमरी, नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी से लेकर कक्षा चार तक के बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था है। स्कूल के उद्घाटन के पूर्व मां शारदे की पूजा-अर्चना की गई।
स्कूल का ध्वजारोहण किया गया। पुलवामा के शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। उद्घाटन समारोह में स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मनमोह लिया।  इस अवसर पर डॉ. आरके राय, सबलू मुंडा, हाजी उमर, सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।

रविवार, 4 नवंबर 2018

स्कूल को सहयोग करने के लिए जताया आभार


* संजीवनी संस्था का शुक्रगुजार हैं डॉ. केपी डे

रांची। जगन्नाथपुर बस्ती स्थित बिरसा शिक्षा निकेतन को सामाजिक संस्था " संजीवनी " द्वारा किए गए सहयोग के लिए स्कूल के संचालक व लोकप्रिय समाजसेवी डॉ. केपी डे ने आभार जताया है। डॉ. डे ने कहा कि कुछ लोग सिर्फ काम में विश्वास करते हैं। प्रचार- प्रसार से उन्हें कोई खास मतलब नहीं रहता है। संजीवनी नामक संस्था पीड़ित मानवता की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहती है। डॉ. डे के मुताबिक संजीवनी से जुड़े समाजसेवी अनिल केडिया, राजेश चौधरी, आनंद खेमका, राजकुमार अग्रवाल, प्रवीण सहित अन्य सदस्यों का अद्भुत सहयोग स्कूल को मिलता रहा है। उन्होंने बताया कि स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए पांच साल तक दो शिक्षकों को वेतन संजीवनी संस्था की ओर से दिया गया। बच्चों को कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ने के लिए स्कूल में दानस्वरूप कंप्यूटर दिया गया। डॉ. डे ने बताया कि स्कूल के शिक्षक व छात्र संजीवनी व इससे जुड़े समाजसेवियों का शुक्रगुजार हैं, जिनके सहयोग से छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। संजीवनी से सचमुच छात्रों को संजीवनी मिल रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि " नेकी कर, दरिया में डाल " की तर्ज पर संजीवनी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता प्रचार - प्रसार से दूर रहते हैं। संस्था हाशिए पर रहने को विवश समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को सहयोग कर पीड़ित मानवता की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। डॉ. डे ने कहा कि बिरसा शिक्षा निकेतन के छात्र व शिक्षक संजीवनी के प्रति सदैव आभारी रहेंगे।

