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रविवार, 22 जुलाई 2018

निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक की मांग



अभिभावक संघ के अध्यक्ष में लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

रांची । झारखंड अभिभावक मंच के अध्यक्ष अजय राय ने  एक  पत्र के माध्यम से सरकार के मुख्यमंत्री सहित मानव संसाधन मंत्री से मांग की है कि राज्य के अभिभावकों की समस्या को गंभीरता से लें और निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएं। उन्होंने कहा है कि अभिभावक सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं। इसका सीधा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है । ऐसे में सरकार गंभीर हो और मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर इसका समाधान करे। उन्होंने
रेगुलेशन एंड कंट्रोल एक्ट 2015 को विधान सभा से पारित करा कर लागू करवाने, शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों का अक्षरश: से अनुपालन सुनिश्चित कराने, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में ऐसे छात्र-छात्राएं जो उसी स्कूल से सभी विषय पर उतीर्ण घोषित किए गए, बिना गुनाह नामांकन शुल्क  लिए हुए कक्षा-11 में शिक्षा सुनिश्चित कराने, शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के तहत कमजोर एवं वंचित वर्ग के कोटे के अंतर्गत सभी स्कूलों में कुल सामर्थ्य संख्या के 25 % सीटों के विरुद्ध नामांकन सुनिश्चित कराने, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्गत अधिसूचना के आलोक में शुल्क संरचना सहित सभी आधारभूत संरचना को स्कूल के अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कराने,  सभी कोटि के निजी विद्यालय व सरकारी विद्यालय में  सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में छात्र छात्राओं का सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने,
सभी कोटि के निजी विद्यालय में बच्चों के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध कराना तथा शुल्क का निर्धारण नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर सुनिश्चित करने,राज्य में संचालित सभी कोटि के सरकारी /गैरसरकारी  विद्यालय जो CBSE या  ICSE से संबद्धता प्राप्त किए हो या राज्य सरकार द्वारा स्थापना अनुमति प्राप्त कर संचालित कर रहे हैं उन्हें उक्त  संस्था के नियमावली को पालन करने के लिए बाध्य करने का प्रयास और राज्य  सरकार के द्वारा CBSE या ICSE विद्यालयों  से सम्बद्धता प्राप्त करने के पूर्व  दी जाने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र के प्रावधानों एवम शर्तो  का अक्षरश :   अनुपालन सुनिश्चित कराने, झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित झारखण्ड शिक्षा न्यायाधिकरण नियमावली 2006 में संशोधन करते हुए न्यायाधिकरण में दर्ज कराये जाने वाले वाद /शिकायत में प्रतिनिधि के माध्यम से वादी अथवा प्रतिवादी को अन्य न्यायाधिकरण की तरह अपना पक्ष रखने सम्बन्धी प्रावधानों का समायोजन सुनिश्चित कराने का प्रयास आदि मुद्दों पर गंभीरता से पहल करने की मांग की है।
अजय राय ने बताया कि इन मुद्दों को लेकर मंच का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री रघुवर दास से जल्द मिलकर इस संबंध में कार्रवाई की मांग करेगा ।

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