गुरुवार, 1 नवंबर 2018

स्लम एरिया में शिक्षा का अलख जगा रहे डॉ.केपी डे


* रामकृष्ण मिशन व अन्य संस्थाओं का मिल रहा सहयोग।
रांची। कुछ लोग अपने जीवन में परोपकार को सर्वोपरि मानते हैं। समाजसेवा में जीवन समर्पित कर देते हैं। इसके पीछे उनका कोई स्वार्थ नहीं होता। ऐसे ही एक शख्स हैं एच ई सी परिसर स्थित जगन्नाथपुर झोपड़ी (स्लम एरिया)क्षेत्र के निवासी डॉ.केपी डे। डॉ.डे वर्ष 1982 में पश्चिम बंगाल के वर्दमान जिला से रांची आए। जगन्नाथपुर क्षेत्र के योगदा सत्संग महाविद्यालय से होमियोपैथी चिकित्सा की डिग्री ली। इसके बाद उसी क्षेत्र में होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति से मरीजों का इलाज करने लगे। कुछ दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा। डॉ. साहब की ख्याति उनकी व्यवहारकुशलता और बेहतर इलाज के कारण बढ़ने लगी। जगन्नाथपुर क्षेत्र मे अधिकतर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग रहते हैं। स्लम एरिया है। आदिवासी और पिछड़े तबके के लोग अधिक हैं। डॉ. डे ने अत्यंत पिछड़े व गरीबों का इलाज नि:शुल्क करना शुरू किया। इससे उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी। चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी सेवा और गरीबों के प्रति उनके दयाभाव की चर्चा चहुंओर होने लगी। इस दौरान उन्होंने देखा कि स्लम एरिया में शिक्षा का अभाव है। बच्चों के अभिभावकों को भी अपने बच्चों को पढ़ाई की तनिक भी चिंता नहीं है। बच्चों के मां-बाप नशापान के आदि हैं। पूरे क्षेत्र में हड़िया-दारू की संस्कृति हावी है। इससे आदिवासी और अन्य पिछड़े समुदाय के लोगों का विकास बाधित हो रहा है। शिक्षा के प्रति जागरूकता नहीं है।
 यह सब देखकर उनके मन में इस क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित करने की इच्छा जगी। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र की सेवाएं अपने सहयोगी मित्रों के हवाले कर बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। इस क्रम में वर्ष 1992 में जगन्नाथपुर के स्लम एरिया में स्थित एक छोटे से कमरे में बिरसा शिक्षा निकेतन नामक स्कूल की शुरुआत की। शुरुआती दौर में उन्हें अभिभावकों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। डॉ. डे सुबह उठकर बच्चों को घर से बुलाकर स्कूल लाया करते, जबकि बच्चों के अभिभावक (माता पिता) नशा का सेवन कर घरों में सोये रहते थे।  डॉ. डे ने नशाखोरी के विरुद्ध भी अभियान  शुरु किया। नशा मुक्त समाज की परिकल्पना के साथ स्लम एरिया में जागरूकता फैलाने लगे। शुरू में तो उन्हें काफी विरोध और ताने का सामना करना पड़ा। लेकिन इससे बेपरवाह वह अपने मुहिम में लगे रहे। धीरे धीरे उनका प्रयास रंग लाने लगा। क्षेत्र में हड़िया-दारू की संस्कृति पर काफी हद तक  लगाम लगा। नशा पान के विरोध में भी लोग जागरूक हो रहे हैं। बिरसा शिक्षा निकेतन में वर्तमान में लगभग सात सौ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा देने में डॉ. डे प्रयासरत हैं। स्कूल की प्राचार्या रीता संध्या टोप्पो व अन्य शिक्षक काफी परिश्रमी हैं। उनकी लगन व परिश्रम से स्कूल के बच्चे शिक्षित हो रहे हैं। इस स्कूल से पढ़कर निकले कई बच्चे रांची के प्रतिष्ठित स्कूलों में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। आज हर वर्ग के बीच डॉ. डे के इस प्रयास की सराहना की जाती है। स्कूल का संचालन सामान्य शुल्क और सामाजिक सहयोग से होता है। डॉ. डे बताते हैं कि समय समय पर रामकृष्ण मिशन, सार्वजनिक उपक्रम सेल, मेकॉन,भारतीय स्टेट बैंक, हटिया शाखा, लायंस क्लब, रोटरी क्लब मिडटाउन, एच ई सी व एच ई सी महिला समिति सहित अन्य संस्थाओं की ओर से स्कूल को संसाधनों से लैस करने में सहयोग किया जाता है। वह बताते हैं कि शिक्षा के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। बच्चे देश का भविष्य हैं। उन्हें शिक्षित होना जरूरी है। इस दिशा में सरकारी व गैर सरकारी दोनों स्तर पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा नशा मुक्त समाज का होना भी जरूरी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि लोगों को सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत को अपनाने की आवश्यकता है। इससे समाज और राष्ट्र सशक्त होगा।

रविवार, 14 अक्टूबर 2018

मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित


* छात्रों में छिपी प्रतिभा को निखारने की जरूरत : रमण कुमार झा

रांची। मदर्स इंटरनेशनल स्कूल, जाहेर (ब्राम्बे) में शनिवार को विज्ञान प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस अवसर पर स्कूल के छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। एक से बढ़कर एक मॉडल प्रदर्शित किया।
 इस मौके पर अमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.रमण कुमार झा ने बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहा कि छात्रों में छिपी प्रतिभा को तराशने और निखारने की जरूरत है। वैज्ञानिक अनुसंधान के मॉडल बनाकर छात्रों ने अपनी बेहतरीन प्रतिभा प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा कि मदर्स इंटरनेशनल स्कूल के छात्र काफी प्रतिभावान हैं। स्कूल के छात्रों का अनुशासन देख वह मंत्रमुग्ध हो गए। छात्रों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने के लिए स्कूल के शिक्षकों की उन्होंने सराहना की। उन्होंने छात्रों को भविष्य में बहुत अच्छा मुकाम हासिल करने के लिये प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के निदेशक एके झा, प्राचार्या डॉ. रोमी झा ने भी छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल की सराहना की।

शुक्रवार, 5 अक्टूबर 2018

खेल प्रतिभाओं को तराशने की जरूरत : डॉ.रोमी

* मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में दिया जाएगा तीरंदाजी का प्रशिक्षण
रांची। छात्रों को  संस्कारयुक्त शिक्षा देने व उन्हें बहुमुखी प्रतिभा से लैस करने की दिशा में प्रयासरत मदर्स इंटरनेशनल स्कूल  में छात्रों को तीरंदाजी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में तीरंदाजी के प्रति बढ़ती रुचि को देखते हुए विद्यालय प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। इस संबंध में मदर्स इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्या डॉ. रोमी झा ने कहा कि स्कूल की नई शाखा रांची के ब्राम्बे स्थित जाहेर गांव में स्थापित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से तीरंदाजी के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। तीरंदाजी के क्षेत्र में इच्छुक छात्रों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में तीरंदाजी के प्रति खिलाड़ियों का आकर्षण बढ़ रहा है। यहां खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है उन्हें तराशने की और आवश्यक संसाधनों से लैस करने की। डॉ.झा ने कहा कि झारखंड की झानू हांसदा, कुमारी दीपिका सहित अन्य खिलाड़ियों ने तीरंदाजी के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर परचम लहराया है। झारखंड का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें समुचित सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराया जाय तो देश- दुनिया में झारखंड का नाम रौशन होगा। उन्होंने बताया कि स्कूल में छात्रों को अगले सत्र से तीरंदाजी का प्रशिक्षण देने संबंधी सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध होंगे। इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है।

बुधवार, 3 अक्टूबर 2018

मदर्स इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों ने लिया स्वच्छता का संकल्प


* स्वच्छता आधारित संस्कृति विकसित करने की जरूरत : डॉ.रोमी झा

रांची। राजधानी के अरगोड़ा क्षेत्र अंतर्गत पिपरटोली स्थित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में मंगलवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल में स्वच्छता कार्यक्रम चलाया गया। छात्रों ने स्वच्छता का संकल्प लिया। स्कूल की प्राचार्य डॉ.रोमी झा ने स्वच्छता संकल्प दुहराया। डॉ. झा ने कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। हमें समाज में स्वच्छता आधारित जन संस्कृति विकसित करने की जरूरत है। स्वच्छता से आम जनजीवन में नयी ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि सशक्त राष्ट्र निर्माण में स्वच्छता मिशन की अहम भूमिका है। स्वच्छता के प्रति व्यक्तिगत और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन ही गांधी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर छात्रों ने स्कूल परिसर व आसपास के इलाकों में साफ-सफाई की। घर व आसपास सहित स्कूल को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। मौके पर शिक्षक विनीत राज,मनोज कुमार, नंदिनी झा,डीके राय,चंदन कुमार, मिस जेनिथ, मिस क्लारा सहित अन्य मौजूद थे।

रविवार, 12 अगस्त 2018

स्कूल बंद, शराबखाने खुले

रांची। झारखंड प्रदेश राजद के महासचिव सह प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल  ।राज्य सरकार को  केंद्र सरकार शिक्षा के नाम पर करोड़ो करोड़  रुपए सहयोग के रूप में प्रदान करती है इसके वावजूद भी राज्य सरकार पांच हजार से अधिक स्कूल बंद करने की घोषणा कर चुकी है जो चिंताजनक है और शिक्षा व्यवस्था की लचर स्थिति का व्याख्यान करती है।राज्य में स्कूलों में मध्याह्न भोजन की बात हो या पठन पाठन की बात या फिर शिक्षकों की स्थिति हो सब के सब बदहाल है इसमें सुधारात्मक प्रयास होंनी चाहिए न कि स्कूल बंद करना निराकरण है।
 डॉ मनोज ने कहा कि सरकार एक तरफ स्कूल बंद करने पर उतारू है और दूसरी तरफ शराब  की दुकान खोलने में व्यस्त है जो निंदनीय है।स्कूल बंद नही करने के लिये कई सांसद भी सरकार से आरजू विनती कर रहे है लेकिन सरकार के मुखिया इतना हठधर्मी है कि इन्हें न आम अवाम से मतलब है न जनता के प्रतिनिधि का।सरकार स्कूल बंद नही करने की जल्द घोषणा करें अन्यथा बंद किया गया तो जोरदार आंदोलन करने पर राजद योजना बनाएगी।

शनिवार, 28 जुलाई 2018

डिप्लोमा छात्रों ने एसबीटीई सेक्रेटरी का घेराव कर ज्ञापन सौंपा

रांची।  डिप्लोमा के छात्रों ने चार सूत्री मांगों को लेकर SBTE के सेक्रेटरी का घेराव किया एवं ज्ञापन सौंपा। छात्रों का नेतृत्व एनएसयूआई के उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने किया। ज्ञापन में मुख्य मांगें निम्ननांकित थीं-

1- झारखंड के 17 सरकारी कॉलेजों में टीचर की बहाली जल्द की जाए। अभी 17 कॉलेजों में मात्र 90 टीचर्स  पढ़ाते हैं।
2- सत्र 2016-19 के तीसरे सेमेस्टर के मैथ्स में लगभग 45 % छात्र फेल हैं। कापियों की दुबारा जांच कराई जाए।
3- 5 th सेमेस्टर के जितने स्टूडेंट्स ने RTI किया है 5 दिन के अंदर उनका रिजल्ट दिखाया जाए।
4- जितने भी प्राइवेट डिप्लोमा कॉलेज हैं उनके सभी प्राइवेट टीचर्स का रजिस्ट्रेशन SBTE में कराया जाए।

सभी मुद्दों को देखते हुवे सेक्रेटरी ने  3rd सेमेस्टर की कापियों की रिचेकिंग की कार्यवाई तुरंत करने का निर्देश दिया। बाकी मुद्दों पर उन्होंने बोर्ड की बैठक बुलाकर एवं शिक्षा मंत्री से इसपर बात कर के जल्द निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया। छात्रसंघ के उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि टीचर्स की गलती के कारण लगभग 500 छात्रों का भविष्य बिगड़ा है। 5th सेमेस्टर का रिजल्ट अभी कुछ  दिन पहले आया। बहुत से छात्रों को फेल कर दिया गया। छात्रों ने जब RTI कर के कॉपी देखा तो टीचर ने सही जवाब दिए गए के प्रश्न को भी गलत कर के जीरो बैठा दिया। MCQ क्वेश्चन में भी फुल नंबर देने के बजाए आधा नंबर दिया गया। फैल होने के कारण इंजीनियरिंग B TECH की काउंसिलिंग में उन सभी छात्रों को बैठने नही दिया गया।। सभी का साल बर्बाद होग्या।। आखिर टीचर और मैनेजमेंट की गलती के कारण आखिर कब तक छात्र को झेलना पड़ेगा। इंदरजीत सिंह ने कहा कि अगर जल्द वयवस्था ठीक नही की गई तो शिक्षा मंत्री एवं सभी कॉलेजेस का घेराव किया जाएगा। छात्रों के साथ अन्याय बरदास नही किया जाएगा। मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह, आकाश रजवार, अनुष्का लाल, अभिजीत सिंह, शशि राज, करण मल्होत्रा, पिंकी, रूबी शामिल थे।

शनिवार, 21 जुलाई 2018

हजारीबाग के चालीस विद्यालयों पर लटकी बंदी की तलवार

विद्यालय मर्ज को लेकर प्रखण्ड शिक्षा समिति की बैठक

एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने किया विरोध - कहा, इचाक मे शिक्षा के इतिहास का काला दिन

मनीष कुमार

इचाक। हजारीबाग जिले के इचाक प्रखण्ड मुख्यालय सभागार मे विद्यालय मर्ज को लेकर प्रखण्ड शिक्षा समिति की बैठक प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता मे की गई । जिसमे सरकार के निर्देशानुसार प्रखण्ड के 40 विद्यालयो को बंद कर पंचायत के विद्यालय मे मर्ज करने पर चर्चा की गई । प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार  वैसे विद्यालय जहां सत्र  2017-18 मे बच्चो की संख्या  40 -60 है उसे बंद कर उसी पंचायत के दुसरे विद्यालय मे मर्ज किया जाएगा । बैठक मे शामिल पारा शिक्षक के प्रतिनिधियो ने सरकार के नीतियों का विरोध करते हुए सूची मे संसोधन करने की बात कही । कहा कि सरकार इचाक की भौगोलिक स्थिति को देखे बगैर यह कदम उठाई है जो सरासर गलत है । जहां साठ से अधिक बच्चे हैं उसे भी बंद किया जा रहा है । इचाक मे शिक्षा के इतिहास का काला दिन करार देते हुए बंद किए जा रहे विद्यालय की दूरी तथा भौगोलिक को देखते हुए विद्यालय बंद को रोकने की मांग की है । बैठक मे बीडीओ उषा मिंज, बीइइओ राकेश कुमार सिंह, पारा शिक्षक प्रतिनिधि अरूण कुमार, राजकुमार प्रसाद, राजीव कुमार, आनंद कुमार और बीआरपी नर्सिंग महतो शामिल थे ।
विद्यालय जो बंद किए जा रहे हैं । - युपीजीएस मोमारक टोला, श्याल खुर्द,टेपसा, डुमरी,नीचतपुर, राणाबाध, कवातु डीह, जतराही, दलित टोला मंगुरा, नारायणपुर, मुर्तिया बंदुआ,प्रा वि सिरसी , प्रा वि आरा, जमुआरी, फुरूका , जलौध,तुरी  गरडीह, युपीजीएस दीग्घी, लुकुइया, सिमरातरी, पुरनपनिया, धरधरवा, डोय, अंबाटाड, ठेपाय, जोगीडीह-जगडा,
कोइरी टोला देवकुली, उर्दू प्रा वि डुमरौन, गोबरडाहा, यूपीजीएस तारा डुमरौन, जमुनिया टाड, कुसियनवां, गुडकुआ, प्रा वि गोबरबंदा, कैले , डीपीईपीएस दागी,हरिजन टोला रूद, दुर्गानगर इचाक मोड, रविदास टोला सिझुआ, सिमरा और प्रा वि गिरही शामिल है ।


क्या कहतीं हैं प्रमुख :- विद्यालय बंद करने की सरकार की इस अभियान को निंदा करते हुए सरकार और प्रशासन की मनमानी करार दिया है । कहा कि बैठक के विषय मे मुझे कोई जानकारी नही दी गई है । प्रमुख की अनुपस्थिति मे इतना बडा निर्णय लेना प्रखण्ड की जनता के साथ विश्वासघात है । बापू जी का सपना था टोला टोला स्कूल खोलना जबकि सरकार राष्ट्रपिता के सपना पर भी कुठाराघात प्रहार किया है ।

क्या कहते हैं राजनीतिक दलों के नेता :- इस संबंध मे झामुमो के जिला सचिव मनोहर राम ने कहा कि भाजपा की रघुवर सरकार द्वारा विद्यालयों को बंद करने की जो अभियान चलाया है । उसे झामुमो निंदा करती है । लगता है कि रघुवर की सरकार मानसिक संतुलन बिगड गई ।

जदयू के प्रदेश महासचिव बटेश्वर मेहता ने कहा कि सरकार इस तरह के निर्णय लेकर राज्य को गर्त मे भेजना चाहती है । आदिवासी तथा सुदूरवर्ती इलाको की विद्यालय को बंद कर जनता के भविष्य के साथ भद्दा मजाक कर रही है ।

भाजपा के पुर्वी मण्डल अध्यक्ष जयनंदन मेहता ने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है । इस तरह का निर्णय से शिक्षा का स्तर गिर जाएगा ।

रविवार, 15 जुलाई 2018

स्कूलों की मनमानी के खिलाफ संगठित हुए अभिभावक

झारखंड अभिभावक मंच की प्रदेश स्तरीय कमेटी गठित, आम सभा आयोजित
 

रांची। झारखंड अभिभावक मंच की बैठक सह आम सभा अनुप पांडे की अध्यक्षता में होटल राजस्थान में हुई। बैठक में राज्य के विभिन्न  जिलों  में अभिभावकों व छात्र - छात्राओं  की समस्याओ और अधिकारों को लेकर संघर्षरत अभिभावक तथा सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित हुए।  कार्यकर्ताओ ने सभी कोटि के निजी /सरकारी स्कूल के प्रबन्धको के मनमानी एवं नियम विरुद्ध कार्यकलापों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य स्तर पर अभिभावक मंच के गठन के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए इसे समय की मांग बताया। ताकि पूरे राज्य के विभिन्न जिलों में अलग अलग संगठन के माध्यम से चल रहे आंदोलन को एक मंच पर लाकर सामूहिक नेतृत्व प्रदान करते हुए इस आंदोलन को धारदार और प्रभावी बनाते हुए अभिभावक व छात्रों के साथ हो रहे अन्याय का प्रतिकार किया जा सके।
बैठक में झारखंड अभिभावक  मंच की कार्य समिति  द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार उपस्थित प्रतिनिधियों की  सर्वसम्मति  से  झारखंड अभिभावक मंच के प्रदेश  कमिटी का  गठन करते हुए पदधाकारियों एवं कार्यसमिति की घोषणा की गयी। साथ ही बैठक में भावी रणनीति एवं अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वर्तमान पदाधिकारी एवं कार्य समिति की सूची  पत्र के माध्यम से सभी सक्षम पदाधिकारी एवं कार्यालय  के अलावा  मीडिया को प्रेषित कर दिया जाए तथा अगले कुछ दिनों में अन्य जिलों का प्रतिनिधि को शामिल करते हुए इसका विस्तार कर लिया जाय। 
नई कार्य समिति के संरक्षक एवं सलाहकार मंडल के सदस्य  सुरेश अग्रवाल रांची, अजय शर्मा रांची, गोपाल मुरारका, बोकारो, प्रोफेसर आर डी उपाध्याय, बोकारो,  दीपनारायण उरांव गुमला, मंजू स्नेहलता हेम्ब्रम, साहेबगंज , सीताराम सिंह ,सरायकेला, गोपी कृष्ण कुंवर, लोहरदगा शामिल किए गए। वहीं अध्यक्ष अजय राय,
उपाध्यक्ष डॉ उमेश कुमार जमशेदपुर, सरदार सतपाल सिंह धनबाद, , मुकेश सिंह, बोकारो,  सुरेंद्र कुमार सिन्हा गिरिडीह, संजय चटर्जी, देवघर, तलत परवीण ,रांची मनोनीत किए गए।
महासचिव मनोज कुमार मिश्रा, सचिव कौशल किशोर राय, बोकारो, नीरज भट्ट ,रांची,  सरवरी बेगम ,रांची,  संजय सर्राफ ,लोहरदगा,  संजय सिंह गढ़वा व शंकर रामगढ़ मनोनीत किए गए। कोषाध्यक्ष  अनूप कुमार पांडे बनाए गए। इसके अलावा कार्यसमिति सदस्य में अशोक कुमार शुक्ला ,रांची, मनोज तिवारी ,रांची, धनंजय प्रताप ,बोकारो, डॉ सुनील शर्मा, सरायकेला, मोहम्मद शमीम, धनबाद, वैष्णवी यादव ,बोकारो, साजिया रहमान ,रांची , आशुतोष कुमार ,गिरिडीह,  अजय सिन्हा ,गिरिडीह ,मनोहर सिंह,  गोड्डा, मनोज सिंह ,मेदनीनगर , रविशंकर यादव ,कोडरमा , संजय तिवारी ,हजारीबाग शामिल किए गए ।

बैठक में लिए गए निर्णय.

प्राइवेट स्कूल फी रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट 2015 जो प्रवर समिति के सामने पेंडिंग है ,उसको विधान सभा से पारित करा कर लागू करवाना ।
 शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों का अक्षरश: से अनुपालन सुनिश्चित कराना।
 माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में ऐसे छात्र-छात्राएं जो उसी स्कूल से सभी विषय पर उतीर्ण घोषित किए गए बिना गुनाह नामांकन शुल्क  लिए हुए कक्षा-11 में शिक्षा सुनिश्चित कराना।
 शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कमजोर एवं वंचित वर्ग के कोटे के अंतर्गत सभी स्कूलों में कुल सामर्थ्य संख्या के 25 % सीटों के विरुद्ध नामांकन सुनिश्चित कराना।
.केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, नई दिल्ली के द्वारा दिए गए निर्गत अधिसूचना के आलोक शुल्क संरचना सहित सभी आधारभूत संरचना को स्कूल के अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कराने के संबंध।
सभी कोटि के निजी विद्यालय एवम सरकारी विद्यालय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में छात्र छात्राओं का सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराना।
सभी कोटि के निजी विद्यालय में बच्चों के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध कराना तथा शुल्क का निर्धारण नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर सुनिश्चित करना।
 राज्य में संचालित सभी कोटि के सरकारी /गैरसरकारी  विद्यालय जो CBSE या  ICSE से संबद्धता प्राप्त किए हो या राज्य सरकार के द्वारा स्थापना अनुमति प्राप्त कर संचालित कर रहे हैं उन्हें उन्हें उक्त  संस्था के नियमावली को पालन करने के लिए बाध्य करने का प्रयास।
 राज्य  सरकार के द्वारा CBSE या ICSE विद्यालयों  से सम्बद्धता प्राप्त करने के पूर्व  दी जाने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र के प्रावधानों एवम शर्तो  का अक्षरश :   अनुपालन सुनिश्चित कराने का प्रयास।
झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण नियमावली 2006 में संसोधन करते हुए न्यायाधिकरण में दर्ज कराये जाने वाले वाद /शिकायत में प्रतिनिधि के माध्यम से वादी अथवा प्रतिवादी को अन्य न्यायाधिकरण की तरह अपना पक्ष रखने सम्बन्धी प्रावधानों का समायोजन सुनिश्चित कराने का प्रयास।
आम सभा की बैठक में आंदोलन के प्रथम चरण के  रूप में सर्वप्रथम  प्राइवेट स्कूल फी रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट 2015 जो प्रवर समिति के समक्ष लंबित  है को विधान सभा से पारित कराने हेतु अध्यक्ष, प्रवर समिति  से मिलकर जल्द से जल्द अध्यक्ष, विधानसभा को वापस भेजने का आग्रह करना तथा विधानसभा के अध्यक्ष से मिलकर जल्द से जल्द उक्त ड्राफ्ट/ अधिनियम  को  विधानसभा से पारित कराने का प्रयास करना ।

स्वर्ण जयंती वर्ष का झारखंड : समृद्ध धरती, बदहाल झारखंडी

  झारखंड स्थापना दिवस पर विशेष स्वप्न और सच्चाई के बीच विस्थापन, पलायन, लूट और भ्रष्टाचार की लाइलाज बीमारी  काशीनाथ केवट  15 नवम्बर 2000 -वी...